09-08-2019, 06:30 PM
बाथरूम से बाहर निकलकर तृप्ति और मैंने खाना खाया।
करीब 11:30 बज गए थे। अतः मैं अपने प्लान का शुभारंभ करते हुए तृप्ति को हमारे शयनकक्ष में लेकर गया। तृप्ति ने बहुत उत्तेजित करने वाली नाइटी पहन रखी थी जिसे कि मैंने उतरवा दिया और कहा- मेरे पास इससे भी ज्यादा कुछ नया है। तृप्ति को पता नहीं था कि मैं क्या करने वाला हूं। मैंने उससे उसकी नाइटी खोलने की गुजारिश की। इस पर तृप्ति ने मुझसे इंकार किया कि अदला-बदली वाले जोड़े को मैं पहले देखना चाहूंगी और इस तरह सीधे ही ब्रा और पेंटीमें उन्हें नजर नहीं आना चाहती।
इस पर मैंने तृप्ति से कहा- प्लीज मेरी जान, मेरी बात मानो। मैं जो करने जा रहा हूं वह बहुत ही उत्तेजित, उत्साहित करने वाला और रोमांच से भरपूर है। अतः अपने कपड़े उतार कर पूर्ण रूप से नंगी हो जाओ।
इस पर तृप्ति ने मुझे कहा- प्लीज यार राज, पूर्ण रूप से नंगी नहीं। ब्रा और पेंटी में ठीक रहेगा।
लेकिन मेरे दिमाग में करामाती विचार थे। अतः मैंने ब्रा और पेंटी के लिए हामी भर दी। मैंने तृप्ति को बेड पर लेटने के लिए कहा इस पर तृप्ति ने अपनी नाइटी उतारी और लाल रंग की खूबसूरत ब्रा और पेंटी में पलंग पर सीधी पीठ के बल लेट गई और इंतजार करने लगी कि मैं क्या करने वाला हूं। मैंने अपने लैपटॉप बैग से रबड़ वाली वह रस्सियां निकाली जो कि आज मैंने इस मौके के लिए खरीदी थीं।
जैसे ही तृप्ति ने यह देखा तो वह समझ गई कि मैं उसे बांधने वाला हूं। इस पर वह उठ बैठी और बोली- नहीं नहीं ... जब तक मैं दूसरे जोड़े को देख ना लूं, मैं तुम्हारे जाल में बंधने वाली नहीं हूं।
मैंने तृप्ति से कहा- यार जान ... तुम बार-बार यह सवाल करके जन्मदिन का पूरा मजा खराब करने वाली हो। देखो 12:00 बजने वाले हैं और तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने वाला है और मैं चाहता हूं कि तुम्हें तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने का पता कुछ नए अंदाज में चले। जब आज 12:00 बजें और तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो तो यह सबसे नई और खास बात से शुरू होना चाहिए जैसा किसी ने पहले नहीं किया हो।
इस पर तृप्ति ने मुझ पर विश्वास करते हुए हामी भर दी। मैंने पहले तृप्ति की टांगें बेड के दोनों सिरों से इस तरह बांधीं कि तृप्ति की टांगें पूर्ण रूप से चौड़ी हों और उसकी गुलाबी चूत के खुले दर्शन आसानी से हो सकें। जैसे-जैसे मेरी तृप्ति को मैं बांध रहा था तब वह बोल रही थी- मुझे तो सोच-सोच कर ही उत्तेजना हो रही है कि आज मैं किसके सामने इस तरह नंगी लेटने जा रही हूँ। कोई आते ही मुझे इस रूप में देखेगा, यह सोच-सोच कर ही मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है। इस तरह मैंने तृप्ति के हाथ भी बेड के दोनों सिरों से बांध दिए। अतः तृप्ति के दोनों हाथ और पांव खुली फैली हुई अवस्था में बंधे हुए थे। एक प्रकार से देखो तो तृप्ति पूर्ण रूप से असहाय थी कि कोई भी उसके साथ कुछ भी कर सकता है किंतु यह सब तो तृप्ति की मर्जी से ही हो रहा था, यह किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं थी।
वह इस अवस्था में बंधी थी कि कोई सामने से आकर तृप्ति की चूत को चाट सकता है, चोद सकता है, उसके स्तन चूस सकता है, दबा सकता है, उसके कंधों के नीचे वाली जगह, हम अंग्रेजी में जिसे अंडर आर्म कहते हैं, वहां चुम्बन कर सकता है, उनकी भीनी-भीनी खुशबू ले सकता है। यह वास्तव में एक गजब ही उत्तेजक करने वाला दृश्य था। अब मैंने अपने लैपटॉप बैग में से आंखों की एक पट्टी निकाली तथा उसे तृप्ति की आंखों पर बांध दिया।
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करीब 11:30 बज गए थे। अतः मैं अपने प्लान का शुभारंभ करते हुए तृप्ति को हमारे शयनकक्ष में लेकर गया। तृप्ति ने बहुत उत्तेजित करने वाली नाइटी पहन रखी थी जिसे कि मैंने उतरवा दिया और कहा- मेरे पास इससे भी ज्यादा कुछ नया है। तृप्ति को पता नहीं था कि मैं क्या करने वाला हूं। मैंने उससे उसकी नाइटी खोलने की गुजारिश की। इस पर तृप्ति ने मुझसे इंकार किया कि अदला-बदली वाले जोड़े को मैं पहले देखना चाहूंगी और इस तरह सीधे ही ब्रा और पेंटीमें उन्हें नजर नहीं आना चाहती।
इस पर मैंने तृप्ति से कहा- प्लीज मेरी जान, मेरी बात मानो। मैं जो करने जा रहा हूं वह बहुत ही उत्तेजित, उत्साहित करने वाला और रोमांच से भरपूर है। अतः अपने कपड़े उतार कर पूर्ण रूप से नंगी हो जाओ।
इस पर तृप्ति ने मुझे कहा- प्लीज यार राज, पूर्ण रूप से नंगी नहीं। ब्रा और पेंटी में ठीक रहेगा।
लेकिन मेरे दिमाग में करामाती विचार थे। अतः मैंने ब्रा और पेंटी के लिए हामी भर दी। मैंने तृप्ति को बेड पर लेटने के लिए कहा इस पर तृप्ति ने अपनी नाइटी उतारी और लाल रंग की खूबसूरत ब्रा और पेंटी में पलंग पर सीधी पीठ के बल लेट गई और इंतजार करने लगी कि मैं क्या करने वाला हूं। मैंने अपने लैपटॉप बैग से रबड़ वाली वह रस्सियां निकाली जो कि आज मैंने इस मौके के लिए खरीदी थीं।
जैसे ही तृप्ति ने यह देखा तो वह समझ गई कि मैं उसे बांधने वाला हूं। इस पर वह उठ बैठी और बोली- नहीं नहीं ... जब तक मैं दूसरे जोड़े को देख ना लूं, मैं तुम्हारे जाल में बंधने वाली नहीं हूं।
मैंने तृप्ति से कहा- यार जान ... तुम बार-बार यह सवाल करके जन्मदिन का पूरा मजा खराब करने वाली हो। देखो 12:00 बजने वाले हैं और तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने वाला है और मैं चाहता हूं कि तुम्हें तुम्हारा जन्मदिन शुरू होने का पता कुछ नए अंदाज में चले। जब आज 12:00 बजें और तुम्हारा जन्मदिन शुरू हो तो यह सबसे नई और खास बात से शुरू होना चाहिए जैसा किसी ने पहले नहीं किया हो।
इस पर तृप्ति ने मुझ पर विश्वास करते हुए हामी भर दी। मैंने पहले तृप्ति की टांगें बेड के दोनों सिरों से इस तरह बांधीं कि तृप्ति की टांगें पूर्ण रूप से चौड़ी हों और उसकी गुलाबी चूत के खुले दर्शन आसानी से हो सकें। जैसे-जैसे मेरी तृप्ति को मैं बांध रहा था तब वह बोल रही थी- मुझे तो सोच-सोच कर ही उत्तेजना हो रही है कि आज मैं किसके सामने इस तरह नंगी लेटने जा रही हूँ। कोई आते ही मुझे इस रूप में देखेगा, यह सोच-सोच कर ही मेरी चूत पानी छोड़ने लगी है। इस तरह मैंने तृप्ति के हाथ भी बेड के दोनों सिरों से बांध दिए। अतः तृप्ति के दोनों हाथ और पांव खुली फैली हुई अवस्था में बंधे हुए थे। एक प्रकार से देखो तो तृप्ति पूर्ण रूप से असहाय थी कि कोई भी उसके साथ कुछ भी कर सकता है किंतु यह सब तो तृप्ति की मर्जी से ही हो रहा था, यह किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं थी।
वह इस अवस्था में बंधी थी कि कोई सामने से आकर तृप्ति की चूत को चाट सकता है, चोद सकता है, उसके स्तन चूस सकता है, दबा सकता है, उसके कंधों के नीचे वाली जगह, हम अंग्रेजी में जिसे अंडर आर्म कहते हैं, वहां चुम्बन कर सकता है, उनकी भीनी-भीनी खुशबू ले सकता है। यह वास्तव में एक गजब ही उत्तेजक करने वाला दृश्य था। अब मैंने अपने लैपटॉप बैग में से आंखों की एक पट्टी निकाली तथा उसे तृप्ति की आंखों पर बांध दिया।
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