11-08-2019, 12:50 AM
(04-08-2019, 03:15 PM)Vikram@ Wrote: Update 32
रेशमा के बिना ये मैं सोच भी नही पा रहा था
पूरा दिन कैसे निकाला ये मैं ही जानता हूँ
रेशमा की याद नही आई ऐसा एक पल भी नही गया
हर पल रेशमा के बारे में सोचता रहा
ऑफीस से आते वक्त तो रेशमा मे इतना खो गया कि दादर की जगह सीएसटी उतर गया
मैं तो उसका आशिक़ भी नही था फिर क्यूँ मैं इतना बेहाल था
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था
मैं जब अपनी बिल्डिंग के पास आया तो सीडियो की जगह लिफ्ट से जाने का सोचा , रेशमा के ना होने से
मैं लिफ्ट से जाने वाला था
मैं लिफ्ट मे आ गया और जैसे ही लिफ्ट का डोर बंद होता किसी ने डोर के बीच मे बॅग डाल दी और डोर खोल
दिया ,
ये रेशमा थी
रेशमा मुझे देखते ही सोच मे पड़ गयी कि वो लिफ्ट के अंदर आए या नही आए
पर पीछे से एक आंटी आ गयी जो 1स्ट फ्लोर पर रहती है लेकिन मोटी होने से लिफ्ट का ईस्तमाल करती है
उनकी वजह से रेशमा को लिफ्ट मे आना ही पड़ा
मैं तो आगे की तरफ खड़ा था तो रेशमा पीछे हो गयी और आंटी मेरे साथ साथ खड़ी रही
आंटी तो 1स्ट फ्लोर पर चली गयी
अब तो लिफ्ट मे सिर्फ़ मैं और रेशमा ही थे
आज दिन भर से रेशमा की यादो मे खोया था
पर अब रेशमा के साथ अकेले लिफ्ट मे था
रेशमा से बात करने का अच्छा मोका था पर हिम्मत नही हो रही थी
मेरे तो हाथ पैर काप रहे थे
ऐसा पहली बार हुआ कि मैं एक औरत से डर रहा था
मेरा मुँह तो जैसे सिल गया था
रेशना भी अपने हाथो के साथ खेल रही थी
मैं चाह रहा था कि रेशमा बात करे और रेशमा सोच रही होगी कि मुझे बात शुरू करनी चाहिए
दोनो अनकंफर्टबल महसूस कर रहे थे
हमे तो पसीना आ रहा था
गला सुख गया था जिस से बात करने को जितनी ताक़त लगा रहा था फिर भी मुँह से आवाज़ नही आ रही थी
एक औरत के लिए किसी भी बात की शुरुआत करना बड़ा मुश्किल होता है
और मैं एक मर्द होते हुए भी हिम्मत जुटा नही पा रहा था
इस बीच कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना भी मैं नही कर पा रहा था
मुझसे और कंट्रोल नही हुआ
और मैं ने रेशमा को किस कर दिया
जहाँ मैं बात करने को डर रहा था वहाँ मैं ने डाइरेक्ट किस कर दिया
किस करके छोड़ दिया ऐसा भी नही था
मैं किस करता ही गया
रेशमा के होंठो को चूसने लगा
रेशमा के नाम.की तरह थे उसके होंठ
उसके गुलाबी होंठो का रस पी कर तो मेरे गले को आराम मिला
रेशमा का रस पी कर तो मुझ मे नई जान आ गयी
मैं तो जन्नत मे चला गया
जिस को आज दिन भर याद किया वो भी मुझे किस करके प्यार कर रही थी
रेशमा के रेस्पॉन्स मिलते ही मैं तो डबल खुश हुआ
रेशमा का रेस्पॉन्स मेरे लिए माफी जैसा था
सोचा नही था कि एक दिन की जुदाई हमे इतने करीब लेकर आएगी
ऐसा पता होता तो कब का दूर जाके पास आ जाता
लिफ्ट मे किस करने से हमे डर भी लग नही रहा था
हम तो किस करते हुए पूरी तरह से खो गये थे
इस किस को मैं कभी भूलूंगा नही
ये मेरे लिए सब कुछ था
इतना प्यार मिल रहा था रेशमा की तरफ से कि क्या बताऊ
मैं तो रेशमा को किस करते हुए उसके बदन को छु रहा था मसल रहा था
रेशमा की कमर पे तो हाथ घुमा कर उसकी नाभि को छू रहा था
रेशमा को अब तो उठा कर मैं बेड पर ले जाउन्गा
अब इस किस का अंत हमारे एक होने पर होगा
रेशमा को आज इतना प्यार दूँगा कि वो पूरी तरह से मेरी होगी
रेशमा के बूब्स प्रेस करने से उनकी सॉफ्टनेस मे खो सा गया मैं
क्या बताऊ
मरे हुए इंसान मे फिर से जान आ गयी है ऐसा लग रहा था
रेशमा मेरी हो गयी
अब मैं रेशमा को खुद से दूर नही करूँगा
रेशमा के किस मे मैं पूरी तरह से खो गया था
मुझे तो लग रहा था कि लाइट चली जाए और हम लिफ्ट मे फसे रहे
या ये पल यही थम जाए
मैं रेशमा के साथ ही रहूं इस लिफ्ट मे ज़िंदगी भरके लिए
क्या क्या ख़याल आ रहे थे
इतने देर से किस कर रहा था पर रेशमा रुक ही नही रही थी
और टिंग की आवज़ के साथ धडाम से मैं नीचे गिर गया
लिफ्ट का डोर खुलते ही मैं लिफ्ट से बाहर गिर गया
ये क्या हो गया
रेशमा तो मुझे किस कर रही थी
.मेरा साथ दे रही थी
फिर उसने धक्का क्यूँ दिया
मैं कुछ समझ ही नही पाया
रेशमा को हुआ क्या है
मुझे हुआ क्या है ? ये बड़ा सवाल था
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(10-08-2019, 11:03 PM)Vikram@ Wrote: Update 36मस्त अपडेट पर थोड़े और ज्यादा बड़े अपडेट दो
मैं ने रूम चेंज करने का सोच लिया
ये मेरा फाइनल डिसिशन था
रेशमा मेरे फ़ैसले से दुखी थी
उसने तो मायके जाने का इरादा भी कॅन्सल कर दिया
रेशमा पूरी तरह से टूट गयी थी मेरी वजह से
उसके दिल मे क्या है ये मैं जान भी नही पाया
शायद वो मुझे प्यार करने लगी थी
लेकिन मैं ने सारे रास्ते ख़तम कर दिए थे
उसकी तो बची हुई हँसी भी छीन ली थी मैं ने
रेशमा उस दिन के बाद ऑफीस गयी ही नही
बस अपने अपार्टमेंट मे अकेली पूरा दिन बिताने लगी
बाल्कनी का डोर तो अब हमेशा के लिए बंद हो गया था
मिसेज़ गुप्ता से पता चला कि उनसे भी बात नही की रेशमा ने
रेशमा को हुआ क्या है
मिसेज़ गुप्ता जब उसके यहाँ गयी तो मैं ने चुपके रेशमा को देखा
रेशमा की हालत देख कर खुद पे गुस्सा आ रहा था
रेशमा से अच्छे तो रास्ते के भिकारी दिखते है
रेशमा की तारीफ करते मैं थकता नही था उसको ऐसे देख कर मेरे दिल मे दर्द की सूनामी उठने
लगी
रेशमा को कभी ऐसे भी देख पाउन्गा सोचा नही था
बाल बिखरे हुए जैसे सालो से कंघी ना की हो
साड़ी ज़बरदस्ती पहनी गयी हो
आँख के पास ब्लॅक स्पॉट आ गये थे
चेहरे का तेज़ तो गायब हो गया था
उसके चेहरे हँसी दिखाई भी नही दी
झूठी हसी तो होती ही थी पर वो भी नही दिखाई दी
मिसेज़ गुप्ता तो रेशमा को ऐसे देख कर टेन्षन मे आ गयी
पर रेशमा ने बीमारी का नाटक किया ,
पर मैं जानता था कि रेशमा को कौनसी बीमारी हुई है
हम दोनो पड़ोसी को हुआ क्या है ये समझ नही आ रहा था
रेशमा तो देवदासी बन गयी थी
मेरे यहाँ से जाने के फ़ैसले को फिर से सोचना पड़ रहा था
मिसेज़ गुप्ता ने मुझे बताया कि रेशमा को कोई बात खाए जा रही है
रेशमा किसी बात को लेकर कन्फ्यूज़ है
मिसेज़ गुप्ता के लिए उनकी बेटी जैसी थी रेशमा तो उनको चिंता हो रही थी
रेशमा की चिंता तो मुझे भी हो रही थी
रेशमा को प्यार की ज़रूरत है
ऐसे प्यार की जो उसकी लाइफ को खुशियों से भर दे
रेशमा को ये प्यार मुझसे मिले शायद ये वो चाहती थी
पर मैं अब कोई पहल नही कर रहा था
रेशमा मेरे दिल मे बस गयी थी
माला से ज़्यादा मैं रेशमा के बारे में सोच रहा था
रेशमा ही मेरे लिए सब कुछ बन गयी थी
रेशमा के बारे में सोचते हुए वो दिन भी आ गया जब मैं अपना समान शिफ्ट करने वाला था
मेरा दिल कह रहा था कि रेशमा से दूर मत जा
और दिमाग़ कह रहा था कि रेशमा को खुद से दूर करो
मैं इसी दुविधा मे अपना समान पॅक कर रहा था
ज़्यादा कुछ नही था
सब कुछ जल्दी पॅक हो गया
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था
मिसेज़ गुप्ता मेरे अपार्टमेंट मे आ गयी
अवी- आप , आइए
मिसेज़ गुप्ता- तुम जा रहे हो ऐसा सुना है
अवी- हाँ ,
मिसेज़ गुप्ता- क्यूँ यहाँ अच्छा नही लग रहा
अवी- ऐसी बात नही है
मिसेज़ गुप्ता- मैं भी क्या पूछ रही हूँ , तुम अपने मर्ज़ी के मालिक हो , जब चाहो तब जा सकते हो ,
मैं ही तुम्हें अपने बेटे जैसा मानने लगी थी
अवी- मैं आपको आंटी की तरह
मिसेज़ गुप्ता- अजीब रिस्ता बन गया कुछ महीनो मे ,हैना
अवी- हाँ , और मैं जहाँ भी जाउ आपसे मिलने ज़रूर आउन्गा
मिसेज़ गुप्ता- मैं घुमा फिरा कर बात नही करूँगी , देखो तुमसे ज़्यादा दुनिया देखी है , इन आँखो से
कुछ छुप नही पाया है
अवी- आप कहना क्या चाहती है ,
मिसेज़ गुप्ता- तुम और रेशमा एक दूसरे से प्यार करते हो ना
अवी- ये आप क्या कह रही हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा मुझे अपनी सहेली माँ दादी सब कुछ मानती है , और वो मुझसे कुछ छुपा
नही पाई
अवी- आप ग़लत समझ रही है
मिसेज़ गुप्ता- दुनिया देखी है मैं ने , ये बाल धूप मे सफेद नही हुए है , जब से तुम आए हो तब
से देख रही हूँ रेशमा मे कैसे बदलाव आ रहे है
अवी- रेशमा ने क्या कहा आपसे
मिसेज़ गुप्ता- वो पगली क्या कहेगी , उसके आँसू सब बता गये , उसकी हालत बता गयी कि क्या हुआ है
अवी- मुझे उस से दूर जाने का दिल नही कर रहा है , पर वो नही चाहती कि मैं उसके पास रहूं
मिसेज़ गुप्ता- वो तो तुम्हारे साथ ज़िंदगी भर रहना चाहती है
अवी- क्या ?
मिसेज़ गुप्ता-रेशमा एक औरत है , ये तुम भूल रहे हो , वो खुद ये नही कहेगी , तुम्हें समझना
चाहिए उसके दिल की बात
अवी- ट्राइ किया पर उसने कुछ जवाब नही दिया , मैं बताया कि मैं उसका दोस्त नही उसका प्यार बनके
रहना चाहता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- वो बिचारी प्यार के नाम से डरती है , कब से अकेली है वो , उसको तो अकेले रहना ही अच्छा
लगता था , उसी को उसने अपनी लाइफ बना लिया था , पर तुम आए और उसको हँसी क्या होती है वो पता
चला , तुमने उसको जीना सिखाया और अब तुम उसको अकेला छोड़ कर जा रहे हो
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा तुम्हारे जाने से बिखर जाएगी , क्या पता वो स्यूयिसाइड कर ले ,
अवी- ये आप क्या बोल रही है
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा सिर्फ़ एक बार प्यार हुआ है और वो तुमसे हुआ है , अगर प्यार दूर चला जाए तो कोई
कैसे जी सकता है
अवी- वो शादी शुदा है
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें ये तब सोचना चाहिए था जब तुमने उसकी ज़िंदगी मे आने का सोचा था ,
अवी- तब मुझे तन की भूख थी पर रेशमा को मिलते ही प्यार की भूक बन गयी ,
मिसेज़ गुप्ता- तो अपनी भूक मिटा लो
अवी- मैं रेशमा से शादी करने को भी तैयार हूँ पर मैं ने किसी और को वादा किया है
मिसेज़ गुप्ता- बताया था तुमने
अवी- तो आप ही बताइए मैं क्या करूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा को बस थोडा सा प्यार दो
अवी- मतलब
मिसेज़ गुप्ता- प्यार का अंज़ाम शादी ही हो ये ज़रूरी नही होता , पुराणो मे भी लिखा है ,
अवी- क्या लिखा है पुराणो मे
मिसेज़ गुप्ता-ये तुम खुद पढ़ लेना ,
अवी- पढ़ा है ,राजशर्मा लव स्टोरी
मिसेज़ गुप्ता- तुम्हें तो सब पता है , तुम अपनी ज़िंदगी जियो , रेशमा को उसकी ज़िंदगी जीने दो , साथ ही
तुम दोनो अपनी सीक्रेट ज़िंदगी भी जीते रहो
अवी- रेशमा ये चाहती है
मिसेज़ गुप्ता- चाहती तो वो बहुत कुछ है , पर तुम क्या चाहते हो वो इम्पोर्टेंट है , क्या पता तुम जो चाहो
वो रेशमा भी चाहने लगे
अवी- मैं रेशमा से बात करता हूँ
मिसेज़ गुप्ता- रेशमा अपने अपार्टमेंट मे नही है
अवी- कहाँ गयी
मिसेज़ गुप्ता- मुझे नही पता
अवी- आपको कुछ तो बताया होगा
मिसेज़ गुप्ता- मैं सुबह जब रेशमा को विश करने गयी तो वो अपार्टमेंट मे नही थी
अवी- किस बात की विश
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है
अवी- व्हाट
मिसेज़ गुप्ता- और तुमने दिन भी जाने का ऐसा चुना कि क्या बताऊ ,
अवी- मुझे बिल्कुल भी पता नही था कि आज उसका बर्तडे है
मिसेज़ गुप्ता- पता है , पर तुम जाकर उसकी ढुंढ़ो , कहीं वो खुद को कुछ कर ना दे
अवी- क्या वो ऐसा कर सकती है
मिसेज़ गुप्ता- एक औरत के दिल मे प्यार ना हो तो वो कुछ भी कर सकती है
अवी- कुछ तो बताइए कि वो कहाँ जा सकती है
मिसेज़ गुप्ता- तुम खुद से पूछो कि वो कहाँ जा सकती है
अवी- मैं खुद ढूँढ लूँगा उसको
मिसेज़ गुप्ता- आज उसका बर्तडे है , तो आज उसका नया जनम हो रहा है , कल नयी रेशमा को देखना
चाहूँगी
अवी- एक शरत पर कि आप ये सीक्रेट अपने तक राकेंगी
मिसेज़ गुप्ता- मैं बस रेशमा को खुश देखना चाहती हूँ , रेशमा को मत बताना कि मुझे तुम दोनो
के बारे में पता है
और मैं भी मिस्टर गुप्ता को नही बताउन्गी
मिसेज़ गुप्ता ने बताया कि रेशमा के दिल मे क्या है
रेशमा मुझसे इतना प्यार करती है
एक बार इशारा तो करती
अच्छा हुआ मिसेज़ गुप्ता ने रेशमा के दिल की बात बताई
और आज उसका बर्तडे है
इतनी बड़ी बात भी भूल गया मैं और आज मैं यहाँ से जा रहा था
रेशमा के लिए कितना मुश्किल होगा ये दिन
मुझे जल्दी उसको ढूँढना होगा
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