09-08-2019, 05:59 PM
मैंने विक्रम से पूछा- ऐसा नाटक करने की आवश्यकता क्यों आन पड़ी?
विक्रम- भैया, मुझे माफ करना। हमारी शादी के कुछ समय बाद जब तृप्ति भाभी और आप जयपुर आ गए तब हमारे बिजनेस की भागदौड़ मुझे संभालनी पड़ी। बिजनेस के सिलसिले में मुझे हमारे पुराने दुश्मन और आपके पुराने दोस्त रणवीर से मुलाकात करनी होती थी क्योंकि आप दोनों अब दोस्त थे तो मैंने भी उनसे अच्छा व्यवहार किया और उन्होंने भी मुझसे अच्छा व्यवहार किया। इस तरह हमारी थोड़े दिनों में अच्छी दोस्ती हो गई हम कहीं बाहर घरवालों से छुप कर शराब पार्टी करते थे। रणवीर आपको बहुत याद करता था। एक बार हम शराब के नशे में थे। रणवीर के मुंह से निकला कि राजवीर के साथ तृप्ति भी बहुत अच्छी है। लेकिन जहां तक मेरे ज्ञान का सवाल था मुझे यही पता था कि रणवीर और तृप्ति भाभी की कभी मुलाकात नहीं हुई है। इस पर मैंने रणवीर से पूछा कि आप तृप्ति भाभी से कब मिले? पहले तो रणवीर ने मुझे कुछ ना बता कर बात को टालने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर जब मैंने उन्हें दोस्ती का वास्ता दिया तो जो पता चला उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए। रणवीर ने मुझे आप दोनों के पहले वाले याराना की कहानी सुनाई मतलब कि किस तरह आप ने घर से दूर जाकर अपनी बीवियों की अदला-बदली करके मजे लिए। रणवीर ने मुझे कसम दी कि मुझे यह बात पता है लेकिन यह बात मेरे अलावा किसी तीसरे व्यक्ति को पता नहीं चले। रणवीर की और आप की पहली अदला-बदली की चुदाई वाली घटना को सुनकर मेरी रातों की नींद उड़ गई थी।
मैं सोच में पड़ गया था कि क्या राजवीर भैया ऐसा कर सकते हैं? इस बात पर मुझे कभी विश्वास नहीं हो रहा था और इस कार्यक्रम में तृप्ति भाभी भी शामिल हुई। सच बताऊं तो तृप्ति भाभी है ही इतनी सेक्सी कि उनके बारे में यह बात सुनकर मेरे मन में उनके प्रति एक बार फिर से वासना ने घर कर लिया। मैं दिन-रात तृप्ति भाभी के बारे में सोचने लगा कि मैं प्रेमी होकर भी तृप्ति भाभी की चुदाई नहीं कर सका किंतु आपने बड़ी होशियारी से रणवीर की पत्नी को चोदने के लिए रणवीर को तृप्ति भाभी को सौंप दिया। सच बताऊं तो आपकी पहली अदला-बदली वाली घटना इतनी रोमांचक थी कि उसके बारे में जितना सोचो कम था।
जब भी रणवीर और हम मिलते तो हम उस घटना के बारे में जरूर बात करते। एक दिन पता चला कि आपकी फोन पर रणवीर से बात हुई है। रणवीर ने मुझे बताया कि राजवीर बड़ा खुशनसीब है जो उसे शादी के बाद इतनी अच्छी अच्छी सुंदरियों की चुदाई करने का भरपूर मौका मिल रहा है। उसने मुझे बताया है कि पहले वाले अदला-बदली के याराना के बाद अब राजवीर जयपुर में अपने साले श्लोक और सीमा की अदला-बदली वाली चुदाई का आनंद ले रहे हैं। समझ नहीं आ रहा था कि मेरे जीवन में इतने सरप्राइज़ एक के बाद एक कैसे सामने आ रहे हैं। मेरी प्रेमिका तृप्ति जो कि एक पतिव्रता नारी थी वह अपने साथी बदल-बदल कर चुदाई करवा रही थी और बड़ी हैरानी की बात तो यह थी कि अबकी बार वह अपने भाई से ही अपनी चूत की खुजली मिटवा रही थी। आप भी राज भैया! मान गए आपको ... आपने एक भाई को बहनचोद बनवा दिया और यहां जिंदगी के मजे ले रहे थे।
तब मैंने भी ठान लिया कि अब कुछ भी हो जाए यह अदला-बदली का सुख मुझे भी अपने जीवन में ग्रहण करना है। वैसे भी उपासना तो आपके लंड की दीवानी थी ही। तृप्ति भाभी को भी अगर पुराना प्यार मिल जाए तो बात ही क्या हो क्योंकि अब तो वह पतिव्रता नारी बिगड़ गई है तो क्यों न प्रेमी-प्रेमिका का अधूरा मिलन पूरा हो जाए। अतः मैंने पिताजी से बात की और कहा कि यहां बिजनेस के उत्पादन के कार्य में मेरी पढ़ाई काम नहीं आ रही है अतः मुझे भी राज भैया की तरह मार्केटिंग करने के लिए जयपुर जाना है। पिताजी ने चंद पैसे लगवा कर बिजनेस को अहमदाबाद में शुरू करवाया और मैंने बड़ी चालाकी से श्लोक और सीमा को वहां भिजवाया। ताकि यहां उनकी अदला-बदली चुदाई मंडली की जगह हम दोनों ले सकें। जैसे जैसे मुझे आपके राज रणवीर से पता चलते गए यह सब उपासना को बताता गया क्योंकि हम पति-पत्नी कम और दोस्त ज्यादा थे। मुझे जब से आपके, श्लोक और सीमा की अदला-बदली की चुदाई की बात पता चली तभी मैंने उपासना को यह सब बता दिया था।
पता है? जब हम रात की चुदाई करते हैं तो मैं उपासना को तृप्ति और तृप्ति मुझे राजवीर कहकर बुलाती थी और हम अपने ख्यालों में आपके साथ ही बदल कर चुदाई करते थे। इस चुदाई कार्यक्रम में हमें जो मजा आता था उसे हम बयान नहीं कर सकते। हमने कई बार ख्वाबों में आपके साथ साथी बदल कर चुदाई की है। फिर जब हम जयपुर आए तो हमें लगा कि हमारा सपना साकार होने वाला है किंतु हमने जैसा सोचा था वैसा बिलकुल नहीं हुआ। यहां आने के महीनों तक आपने ऐसी कोई बात नहीं की जिससे कि अदला-बदली संभव हो। हमें हमारे अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। आप कभी भी उपासना को गंदी नजरों से नहीं देखते थे और तृप्ति भाभी भी उस प्रेमी प्रेमिका वाले किस्से को भूलकर पतिव्रता होने का पूरा नाटक कर रही थी। अतः हमने इस नाटक को अंजाम देने का फैसला किया ताकि कैसे ना कैसे करके सच्चाई बाहर आए और हम इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें। किस्मत ने हमारा साथ दिया और तृप्ति भाभी अपने भाई श्लोक के वहां चली गई और फिर जो हुआ वह तो हम सबको पता है।
भैया आप हमसे नाराज तो नहीं हैं ना? हमने आपके साथ इतना बड़ा खेल खेला।
विक्रम- भैया, मुझे माफ करना। हमारी शादी के कुछ समय बाद जब तृप्ति भाभी और आप जयपुर आ गए तब हमारे बिजनेस की भागदौड़ मुझे संभालनी पड़ी। बिजनेस के सिलसिले में मुझे हमारे पुराने दुश्मन और आपके पुराने दोस्त रणवीर से मुलाकात करनी होती थी क्योंकि आप दोनों अब दोस्त थे तो मैंने भी उनसे अच्छा व्यवहार किया और उन्होंने भी मुझसे अच्छा व्यवहार किया। इस तरह हमारी थोड़े दिनों में अच्छी दोस्ती हो गई हम कहीं बाहर घरवालों से छुप कर शराब पार्टी करते थे। रणवीर आपको बहुत याद करता था। एक बार हम शराब के नशे में थे। रणवीर के मुंह से निकला कि राजवीर के साथ तृप्ति भी बहुत अच्छी है। लेकिन जहां तक मेरे ज्ञान का सवाल था मुझे यही पता था कि रणवीर और तृप्ति भाभी की कभी मुलाकात नहीं हुई है। इस पर मैंने रणवीर से पूछा कि आप तृप्ति भाभी से कब मिले? पहले तो रणवीर ने मुझे कुछ ना बता कर बात को टालने की बहुत कोशिश की लेकिन फिर जब मैंने उन्हें दोस्ती का वास्ता दिया तो जो पता चला उसे सुनकर मेरे होश उड़ गए। रणवीर ने मुझे आप दोनों के पहले वाले याराना की कहानी सुनाई मतलब कि किस तरह आप ने घर से दूर जाकर अपनी बीवियों की अदला-बदली करके मजे लिए। रणवीर ने मुझे कसम दी कि मुझे यह बात पता है लेकिन यह बात मेरे अलावा किसी तीसरे व्यक्ति को पता नहीं चले। रणवीर की और आप की पहली अदला-बदली की चुदाई वाली घटना को सुनकर मेरी रातों की नींद उड़ गई थी।
मैं सोच में पड़ गया था कि क्या राजवीर भैया ऐसा कर सकते हैं? इस बात पर मुझे कभी विश्वास नहीं हो रहा था और इस कार्यक्रम में तृप्ति भाभी भी शामिल हुई। सच बताऊं तो तृप्ति भाभी है ही इतनी सेक्सी कि उनके बारे में यह बात सुनकर मेरे मन में उनके प्रति एक बार फिर से वासना ने घर कर लिया। मैं दिन-रात तृप्ति भाभी के बारे में सोचने लगा कि मैं प्रेमी होकर भी तृप्ति भाभी की चुदाई नहीं कर सका किंतु आपने बड़ी होशियारी से रणवीर की पत्नी को चोदने के लिए रणवीर को तृप्ति भाभी को सौंप दिया। सच बताऊं तो आपकी पहली अदला-बदली वाली घटना इतनी रोमांचक थी कि उसके बारे में जितना सोचो कम था।
जब भी रणवीर और हम मिलते तो हम उस घटना के बारे में जरूर बात करते। एक दिन पता चला कि आपकी फोन पर रणवीर से बात हुई है। रणवीर ने मुझे बताया कि राजवीर बड़ा खुशनसीब है जो उसे शादी के बाद इतनी अच्छी अच्छी सुंदरियों की चुदाई करने का भरपूर मौका मिल रहा है। उसने मुझे बताया है कि पहले वाले अदला-बदली के याराना के बाद अब राजवीर जयपुर में अपने साले श्लोक और सीमा की अदला-बदली वाली चुदाई का आनंद ले रहे हैं। समझ नहीं आ रहा था कि मेरे जीवन में इतने सरप्राइज़ एक के बाद एक कैसे सामने आ रहे हैं। मेरी प्रेमिका तृप्ति जो कि एक पतिव्रता नारी थी वह अपने साथी बदल-बदल कर चुदाई करवा रही थी और बड़ी हैरानी की बात तो यह थी कि अबकी बार वह अपने भाई से ही अपनी चूत की खुजली मिटवा रही थी। आप भी राज भैया! मान गए आपको ... आपने एक भाई को बहनचोद बनवा दिया और यहां जिंदगी के मजे ले रहे थे।
तब मैंने भी ठान लिया कि अब कुछ भी हो जाए यह अदला-बदली का सुख मुझे भी अपने जीवन में ग्रहण करना है। वैसे भी उपासना तो आपके लंड की दीवानी थी ही। तृप्ति भाभी को भी अगर पुराना प्यार मिल जाए तो बात ही क्या हो क्योंकि अब तो वह पतिव्रता नारी बिगड़ गई है तो क्यों न प्रेमी-प्रेमिका का अधूरा मिलन पूरा हो जाए। अतः मैंने पिताजी से बात की और कहा कि यहां बिजनेस के उत्पादन के कार्य में मेरी पढ़ाई काम नहीं आ रही है अतः मुझे भी राज भैया की तरह मार्केटिंग करने के लिए जयपुर जाना है। पिताजी ने चंद पैसे लगवा कर बिजनेस को अहमदाबाद में शुरू करवाया और मैंने बड़ी चालाकी से श्लोक और सीमा को वहां भिजवाया। ताकि यहां उनकी अदला-बदली चुदाई मंडली की जगह हम दोनों ले सकें। जैसे जैसे मुझे आपके राज रणवीर से पता चलते गए यह सब उपासना को बताता गया क्योंकि हम पति-पत्नी कम और दोस्त ज्यादा थे। मुझे जब से आपके, श्लोक और सीमा की अदला-बदली की चुदाई की बात पता चली तभी मैंने उपासना को यह सब बता दिया था।
पता है? जब हम रात की चुदाई करते हैं तो मैं उपासना को तृप्ति और तृप्ति मुझे राजवीर कहकर बुलाती थी और हम अपने ख्यालों में आपके साथ ही बदल कर चुदाई करते थे। इस चुदाई कार्यक्रम में हमें जो मजा आता था उसे हम बयान नहीं कर सकते। हमने कई बार ख्वाबों में आपके साथ साथी बदल कर चुदाई की है। फिर जब हम जयपुर आए तो हमें लगा कि हमारा सपना साकार होने वाला है किंतु हमने जैसा सोचा था वैसा बिलकुल नहीं हुआ। यहां आने के महीनों तक आपने ऐसी कोई बात नहीं की जिससे कि अदला-बदली संभव हो। हमें हमारे अरमानों पर पानी फिरता नजर आने लगा। आप कभी भी उपासना को गंदी नजरों से नहीं देखते थे और तृप्ति भाभी भी उस प्रेमी प्रेमिका वाले किस्से को भूलकर पतिव्रता होने का पूरा नाटक कर रही थी। अतः हमने इस नाटक को अंजाम देने का फैसला किया ताकि कैसे ना कैसे करके सच्चाई बाहर आए और हम इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें। किस्मत ने हमारा साथ दिया और तृप्ति भाभी अपने भाई श्लोक के वहां चली गई और फिर जो हुआ वह तो हम सबको पता है।
भैया आप हमसे नाराज तो नहीं हैं ना? हमने आपके साथ इतना बड़ा खेल खेला।