13-08-2019, 12:32 AM
Update 9 ( मुहिम पार्ट - 3 ) एक तेज चीख ने जंगल की पूरी खामोशी खतम कर दीया। इस चीख ने जय का आधे से ज्यादा नशा उतार दिया। ये चीख एक औरत या लड़की की थी। जय अपनी ओपन जीप में ड्राइवर सीट के पास वाली सीट पर बैठा था। थोड़ी देर पहले ही जय ड्राइविंग सीट छोड़ कर पास वाली मे बैठा था और मस्ती से दारू पी रहा था। सीधे बोतल से ही। जैसे ही लड़की की चीख आयी जय ने तुरन्त गाड़ी रुकवायी। जय के साथ के दोनों बॉडीगार्ड जिसमे से एक गाड़ी चला रहा था जिसका नाम सुमित था। सुमित जय का बॉडीगार्ड भी था और पार्ट टाइम ड्राइवर भी था। सुमित थोड़ा सावला और थोड़ा हट्टा कट्टा आदमी था। सुमित की उम्र 36 वर्ष थी। सुमित अभी गाड़ी चला रहा था पर ये चीख़ सुन के गाड़ी रोक दी और बोलने लगा छोटे ठाकुर मेने पहले ही कहा था कि ये रोड भूतिया है। ये रोड आधी रात को कही भी जाने लायक है ही नही। जय बोला कि ये सब फालतू बाते है ऐसा कुछ नही होता ओर किसकी हिम्मत है कि ठाकुर जय को कही जाने से कोयी रोके। फिर जय का दूसरा बॉडीगार्ड बोला जो कि गाड़ी की पीछे वाली सीट पर बैठा था जिसके पास में एक कट्टा था पुराने समय की पिस्तौल थी। दूसरे बॉडीगार्ड का नाम जीतू था। जीतू की उम्र 28 साल थी। जीतू थोड़ा निर्दय आदमी था जय कब खिलाफ जो भी बोलता जीतू सीधे जय की इशारे पर उसकी खोपड़ी खोल देता था। एक तरह से जीतू जय का वफादार था। जीतू का बचपन इन्ही जंगलो में बिता था इसलिए वो भी जानता था कि जंगल मे आधी रात का समय काफी ख़ौफ़नाक और डरावना होता है पर वो जय ठाकुर की वफादारी के चक्कर मे वो भी जय की हा में हा मिलता है। जीतू बोला हा जय भइया किस मादरचोद की हिम्मत है कि हमारे बीच मे आये। फिर जय गाड़ी से नीचे उतरा औऱ अपने हाथ मे रखी दारू की बोतल को रोड पर फेंका ओर बोला कि कौन मादरचोद है बाहर निकल। सामने आ । जंगल के एक साइड फिर से चिखने की आवाज आयी ये आवाज पहले से ज्यादा ख़ौफ़नाक थी। ये आवाज सुनते ही जीतू और सुमित भी गाड़ी से उतर गये। जय अब जीतू और सुमित को लेकर अन्दर जाने लगा। धीरे धीरे कदमो से। जय भले कैसा भी था पर बहादुर और बेकोफ था वो किसी से भी नही डरता था। सुमित पीछे से बोला कि छोटे ठाकुर हमे जंगल के अन्दर नही जाना चाहिए कुछ गड़बड़ हुई तो बड़े ठाकुर यानी कि रघुवीर हमको नही छोड़ेंगे। ये सुनते ही जय में थोड़ी और हिम्मत आ गयी ओर बोला की मुझको कोई फर्क नही पड़ता । कोंन है गांडू का बच्चा जो रात को लोगो को परेशान करता है। आज तो में पता करके ही रहुगा यही बोलते हुए धिरे कदमो से जय और उसके पीछे दोनो बॉडीगार्ड भी जंगल के अंदर की ओर बढ़ रहे थे । जय के कदमो से नीचे पड़े हुए सूखे पत्ते चर चर की आवाज़ कर रहे थे जिससे बार बार सुमित को थोड़ा डर लग रहा था। पर जय को यही पता करना था कि साला है क्या इस लड़की की चीख के पीछे। थोड़ा आगे बढ़ने के बाद जेसे ही कुछ रोशनी जेसा वीर को दिखने लगा जैसे कि 4 या 5 लोग अपने हाथ मे मशाल लिये गुम रहे हो या फिर कुछ ढूंढ रहे हो। तभी जय और जीतू दोनों एक पैड के पीछे खड़े हो गए और सुमित दूसरे पैड के पीछे खड़ा हो गया पर उसी वक्त जैसे ही सुमित उस पैड के पीछे खड़ा हुआ एक तेज गोली की तेजी जेसा एक तीर आया जो सीधे सुमित की गर्दन को लेकर उसकी बॉडी से अलग कर दिया । कुछ इस प्रकार से । सुमित की गर्दन तीर के साथ सीधे एक पैड से जाकर टकरा गयी और नीचे गिर गयी और तेज आवाज जय और जीतू की और आने लगी जैसे पुराने समय के कुछ लोग चीखते चिल्लाते हुए उनके पास आ रहे है। जिस तीर ने सुमित को मारा था उसका आकार कुछ ऐसा था जो काफी भयानक था वो चाँद के आकार का बड़ा सा तीर था। इस तीर को देखते ही जीतू को कुछ याद आया और उसके मुँह से यही निकला मौत का भयानक खेल शुरू हो गया है भागो जय भईया भागो। जय तो अभी तक अपने नशे में यही सोच रहा था कि ये सुमित की गरदन उसके शरीर से इतनी तेज गति से अलग कैसे हो गयी। पर अब इन भयानक आवाजो से जो उसकी तरफ बढ़ रही थी जय का नशा बिलकुल उतर गया था अब जय भी जीतू के साथ भागने लगा। जीतू और जय दोनों अब भाग रहे थे अपनी गाड़ी की ओर जीतू भागते हुए जय ठाकुर से यही बोल रहा था कुछ भी हो जाये जय भईया पीछे मत देखना ओर भागते रहना। जय बोला क्यो ! जीतू बोला कि आज तक जिन लोगो ने भी इनको देखा है वो आज तक जिन्दा नही बचे । जय बोला भागते हुए ऐसा क्यों जीतू बोला ये लम्बी कहानी है बस पिछे मत देखना भागते रहो। पर जय को तो बचपन से ही अभी उल्टे काम करने की आदत थी । फिर उसने थोड़ी हिम्मत करते हुए पिछे देखा पर उसको ज्यादा कुछ खास नही दिखा बस कुछ मशाले दिखी । पर वो तब तक भागते हुए अपनी गाड़ी तक पहुँच गये थे। फिर जय जल्दी से गाड़ी के अन्दर बैठने लगा और ड्राइविंग सीट पर बैठ गया फिर जीतू भी पास वाली सीट पर बैठा और बोला जल्दी से जय भईया जल्दी पर तभी जय की हालत खराब हो गयी उसको याद आया कि लास्ट टाइम तो गाड़ी सुमित चला रहा था तो चाबी तो उसके पास होगी। पर अब वापस को जाएगा जंगल मे तभी ये सोचते हुए एक तेज तीर आया जो सीधा जीतू को लगा क्योकि गाड़ी ओपन जीप थी। पर जीतू की किसमत से वो तीर सीधे जीतू के एक हाथ की भुजा या बाइसेप को छू कर निकल गया। फिर जीतू डर से चिल्लाते हुए बोला क्या हुआ जय भईया चलो जय बोला कि चाबी नही है मेरे पास अब। जीतू बोला कि इतनी सी बात लो चाबी। भूल गये क्या की आप अपनी गाड़ी की चाबी सबको देकर रखते हो। चलो फिर जय ने गाड़ी शुरू करी तेजी से भगाने लगा पर किसी ने पीछे से एक मशाल गाड़ी पर डाल दी जिससे गाड़ी की पीछे साइड लगी सीट वाला भाग जलने लगा। पर जय ने गाड़ी नही रोकी और तेज गति से भागने लगा। ओर उस जगह से काफी दूर निकल गया और अब वो आवाजे भी कम हो रही थी जेसे मानो वो दूर होती जा रही है। अब हम आते है हवेली की ओर । अभी तकरीबन सुबह की 6 बज रहे थे। हवेली मे सभी लोग सो रहे थे। कुछ नोकर थे जो सुबह को जल्दी उठते थे क्योकी उनका काम ही यही होता था कि जल्दी उठ कर नाश्ता बनाना, पोधो को पानी देना , सभी हवेली के रूम तक चाय और पानी पहुचाना। तभी हवेली के पीछे वाली साइड पर मालती जो एक साफ सफाई वाली मशीन में से कचरा निकाल कर साफ कर रही थी के तभी पीछे किसी के हाथ आये जो सीधे उसके निप्पलों या चुचो को दबाने लगे। मालती अचानक से चौकी पर वो ये हाथो को जानती थी कि को हे ये हरकत करने वाला वो भी इतनी सुबह को। ये हाथ और किसी के नही उसके ही पती मंगु के थे। मालती बोली कि क्या बात है आज सुबह सुबह ही मेरे इस नपुन्सक और नामर्द पती का लण्ड कैसे खड़ा हो गया। ये सुनते ही मंगु थोड़ा गुस्से में आया ओर बोला कि तेरी इस गाँड़ को देख कर तो किसी मुर्दे ला भी लण्ड खड़ा हो जाये में क्या चीज हु। फिर मंगु एक देहाती की तरह सुबह 6 बजे की कम रोशनी का फायदा उठाते हुए मालती की साड़ी को ऊपर उठाने लगा। पर मालती बोली यहा नही अंदर रूम में चलते है पर मंगु नही माना मालती ने एक काली कलर की साधारण सी साड़ी पहनी हुई थी फिर मंगु ने उसकी साड़ी ऊपर उठाई और अपना 4 इंच का लण्ड निकाल कर मालती की चूत में डालने लगा। अब लण्ड को अपने अन्दर महसूस कर रही मालती आहे भरने लगी ओर मंगु के हर धक्के पर अहा आह आह हम्ममम्म आह आह करने लगी पर मंगु कुछ 2 मिनट टिक पाया ओर तेज तेज धक्के लगाते हुए मालती के निप्पलों को तेज दबाते हुए मालती की चूत में ही जड़ गया ओर अपना वीर्य निकाल दिया उसकी चुत में। तभी गेट पर किसी गाड़ी के आने की आवाज आयी इस आवाज से डरते हुए दोनों अलग हो गये और मालती अपनी साड़ी और ब्लाउज़ को ठीक करते हुऐ मंगु के साथ देखने लागी कि कोन हे गेट पर। ★◆★