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Incest हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है
#67
एक के बाद एक धक्के लगते गये, तब तक… जब तक… हम दोनों भाई बहन की चुदाई के बाद झड़ नहीं गये।

उस रात हमने कई बार सेक्स किया, जब दोनों बुरी तरह से थक गये तब एक दूसरे की आगोश में सो गये।
सुबह उठ कर हमने दोस्तों को खोजा, मेरे दोस्त मिले, तब हमने मिल के जंगल में पिकनिक का आनन्द लिया।
लेकिन मैं कह सकता हूँ कि जंगल की पिकनिक से ज्यादा आनन्द तो मुझे अपनी बहन की चुत चुदाई करने में आया.
और हां… वो मेरी बहन जो कहती थी कि ‘मैं कुंवारी हूँ’ मुझे वो कहीं से कुंवारी नहीं लगी, उसी चूत से कोई खून नहीं निकला, कोई ख़ास दर्द नहीं हुआ उसे… बड़े मजे से उसने अपनी चुत चुदाई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
REसाहित्य - by neerathemall - 01-08-2019, 03:29 AM
RE: हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है - by neerathemall - 14-08-2019, 09:47 AM



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