09-08-2019, 05:46 PM
आप दोनों तो सो गए लेकिन आपके इस दृश्य ने मेरी चूत में एक अजीब सी आग लगा दी थी। मैंने खड़े-खड़े कब अपनी उंगलियां अपनी चूत में डाल दीं थी मुझे पता ही नहीं चला और इस तरह मैंने अपनी चूत की आग को अपनी उंगलियों से शांत किया। यह मेरा पहला हस्तमैथुन था। उस दिन के बाद मुझे आपको देखने का नजरिया बदल गया। आप में मुझे बस केवल वासना नजर आती थी राज भैया।
तृप्ति भाभी खुशनसीब थी कि उसे आप जैसा पति मिला। मैं हर रोज आप दोनों के चुदाई घमासान को देखती और अपने आप को उंगलियों से शांत करती। फिर एक दिन पिताजी द्वारा घर का जरूरी सामान उस बुखारी में रख दिया गया और मेरा आप लोगों को देखने का जरिया बंद हो गया। लेकिन तब तक मेरे सीने में एक आग जल गई थी जिसने दिन रात मुझे वासना में डुबा दिया था।
आप लोगों को तो देख नहीं सकती थी तो फिर मैंने अपनी एक सहेली से अपनी वासना मिटाने का एक जरिया सीखा। मैंने फेसबुक पर नकली नाम से एक खाता बनाया और उस खाते से मैंने अपने कई पुरुष मित्र बनाए और उनसे गंदी-गंदी चैट करने लगी। मेरे कहने पर लड़के अपने नग्न चित्र और वीडियो मुझे मैसेज में भेज देते थे। जिससे कि मैं अपनी पूर्ण उत्तेजना में होकर खुद को उंगली से शांत कर लिया करती थी।
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विक्रम- फिर एक दिन मुझे इंटरनेट पर कुछ देखना था। मेरे फोन में रिचार्ज नहीं होने पर मैंने उपासना से उसका फोन लिया। उपासना अपने फोन से हिस्ट्री मिटाना भूल गई थी और उसने अपनी फेसबुक आईडी भी लॉगआउट नहीं की थी क्योंकि वैसे भी उसका फोन कोई नहीं छेड़ता था। जब मेरी नजर उसके नकली नाम वाली आईडी पर पड़ी तो मैंने उसके इनबॉक्स को चेक किया और जो देखा वह देखकर दंग रह गया। हमारी उपासना एक नकली नाम से प्रोफाइल बनाकर लड़कों से इस प्रकार की चैट करती है।
एक पल तो मुझे उस पर गुस्सा आया और मन किया कि उससे जाकर लडूं। फिर शांति से सोचा कि क्यों न इसके बिगड़ने का फायदा मैं ही उठा लूं। कॉलेज में तो काफी लड़कियां पटाई थीं लेकिन यहां गांव में आकर मेरा सेक्स जीवन सूखा था। मेरे मन में उपासना के प्रति वासना घर कर गई और उसे देखने का नजरिया बदल गया। मैंने भी फेसबुक पर एक नकली नाम से एक प्रोफाइल बनाई तथा उपासना को रिक्वेस्ट भेज कर खुद ही उसे स्वीकार कर लिया था। मैं उसकी मित्र सूचि में सम्मिलित हो गया और जैसा कि उपासना की मित्र लिस्ट में काफी सारे लोग थे तो मुझे विश्वास था कि उसे यह भी याद नहीं रहेगा कि ये मेरा मित्र कब बना। मैंने उपासना को उसका फोन लौटा दिया।
अगले दिन उपासना जब ऑनलाइन आई तो मैंने उसे मैसेज किया। फिर उसका मुझे जवाब आया। हमने थोड़ी देर इधर-उधर की बातें कीं और उसके बाद हम सेक्स चैट में लिप्त हो गए। मैंने अपनी सेक्सी चैट से उसे पूर्ण रूप से उत्तेजित कर दिया था और उसे यह नहीं पता था कि मैं उसके बगल वाले कमरे से ही उसके साथ गुफ्तगू कर रहा हूं। हम एक दूसरे को बिना देखे एक दूसरे से सेक्सी चैट करते थे और हमारी दोस्ती दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही थी। एक दिन जब मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने कभी किसी को चुदाई करते हुए देखा है तब उसने चैट में ही बताया कि मैंने अपने घर में भैया-भाभी को चुदाई करते हुए देखा है।
मैंने उससे पूछा कि अपने भाई-भाभी के बारे में तुम ऐसा कैसे सोच सकती हो? तब उपासना ने मुझसे चैट में कहा कि वो मेरे सगे भाई नहीं हैं। उपासना ने कहा कि जब से मैंने उन दोनों (राजवीर और तृप्ति) को चुदाई करते देखा है मैं भाई की फैन हो गयी हूं। मन करता है कि कैसे न कैसे एक बार मुझे वो चोद दें और वैसा ही हाल कर दें जैसा कि वो भाभी का करते हैं। वैसे तो मेरी असली पहचान से अनजान उपासना यह चैट मुझसे ही कर रही थी और उसके लिए मैं एक अजनबी था। लेकिन यह बात हो मुझे मालूम हो गयी थी कि उपासना में ऐसा बदलाव क्यों आया है। वह राजवीर भैया, यानि कि आपसे चुदाई करवाना चाहती थी। एक बार देर रात उपासना और मैं फेसबुक पर चैटिंग कर रहे थे। हम इतनी उत्तेजित बातें कर चुके थे कि उस समय हमारी उत्तेजना चरम पर थी। उपासना ने मुझसे मेरे लिंग का फोटो मांगा जो कि मैंने उसे भेज दिया। उस फोटो से वह बहुत सम्मोहित हुई। उसके बाद मैंने उससे उसके स्तनों का फोटो मांगा। उपासना ने भी मेरी बात मान कर बिना चेहरे के मुझे अपने स्तनों का फोटो भेजा। उसके अति उत्तम आकार वाले गोरे स्तनों को देखकर मेरा हाल बुरा हो गया।
उत्तेजना की आग दोनों तरफ लगी थी। तब उपासना ने मुझसे कहा कि अब मुझे चैट बन्द करनी होगी क्योंकि उसे हस्तमैथुन करना है। तब मैंने उससे कहा कि अगर अपनी उंगलियों की जगह तुम्हें अभी कोई असली लिंग मिल जाए तो? इस पर उपासना ने कहा कि ऐसी मेरी किस्मत कहां। अगर मिल जाए तो क्या बात हो, मैं उस लिंग को खुद में निचोड़ लूंगी। मगर ऐसा नहीं हो सकता यार, हस्तमैथुन ही करना होगा।
तृप्ति भाभी खुशनसीब थी कि उसे आप जैसा पति मिला। मैं हर रोज आप दोनों के चुदाई घमासान को देखती और अपने आप को उंगलियों से शांत करती। फिर एक दिन पिताजी द्वारा घर का जरूरी सामान उस बुखारी में रख दिया गया और मेरा आप लोगों को देखने का जरिया बंद हो गया। लेकिन तब तक मेरे सीने में एक आग जल गई थी जिसने दिन रात मुझे वासना में डुबा दिया था।
आप लोगों को तो देख नहीं सकती थी तो फिर मैंने अपनी एक सहेली से अपनी वासना मिटाने का एक जरिया सीखा। मैंने फेसबुक पर नकली नाम से एक खाता बनाया और उस खाते से मैंने अपने कई पुरुष मित्र बनाए और उनसे गंदी-गंदी चैट करने लगी। मेरे कहने पर लड़के अपने नग्न चित्र और वीडियो मुझे मैसेज में भेज देते थे। जिससे कि मैं अपनी पूर्ण उत्तेजना में होकर खुद को उंगली से शांत कर लिया करती थी।
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विक्रम- फिर एक दिन मुझे इंटरनेट पर कुछ देखना था। मेरे फोन में रिचार्ज नहीं होने पर मैंने उपासना से उसका फोन लिया। उपासना अपने फोन से हिस्ट्री मिटाना भूल गई थी और उसने अपनी फेसबुक आईडी भी लॉगआउट नहीं की थी क्योंकि वैसे भी उसका फोन कोई नहीं छेड़ता था। जब मेरी नजर उसके नकली नाम वाली आईडी पर पड़ी तो मैंने उसके इनबॉक्स को चेक किया और जो देखा वह देखकर दंग रह गया। हमारी उपासना एक नकली नाम से प्रोफाइल बनाकर लड़कों से इस प्रकार की चैट करती है।
एक पल तो मुझे उस पर गुस्सा आया और मन किया कि उससे जाकर लडूं। फिर शांति से सोचा कि क्यों न इसके बिगड़ने का फायदा मैं ही उठा लूं। कॉलेज में तो काफी लड़कियां पटाई थीं लेकिन यहां गांव में आकर मेरा सेक्स जीवन सूखा था। मेरे मन में उपासना के प्रति वासना घर कर गई और उसे देखने का नजरिया बदल गया। मैंने भी फेसबुक पर एक नकली नाम से एक प्रोफाइल बनाई तथा उपासना को रिक्वेस्ट भेज कर खुद ही उसे स्वीकार कर लिया था। मैं उसकी मित्र सूचि में सम्मिलित हो गया और जैसा कि उपासना की मित्र लिस्ट में काफी सारे लोग थे तो मुझे विश्वास था कि उसे यह भी याद नहीं रहेगा कि ये मेरा मित्र कब बना। मैंने उपासना को उसका फोन लौटा दिया।
अगले दिन उपासना जब ऑनलाइन आई तो मैंने उसे मैसेज किया। फिर उसका मुझे जवाब आया। हमने थोड़ी देर इधर-उधर की बातें कीं और उसके बाद हम सेक्स चैट में लिप्त हो गए। मैंने अपनी सेक्सी चैट से उसे पूर्ण रूप से उत्तेजित कर दिया था और उसे यह नहीं पता था कि मैं उसके बगल वाले कमरे से ही उसके साथ गुफ्तगू कर रहा हूं। हम एक दूसरे को बिना देखे एक दूसरे से सेक्सी चैट करते थे और हमारी दोस्ती दिन-ब-दिन गहरी होती जा रही थी। एक दिन जब मैंने उससे पूछा कि क्या तुमने कभी किसी को चुदाई करते हुए देखा है तब उसने चैट में ही बताया कि मैंने अपने घर में भैया-भाभी को चुदाई करते हुए देखा है।
मैंने उससे पूछा कि अपने भाई-भाभी के बारे में तुम ऐसा कैसे सोच सकती हो? तब उपासना ने मुझसे चैट में कहा कि वो मेरे सगे भाई नहीं हैं। उपासना ने कहा कि जब से मैंने उन दोनों (राजवीर और तृप्ति) को चुदाई करते देखा है मैं भाई की फैन हो गयी हूं। मन करता है कि कैसे न कैसे एक बार मुझे वो चोद दें और वैसा ही हाल कर दें जैसा कि वो भाभी का करते हैं। वैसे तो मेरी असली पहचान से अनजान उपासना यह चैट मुझसे ही कर रही थी और उसके लिए मैं एक अजनबी था। लेकिन यह बात हो मुझे मालूम हो गयी थी कि उपासना में ऐसा बदलाव क्यों आया है। वह राजवीर भैया, यानि कि आपसे चुदाई करवाना चाहती थी। एक बार देर रात उपासना और मैं फेसबुक पर चैटिंग कर रहे थे। हम इतनी उत्तेजित बातें कर चुके थे कि उस समय हमारी उत्तेजना चरम पर थी। उपासना ने मुझसे मेरे लिंग का फोटो मांगा जो कि मैंने उसे भेज दिया। उस फोटो से वह बहुत सम्मोहित हुई। उसके बाद मैंने उससे उसके स्तनों का फोटो मांगा। उपासना ने भी मेरी बात मान कर बिना चेहरे के मुझे अपने स्तनों का फोटो भेजा। उसके अति उत्तम आकार वाले गोरे स्तनों को देखकर मेरा हाल बुरा हो गया।
उत्तेजना की आग दोनों तरफ लगी थी। तब उपासना ने मुझसे कहा कि अब मुझे चैट बन्द करनी होगी क्योंकि उसे हस्तमैथुन करना है। तब मैंने उससे कहा कि अगर अपनी उंगलियों की जगह तुम्हें अभी कोई असली लिंग मिल जाए तो? इस पर उपासना ने कहा कि ऐसी मेरी किस्मत कहां। अगर मिल जाए तो क्या बात हो, मैं उस लिंग को खुद में निचोड़ लूंगी। मगर ऐसा नहीं हो सकता यार, हस्तमैथुन ही करना होगा।