14-08-2019, 03:03 PM
प्रेरणा इस सवाल पर भडक गयी और मेरा हाथ उसके पेट से हटा दिया और मैं जो उस से चिपका हुआ था तो मुझसे दूर हो गयी।
उसका ऐसा रिएक्शन देख कर मैं भी हैरान रह गया। वो सच में उस घटना से बहुत आहात हुई थी। मैने थोड़ा इन्तेजार करना ठीक समझ।
अगली रात जब प्रेरणा बेडरूम में कपड़े समेटने में बिजी थी तब मैंने उसको बोला की मिहिर और नैना दोनों ठीक लगे मुझको और भरोसेमंद है। प्रेरणा ने कहा की नैना तो ठीक हैं पर मिहिर के बारे में नहीं बोल सकति, उसको मिहिर पर अभी भी शक है। मैंने मिहिर को डिफ़ेंड करने की कोशिश की। मैं प्रेरणा से सच जानना चाहता था। मैने आगे बढ़कर प्रेरणा को बोल ही दिया की मिहिर ने अपने दूसरे हाथ से कही उसके मुम्मे तो नहीं पकड़ लिए थे। प्रेरणा कपड़े समेटते हुए कुछ नहीं बोळी।
मुझे लग गया की मिहिर ने जरूर प्रेरणा के मम्मो से पकड़ा होग, वर्ना प्रेरणा इतना ओवर रियेक्ट नहीं करती। मैंने आगे बढ़कर प्रेरणा के कंधे पर हाथ रखा और उसको विश्वास में लेते हुए फिर पूछा की मिहिर ने उसको कहाँ से छुआ था।
प्रेरणा ने अपने मुम्मो पर हाथ रखते हुए कहा की यहाँ से पकड़ा था। (मेरे मन में गुस्सा भर गया, उस मिहिर ने मेरी बीवी के मुम्मो को पकड़ लिया था।)
पराग: "भले ही ग़लती से ही साहि, पर मिहिर ने गलत तो किया हैं, उसको तुम्हे यहाँ से नहीं पकडना चाहिए था"
प्रेरणा: "मुझे तो इसमें भी डाउट हैं की उसने ग़लती से पकड़ा होगा"
पराग: "तुम्हे ऐसा क्यों लगा?"
प्रेरणा: "अगर ग़लती से पकड़ा होता तो एक सेकंड में ही पता चल जाता न की मैं उसकी बीवी नैना नहीं हूं, उसने कुछ सेकण्ड्स तक मुझे नहीं छोड़ा था"
पराग: "मैंने नैना को भी पीछे से देखा था, वो एकदम तुम्हारी तरह ही लगती हैं"
प्रेरणा: "मैं पीछे की नाहि, आगे की बात कर रही हू। तुम तो फंक्शन में नैना को देख रहे थे, हम दोनों के मुम्मो के साइज में कोई फर्क नहीं हैं क्या!"
पराग: "हां तुम्हारे मुम्मे नैना के मुकाबले बड़े हैं"
प्रेरणा: "ऐसी चीजे बड़े ध्यान से देखते हो तुम!"
पराग: "अब यह चीजे थोड़े ही छुपती हैं, दीख ही जाती हैं सामने से"
प्रेरणा: "मिहिर को मेरे मुम्मे दबाने में और नैना के मुम्मे दबाने में फर्क महसूस नहीं हुआ होगा क्या? उसको एक सेकंड में छूटे ही पता लग गया होगा की मैं नैना नहीं थी, पर फिर भी वो ८-१० सेकंड तक कुचलता ही रह, जब की मैं चीख़ रही थी। मैंने उसको दूर किया तब जाकर उसने मुझे छोड़ा और सॉरी सॉरी बोलने लाग। फिर मैं भाग कर अपने घर आ गायी।"
पराग: "मैं उस से बात करता हूं, उसकी अच्छे से खबर लेता हूं। ऐसे लोगो को सही टाइम पर समझाना जरुरी हैं"
उसका ऐसा रिएक्शन देख कर मैं भी हैरान रह गया। वो सच में उस घटना से बहुत आहात हुई थी। मैने थोड़ा इन्तेजार करना ठीक समझ।
अगली रात जब प्रेरणा बेडरूम में कपड़े समेटने में बिजी थी तब मैंने उसको बोला की मिहिर और नैना दोनों ठीक लगे मुझको और भरोसेमंद है। प्रेरणा ने कहा की नैना तो ठीक हैं पर मिहिर के बारे में नहीं बोल सकति, उसको मिहिर पर अभी भी शक है। मैंने मिहिर को डिफ़ेंड करने की कोशिश की। मैं प्रेरणा से सच जानना चाहता था। मैने आगे बढ़कर प्रेरणा को बोल ही दिया की मिहिर ने अपने दूसरे हाथ से कही उसके मुम्मे तो नहीं पकड़ लिए थे। प्रेरणा कपड़े समेटते हुए कुछ नहीं बोळी।
मुझे लग गया की मिहिर ने जरूर प्रेरणा के मम्मो से पकड़ा होग, वर्ना प्रेरणा इतना ओवर रियेक्ट नहीं करती। मैंने आगे बढ़कर प्रेरणा के कंधे पर हाथ रखा और उसको विश्वास में लेते हुए फिर पूछा की मिहिर ने उसको कहाँ से छुआ था।
प्रेरणा ने अपने मुम्मो पर हाथ रखते हुए कहा की यहाँ से पकड़ा था। (मेरे मन में गुस्सा भर गया, उस मिहिर ने मेरी बीवी के मुम्मो को पकड़ लिया था।)
पराग: "भले ही ग़लती से ही साहि, पर मिहिर ने गलत तो किया हैं, उसको तुम्हे यहाँ से नहीं पकडना चाहिए था"
प्रेरणा: "मुझे तो इसमें भी डाउट हैं की उसने ग़लती से पकड़ा होगा"
पराग: "तुम्हे ऐसा क्यों लगा?"
प्रेरणा: "अगर ग़लती से पकड़ा होता तो एक सेकंड में ही पता चल जाता न की मैं उसकी बीवी नैना नहीं हूं, उसने कुछ सेकण्ड्स तक मुझे नहीं छोड़ा था"
पराग: "मैंने नैना को भी पीछे से देखा था, वो एकदम तुम्हारी तरह ही लगती हैं"
प्रेरणा: "मैं पीछे की नाहि, आगे की बात कर रही हू। तुम तो फंक्शन में नैना को देख रहे थे, हम दोनों के मुम्मो के साइज में कोई फर्क नहीं हैं क्या!"
पराग: "हां तुम्हारे मुम्मे नैना के मुकाबले बड़े हैं"
प्रेरणा: "ऐसी चीजे बड़े ध्यान से देखते हो तुम!"
पराग: "अब यह चीजे थोड़े ही छुपती हैं, दीख ही जाती हैं सामने से"
प्रेरणा: "मिहिर को मेरे मुम्मे दबाने में और नैना के मुम्मे दबाने में फर्क महसूस नहीं हुआ होगा क्या? उसको एक सेकंड में छूटे ही पता लग गया होगा की मैं नैना नहीं थी, पर फिर भी वो ८-१० सेकंड तक कुचलता ही रह, जब की मैं चीख़ रही थी। मैंने उसको दूर किया तब जाकर उसने मुझे छोड़ा और सॉरी सॉरी बोलने लाग। फिर मैं भाग कर अपने घर आ गायी।"
पराग: "मैं उस से बात करता हूं, उसकी अच्छे से खबर लेता हूं। ऐसे लोगो को सही टाइम पर समझाना जरुरी हैं"