11-08-2019, 01:38 PM
Update 8 ( मुहिम पार्ट - 2 ) वीर ने कॉल उठाया ओर बोला हैलो पापा आप केसे है ये सुनते ही ठाकुर रघुवीर खुश हो गया गया ओर अपना सीना गर्व से चौड़ा करते हुए बोला हा वीर बेटा केसे हो । आज कल अपने बाप को कॉल नही करते तुम भी नही करते और तेरे जिगरी मासा जी भी नही करते । कैसे हो। वीर तो इस समय आराम से चैनल प्रेस्टन के उपर था। चैनल की चूत में अपना तगड़ा लण्ड डाले हुए। वीर ने कैसे हो का जवाब देते हुए एक तेज धक्का चैनल को लगाया चैनल पूरी हिल गयी। फिर वीर बोला ठाकुर रघुवीर से बस पापा ठिक हु ओर अभी एक अर्जेंट काम कर रहा हु पर आपसे बात करने से ज्यादा जरूरी नही है। फिर रघुवीर ओर वीर दोनों बात करने लगे। वीर बोला कि पापा अब बस कुछ ही दिनों में मुझे द मल्टीपल डॉक्टर ऑफ अमेरिकन का सर्टिफिकेट मिल जायेगा ओर में एक प्रॉपर डॉक्टर बन जाऊँगा। ये सुनते ही ठाकुर रघुवीर बोला कि यह कही ना तुमने ठाकुरो वाली बात बेटा। फिर बाप बेटे में ऐसे है कुछ साधारण सामान्य बाते चलती रही। वीर के नीचे लेटी हुई चैनल बार बार वीर को इंग्लिश में बात करने का का बोल रही थी पर वीर हमेशा अपने पिताजी से हिन्दी मे ही बात करता था ऐसा नही था कि रघुवीर को इंग्लिश नही आती थी पर रघुवीर इंग्लिश बोलना भी और समझना भी जानता था पर बाप बेटे हमेशा हिन्दी मे ही बात करते थे। वीर के नीचे लेटी चैनल अब थोड़ा बोर हो रही थी यही देखते हुए वीर ने फटा फट अपने पिताजी से बात करी ओर फ़ोन को एक साइड रखते हुए चैनल के गुलाबी होटो को अपने होटो में लेकर किस करना शुरू कर दिया। वीर ने एक परफेक्ट चुम्बन करते हुए चेनल की चुत को अपने एक हाथ की उंगली से सहलाने लगा और दूसरा हाथ से उसके निप्पल को दबाने लगा जिससे चैनल अब बिलकुल गरम हो गयी थी। कुछ टाइम यही करते हुए वीर ने अपने होटो को चैनल के गुलाबी होटो से अलग किया और उसके एक बड़े व गुलाबी निप्पल या चुचे को अपने मुह में लेकर चूसने लगा । वीर एक दम आहिस्ता से व धीरे से चैनल के निप्पल को चूस रहा था जिससे उसे दर्द ना हो। अब वीर ने ज्यादा समय ना लगाते हुए अपना बड़ा व कड़क लण्ड को सीधे चैनल की चूत पर गुमाने लगा और चैनल जैसे ही आहे भर रही थी वीर ने अपना लण्ड उसकी चुत में डाल दिया और धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू किये। अब धक्कों की गति को वीर तेज करने लगा और चैनल के निप्पल को चूसना छोड़ कर अब एक हाथ उसकी कमर पर दूसरा उसकी जंगो पर रखने लगा। उधर चैनल भी वीर गरम कर रही थी फक मी वीर फक मी। वीर ने अब अपना 7 इंच लण्ड चैनल की चूत की गहराइयों में उतार दिया था और चैनल थोड़ा दर्द से चिल्लाई आह आह वीर ओह वीर फकिंग मी ऑन योर हार्ड डिक। वीर केमोन कृष मी फक मी। वीर ने अब धक्के तेज कर दिये थे और अब चेनल भी मममममम हहहहह आह आह आह ओह फक की आवाजें निकालने लगी। अब कुछ 5 से 7 मिनट तगड़े धक्कों के बाद वीर जड़ने वाला था पर वीर चैनल के अन्दर नही जड़ा । वीर ने अपने लण्ड बाहर निकाला वैसे ही चैनल समझ गयी और गुटनो के बल बैठ गयी फिर वीर ने कमशोट किया यानी कि चैनल के मुँह पर ही अपना वीर्य या सफेद गाढ़ा पानी गिराने लगा। चैनल के मुँह पर वीर्य गिराने के बाद चैनल ने वीर का लण्ड अपने मुँह में ले लिया और किसी लेलीपोप की तरह चाटने लगी और अपने गुलाबी होटो के अन्दर बाहर करने लगी। अब चैनल वीर का लण्ड अच्छे से साफ कर चुकी थी उसके लण्ड के अन्दर के वीर्य को भी चूस कर अपने अन्दर घटक लिया था। अब वीर थोड़ा थक सा गया था पर वो उन लोगो मे से नही था जो सिर्फ खुद के संतुष्ट होने को ही एक पुर्ण सेक्स समजते है अपने पार्टनर की संतुष्टि से कोई मतलब नही होता। वीर थोड़ा अलग था उसको खुद से ज्यादा अपने पार्टनर के संतुष्ट होने या न होने से फर्क पड़ता था। वीर ने देखा कि जैसे ही चैनल वीर का सारा वीर्य निकाल चुकी है वैसे ही वीर ने अपनी दो उंगली चैनल की गुलाबी चुत कर अन्दर डाल दी। औऱ धीरे से अंदर बाहर करने लगा। अब चैनल वापस गरम होने लगी ओर जल्दी से जड़ गयीं। उसकी चुत से निकलने वाले पानी को वीर चाटने लगा। ऐसा नही था के वीर वापस सेक्स करके चैनल को संतुष्ट नही कर सकता था वो वापस सेक्स कर सकता था पर उसको शाम को अपनी गर्लफ्रैंड के साथ अपने दोस्त की पार्टी में जाना था इसलिए उसने चैनल को फिंगर से संतुष्ट करना सही समजा। अब चैनल फ्रेश होने के लिए बाथरूम में गयी और एक शावर में नहा कर वापस बाहर आयी और एक सेक्सी सी हरी कलर की स्कर्ट पहन कर सोफे पर बैठ गयी। कुछ ऐसे ही चैनल फिर वीर भी एक एस्टीम बाथ या शावर में नहा कर वापस आया। अपने सामने चैनल को ऐसे देख कर मुस्कराया ओर और बोला वाओ चैनल यु लुक प्रीटी गुड। फिर कुछ चैनल और वीर के बीच मे नॉर्मल बाते होती रही। वीर फिर चैनल को बाय बोल कर चैनल के घर से निकल गया। अब हम चलते है यहा से सात समुद्र दुर यानी कि हमारे गाँव विजयपुर में। विजयपुर में अभी रात हो रही थी। ठाकुर रघुवीर अपने रूम की बालकनी में खड़ा होकर गेट नंबर 1 की और देख रहा था। वही हमेशा की तरह रघुवीर जहाँ खड़ा था वहां से पीछे बेड पर ठकुराईन यानी कि पादमिनी एक सेक्सी सी पिले रंग की नाइटी पहन कर लेटी हुई किताब पढ़ रही थी। फिर रघुवीर आया और पादमिनी से बात करने लगा कि हवेली में सब आ गये है और ये नालायक जय अभी तक नही आया है। बेचारी उस बच्ची यानीं की रघुवीर ठाकुर की छोटी बहू राशी की जिंदगी खराब कर दी है इस नालायक जय ने। फिर पदमिनि बोली कि ये कोनसी नयी बात है ये तो रोज का है। और आज तुमको बहुत ज्यादा ही राशी बहु की चिन्ता हो रही है क्या बात है। ठाकुर रघुवीर थोड़ा गुस्से में आकर बोला कि पादमिनी तुम तो बस गलत ही सोचो जिसने राशी के पिता को खुश रखने का वचन दिया हो उसे तो चिन्ता होगी ही ना। तुम तो मस्ती से किताब पढ़ो। ये गधा जय भी कहा पर होगा। जय तो इस समय अपने एक बार मे बैठा था ओर अपने तीन लफंगे दोस्तो के साथ पाउडर या ट्रक्स सूंघ रहा था। ओर उसके दो बॉडीगार्ड बाहर खड़े थे। जय फिर थोड़ा ट्रक्स के नशे में अपने एक दोस्त से बोलने लगा मादरचोद साले ये पावडर का तो नशा ही नही चढ़ रहा है कहा से लेकर आया है चूतिये ऐसा पाउडर अपनी गाँड़ मरवा कर लाया है क्या चूतिये । फिर उसके दोस्त ने कहा जो खुद भी नशे में था अब चोदू ये पाउडर में नही वो शोर्यगढ़ वाले चमन ने भिजवाया है। बोल रहा था कि ये पाउडर अभी पंजाब के एक गाँव से आया है इसको टेस्ट करके देखो सही लगे तो इसका ऑर्डर कर देंगे । जय बोला साले कुत्ते ये क्या गंदगी इससे तो मुझको कोई नशा ही नही हो लगता है उस चमन की गाँड़ मारनी पड़ेगी। फिर जय थोड़ा लड़खड़ाते हुए खड़ा हुआ और हवेली की औऱ निकलने लगा। जय की थार यानी कि गाड़ी कुछ इस प्रकार की थी । फिर लड़खड़ाते हुए जय अपनी गाड़ी में बैठा और उसके साथ उसके दोनों बॉडीगार्ड भी बैठ गये। और फिर गाड़ी हवेली की ओर निकल गयी। इधर हवेली के पीछे सर्वेन्ट क्वाटर के एक अंधरे से भरे रूम में इक़बाल लेटा हुआ था वो लेटे लेटे यही सोच रहा था कि उस गाड़ी के ड्राइवर का मर्डर किसने किया और मर्डर करके कही उसने मुझको करीना मैडम के साथ देख तो नही लिया। था कोन ये करने वाला। फिर जैसे ही वो करीना के बारे में सोचने लगा उसके दिमाग मे करीना का फिगर उसकी कमर और उसकी चुत दिमाग मे गुमने लगे। करीना के बारे में सोचते सोचते उसके दिमाग मे एक जटका लगा कि कही किसी ने मुझको करीना के साथ देखा ये बात ठाकुर रघुवीर को बता दिया तो ये ठाकुर साला मुझको कच्चा चबा जायेगा। मेरी लाश भी नही मिलेगी। फिर कुछ ऐसे ही सोचते हुए लेटे रहा। इधर नशे में जय अपनी जिद करते हुए गाड़ी चलाने लगा उसके दोनों बॉडीगार्ड ने मना किया पर जय नशे में किसी की बात नही सुनता था । जय ने नशे में ही गाड़ी को एक गलत रोड या रास्ते पर ले गया उसके बॉडीगार्ड बोलने लगे कि जय भईया ये रास्ता हमारे वाला नही है हम रोज इस रास्ते से नही जाते। फिर जय बोला कि रास्ता जाता तो हवेली की और ही तो है। पर उसमें से एक बॉडीगार्ड बोला कि नही जय भईया जाता तो ये हवेली की ओर ही है पर ये रास्ता सुनसान है और लोग भी कहते है कि ये रास्ता भूतिया या श्रापित है। रात को तो यहाँ कोई नही आता। फिर जय थोड़ा गुस्से में बोल अबे चूतियों में ठाकुर हु जय ठाकुर किसी से नही डरता। किसकी मा चुदानी है जो मेरे बीच मे आयेगा और ये बोलते हुए अपनी थार गाडी को भगाने लगा । रास्ता काफी सुनसान ओर डरावना था कुछ इस प्रकार और आस पास जंगल का माहौल कुछ ऐसा चारों तरफ गहरा जंगल और थोड़ा कोहरा । फिर जय की गाड़ी अपनी रफतार से जंगल के संन्नाटे को काटती हुई चल रही थी के तभी किसी औरत के जोर से चिल्लाने और चिखने की आवाज़ आयी।