09-08-2019, 07:02 PM
मैं- जो हुआ बहुत अच्छा हुआ। अब अन्तर्वासना का समाधान हो जाए। तुम्हारे सपनों का लन्ड तुम्हारी चूत की खुजली मिटाने के लिए तत्पर है।
उपासना- क्या कभी आपके मन में मेरे लिए वासना जागृत नहीं हुई?
मैं- सच बताऊं तो जब तक हम हमारे गांव में रहते थे तब तक तो नहीं। फिर इस बदलाव वाले जीवन अर्थात अदला-बदली वाले जीवन की शुरुआत करने के बाद दिल काफी बिगड़ गया। यह एक ऐसा नशा है जो कभी दिमाग से नहीं उतरता। एक भी ऐसी सुंदर वैवाहिक स्त्री नहीं बची होगी जिसे मैंने देखा होगा और उसके साथ अदला-बदली करके चुदाई के बारे में नहीं सोचा होगा। अदला-बदली करके चुदाई करने में जो सुख है वह चोरी छुपे महिला मित्र और पुरुष मित्र से चुदाई करने में नहीं। इसका नशा कुछ अलग ही है।
श्लोक और सीमा के बाद जब तुम उनकी जगह यहाँ आए तो तुम्हारे बारे में भी ऐसे विचार आना स्वाभाविक था। लेकिन विक्रम को देखते हुए मैंने उनको अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। मुझे लगा कि विक्रम को इस खेल में शामिल न ही किया जाए तो सही रहेगा क्योंकि वह सीधा है। लेकिन मुझे क्या पता था वह जलेबी की तरह सीधा निकलेगा।
एक बार तुम नहाने के बाद छत पर कपड़े सुखाने टॉवल में ही चली गई थी। यह दिन का समय था जिस वक्त मैं ऑफिस में हुआ करता था। लेकिन उस दिन मैं ऑफिस नहीं गया था। इसके बारे में तुम्हें पता नहीं था। तुमने सोचा घर पर केवल तृप्ति और तुम ही हो। तुमने अपने स्तनों पर टॉवल लपेटकर अपने कूल्हे व स्तन ढक रखे थे। उस वक्त मैं ऊपर वाले कमरे में ही था। तुम्हें इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन जब मैंने अंदर से तुम्हें देखा तो देखता ही रह गया।
उस दिन मैंने तुम्हारे उभरे हुए स्तनों का आकार तथा गोरी भरी हुई मोटी जांघें देखीं। जिसने मेरे लंड में हलचल मचा दी। मैं तब तक तुम्हें निहारता रहा जब तक तुम मेरी नजरों से ओझल नहीं हो गई। तुम्हें देख कर मुझे टेलीविजन अभिनेत्री रश्मि देसाई को इस प्रकार देखने की अनुभूति हुई। मैंने इंटरनेट पर उसका एक भी वीडियो नहीं छोड़ा और सब तुम्हारी दीवानगी में देखता गया। बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाने पर मैंने तृप्ति को उपासना समझकर जोरदार तरीके से चोदा और ऐसा मैं सप्ताह में कम से कम 4 बार करता था। इसीलिए तृप्ति और मेरा संभोग जीवन सफल है क्योंकि मुझे भी पता है कि वह भी ख्यालों में किसी और से चुदाई करवाती है और मैं भी ख्यालों में किसी और की चुदाई करता हूं। जिसके बारे में हम एक दूसरे को नहीं बताते। हम तो केवल रणवीर और श्लोक तक की ही बातें करते हैं। बाकी किसे पता कि तृप्ति कितनों से खयालों में चुदी है और मैंने न जाने कितनी चूतों को खयालों में चोदा है।
उपासना- जी, यह बहुत ही अनोखा तरीका है, अपने ख्यालों में किसी और के साथ चुदाई करके अपने मन की इच्छा पूरी करने का। इसका मजा मैंने और विक्रम ने भी काफी लिया है। मुझे बहुत खुशी हुई भैया कि आपने भी मेरे लिए वासना महसूस की। अब तो मजा जरूर आएगा इस चुदाई का। देखो मेरी चूत गीली हो गई है। मुझे भी आपके लंड को खड़ा हुआ देखा नहीं जा रहा। आओ शुरू करते हैं आज का घमासान।
उपासना- क्या कभी आपके मन में मेरे लिए वासना जागृत नहीं हुई?
मैं- सच बताऊं तो जब तक हम हमारे गांव में रहते थे तब तक तो नहीं। फिर इस बदलाव वाले जीवन अर्थात अदला-बदली वाले जीवन की शुरुआत करने के बाद दिल काफी बिगड़ गया। यह एक ऐसा नशा है जो कभी दिमाग से नहीं उतरता। एक भी ऐसी सुंदर वैवाहिक स्त्री नहीं बची होगी जिसे मैंने देखा होगा और उसके साथ अदला-बदली करके चुदाई के बारे में नहीं सोचा होगा। अदला-बदली करके चुदाई करने में जो सुख है वह चोरी छुपे महिला मित्र और पुरुष मित्र से चुदाई करने में नहीं। इसका नशा कुछ अलग ही है।
श्लोक और सीमा के बाद जब तुम उनकी जगह यहाँ आए तो तुम्हारे बारे में भी ऐसे विचार आना स्वाभाविक था। लेकिन विक्रम को देखते हुए मैंने उनको अपने ऊपर हावी होने नहीं दिया। मुझे लगा कि विक्रम को इस खेल में शामिल न ही किया जाए तो सही रहेगा क्योंकि वह सीधा है। लेकिन मुझे क्या पता था वह जलेबी की तरह सीधा निकलेगा।
एक बार तुम नहाने के बाद छत पर कपड़े सुखाने टॉवल में ही चली गई थी। यह दिन का समय था जिस वक्त मैं ऑफिस में हुआ करता था। लेकिन उस दिन मैं ऑफिस नहीं गया था। इसके बारे में तुम्हें पता नहीं था। तुमने सोचा घर पर केवल तृप्ति और तुम ही हो। तुमने अपने स्तनों पर टॉवल लपेटकर अपने कूल्हे व स्तन ढक रखे थे। उस वक्त मैं ऊपर वाले कमरे में ही था। तुम्हें इसके बारे में पता नहीं था। लेकिन जब मैंने अंदर से तुम्हें देखा तो देखता ही रह गया।
उस दिन मैंने तुम्हारे उभरे हुए स्तनों का आकार तथा गोरी भरी हुई मोटी जांघें देखीं। जिसने मेरे लंड में हलचल मचा दी। मैं तब तक तुम्हें निहारता रहा जब तक तुम मेरी नजरों से ओझल नहीं हो गई। तुम्हें देख कर मुझे टेलीविजन अभिनेत्री रश्मि देसाई को इस प्रकार देखने की अनुभूति हुई। मैंने इंटरनेट पर उसका एक भी वीडियो नहीं छोड़ा और सब तुम्हारी दीवानगी में देखता गया। बहुत ज्यादा उत्तेजित हो जाने पर मैंने तृप्ति को उपासना समझकर जोरदार तरीके से चोदा और ऐसा मैं सप्ताह में कम से कम 4 बार करता था। इसीलिए तृप्ति और मेरा संभोग जीवन सफल है क्योंकि मुझे भी पता है कि वह भी ख्यालों में किसी और से चुदाई करवाती है और मैं भी ख्यालों में किसी और की चुदाई करता हूं। जिसके बारे में हम एक दूसरे को नहीं बताते। हम तो केवल रणवीर और श्लोक तक की ही बातें करते हैं। बाकी किसे पता कि तृप्ति कितनों से खयालों में चुदी है और मैंने न जाने कितनी चूतों को खयालों में चोदा है।
उपासना- जी, यह बहुत ही अनोखा तरीका है, अपने ख्यालों में किसी और के साथ चुदाई करके अपने मन की इच्छा पूरी करने का। इसका मजा मैंने और विक्रम ने भी काफी लिया है। मुझे बहुत खुशी हुई भैया कि आपने भी मेरे लिए वासना महसूस की। अब तो मजा जरूर आएगा इस चुदाई का। देखो मेरी चूत गीली हो गई है। मुझे भी आपके लंड को खड़ा हुआ देखा नहीं जा रहा। आओ शुरू करते हैं आज का घमासान।