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Incest हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है
#75
सब रात को 11 बजे सो गए। मैं प्रीति के बताए अनुसार उसका स्टोर रूम में वेट कर रहा था। एक घंटे से ऊपर हो गया, मेरी आँख लग गई। करीब 12 बजे मेरे हाथ पर किसी ने चूमा, तो मेरी आँख खुली।

मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था.. सामने प्रीति खड़ी थी, वो बोली- अपनी पहली सुहागरात में ही आँख लगा दी, थोड़ा सा इंतजार भी ना हुआ?

वो वाइट टी-शर्ट ओर ब्लैक शॉर्ट्स पहनी थी। मैं उसको निहारने लगा.. नाइट लैंप की रोशनी में उसका बदन कमाल लग रहा था। उसके वो 32 के चूचे और 34 की गांड को देख कर मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था, पर मैंने अपने आप पर काबू रखा।

मैंने उसे बगल में बैठने को बोला, उसका हाथ चूमा और कहा- तुम्हारी बहुत याद आती है, पता नहीं क्यों इतने साल मिल नहीं पाए! मैं तुमको बहुत प्यार करता हूँ।
उसने मुझे चूम लिया, फ़िर प्रीति बोली- तुमने बोला है तब से मैंने किसी और लड़के को नहीं देखा, मैं तुम्हारा इंतजार कर रही थी, मुझे पता था तुम और मैं एक दिन साथ में होंगे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
REसाहित्य - by neerathemall - 01-08-2019, 03:29 AM
RE: हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है - by neerathemall - 14-08-2019, 03:03 PM



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