13-08-2019, 09:23 PM
एलवल वाली की ... कच्ची अमिया
" हे एलवल वाली की कैसी है , बोल न ,... पसंद है उसकी कच्ची अमिया। "
एलवल वाली यानी उनकी ममेरी बहन , गुड्डी जो अभी आठवें में पढ़ती थी ,
अनुज की छोटी बहन , ... मेरी एकलौती लोकल ननद ,... हम लोगों के चिढ़ाने से बहुत उचकती थी ,
वो चुप रहे और मैंने कस के उन्हें न सिर्फ चूम लिया बल्कि मेरे होंठों ने उनके होंठों को कस के दबोच कर काट लिया ,... और जीभ उनके मुंह में ,
लड्डू के थोड़े बहुत टुकड़े अभी उनके मुंह में घुल रहे थे ,
उनके हाथों को अपने उभारों से हटाने की नाकाम कोशिश करती , उनके होंठों को आजाद करती मैंने बोला ,
" हे आज चुप रहने से नहीं चलेगा , बोल न ,
कैसी है वो एलवल वाली , ... उसके उभार , पसंद है , ... नहीं बोलोगे तो मैं आज कुछ भी नहीं दूंगी ,...सोच लो। "
और जो उन्होंने बोला मैं भी चौंक गयी लेकिन मैं आज कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती थी ,...
वो बोले , हिचकिचाते हुए ,...
" वो ,... वो अभी ,... अभी छोटी है ,... "
मैं बड़े जोर से खिलखिलाई , पर अभी भी मैं उनके उनके हाथों को अपने उभारों से हटाने की कोशिश कर रही थी ,
" साफ़ साफ़ बोल न , ... छोटी है या उसकी छोटी छोटी है ,... के चीज छोटी है , ... अच्छा चल \ एक बार बोल दे न यार। "
वो कुछ पल शरमाते रहे फिर बोल फूटे ,
" उसके वो ,... "
मैंने जोर जोर से ना ना में सर हिलाया और फिर मुश्किल से बोले ,
" उसके उभार ,... "
" अरे नाम तो ले ले न उसका , नाम लेने में भी शर्मा रहे हो ,... "
मैंने फिर चिढ़ाया ,
" वही ,... गुड्डी के उभार ,... "
मुश्किल से धीमे से बोले वो ,...
मैंने कस के चूम लिया , और उनके कानों की लर को हलके से काटते बोली ,
" मैंने तो तेरी माँ बुआ चाची बहनों के एक अंग का खुल के खोल के , और तुम इतना ,.. आज तो मैं तेरे मुंह से सुन के रहूंगी , ...
कुछ देर की जिद्द के बाद वो बोले ,
" चूँची "
मैंने मुश्किल से हंसी दबायी और पूछा ,
" , किसकी , अरे यार दर्जन भर ननदें हैं मेरी , ... "
" गुड्डी की चूँची "
बोलना पड़ा उन्हें , और अब मेरा नंबर था ,...
" अरे उसकी चूँची छोटी है , यार कच्चे टिकोरों का अलग मजा है ,
और फिर एक बार दबाना शुरू कर दोगे तो उसकी भी बड़ी हो जाएंगी , "
अब वो खुल के मेरे जोबन दबा रहे थे , कभी निपल फ्लिक कर रहे थे , मैं रोक भी नहीं थी।
मैं सिर्फ एक थांग में और वो एक बरमूडा में , मेरा हाथ अब खुद उनके बारमूडा के अंदर , मूसल चंद टनटना रहे थे।
मैंने अपने कोमल कोमल बाएं हाथ से उसे पकड़ के हलके हलके दबाना सहलाना शुरू कर दिया।
अपने लम्बे नाखूनों से कस के उनके गोरे गोरे ( उनकी सलहज की बोली में , लौंडिया मार्का ) गालों को कस के पिंच करती मैंने उन्हें छेड़ा ,
" अरे छोटी हैं तो क्या हुआ , कच्ची अमिया को कुतरने का मजा ही और है , धीरे धीरे हलके काटना मजे ले ले के। "
" अरे वो छुटकी से भी छोटी है , ... "
वो हल्के से बोले और मैं क्यों मौक़ा छोड़ती उन्हें चिढ़ाने का ,
" हे ,... कौन छोटी है , ...छुटकी से से ,... "
मैंने मूसलचंद को मसलते हुए उन्हें चूम के पूछा , और वो बोल पड़े ,
" गुड्डी ,... "
मैंने एक झटके से अपने हाथ से उनके मूसलचंद को रगड़ते हुए खींचा , सुपाड़ा पूरा खुल गया। अंगूठे से मांसल सुपाड़े को मसलते मैं बोली ,
" गुड्डी , ... मुझे मालूम है यार , सिर्फ छह महीने ही छोटी है , ... बस तुम हलके हलके मसलना दबाना मीजना शुरू कर न , मेरी गारंटी है , अभी २८ की साइज है , नौवें में पहुँचते ही ३० की साइज हो जायेगी , तेरी छुटकी साली के बराबर , बस। और दसवें में पहुंचने के पहले , ३२ , ... तेरी मंझली साली के बराबर , ... बस ये तो मेरे साजन के हाथ कमाल है , ... बस तुम दबाना मसलना शुरू कर दो , और कैसे ये मेरे ऊपर छोड़ दो। "
मेरे दिमाग में चल रहा था की कैसे मैंने गुड्डो की सेटिंग कराई अपने देवर के साथ ,
तो ननद की तो ,... भाभी की पहली जिम्मेदारी है ,... और वो मेरी एकलौती लोकल ननद थी ,
मेरा कोमल हाथ जिस तरह उनके मोटे बित्ते भर लम्बे कड़े मूसलचंद को मुठिया रहा था , मसल रहा था उससे दस गुनी तेजी से उनके दोनों हाथ मेरे जोबन को मसल रहा थे ,
"हे उस एलवल वाली की समझ के रगड़ रहे हो क्या , .... सही है , बस ऐसे मसलना , देखना कैसे बड़े हो जाते हैं , ... अरे गुड्डी के छोट छोट जुबना में बहुत रस है ,... "
उनके कान की लर को हलके से चूम के मैंने अपने सैंया के कान में गुनगुनाया ,
" अरे छोट छोट जोबना , अरे गुड्डी के छोट छोट जोबना , एलवल वाली के छोट छोट जोबना दाबे में बड़ा मजा देय ,
अरे ननदी हमारी , अरे बहिनी तुम्हारी , अरे गुड्डी रानी , चोदे में बहुत मज़ा देय ,... "
असर तुरंत हुआ , ... उन्होंने झुक के मेरे निपल को कचकचा के काट लिया ,
" एकदम ऐसे ही अपनी बहिनी की , गुड्डी रानी की अमिया कुतरना ,... "
मैंने और चिढ़ाया , लेकिन अब वो भी बोलने लगे थे , बोले
" और तुम्हारी बहना का , ... "
अबकी मैने कस के उन्हें चूम लिया , और बोल दिया , जो मुझे कब से मालूम था , उनके मन में क्या है ,....
" मेरी बहनों को ,... तुम छोड़ भी दो तो वो दोनों नहीं छोड़ने वाली हैं तुम्हे बस पहली बार जब ससुराल पहुंचोगे , तो ,... "
असल में दोनों ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवा लिया था , उनकी फोटो देने के पहले , शादी के बहुत पहले ही ,...
जब वो ससुराल में रहेंगे तो मैं पास भी नहीं फटकूँगी , जीजा साली के बीच में , वो दोनों जो भी इनकी रगड़ाई करें , ... मैं मान गयी लेकिन बस गलती से पूछ लिया ,
" मान लो अगर तुम्हारे जीजा ने रगड़ दिया उलटे तुम दोनों को , तो ,... "
छुटकी एकदम तुनक गयी , वो अपने जीजा के खिलाफ एक बात भी नहीं सुन सकती थी ,
" वो हमारे उनके बीच की बात है , ... हम उनकी साली हैं , जो उनकी मर्जी हो करें ,... "
छुटकी बोली।
" दी , रगड़ देंगे , तो हम रगड़वा लेंगे सिम्पल , हाँ थोड़ा बहुत ना नुकर उछल कूद करेंगे , ... बस आप मत आइयेगा बीच में। "
मंझली और साफ़ साफ़ बोली।
मैंने मान लिया। वैसे भी दोनों मेरे पीछे पड़ी रहती थी , ' तुम दी जलती हो , ... हमारे पास इतने हैंडसम स्मार्ट जीजू है , तेरे पास नहीं है न इसलिए। "
मैं कस के उनके हाथ को अपने उभार पर दबाती बोली ,
" चलो अगर मेरी बहनों के साथ तो उस एलवल वाली के साथ भी न ,... चलो अब तुम मान गए उसकी कच्ची अमिया का रस लेने को तो ,...मैं उसकी नीचे वाली भी दिलवा दूंगी , दोनों कच्ची अमिया दबाते हिये हचक हचक के , ...सच में बहुत मजा आएगा उसकी फाड़ने में तुम्हे ,.... "
" हे एलवल वाली की कैसी है , बोल न ,... पसंद है उसकी कच्ची अमिया। "
एलवल वाली यानी उनकी ममेरी बहन , गुड्डी जो अभी आठवें में पढ़ती थी ,
अनुज की छोटी बहन , ... मेरी एकलौती लोकल ननद ,... हम लोगों के चिढ़ाने से बहुत उचकती थी ,
वो चुप रहे और मैंने कस के उन्हें न सिर्फ चूम लिया बल्कि मेरे होंठों ने उनके होंठों को कस के दबोच कर काट लिया ,... और जीभ उनके मुंह में ,
लड्डू के थोड़े बहुत टुकड़े अभी उनके मुंह में घुल रहे थे ,
उनके हाथों को अपने उभारों से हटाने की नाकाम कोशिश करती , उनके होंठों को आजाद करती मैंने बोला ,
" हे आज चुप रहने से नहीं चलेगा , बोल न ,
कैसी है वो एलवल वाली , ... उसके उभार , पसंद है , ... नहीं बोलोगे तो मैं आज कुछ भी नहीं दूंगी ,...सोच लो। "
और जो उन्होंने बोला मैं भी चौंक गयी लेकिन मैं आज कोई मौका छोड़ना नहीं चाहती थी ,...
वो बोले , हिचकिचाते हुए ,...
" वो ,... वो अभी ,... अभी छोटी है ,... "
मैं बड़े जोर से खिलखिलाई , पर अभी भी मैं उनके उनके हाथों को अपने उभारों से हटाने की कोशिश कर रही थी ,
" साफ़ साफ़ बोल न , ... छोटी है या उसकी छोटी छोटी है ,... के चीज छोटी है , ... अच्छा चल \ एक बार बोल दे न यार। "
वो कुछ पल शरमाते रहे फिर बोल फूटे ,
" उसके वो ,... "
मैंने जोर जोर से ना ना में सर हिलाया और फिर मुश्किल से बोले ,
" उसके उभार ,... "
" अरे नाम तो ले ले न उसका , नाम लेने में भी शर्मा रहे हो ,... "
मैंने फिर चिढ़ाया ,
" वही ,... गुड्डी के उभार ,... "
मुश्किल से धीमे से बोले वो ,...
मैंने कस के चूम लिया , और उनके कानों की लर को हलके से काटते बोली ,
" मैंने तो तेरी माँ बुआ चाची बहनों के एक अंग का खुल के खोल के , और तुम इतना ,.. आज तो मैं तेरे मुंह से सुन के रहूंगी , ...
कुछ देर की जिद्द के बाद वो बोले ,
" चूँची "
मैंने मुश्किल से हंसी दबायी और पूछा ,
" , किसकी , अरे यार दर्जन भर ननदें हैं मेरी , ... "
" गुड्डी की चूँची "
बोलना पड़ा उन्हें , और अब मेरा नंबर था ,...
" अरे उसकी चूँची छोटी है , यार कच्चे टिकोरों का अलग मजा है ,
और फिर एक बार दबाना शुरू कर दोगे तो उसकी भी बड़ी हो जाएंगी , "
अब वो खुल के मेरे जोबन दबा रहे थे , कभी निपल फ्लिक कर रहे थे , मैं रोक भी नहीं थी।
मैं सिर्फ एक थांग में और वो एक बरमूडा में , मेरा हाथ अब खुद उनके बारमूडा के अंदर , मूसल चंद टनटना रहे थे।
मैंने अपने कोमल कोमल बाएं हाथ से उसे पकड़ के हलके हलके दबाना सहलाना शुरू कर दिया।
अपने लम्बे नाखूनों से कस के उनके गोरे गोरे ( उनकी सलहज की बोली में , लौंडिया मार्का ) गालों को कस के पिंच करती मैंने उन्हें छेड़ा ,
" अरे छोटी हैं तो क्या हुआ , कच्ची अमिया को कुतरने का मजा ही और है , धीरे धीरे हलके काटना मजे ले ले के। "
" अरे वो छुटकी से भी छोटी है , ... "
वो हल्के से बोले और मैं क्यों मौक़ा छोड़ती उन्हें चिढ़ाने का ,
" हे ,... कौन छोटी है , ...छुटकी से से ,... "
मैंने मूसलचंद को मसलते हुए उन्हें चूम के पूछा , और वो बोल पड़े ,
" गुड्डी ,... "
मैंने एक झटके से अपने हाथ से उनके मूसलचंद को रगड़ते हुए खींचा , सुपाड़ा पूरा खुल गया। अंगूठे से मांसल सुपाड़े को मसलते मैं बोली ,
" गुड्डी , ... मुझे मालूम है यार , सिर्फ छह महीने ही छोटी है , ... बस तुम हलके हलके मसलना दबाना मीजना शुरू कर न , मेरी गारंटी है , अभी २८ की साइज है , नौवें में पहुँचते ही ३० की साइज हो जायेगी , तेरी छुटकी साली के बराबर , बस। और दसवें में पहुंचने के पहले , ३२ , ... तेरी मंझली साली के बराबर , ... बस ये तो मेरे साजन के हाथ कमाल है , ... बस तुम दबाना मसलना शुरू कर दो , और कैसे ये मेरे ऊपर छोड़ दो। "
मेरे दिमाग में चल रहा था की कैसे मैंने गुड्डो की सेटिंग कराई अपने देवर के साथ ,
तो ननद की तो ,... भाभी की पहली जिम्मेदारी है ,... और वो मेरी एकलौती लोकल ननद थी ,
मेरा कोमल हाथ जिस तरह उनके मोटे बित्ते भर लम्बे कड़े मूसलचंद को मुठिया रहा था , मसल रहा था उससे दस गुनी तेजी से उनके दोनों हाथ मेरे जोबन को मसल रहा थे ,
"हे उस एलवल वाली की समझ के रगड़ रहे हो क्या , .... सही है , बस ऐसे मसलना , देखना कैसे बड़े हो जाते हैं , ... अरे गुड्डी के छोट छोट जुबना में बहुत रस है ,... "
उनके कान की लर को हलके से चूम के मैंने अपने सैंया के कान में गुनगुनाया ,
" अरे छोट छोट जोबना , अरे गुड्डी के छोट छोट जोबना , एलवल वाली के छोट छोट जोबना दाबे में बड़ा मजा देय ,
अरे ननदी हमारी , अरे बहिनी तुम्हारी , अरे गुड्डी रानी , चोदे में बहुत मज़ा देय ,... "
असर तुरंत हुआ , ... उन्होंने झुक के मेरे निपल को कचकचा के काट लिया ,
" एकदम ऐसे ही अपनी बहिनी की , गुड्डी रानी की अमिया कुतरना ,... "
मैंने और चिढ़ाया , लेकिन अब वो भी बोलने लगे थे , बोले
" और तुम्हारी बहना का , ... "
अबकी मैने कस के उन्हें चूम लिया , और बोल दिया , जो मुझे कब से मालूम था , उनके मन में क्या है ,....
" मेरी बहनों को ,... तुम छोड़ भी दो तो वो दोनों नहीं छोड़ने वाली हैं तुम्हे बस पहली बार जब ससुराल पहुंचोगे , तो ,... "
असल में दोनों ने मुझसे तीन तिरबाचा भरवा लिया था , उनकी फोटो देने के पहले , शादी के बहुत पहले ही ,...
जब वो ससुराल में रहेंगे तो मैं पास भी नहीं फटकूँगी , जीजा साली के बीच में , वो दोनों जो भी इनकी रगड़ाई करें , ... मैं मान गयी लेकिन बस गलती से पूछ लिया ,
" मान लो अगर तुम्हारे जीजा ने रगड़ दिया उलटे तुम दोनों को , तो ,... "
छुटकी एकदम तुनक गयी , वो अपने जीजा के खिलाफ एक बात भी नहीं सुन सकती थी ,
" वो हमारे उनके बीच की बात है , ... हम उनकी साली हैं , जो उनकी मर्जी हो करें ,... "
छुटकी बोली।
" दी , रगड़ देंगे , तो हम रगड़वा लेंगे सिम्पल , हाँ थोड़ा बहुत ना नुकर उछल कूद करेंगे , ... बस आप मत आइयेगा बीच में। "
मंझली और साफ़ साफ़ बोली।
मैंने मान लिया। वैसे भी दोनों मेरे पीछे पड़ी रहती थी , ' तुम दी जलती हो , ... हमारे पास इतने हैंडसम स्मार्ट जीजू है , तेरे पास नहीं है न इसलिए। "
मैं कस के उनके हाथ को अपने उभार पर दबाती बोली ,
" चलो अगर मेरी बहनों के साथ तो उस एलवल वाली के साथ भी न ,... चलो अब तुम मान गए उसकी कच्ची अमिया का रस लेने को तो ,...मैं उसकी नीचे वाली भी दिलवा दूंगी , दोनों कच्ची अमिया दबाते हिये हचक हचक के , ...सच में बहुत मजा आएगा उसकी फाड़ने में तुम्हे ,.... "