09-08-2019, 06:06 PM
अगली सुबह हम नाश्ते की मेज पर तीनों मिले। तीनों के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कुराहट थी। इधर उपासना और विक्रम दोनों जानना चाहते थे कि अदला-बदली संपन्न करने के लिए मेरे दिमाग में क्या चल रहा है?
मैंने दोनों के सामने ही तृप्ति को फोन लगाया, तृप्ति ने फोन उठाया। इधर मैंने अपना फोन स्पीकर पर लगा दिया, और बात करने लगा।
उधर तृप्ति को पता नहीं था कि हम दोनों की बातें विक्रम और उपासना भी सुन रहे हैं।
मैं- हैलो जान, कैसी हो?
तृप्ति- मैं ठीक हूं, आप कैसे हो राज, यहां भेजने के बाद आप तो मुझे भूल ही गए।
मैं- ऐसा कैसे हो सकता है कि मैं तुम्हें भूल जाऊं तृप्ति। अपने भाई श्लोक के पास तो तुम गई हो और वहां पर शायद थ्रीसम चुदाई का आनंद भी ले रही हो। मैं तो यहां अकेला हूं।
तृप्ति- जोर से हंसते हुए- हाहाहा ... तुम्हें इतनी जलन हो रही है तो तुम भी आ जाओ राज। थ्रीसम क्या हम फोरसम कर लेंगे!
मैं- हां, विचार तो यही है, लेकिन सीमा और श्लोक के साथ नहीं। कल तुम्हारा जन्मदिन है, और मैंने तुम्हारे लिए यहां एक सरप्राइज़ रखा है। तुम्हें सब कुछ छोड़-छाड़ कर आज ही जयपुर आना है।
तृप्ति- अरे यार, आज एकदम से क्या हो गया? यहां श्लोक और सीमा ने भी मेरे लिए पार्टी रखी है। वे भी मेरे जन्मदिन की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे एकदम से कैसे आ जाऊं?
मैं- ऐसे एकदम से इसलिए आ जाओ क्योंकि मैं तुम्हारा पति हूं। तुम्हारे जन्मदिन को मनाने का पहला अधिकार मेरा है। पहले मेरा मन इस तरह का कार्यक्रम करने का नहीं था, लेकिन अब मेरे दिमाग में एक विचार आया है जिससे कि मैं तुम्हारा यह जन्मदिन सबसे ज्यादा यादगार बना दूंगा, इसलिए तुम्हें आज आना ही होगा।
तृप्ति- ऐसा क्या यादगार देने वाले हो प्रिय राज? जरा हमें भी तो बताइए।
मैं- तो सुनो, मैं तुम्हें वही देने जा रहा हूं जो हम दोनों को अपने जीवन में सबसे ज्यादा लजीज है।
तृप्ति- और वो क्या?
मैं- पति बदल कर चुदाई।
तृप्ति आश्चर्यचकित होते हुए- ओ गॉड और वह किसके साथ? सीमा और श्लोक तो यहां हैं, तो फिर तुम मुझे वहां क्यों बुला रहे हो?
मैं- सीमा और श्लोक के साथ तो तुम थ्रीसम चुदाई कर ही रही हो, उसमें क्या सरप्राइज़ है। मेरे पास यहाँ तुम्हारे लिए यहां एक नया जोड़ा है।
तृप्ति- क्या? कौन सा नया जोड़ा?
मैंने दोनों के सामने ही तृप्ति को फोन लगाया, तृप्ति ने फोन उठाया। इधर मैंने अपना फोन स्पीकर पर लगा दिया, और बात करने लगा।
उधर तृप्ति को पता नहीं था कि हम दोनों की बातें विक्रम और उपासना भी सुन रहे हैं।
मैं- हैलो जान, कैसी हो?
तृप्ति- मैं ठीक हूं, आप कैसे हो राज, यहां भेजने के बाद आप तो मुझे भूल ही गए।
मैं- ऐसा कैसे हो सकता है कि मैं तुम्हें भूल जाऊं तृप्ति। अपने भाई श्लोक के पास तो तुम गई हो और वहां पर शायद थ्रीसम चुदाई का आनंद भी ले रही हो। मैं तो यहां अकेला हूं।
तृप्ति- जोर से हंसते हुए- हाहाहा ... तुम्हें इतनी जलन हो रही है तो तुम भी आ जाओ राज। थ्रीसम क्या हम फोरसम कर लेंगे!
मैं- हां, विचार तो यही है, लेकिन सीमा और श्लोक के साथ नहीं। कल तुम्हारा जन्मदिन है, और मैंने तुम्हारे लिए यहां एक सरप्राइज़ रखा है। तुम्हें सब कुछ छोड़-छाड़ कर आज ही जयपुर आना है।
तृप्ति- अरे यार, आज एकदम से क्या हो गया? यहां श्लोक और सीमा ने भी मेरे लिए पार्टी रखी है। वे भी मेरे जन्मदिन की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे एकदम से कैसे आ जाऊं?
मैं- ऐसे एकदम से इसलिए आ जाओ क्योंकि मैं तुम्हारा पति हूं। तुम्हारे जन्मदिन को मनाने का पहला अधिकार मेरा है। पहले मेरा मन इस तरह का कार्यक्रम करने का नहीं था, लेकिन अब मेरे दिमाग में एक विचार आया है जिससे कि मैं तुम्हारा यह जन्मदिन सबसे ज्यादा यादगार बना दूंगा, इसलिए तुम्हें आज आना ही होगा।
तृप्ति- ऐसा क्या यादगार देने वाले हो प्रिय राज? जरा हमें भी तो बताइए।
मैं- तो सुनो, मैं तुम्हें वही देने जा रहा हूं जो हम दोनों को अपने जीवन में सबसे ज्यादा लजीज है।
तृप्ति- और वो क्या?
मैं- पति बदल कर चुदाई।
तृप्ति आश्चर्यचकित होते हुए- ओ गॉड और वह किसके साथ? सीमा और श्लोक तो यहां हैं, तो फिर तुम मुझे वहां क्यों बुला रहे हो?
मैं- सीमा और श्लोक के साथ तो तुम थ्रीसम चुदाई कर ही रही हो, उसमें क्या सरप्राइज़ है। मेरे पास यहाँ तुम्हारे लिए यहां एक नया जोड़ा है।
तृप्ति- क्या? कौन सा नया जोड़ा?