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Incest हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है
#62
मैंने जबरदस्ती अंडरवीयर नीचे कर के अपना लंड उसके हाथ में थमाया। वो अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगी पर मैंने ऐसा होने नहीं दिया। अपने हाथ से उसके हाथ की मुट्ठी बना कर मैं लंड को आगे पीछे करने लगा।
“मुझे नहीं लगा था कि तुम मेरे भाई होकर इस तरह जबरदस्ती करोगे।”
“तुम खुद से करोगी तो मुझे जबरदस्ती करने की क्या पड़ेगी।”
“हाथ निकालो, प्यार का काम प्यार से किया जाता हैं, जबरदस्ती से नहीं।”

मुझे लगा वो मेरी मुठ मारने के लिए मान गयी, मैंने अपना हाथ हटा दिया लेकिन मेरा हाथ निकलते ही…
“सोओ अब अकेले ही!” कह कर वो स्लीपिंग बैग से बाहर निकलने लगी।

मैंने फुर्ती से उसकी पैन्टी पकड़ ली, पर फिर भी वो बाहर निकल गयी लेकिन उसकी पैंटी सरक कर उसकी टांगों से निकलती चली गई, वो बैग से बाहर निकल गई लेकिन उसकी पैंटी मेरे हाथ में थी.
अब मेरी बहन सिर्फ ब्रा पहने अपने दोनों हाथों से अपनी चूत छुपाये खड़ी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
REसाहित्य - by neerathemall - 01-08-2019, 03:29 AM
RE: हाए भैय्या,धीरे से, बहुत मोटा है - by neerathemall - 14-08-2019, 09:44 AM



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