09-08-2019, 06:51 PM
चुदाई का महासंग्राम शुरू हो गया है दोस्तो। सामूहिकर याराना तो तृप्ति की बात मानने के बाद नहीं संभव हो पा रहा है मगर अलग-अलग तो चुदाई का मजा बदली हुई बीवियों और बदले हुए पतियों द्वारा लिया ही जा सकता था।
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अब आगे विक्रम और तृप्ति की चुदाई का वर्णन जैसा कि विक्रम ने मुझे ऑफिस में बताया:
राजवीर और उपासना के कमरे से निकलते ही विक्रम ने दरवाजे को अंदर से लॉक किया तथा तृप्ति को मुस्कुराते हुए देखा।
तृप्ति- वाह रे मेरे आशिक, मैं कुछ दिन के लिए घर से दूर क्या गई तुमने तो मुझे मेरे ही जन्मदिन पर नंगी करने की व्यवस्था कर ली। कैसे हुआ यह सब?
विक्रम- तुम क्या सोचती हो मेरी जान? तृप्ति उर्फ तृप्ति भाभी। अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए दुनिया भर के लंड लेती फ़िरोगी और हम अपना लंड पकड़े हुए ऐसे ही बैठे रहेंगे? सच बताता हूं, जब मुझे पता चला कि रणवीर ने तुम्हें बुरी तरह से चोदा है तब से मेरे कलेजे पर छुरियां चल गईं थीं। मैंने तभी फैसला किया था कि तुम्हें रणवीर से भी बुरी तरह से चोद दूंगा। अपने भाई को बहनचोद बनाया है तो अपने देवर से चुद कर आज मुझे भी भाभी चोद बनना है।
तृप्ति- ओह ... तो तुम्हें सब पता है। वैसे सच बताऊं तो जब तक तुम्हारे भाई राजवीर ने मुझे अपने दोस्त रणवीर से नहीं चुदवाया था तब तक मैंने राजवीर के अलावा किसी और के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था। लेकिन जब पति अदला-बदली करके नए-नए लंड लेने का चस्का लगा तो फिर मैंने अपने ख्यालों में किसी से भी चुदाई करना नहीं छोड़ा। जब हमने यहां श्लोक और सीमा के साथ चुदाई की और उसके बाद वे चले गए और तुम दोनों यहां आए तो मैंने कई बार मन में सोचा कि कैसे ना कैसे राजवीर तुम्हें भी अदला-बदली की चुदाई के लिए राजी कर ले। कभी-कभी रात में जब मैं राजवीर से चुद रही होती थी तुम मेरे ख्यालों में तुम मेरी चुदाई कर रहे होते थे। असल में राजवीर का लंड मुझे चोद रहा होता था लेकिन मैं ख्यालों में तुम्हारे लंड पर तांडव करती रहती थी।
विक्रम- मैं भी सब कुछ छोड़-छाड़ कर केवल तुम्हारे लिए ही यहां आया हूं। यहां आने के बाद तुम्हें देख-देख कर मेरा हाल बुरा हो जाता था। हमेशा तुम्हें चोदने के ख्वाब देखे हैं। तुम मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला हो जिसे देखकर हमेशा मैंने उत्तेजना महसूस की है। भले ही उपासना का शरीर तुमसे ज्यादा भरा हुआ व उत्तेजना पैदा करने वाला हो किंतु तुम्हारी नजर ही काफी है जो कि किसी पर भी पड़ जाए तो उस पर तुम्हारी वासना का जहर चढ़ जाए।
तृप्ति- ओह बस भी करो विक्रम, बहुत कर लिया वासना का इजहार। निकालो अपनी तलवार करते हैं प्यार।
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अब आगे विक्रम और तृप्ति की चुदाई का वर्णन जैसा कि विक्रम ने मुझे ऑफिस में बताया:
राजवीर और उपासना के कमरे से निकलते ही विक्रम ने दरवाजे को अंदर से लॉक किया तथा तृप्ति को मुस्कुराते हुए देखा।
तृप्ति- वाह रे मेरे आशिक, मैं कुछ दिन के लिए घर से दूर क्या गई तुमने तो मुझे मेरे ही जन्मदिन पर नंगी करने की व्यवस्था कर ली। कैसे हुआ यह सब?
विक्रम- तुम क्या सोचती हो मेरी जान? तृप्ति उर्फ तृप्ति भाभी। अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए दुनिया भर के लंड लेती फ़िरोगी और हम अपना लंड पकड़े हुए ऐसे ही बैठे रहेंगे? सच बताता हूं, जब मुझे पता चला कि रणवीर ने तुम्हें बुरी तरह से चोदा है तब से मेरे कलेजे पर छुरियां चल गईं थीं। मैंने तभी फैसला किया था कि तुम्हें रणवीर से भी बुरी तरह से चोद दूंगा। अपने भाई को बहनचोद बनाया है तो अपने देवर से चुद कर आज मुझे भी भाभी चोद बनना है।
तृप्ति- ओह ... तो तुम्हें सब पता है। वैसे सच बताऊं तो जब तक तुम्हारे भाई राजवीर ने मुझे अपने दोस्त रणवीर से नहीं चुदवाया था तब तक मैंने राजवीर के अलावा किसी और के बारे में कभी गलत नहीं सोचा था। लेकिन जब पति अदला-बदली करके नए-नए लंड लेने का चस्का लगा तो फिर मैंने अपने ख्यालों में किसी से भी चुदाई करना नहीं छोड़ा। जब हमने यहां श्लोक और सीमा के साथ चुदाई की और उसके बाद वे चले गए और तुम दोनों यहां आए तो मैंने कई बार मन में सोचा कि कैसे ना कैसे राजवीर तुम्हें भी अदला-बदली की चुदाई के लिए राजी कर ले। कभी-कभी रात में जब मैं राजवीर से चुद रही होती थी तुम मेरे ख्यालों में तुम मेरी चुदाई कर रहे होते थे। असल में राजवीर का लंड मुझे चोद रहा होता था लेकिन मैं ख्यालों में तुम्हारे लंड पर तांडव करती रहती थी।
विक्रम- मैं भी सब कुछ छोड़-छाड़ कर केवल तुम्हारे लिए ही यहां आया हूं। यहां आने के बाद तुम्हें देख-देख कर मेरा हाल बुरा हो जाता था। हमेशा तुम्हें चोदने के ख्वाब देखे हैं। तुम मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला हो जिसे देखकर हमेशा मैंने उत्तेजना महसूस की है। भले ही उपासना का शरीर तुमसे ज्यादा भरा हुआ व उत्तेजना पैदा करने वाला हो किंतु तुम्हारी नजर ही काफी है जो कि किसी पर भी पड़ जाए तो उस पर तुम्हारी वासना का जहर चढ़ जाए।
तृप्ति- ओह बस भी करो विक्रम, बहुत कर लिया वासना का इजहार। निकालो अपनी तलवार करते हैं प्यार।