09-08-2019, 06:38 PM
दोस्तो, मैं समझ सकता हूँ कि अपने ही भाई से अपनी प्यारी कामुक पत्नी तृप्ति को अपने से बड़े लंड से चुदते हुए देखने का नजारा प्राप्त होने वाला है। मेरी हालत भी आप जैसी ही है। बल्कि उपासना की चूत के बारे में सोच कर तो और ज्यादा बुरी हो रही है।
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तृप्ति को पट्टी बांधने के बाद कुछ पता नहीं चल सकता था कि अब कमरे में क्या हो रहा है? वह किसी को देख भी नहीं सकती थी।
12:00 बजने में अब केवल 10 मिनट बाकी थे। उपासना और विक्रम दरवाजे के बाहर ही खड़े मेरी हरी झंडी का इंतजार कर रहे थे। मेरे निर्देशानुसार दोनों चुपचाप कमरे में आ गए। दोनों को प्लान के अनुसार कुछ बोलना नहीं था।
जैसे ही उपासना ने अंदर तृप्ति को इस तरह बिना कपड़ों के नंगी पड़े हुए देखा तो उसकी धीरे से हंसी छूट गई। इस पर मैंने उसे आंखें दिखा कर डांटा और इशारे से कहा कि वह चुप रहे।
जब विक्रम को देखा तो मैंने पाया कि विक्रम तो बड़े ही ध्यान से तृप्ति को घूर रहा है। उसका हाथ अनायास ही उसके लंड पर चला गया और वह अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगा। इस पर मैंने चुटकी बजाते हुए उसकी तंद्रा तोड़ी और अब जोर से बोला जिससे कि तृप्ति भी सुन सके।
मैं- जैसा कि मेरे प्यारे अदला-बदली बदली के साथियो! आप सबको पता है कि हम यहां मेरी सुंदर सेक्सी बीवी तृप्ति के जन्मदिन के मौके पर उसे बहुत ही भिन्न और मजेदार तरीके से मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
मैंने तृप्ति को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान तृप्ति, अब वे दोनों हमारे साथ हमारे कमरे में है, जो आज हमारी अदला बदली चुदाई का हिस्सा बनने वाले हैं। क्या तुम उत्तेजना महसूस कर रही हो?
इस पर शर्म से गुलाबी चेहरा लिए हुए तृप्ति ने बिना देखे मुस्कुराते हुए धीमे से हां कही।
फिर मैंने साथ में खड़े विक्रम और उपासना से कहा- मेरे प्यारे साथियो, जैसा कि मेरी बीवी तृप्ति पूर्ण रूप से नग्न बिस्तर पर लेटी हुई है, हमें भी उसी प्रकार से पूर्ण रूप से नग्न हो जाना चाहिए। ताकि जब हम उसकी आंखें खोलें तो वह केवल अपने आप को नग्न देख कर असहज महसूस ना करे।
मेरे यह कहने पर उपासना और विक्रम ने मुस्कुराते हुए हामी भरी और जल्दी से अपने आप को अपने कपड़ों से आजाद कर दिया। विक्रम ने जब अपने पूरे कपड़े उतारे तो मैंने देखा कि उसका लंबा लिंग पहले से ही तृप्ति को इस अवस्था में देखकर पूर्ण रूप से कड़क हो कर खड़ा है। विक्रम ने आंखों ही आंखों में देख कर मुझसे पूछा कि मेरा लंड कैसा है?
मैंने भी अपनी उंगलियों से उसकी तरफ इशारा किया- एक नंबर!
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तृप्ति को पट्टी बांधने के बाद कुछ पता नहीं चल सकता था कि अब कमरे में क्या हो रहा है? वह किसी को देख भी नहीं सकती थी।
12:00 बजने में अब केवल 10 मिनट बाकी थे। उपासना और विक्रम दरवाजे के बाहर ही खड़े मेरी हरी झंडी का इंतजार कर रहे थे। मेरे निर्देशानुसार दोनों चुपचाप कमरे में आ गए। दोनों को प्लान के अनुसार कुछ बोलना नहीं था।
जैसे ही उपासना ने अंदर तृप्ति को इस तरह बिना कपड़ों के नंगी पड़े हुए देखा तो उसकी धीरे से हंसी छूट गई। इस पर मैंने उसे आंखें दिखा कर डांटा और इशारे से कहा कि वह चुप रहे।
जब विक्रम को देखा तो मैंने पाया कि विक्रम तो बड़े ही ध्यान से तृप्ति को घूर रहा है। उसका हाथ अनायास ही उसके लंड पर चला गया और वह अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से ही सहलाने लगा। इस पर मैंने चुटकी बजाते हुए उसकी तंद्रा तोड़ी और अब जोर से बोला जिससे कि तृप्ति भी सुन सके।
मैं- जैसा कि मेरे प्यारे अदला-बदली बदली के साथियो! आप सबको पता है कि हम यहां मेरी सुंदर सेक्सी बीवी तृप्ति के जन्मदिन के मौके पर उसे बहुत ही भिन्न और मजेदार तरीके से मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।
मैंने तृप्ति को संबोधित करते हुए कहा- मेरी प्यारी जान तृप्ति, अब वे दोनों हमारे साथ हमारे कमरे में है, जो आज हमारी अदला बदली चुदाई का हिस्सा बनने वाले हैं। क्या तुम उत्तेजना महसूस कर रही हो?
इस पर शर्म से गुलाबी चेहरा लिए हुए तृप्ति ने बिना देखे मुस्कुराते हुए धीमे से हां कही।
फिर मैंने साथ में खड़े विक्रम और उपासना से कहा- मेरे प्यारे साथियो, जैसा कि मेरी बीवी तृप्ति पूर्ण रूप से नग्न बिस्तर पर लेटी हुई है, हमें भी उसी प्रकार से पूर्ण रूप से नग्न हो जाना चाहिए। ताकि जब हम उसकी आंखें खोलें तो वह केवल अपने आप को नग्न देख कर असहज महसूस ना करे।
मेरे यह कहने पर उपासना और विक्रम ने मुस्कुराते हुए हामी भरी और जल्दी से अपने आप को अपने कपड़ों से आजाद कर दिया। विक्रम ने जब अपने पूरे कपड़े उतारे तो मैंने देखा कि उसका लंबा लिंग पहले से ही तृप्ति को इस अवस्था में देखकर पूर्ण रूप से कड़क हो कर खड़ा है। विक्रम ने आंखों ही आंखों में देख कर मुझसे पूछा कि मेरा लंड कैसा है?
मैंने भी अपनी उंगलियों से उसकी तरफ इशारा किया- एक नंबर!