14-08-2019, 12:36 AM
ये बात फरवरी 2018 की है. मैं अपनी कार से अपने घर जा रहा था, अचानक रास्ते में एक कार की दूसरी कार से भिड़न्त हो गयी. मेरी आदत सब की मदद करने की है, जिसके चलते मैंने रुक कर देखा.
जिस कार से एक्सीडेंट हुआ था, उसमें एक महिला थी. उस महिला की उम्र 28 साल के आस पास रही होगी. बाद में मुझे मालूम चला था कि उसका नाम स्मायरा था. उसको लेकर मैं हॉस्पिटल गया. उसके सर से खून निकल रहा था. मैं उसे डॉक्टर को दिखा कर उसको उसके घर छोड़ कर आया. उसने मुझे थैंक्स कहा और मेरा मोबाइल नम्बर ले लिया.
मैं अपने घर आ गया.
दो दिन बाद स्मायरा का फ़ोन आया. मैंने उठाया. मुझे पता नहीं था कि उसका ही फ़ोन है, क्योंकि मैंने उसका नम्बर लिया ही नहीं था.
मैं बोला- हैलो आप कौन?
उसने बताया- मैं स्मायरा बोल रही हूँ, वही, जिसको हॉस्पिटल लेकर गए थे.
मैंने कहा- सॉरी मैडम … मैंने पहचाना नहीं था … इसलिए पूछा.
स्मायरा ने कहा- आपका नम्बर तो मैंने ले लिया था. आपने मुझसे थोड़े ही लिया था.
मैं हंस कर बोला- हां जी, मैंने ध्यान नहीं दिया था.
उसने हंस दिया.
फिर स्मायरा ने पूछा कि उस दिन मैं आपसे पूछना ही भूल गयी थी कि हॉस्पिटल में आपके कितने पैसे लगे थे.
मैंने कहा- अरे वो कोई बात नहीं.
तो स्मायरा ने कहा- नहीं … आप बताओ, मेरे पति ने कहा है कि आपसे पूछ लूं और मेरे पति आपसे मिलना भी चाहते हैं … तो आप टाइम निकाल कर घर आना.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर सन्डे को स्मायरा का कॉल आया और उसने कहा- आज फ्री हो तो आप आ शाम को जाओ … साथ में बैठ कर चाय पिएंगे.
मैंने कहा- ठीक है … मगर मेरी एक शर्त है. मैं आऊंगा तो आप उस दिन हॉस्पिटल के खर्चे की बात नहीं करोगी.
स्मायरा ने कहा- ऐसे थोड़ी होता है.
मैंने कहा- ठीक है, तो मैं नहीं आऊंगा.
इस बात पर स्मायरा बोली- ठीक है … नहीं करूंगी … आप आ जाओ.
शाम को मैं उसके घर गया. स्मायरा और उसके पति, जिसका नाम दीपक था. वो मुझे लेने मेरी कार के पास ही आ गए. हम तीनों अन्दर जाकर बैठे और बातें करने लगे.
चाय पीते हुए बातों से मुझे पता चला कि वो लोग मुम्बई के हैं. उसके पति इधर जयपुर में आईसीआईसी बैंक में हैं. उनका ट्रांस्फर मुंबई से जयपुर हो गया था.
वो मुझे पैसे वाले लगे. जबकि मैं एक मिडल क्लास परिवार से हूँ. वैसे मेरा छोटा सा व्यापार है, मगर फिर भी वो मुझसे ज्यादा पैसे वाले थे.
मैं चाय पीकर अपने घर आ गया. फिर स्मायरा और मेरी बातें व्हाट्सअप पर और कॉल पर होने लगीं. हम दोनों एक महीने में एक दूसरे के काफी करीब आ गए.
एक दिन वो मुझसे मिलने अकेले आयी. उसको पहले मैंने इतनी गौर से नहीं देखा था, मगर उस दिन वो जीन्स टी-शर्ट में क्या मस्त लग रही थी. उसे देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उसके 5 साल का बेटा भी है. मैं उसको देखता ही रह गया.
वो आयी उसने मुझे हैलो किया और मुझे गिफ्ट दिया.
मैंने बोला- ये किस लिए?
वो बोली- हमारी पहली मीटिंग है, इसलिए.
मैं बोला- लेकिन मैं तो लेकर ही नहीं आया … मुझे कुछ पता ही नहीं था कि ऐसा भी होता है.
वो हंस कर बोली- आप मेरे बुलाने पर आ गए … वही बहुत है.
हम लोग रेस्टोरेन्ट में बैठ कर बातें करने लगे.
फिर वो बोली- चलो मूवी चलते हैं.
मैं बोला- आपका बेटा कहां है?
वो बोली कि वो आज सुबह दादा दादी के पास जाने के लिए अपने पापा के साथ मुम्बई गया है.
मैं बोला- अरे आप नहीं गईं?
वो बोली- आपसे आज मिलने के लिए वादा कर दिया था ना … इसलिए नहीं गयी.
मैंने बोला- अरे आप भी चली जातीं … मुलाक़ात फिर हो जाती.
स्मायरा बोली- कोई बात नहीं … दीपक को कुछ काम भी था मुंबई … तो उनके साथ मेरा बेटा भी चला गया.
फिर हम लोग मूवी देखने गए … मगर मेरा ध्यान तो सारा स्मायरा की तरफ ही था.
वो बोली- मूवी देख रहे हो या मुझे! जब से आयी हूँ, मुझे ही देखे जा रहे हो. क्या मैं अच्छी नहीं लग रही हूँ?
मैंने कहा- नहीं ऐसी बात नहीं … आप बहुत अच्छी लग रही हो, तब ही तो देख रहा हूँ.
ये सुन कर वो हंसने लग गयी.
मैंने कहा- क्या मैंने कुछ गलत बोल दिया?
स्मायरा- नहीं रे!
उसका यूं ‘नहीं रे …’ कहना मुझे अन्दर तक मस्त कर गया.
फिर हम दोनों ने बाहर ही खाना खाया और उसके बाद मैं उसको उसके घर छोड़ कर आया. जब मैंने उसको उसके घर के बाहर छोड़ा, तो कार में से उतरते टाइम वो मेरे गाल पर किस करके बाय बोल कर चली गयी.
मैं तो पागल सा हो गया. मैं उसको जाते हुए देखता रहा. मेरी कार उसके घर के सामने ही खड़ी थी. अन्दर जाकर उसने मुझे फोन किया और कहा- जनाब क्या अपने घर नहीं जाना है … या बाहर ही खड़े रहोगे?
यह सुन कर जैसे मुझे होश आया. मैं अपने घर आ गया और पूरी रात स्मायरा के बारे में ही सोचता रहा. क्या खूबसूरत बला लग रही थी. उसके 34 साईज के रसीले मम्मे … पतली 28 की कमर … और 36 साईज के हिप्स.
मैंने उस रात उसके ही बारे में सोच कर 3 बार मुठ मारी और सो गया.
सुबह उसका कॉल आया. उसने गुड मॉर्निंग कहा.
मैंने भी गुड मॉर्निंग कहा.
फिर उसने पूछा- कल की डेटिंग कैसी लगी?
मैंने कहा- इसको तो मैं भूल ही नहीं सकता.
वो बोली- क्यों?
मैं- आप मेरे साथ जो थीं. आप इतनी सुन्दर हो कि बस मंत्र मुग्ध सा आपको ही देखता रहा.
वो बोली- आप भी हैंडसम हो यार.
फिर हमारी बातें चलती रहीं.
अब मेरे मन में उसके लिए कामुक ख्याल आने लग गए. मैं यही सोचता रहता कि क्या मैं इसके साथ कभी चुदाई कर पाऊंगा. शायद ऊपर वाले को भी कुछ ऐसा ही मंजूर था. उसने मेरी सुन ली.
एक फिर सुबह उसके पति का फ़ोन आया. उसको मुम्बई जाना जरूरी था और स्मायरा की मम्मी की अचानक तबियत खराब हो गयी थी. जिस वजह से स्मायरा को जोधपुर जाना था.
जिस कार से एक्सीडेंट हुआ था, उसमें एक महिला थी. उस महिला की उम्र 28 साल के आस पास रही होगी. बाद में मुझे मालूम चला था कि उसका नाम स्मायरा था. उसको लेकर मैं हॉस्पिटल गया. उसके सर से खून निकल रहा था. मैं उसे डॉक्टर को दिखा कर उसको उसके घर छोड़ कर आया. उसने मुझे थैंक्स कहा और मेरा मोबाइल नम्बर ले लिया.
मैं अपने घर आ गया.
दो दिन बाद स्मायरा का फ़ोन आया. मैंने उठाया. मुझे पता नहीं था कि उसका ही फ़ोन है, क्योंकि मैंने उसका नम्बर लिया ही नहीं था.
मैं बोला- हैलो आप कौन?
उसने बताया- मैं स्मायरा बोल रही हूँ, वही, जिसको हॉस्पिटल लेकर गए थे.
मैंने कहा- सॉरी मैडम … मैंने पहचाना नहीं था … इसलिए पूछा.
स्मायरा ने कहा- आपका नम्बर तो मैंने ले लिया था. आपने मुझसे थोड़े ही लिया था.
मैं हंस कर बोला- हां जी, मैंने ध्यान नहीं दिया था.
उसने हंस दिया.
फिर स्मायरा ने पूछा कि उस दिन मैं आपसे पूछना ही भूल गयी थी कि हॉस्पिटल में आपके कितने पैसे लगे थे.
मैंने कहा- अरे वो कोई बात नहीं.
तो स्मायरा ने कहा- नहीं … आप बताओ, मेरे पति ने कहा है कि आपसे पूछ लूं और मेरे पति आपसे मिलना भी चाहते हैं … तो आप टाइम निकाल कर घर आना.
मैंने कहा- ठीक है.
फिर सन्डे को स्मायरा का कॉल आया और उसने कहा- आज फ्री हो तो आप आ शाम को जाओ … साथ में बैठ कर चाय पिएंगे.
मैंने कहा- ठीक है … मगर मेरी एक शर्त है. मैं आऊंगा तो आप उस दिन हॉस्पिटल के खर्चे की बात नहीं करोगी.
स्मायरा ने कहा- ऐसे थोड़ी होता है.
मैंने कहा- ठीक है, तो मैं नहीं आऊंगा.
इस बात पर स्मायरा बोली- ठीक है … नहीं करूंगी … आप आ जाओ.
शाम को मैं उसके घर गया. स्मायरा और उसके पति, जिसका नाम दीपक था. वो मुझे लेने मेरी कार के पास ही आ गए. हम तीनों अन्दर जाकर बैठे और बातें करने लगे.
चाय पीते हुए बातों से मुझे पता चला कि वो लोग मुम्बई के हैं. उसके पति इधर जयपुर में आईसीआईसी बैंक में हैं. उनका ट्रांस्फर मुंबई से जयपुर हो गया था.
वो मुझे पैसे वाले लगे. जबकि मैं एक मिडल क्लास परिवार से हूँ. वैसे मेरा छोटा सा व्यापार है, मगर फिर भी वो मुझसे ज्यादा पैसे वाले थे.
मैं चाय पीकर अपने घर आ गया. फिर स्मायरा और मेरी बातें व्हाट्सअप पर और कॉल पर होने लगीं. हम दोनों एक महीने में एक दूसरे के काफी करीब आ गए.
एक दिन वो मुझसे मिलने अकेले आयी. उसको पहले मैंने इतनी गौर से नहीं देखा था, मगर उस दिन वो जीन्स टी-शर्ट में क्या मस्त लग रही थी. उसे देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उसके 5 साल का बेटा भी है. मैं उसको देखता ही रह गया.
वो आयी उसने मुझे हैलो किया और मुझे गिफ्ट दिया.
मैंने बोला- ये किस लिए?
वो बोली- हमारी पहली मीटिंग है, इसलिए.
मैं बोला- लेकिन मैं तो लेकर ही नहीं आया … मुझे कुछ पता ही नहीं था कि ऐसा भी होता है.
वो हंस कर बोली- आप मेरे बुलाने पर आ गए … वही बहुत है.
हम लोग रेस्टोरेन्ट में बैठ कर बातें करने लगे.
फिर वो बोली- चलो मूवी चलते हैं.
मैं बोला- आपका बेटा कहां है?
वो बोली कि वो आज सुबह दादा दादी के पास जाने के लिए अपने पापा के साथ मुम्बई गया है.
मैं बोला- अरे आप नहीं गईं?
वो बोली- आपसे आज मिलने के लिए वादा कर दिया था ना … इसलिए नहीं गयी.
मैंने बोला- अरे आप भी चली जातीं … मुलाक़ात फिर हो जाती.
स्मायरा बोली- कोई बात नहीं … दीपक को कुछ काम भी था मुंबई … तो उनके साथ मेरा बेटा भी चला गया.
फिर हम लोग मूवी देखने गए … मगर मेरा ध्यान तो सारा स्मायरा की तरफ ही था.
वो बोली- मूवी देख रहे हो या मुझे! जब से आयी हूँ, मुझे ही देखे जा रहे हो. क्या मैं अच्छी नहीं लग रही हूँ?
मैंने कहा- नहीं ऐसी बात नहीं … आप बहुत अच्छी लग रही हो, तब ही तो देख रहा हूँ.
ये सुन कर वो हंसने लग गयी.
मैंने कहा- क्या मैंने कुछ गलत बोल दिया?
स्मायरा- नहीं रे!
उसका यूं ‘नहीं रे …’ कहना मुझे अन्दर तक मस्त कर गया.
फिर हम दोनों ने बाहर ही खाना खाया और उसके बाद मैं उसको उसके घर छोड़ कर आया. जब मैंने उसको उसके घर के बाहर छोड़ा, तो कार में से उतरते टाइम वो मेरे गाल पर किस करके बाय बोल कर चली गयी.
मैं तो पागल सा हो गया. मैं उसको जाते हुए देखता रहा. मेरी कार उसके घर के सामने ही खड़ी थी. अन्दर जाकर उसने मुझे फोन किया और कहा- जनाब क्या अपने घर नहीं जाना है … या बाहर ही खड़े रहोगे?
यह सुन कर जैसे मुझे होश आया. मैं अपने घर आ गया और पूरी रात स्मायरा के बारे में ही सोचता रहा. क्या खूबसूरत बला लग रही थी. उसके 34 साईज के रसीले मम्मे … पतली 28 की कमर … और 36 साईज के हिप्स.
मैंने उस रात उसके ही बारे में सोच कर 3 बार मुठ मारी और सो गया.
सुबह उसका कॉल आया. उसने गुड मॉर्निंग कहा.
मैंने भी गुड मॉर्निंग कहा.
फिर उसने पूछा- कल की डेटिंग कैसी लगी?
मैंने कहा- इसको तो मैं भूल ही नहीं सकता.
वो बोली- क्यों?
मैं- आप मेरे साथ जो थीं. आप इतनी सुन्दर हो कि बस मंत्र मुग्ध सा आपको ही देखता रहा.
वो बोली- आप भी हैंडसम हो यार.
फिर हमारी बातें चलती रहीं.
अब मेरे मन में उसके लिए कामुक ख्याल आने लग गए. मैं यही सोचता रहता कि क्या मैं इसके साथ कभी चुदाई कर पाऊंगा. शायद ऊपर वाले को भी कुछ ऐसा ही मंजूर था. उसने मेरी सुन ली.
एक फिर सुबह उसके पति का फ़ोन आया. उसको मुम्बई जाना जरूरी था और स्मायरा की मम्मी की अचानक तबियत खराब हो गयी थी. जिस वजह से स्मायरा को जोधपुर जाना था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.