09-08-2019, 03:15 PM
तब श्लोक ने कहा- तुम भी कम हसीन नहीं प्रिय सीमा!
इस पर सीमा ने कहा- हां, माना मैं हसीन हूं ... लेकिन तृप्ति दीदी जितने सेक्सी नहीं! मैं आप लोगों को नहीं झेल पाऊंगी।
तृप्ति- यह तो गलत बात है सीमा ... कि मेरी ही रेल बनाई जाए। यह सही नहीं है! मजा तो हम चारों को लेना है, मैं तुम्हें बिना चुदवाये नहीं मानूंगी।
इस पर सीमा ने कहा- दीदी, आप सही बोल रही हो लेकिन आपकी घनघोर चुदाई के बाद शायद इन दोनों की उत्तेजना कम हो और मैं थोड़ा सहन करने योग्य सेक्स कर पाऊं और फिर मज़ा उठाएं।
श्लोक और मैंने सीमा की इस बात पर सहमति दी और तृप्ति को बेड के बीचोंबीच खींच लिया।
उत्तेजना और रोमांच से तृप्ति के रोंगटे खड़े हो रहे थे, उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी यह देखने की कि एक साथ दो लिंग से चोदने पर कैसा महसूस होता है। सीमा पलंग के एक किनारे पर आ गई। इस पर मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या वह दर्शक बनने वाली है या फिर पोर्न फिल्मों की दूसरी नायिका की तरह पोर्न नायकों के गुप्तांगों को हाथ से उत्तेजित करके अपनी सहभागिता देना चाहती है।
किंतु अब मेरा और श्लोक का पूरा ध्यान तृप्ति पर आ गया था।
श्लोक ने कहा- मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला, अपने जीवन का सबसे धमाकेदार सेक्स करने के लिए तैयार हो जाओ!
मैं- आज बहन चोद भाई तथा पति से साथ में चोदने के लिए तैयार हो जाओ।
तृप्ति ने अपनी मादक मुस्कुराहट के साथ दोनों को अनुमति दी। मैं अपनी पीठ के बल अपने खड़े लिंग को ऊपर करके बेड पर लेट गया। मेरे मुंह की तरफ तृप्ति ने अपनी गांड की तथा अपने गोरे कूल्हों को मेरी कमर पर टिकाए तथा अपने गीली चूत में मेरा लिंग डाल लिया।
श्लोक मेरी टांगों की तरफ तृप्ति की तरफ मुंह करके बैठा हुआ था तथा अपने लिंग को हाथ से सहला रहा था।
मैंने श्लोक को रुकने के लिए कहा क्योंकि तृप्ति के हल्के झटकों से मैं अपने लिंग को उसकी चूत के पानी में भिगोना चाहता था ताकि पर्याप्त चिकनाई के बाद मेरा लिंग उसके गांड के छेद में प्रवेश कर सके। तृप्ति ने अपनी गांड उठाकर मेरे लंड पर झटके देना शुरू किया उसके ग्रुप सेक्स की उत्तेजना में निकले हुए चूत के पानी से मेरा लिंग पर्याप्त मात्रा में चिकना हो चुका था। तृप्ति ने अपने चूतड़ उठाकर मेरा लिंग उसकी चूत में से निकाला और मेरे लिंग को उसने अपनी गांड के छेद पर समायोजित कर लिया। थोड़े उसके तथा मेरे प्रयास से मेरा लिंग मुंड धीरे धीरे उसकी गांड में प्रवेश कर गया तथा मैंने उसकी गांड में धीरे-धीरे धक्का देना शुरू कर दिया। अब श्लोक के आने का समय हो गया था। श्लोक ने तृप्ति के सामने आकर तृप्ति की टांगें थोड़ी सी और चौड़ी करके उसकी गुलाबी चिकनी चूत में अपना लिंग ठेल दिया।
शुरुआत में हम तीनों को सहज महसूस नहीं हुआ तथा दोनों को झटके मारने में परेशानी हुई। किंतु धीरे धीरे हाथ और पांव लिंग और चूत और गांड का छेद इस प्रकार व्यवस्थित हुए कि धीरे धीरे धक्के लगाने में हमें सहजता महसूस होने लग गई और अब एक ही समय पर श्लोक और मैं तृप्ति की गांड और चूत में धक्के मारने लगे। तृप्ति की सिसकारियां जोरदार तेज आवाज आह उम्म्ह... अहह... हय... याह... आह यस यस यस में बदल गई। उसने अपने होठों को उत्तेजना में अपने दांतों के नीचे दबा दिया और जोरदार सिसकारियों की आवाज से पूरा कमरा गुंजा दिया।
धीरे-धीरे श्लोक के धक्कों की गति इतनी बढ़ गई कि तृप्ति का पूरा शरीर जोर जोर से ऊपर नीचे हिलने लगा जिसके कारण मुझे अब धक्के लगाने की जरूरत नहीं थी, मेरा लिंग अपने आप ही तृप्ति की गांड से अंदर बाहर होने लगा था। हमारे द्वारा दिए गए झटकों से उसके स्तन ऊपर नीचे हिल हिल कर किसी पोर्न फिल्म से नजारा बना रहे थे।
इस पर सीमा ने कहा- हां, माना मैं हसीन हूं ... लेकिन तृप्ति दीदी जितने सेक्सी नहीं! मैं आप लोगों को नहीं झेल पाऊंगी।
तृप्ति- यह तो गलत बात है सीमा ... कि मेरी ही रेल बनाई जाए। यह सही नहीं है! मजा तो हम चारों को लेना है, मैं तुम्हें बिना चुदवाये नहीं मानूंगी।
इस पर सीमा ने कहा- दीदी, आप सही बोल रही हो लेकिन आपकी घनघोर चुदाई के बाद शायद इन दोनों की उत्तेजना कम हो और मैं थोड़ा सहन करने योग्य सेक्स कर पाऊं और फिर मज़ा उठाएं।
श्लोक और मैंने सीमा की इस बात पर सहमति दी और तृप्ति को बेड के बीचोंबीच खींच लिया।
उत्तेजना और रोमांच से तृप्ति के रोंगटे खड़े हो रहे थे, उसके चेहरे पर एक अलग ही चमक थी यह देखने की कि एक साथ दो लिंग से चोदने पर कैसा महसूस होता है। सीमा पलंग के एक किनारे पर आ गई। इस पर मैं समझ नहीं पा रहा था कि क्या वह दर्शक बनने वाली है या फिर पोर्न फिल्मों की दूसरी नायिका की तरह पोर्न नायकों के गुप्तांगों को हाथ से उत्तेजित करके अपनी सहभागिता देना चाहती है।
किंतु अब मेरा और श्लोक का पूरा ध्यान तृप्ति पर आ गया था।
श्लोक ने कहा- मेरे जीवन की सबसे सेक्सी महिला, अपने जीवन का सबसे धमाकेदार सेक्स करने के लिए तैयार हो जाओ!
मैं- आज बहन चोद भाई तथा पति से साथ में चोदने के लिए तैयार हो जाओ।
तृप्ति ने अपनी मादक मुस्कुराहट के साथ दोनों को अनुमति दी। मैं अपनी पीठ के बल अपने खड़े लिंग को ऊपर करके बेड पर लेट गया। मेरे मुंह की तरफ तृप्ति ने अपनी गांड की तथा अपने गोरे कूल्हों को मेरी कमर पर टिकाए तथा अपने गीली चूत में मेरा लिंग डाल लिया।
श्लोक मेरी टांगों की तरफ तृप्ति की तरफ मुंह करके बैठा हुआ था तथा अपने लिंग को हाथ से सहला रहा था।
मैंने श्लोक को रुकने के लिए कहा क्योंकि तृप्ति के हल्के झटकों से मैं अपने लिंग को उसकी चूत के पानी में भिगोना चाहता था ताकि पर्याप्त चिकनाई के बाद मेरा लिंग उसके गांड के छेद में प्रवेश कर सके। तृप्ति ने अपनी गांड उठाकर मेरे लंड पर झटके देना शुरू किया उसके ग्रुप सेक्स की उत्तेजना में निकले हुए चूत के पानी से मेरा लिंग पर्याप्त मात्रा में चिकना हो चुका था। तृप्ति ने अपने चूतड़ उठाकर मेरा लिंग उसकी चूत में से निकाला और मेरे लिंग को उसने अपनी गांड के छेद पर समायोजित कर लिया। थोड़े उसके तथा मेरे प्रयास से मेरा लिंग मुंड धीरे धीरे उसकी गांड में प्रवेश कर गया तथा मैंने उसकी गांड में धीरे-धीरे धक्का देना शुरू कर दिया। अब श्लोक के आने का समय हो गया था। श्लोक ने तृप्ति के सामने आकर तृप्ति की टांगें थोड़ी सी और चौड़ी करके उसकी गुलाबी चिकनी चूत में अपना लिंग ठेल दिया।
शुरुआत में हम तीनों को सहज महसूस नहीं हुआ तथा दोनों को झटके मारने में परेशानी हुई। किंतु धीरे धीरे हाथ और पांव लिंग और चूत और गांड का छेद इस प्रकार व्यवस्थित हुए कि धीरे धीरे धक्के लगाने में हमें सहजता महसूस होने लग गई और अब एक ही समय पर श्लोक और मैं तृप्ति की गांड और चूत में धक्के मारने लगे। तृप्ति की सिसकारियां जोरदार तेज आवाज आह उम्म्ह... अहह... हय... याह... आह यस यस यस में बदल गई। उसने अपने होठों को उत्तेजना में अपने दांतों के नीचे दबा दिया और जोरदार सिसकारियों की आवाज से पूरा कमरा गुंजा दिया।
धीरे-धीरे श्लोक के धक्कों की गति इतनी बढ़ गई कि तृप्ति का पूरा शरीर जोर जोर से ऊपर नीचे हिलने लगा जिसके कारण मुझे अब धक्के लगाने की जरूरत नहीं थी, मेरा लिंग अपने आप ही तृप्ति की गांड से अंदर बाहर होने लगा था। हमारे द्वारा दिए गए झटकों से उसके स्तन ऊपर नीचे हिल हिल कर किसी पोर्न फिल्म से नजारा बना रहे थे।