12-08-2019, 08:24 PM
Update 37
रेशमा के दिल की बात जान क्यूँ नही पाया मैं
मिसेज़ गुप्ता की बात अगर सच हुई तो ये मेरे और रेशमा के लिए अच्छा रहेगा
अगर मिसेज़ गुप्ता ग़लत हुई तो मुझ पर भारी पड़ सकती है रेशमा
रेशमा के लिए अब मैं रिस्क ले सकता हूँ
मैं ने खुद देखा कि रेशमा ने मेरे लिए अपना क्या हाल बनाया है
ऐसे मे रेशमा के दिमाग़ मे मेरे लिए विश्वास और दिल मे प्यार जगाना होगा
पर पहले रेशमा को ढूँढना पड़ेगा
कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
कुछ दिनो से तो उसने ऑफीस जाना भी बंद किया और खुद का ख़याल भी नही रख रही थी , जॉगिंग को
जाना भी छोड़ दिया , कहीं जीना ना छोड़ दे
ऐसे अकेली औरत के दिमाग़ मे बहुत कुछ चलता रहता है
मिसेज़ गुप्ता ने हम दोनो की आँखो मे वो देखा जो हम नही देख पाए
मिसेज़ गुप्ता के एक्सपीरियेन्स ने हमारे प्यार को देख लिया , और अच्छी बात ये थी कि उनको हमारा प्यार
ग़लत नही लगा
मिसेज़ गुप्ता रेशमा के बहुत करीब है , रेशमा को खुश देखना चाहती है वो , और रेशमा की
खुशी मुझ मे है ये मिसेज़ गुप्ता देख चुकी है
मिसेज़ गुप्ता के जाते ही मैं बाल्कनी से रेशमा के यहाँ आ गया
शुरुआत रेशमा के घर से करनी ठीक होगी
पर रेशना के घर मे कुछ भी खास नही मिला
फिर मैं ने रेशमा के ऑफीस कॉल किया पर वहाँ भी वो नही गयी
मुझे तो ये भी नही पता कि उसके कोई रिश्तेदार यहाँ रहते है
मिसेज़ गुप्ता को पता होगा इस लिए उनके पास गया तो उन्होने कुछ पूछने से पहले बता दिया कि
रेशमा उसके मायके मे नही है
सुबह से गायब है
कहाँ जा सकती है रेशमा
आज उसका बर्तडे भी है , और मैं यहाँ से जा रहा था ऐसे मे वो कोई ग़लत कदम ना उठा ले
मैं उसको आस पास देखने लगा
पर रेगिस्तान मे पानी मिल जाएगा पर मुंबई मे किसी को ढूँढना मुश्किल है
इतने बड़े शहर मे रेशमा को ढूँढना बेमतलब था
ऐसे मे मैं ने अपनी किस्मत का साथ लिया और रेशमा के आने का इंतज़ार करने का डिसाइड किया
रेशमा को ढूँढना मुश्किल हो सकता है
रेशमा इतनी भी कमज़ोर नही हो सकती कि वो स्यूयिसाइड कर सके , वो वापस ज़रूर आएगी
उसके आने पर अगर उसका बर्तडे सेलेब्रेट किया जाए तो
रेशमा ये देखेगी कि मैं बर्तडे केक लेकर उसका इंतज़ार कर रहा हूँ सुबह से तो उसकी खुशी
देखने लायक होगी
ये ख़याल दिमाग़ मे आते ही मैं पास के शॉप मे जाकर बढ़िया केक लेकर आया
रेशमा के पसंद का केक था , उसको चॉक्लेट बहुत पसंद है
मैने बताया मिसेज़ गुप्ता को कि रेशमा को ढूँढना बेमतलब है , पर उसके लिए मैं क्या प्लान कर
रहा हूँ
मैं बाल्कनी से रेशमा के अपार्टमेंट मे जाकर उसके बर्तडे की तैयारी करने लगा
हॉल को सजाया , बलून ही बलून फैलाया दिए रूम मे
रेशमा के लिए एक शॅंपियन भी रखी
दोनो के लिए डिन्नर का इंतज़ाम किया
सब कुछ सेट कर दिया था बस रेशमा के आने का इंतज़ार था
रेशमा के लिए रेशम की साड़ी भी खरीद ली
ये सब रेशमा देखेगी तो कितनी खुश होगी
मुझे उस पल का इंतज़ार था जब रेशमा डोर खोल कर अंदर आएगी और उसके चेहरे पे वो स्माइल
आएगी जो मुझे पसंद है
मैं रेशमा के अपार्टमेंट मे बैठ कर उसका इंतज़ार कर रहा था
बलून की हवा निकल रही थी पर रेशमा का कुछ पता नही था
टाइम बीत रहा था पर रेशमा का कोई खबर नही थी
रेशमा का मोबाइल भी स्विच ऑफ था
शाम से रात होने को आ गयी पर रेशमा कहाँ हो तुम
बस एक बार आ जाओ ,
मैं हॉल मे चक्कर लगाते हुए रेशमा का इंतज़ार कर रहा था
मैं सोच रहा था कि क्या किया जाए , कहाँ हो सकती है रेशमा
ऐसे सोचते हुए मेरे दिमाग़ की लाइट जल गयी
मैं भाग कर रेशमा के बेडरूम मे गया
बेडरूम.मे रेशमा की एक तस्वीर थी
ये तस्वीर पास के एक मंदिर की थी
उस तस्वीर को ध्यान से देखा तो मेरे समझ मे आ गया कि रेशमा कहाँ होगी
तस्वीर के एक कॉर्नर मे मुझे केक का कॉर्नर दिखा
मतलब पिछले साल रेशमा ने अपना बर्तडे मंदिर मे मनाया था
वहाँ भी वो अकेली थी
पूरी सज कर थी लेकिन उसके चेहरे पे अकेलापन सॉफ दिख रहा था
अब समझा कि मिसेज़ गुप्ता क्या कहना चाहती थी
बर्तडे पर ज़्यादातर लोग कहाँ जाते है , मंदिर मे
और जो अकेले होते है तो हम खास मंदिर मे जाते है ये दुआ करने कि अगले बर्तडे पे वो
अकेला ना हो
रेशमा भी वही होगी
रेशमा का पता चलते ही मैं ने उसके पास जाने के लिए एक सेकेंड भी नही गवाया
वो मंदिर पास मे ही था
मैं भाग कर ही उस मंदिर के पास आ गया
मंदिर बंद हो रहा था
रात हो चुकी थी और मंदिर मे कोई दिख नही रहा था सिवाय मंदिर के लोगो के
फिर भी मैं मंदिर मे रेशमा को देखने लगा
मंदिर के पंडितजी ने कहा कि यहाँ अब कोई नही है ,
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा यही होगी
पर मंदिर के बंद होते ही मुझे यहाँ से जाना लड़ा
एक उम्मीद दिखी थी
पर रेशमा फिर भी नही मिली
मैं निराश होकर जा रहा था कि मुझे मंदिर के कॉंपाउंड के लेफ्ट साइड मे एक कार दिखाई दी
दूर से कुछ खास पता नही चला पर अंदर से आवज़ आ रही थी कि एक बार जाकर देख लूँ
जब मैं कार के पास गया तो मेरे खुशी का कोई ठिकाना नही था
ये कार रेशमा की थी
कार मे रेशमा नही थी मतलब रेशमा मंदिर मे ही है
पर मंदिर तो बंद हो गया और पंडितजी भी अपने घर गये है
कही मंदिर के पीछे वाले गार्डन जैसे पेड़ो के मैदान मे तो नही है रेशमा
वही हो सकती है , उस तस्वीर मे भी पेड़ दिख रहे थे
मैं ने इधर उधर देखा और कॉम्पोन्ड वाल से जंप मार कर अंदर आ गया
मुझे बस रेशमा से मिलना था
मैं रेशमा को इधर उधर देखते हुए मंदिर के पीछे आ गया
मंदिर के पीछे बहुत जगह थी
मैं लग गया रेशमा को ढूँढने मे
रेशमा को आवाज़ भी दे नही सकता था अगर किसी और ने सुन ली तो प्राब्लम होगी
मैं पेड़ो के बीच मे रेशमा को तलाश करने लगा
अंदर जाकर तो मुझे टॉर्च का ईस्तमाल करना पड़ा
कही कही जगह पर खुली जगह थी जहाँ बैठ कर आराम किया जा सकता है
दिन का टाइम होता तो तस्वीर वाली जगह जल्दी मिल जाती
पर दिल से माँगो तो मिल ही जाता है
मुझे ऐसा लगा कि पेड़ के नीचे कोई बैठ कर आसमान की तरफ देख रहा है
मैं ने ठीक से देखा तो कोई औरत दिखाई दी
मैं उसके पास गया तो ये कोई और नही रेशमा ही थी
रेशमा , मेरी रेशमा थी
रेशमा को देखते ही मैं भाग कर उसको गले लगाना चाहता था
पर मेरी नज़र रेशमा के मायूस चेहरे की तरफ गयी
रेशमा आसमान मे निकले चाँद की तरफ बिना पलकें झुकाए देख रही थी
पता नही क्या सोच रही होगी रेशमा
पर इस तरह रेशमा को अकेला देख कर बड़ा दुख हुआ
रेशमा को डर भी नही था कि यहाँ रात मे वो अकेली है
उसको तो होश ही नही था
रेशमा खो गयी थी आसमान की दुनिया मे
शायद आसमान के तारों की तरह अकेली हो गयी थी
अजीब अजीब ख़याल आ जाते है जब कोई अकेला होता है
किसी को भी अपना साथी बना लेता है
ऐसे ही रेशमा ने इस जगह और आसमान के तारों को अपना साथी बनाया हो
रेशमा की इस हालत का ज़िम्मेदार मैं ही था
रेशमा ने अकेले जीना सीख लिया था पर मेरी वजह से वो जीना क्या होता है ये तक भूल गयी थी
उसकी बची हुई हसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा को ऐसे देख कर मेरी आँख मे आँसू आ गये
पर मुझे रेशमा के आँसुओं को खुशियों मे बदलना था
मैं अब कभी रेशमा को अकेला नही पड़ने दूँगा
मैं रेशमा को प्यार करने की ज़िद्द कभी नही करूँगा
अगर रेशमा मुझे दोस्त बना कर ही रखना चाहती है तो यही सही
पर रेशमा इस तरह उदास होने नही दूँगा
मैं रेशमा के आसू को मोती मे बदलने के लिए उसके पास गया
रेशमा तो होश ही खो चुकी थी जिस से उसको पता भी नही चला कि मैं उसके पास आ गया हूँ
रेशमा की तरफ से रेस्पॉन्स ना पा कर मैं उसके पास बैठ कर उसको आसमान की दुनियाँ से
ज़मीन पर वापस लाने लगा
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Please read my new story
CHODURAJA
https://xossipy.com/showthread.php?tid=13748&page=2
रेशमा के दिल की बात जान क्यूँ नही पाया मैं
मिसेज़ गुप्ता की बात अगर सच हुई तो ये मेरे और रेशमा के लिए अच्छा रहेगा
अगर मिसेज़ गुप्ता ग़लत हुई तो मुझ पर भारी पड़ सकती है रेशमा
रेशमा के लिए अब मैं रिस्क ले सकता हूँ
मैं ने खुद देखा कि रेशमा ने मेरे लिए अपना क्या हाल बनाया है
ऐसे मे रेशमा के दिमाग़ मे मेरे लिए विश्वास और दिल मे प्यार जगाना होगा
पर पहले रेशमा को ढूँढना पड़ेगा
कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
कुछ दिनो से तो उसने ऑफीस जाना भी बंद किया और खुद का ख़याल भी नही रख रही थी , जॉगिंग को
जाना भी छोड़ दिया , कहीं जीना ना छोड़ दे
ऐसे अकेली औरत के दिमाग़ मे बहुत कुछ चलता रहता है
मिसेज़ गुप्ता ने हम दोनो की आँखो मे वो देखा जो हम नही देख पाए
मिसेज़ गुप्ता के एक्सपीरियेन्स ने हमारे प्यार को देख लिया , और अच्छी बात ये थी कि उनको हमारा प्यार
ग़लत नही लगा
मिसेज़ गुप्ता रेशमा के बहुत करीब है , रेशमा को खुश देखना चाहती है वो , और रेशमा की
खुशी मुझ मे है ये मिसेज़ गुप्ता देख चुकी है
मिसेज़ गुप्ता के जाते ही मैं बाल्कनी से रेशमा के यहाँ आ गया
शुरुआत रेशमा के घर से करनी ठीक होगी
पर रेशना के घर मे कुछ भी खास नही मिला
फिर मैं ने रेशमा के ऑफीस कॉल किया पर वहाँ भी वो नही गयी
मुझे तो ये भी नही पता कि उसके कोई रिश्तेदार यहाँ रहते है
मिसेज़ गुप्ता को पता होगा इस लिए उनके पास गया तो उन्होने कुछ पूछने से पहले बता दिया कि
रेशमा उसके मायके मे नही है
सुबह से गायब है
कहाँ जा सकती है रेशमा
आज उसका बर्तडे भी है , और मैं यहाँ से जा रहा था ऐसे मे वो कोई ग़लत कदम ना उठा ले
मैं उसको आस पास देखने लगा
पर रेगिस्तान मे पानी मिल जाएगा पर मुंबई मे किसी को ढूँढना मुश्किल है
इतने बड़े शहर मे रेशमा को ढूँढना बेमतलब था
ऐसे मे मैं ने अपनी किस्मत का साथ लिया और रेशमा के आने का इंतज़ार करने का डिसाइड किया
रेशमा को ढूँढना मुश्किल हो सकता है
रेशमा इतनी भी कमज़ोर नही हो सकती कि वो स्यूयिसाइड कर सके , वो वापस ज़रूर आएगी
उसके आने पर अगर उसका बर्तडे सेलेब्रेट किया जाए तो
रेशमा ये देखेगी कि मैं बर्तडे केक लेकर उसका इंतज़ार कर रहा हूँ सुबह से तो उसकी खुशी
देखने लायक होगी
ये ख़याल दिमाग़ मे आते ही मैं पास के शॉप मे जाकर बढ़िया केक लेकर आया
रेशमा के पसंद का केक था , उसको चॉक्लेट बहुत पसंद है
मैने बताया मिसेज़ गुप्ता को कि रेशमा को ढूँढना बेमतलब है , पर उसके लिए मैं क्या प्लान कर
रहा हूँ
मैं बाल्कनी से रेशमा के अपार्टमेंट मे जाकर उसके बर्तडे की तैयारी करने लगा
हॉल को सजाया , बलून ही बलून फैलाया दिए रूम मे
रेशमा के लिए एक शॅंपियन भी रखी
दोनो के लिए डिन्नर का इंतज़ाम किया
सब कुछ सेट कर दिया था बस रेशमा के आने का इंतज़ार था
रेशमा के लिए रेशम की साड़ी भी खरीद ली
ये सब रेशमा देखेगी तो कितनी खुश होगी
मुझे उस पल का इंतज़ार था जब रेशमा डोर खोल कर अंदर आएगी और उसके चेहरे पे वो स्माइल
आएगी जो मुझे पसंद है
मैं रेशमा के अपार्टमेंट मे बैठ कर उसका इंतज़ार कर रहा था
बलून की हवा निकल रही थी पर रेशमा का कुछ पता नही था
टाइम बीत रहा था पर रेशमा का कोई खबर नही थी
रेशमा का मोबाइल भी स्विच ऑफ था
शाम से रात होने को आ गयी पर रेशमा कहाँ हो तुम
बस एक बार आ जाओ ,
मैं हॉल मे चक्कर लगाते हुए रेशमा का इंतज़ार कर रहा था
मैं सोच रहा था कि क्या किया जाए , कहाँ हो सकती है रेशमा
ऐसे सोचते हुए मेरे दिमाग़ की लाइट जल गयी
मैं भाग कर रेशमा के बेडरूम मे गया
बेडरूम.मे रेशमा की एक तस्वीर थी
ये तस्वीर पास के एक मंदिर की थी
उस तस्वीर को ध्यान से देखा तो मेरे समझ मे आ गया कि रेशमा कहाँ होगी
तस्वीर के एक कॉर्नर मे मुझे केक का कॉर्नर दिखा
मतलब पिछले साल रेशमा ने अपना बर्तडे मंदिर मे मनाया था
वहाँ भी वो अकेली थी
पूरी सज कर थी लेकिन उसके चेहरे पे अकेलापन सॉफ दिख रहा था
अब समझा कि मिसेज़ गुप्ता क्या कहना चाहती थी
बर्तडे पर ज़्यादातर लोग कहाँ जाते है , मंदिर मे
और जो अकेले होते है तो हम खास मंदिर मे जाते है ये दुआ करने कि अगले बर्तडे पे वो
अकेला ना हो
रेशमा भी वही होगी
रेशमा का पता चलते ही मैं ने उसके पास जाने के लिए एक सेकेंड भी नही गवाया
वो मंदिर पास मे ही था
मैं भाग कर ही उस मंदिर के पास आ गया
मंदिर बंद हो रहा था
रात हो चुकी थी और मंदिर मे कोई दिख नही रहा था सिवाय मंदिर के लोगो के
फिर भी मैं मंदिर मे रेशमा को देखने लगा
मंदिर के पंडितजी ने कहा कि यहाँ अब कोई नही है ,
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा यही होगी
पर मंदिर के बंद होते ही मुझे यहाँ से जाना लड़ा
एक उम्मीद दिखी थी
पर रेशमा फिर भी नही मिली
मैं निराश होकर जा रहा था कि मुझे मंदिर के कॉंपाउंड के लेफ्ट साइड मे एक कार दिखाई दी
दूर से कुछ खास पता नही चला पर अंदर से आवज़ आ रही थी कि एक बार जाकर देख लूँ
जब मैं कार के पास गया तो मेरे खुशी का कोई ठिकाना नही था
ये कार रेशमा की थी
कार मे रेशमा नही थी मतलब रेशमा मंदिर मे ही है
पर मंदिर तो बंद हो गया और पंडितजी भी अपने घर गये है
कही मंदिर के पीछे वाले गार्डन जैसे पेड़ो के मैदान मे तो नही है रेशमा
वही हो सकती है , उस तस्वीर मे भी पेड़ दिख रहे थे
मैं ने इधर उधर देखा और कॉम्पोन्ड वाल से जंप मार कर अंदर आ गया
मुझे बस रेशमा से मिलना था
मैं रेशमा को इधर उधर देखते हुए मंदिर के पीछे आ गया
मंदिर के पीछे बहुत जगह थी
मैं लग गया रेशमा को ढूँढने मे
रेशमा को आवाज़ भी दे नही सकता था अगर किसी और ने सुन ली तो प्राब्लम होगी
मैं पेड़ो के बीच मे रेशमा को तलाश करने लगा
अंदर जाकर तो मुझे टॉर्च का ईस्तमाल करना पड़ा
कही कही जगह पर खुली जगह थी जहाँ बैठ कर आराम किया जा सकता है
दिन का टाइम होता तो तस्वीर वाली जगह जल्दी मिल जाती
पर दिल से माँगो तो मिल ही जाता है
मुझे ऐसा लगा कि पेड़ के नीचे कोई बैठ कर आसमान की तरफ देख रहा है
मैं ने ठीक से देखा तो कोई औरत दिखाई दी
मैं उसके पास गया तो ये कोई और नही रेशमा ही थी
रेशमा , मेरी रेशमा थी
रेशमा को देखते ही मैं भाग कर उसको गले लगाना चाहता था
पर मेरी नज़र रेशमा के मायूस चेहरे की तरफ गयी
रेशमा आसमान मे निकले चाँद की तरफ बिना पलकें झुकाए देख रही थी
पता नही क्या सोच रही होगी रेशमा
पर इस तरह रेशमा को अकेला देख कर बड़ा दुख हुआ
रेशमा को डर भी नही था कि यहाँ रात मे वो अकेली है
उसको तो होश ही नही था
रेशमा खो गयी थी आसमान की दुनिया मे
शायद आसमान के तारों की तरह अकेली हो गयी थी
अजीब अजीब ख़याल आ जाते है जब कोई अकेला होता है
किसी को भी अपना साथी बना लेता है
ऐसे ही रेशमा ने इस जगह और आसमान के तारों को अपना साथी बनाया हो
रेशमा की इस हालत का ज़िम्मेदार मैं ही था
रेशमा ने अकेले जीना सीख लिया था पर मेरी वजह से वो जीना क्या होता है ये तक भूल गयी थी
उसकी बची हुई हसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा को ऐसे देख कर मेरी आँख मे आँसू आ गये
पर मुझे रेशमा के आँसुओं को खुशियों मे बदलना था
मैं अब कभी रेशमा को अकेला नही पड़ने दूँगा
मैं रेशमा को प्यार करने की ज़िद्द कभी नही करूँगा
अगर रेशमा मुझे दोस्त बना कर ही रखना चाहती है तो यही सही
पर रेशमा इस तरह उदास होने नही दूँगा
मैं रेशमा के आसू को मोती मे बदलने के लिए उसके पास गया
रेशमा तो होश ही खो चुकी थी जिस से उसको पता भी नही चला कि मैं उसके पास आ गया हूँ
रेशमा की तरफ से रेस्पॉन्स ना पा कर मैं उसके पास बैठ कर उसको आसमान की दुनियाँ से
ज़मीन पर वापस लाने लगा
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