09-08-2019, 03:13 PM
जब सीमा ने अपने लबों को अलग किया तो दिखा कि श्लोक ने अपनी सगी बहन तृप्ति को सोफे पर गिरा दिया है और खुद पूर्ण रूप से नग्न होकर तृप्ति की पीठ पर हाथ फिरा रहा है और उसके काले रंग की ब्रा को खोलने की कोशिश कर रहा है। लेकिन इसी समय तृप्ति ने उसके होंठों को अपने होठों के अंदर दबा रखा है जिसके कारण वह तृप्ति की ब्रा खोलने में कामयाब नहीं हो पाया। तब तृप्ति ने श्लोक के मनोभाव को समझकर अपने दोनों हाथ पीछे करके अपनी ब्रा का हुक खोला। दोनों हाथ पीछे करने के कारण तृप्ति के स्तनों का आकार आगे की तरफ हुआ और बड़ा बड़ा नजर आया जिसे देखकर श्लोक अपने आप को रोक नहीं पाया और तृप्ति की ब्रा का हुक खोलने से पहले ही उसने ब्रा को ऊपर किया और उसके बड़े-बड़े गोरे स्तनों में अपने मुंह को दबा दिया और उनके बीच में अपनी जीभ फिर आने लगा।
इधर मैंने भी सीमा को बेड पर धक्का दिया और उसे पेट के बल उल्टा लेटा कर उसकी ब्रा का हुक खोला तथा उसकी गोरी सेक्सी पीठ पर अपनी जीभ घुमाने लगा। सीमा की पूरी पीठ चाट कर जब मैंने उसकी वासना भड़का दी. उसके बाद मैं उसकी कमर के नीचे के उभारों पर अपनी जीभ फिर आने लगा। सीमा अपने कूल्हों को उठाकर उन्हें मेरे मुंह के तरफ दबाने लगी। मैंने उसकी भावनाओं को समझते हुए उसकी पैंटी उतार कर फेंक दी। इस तरह सीमा पूर्ण रूप से नंगी अपने पेट के बल अपनी गोरी सेक्सी पीठ तथा कूल्हों का प्रदर्शन करते हुए लेटी हुई थी। मैंने सीमा के कूल्हों पर पर अपनी जीभ फिराई। सीमा के शरीर के गुदगुदी जब चरम पर पहुंच गई तब उसने अपने आप को सीधा किया और मेरे मुंह को पकड़ कर अपने स्तनों पर लगा दिया। मैंने सीमा के स्तनों को चूसना चाटना शुरू किया, जीरो फिगर वाले सांचे में ढले हुए छोटे आकार के स्तन एक अलग ही उत्तेजना का भाव पैदा कर रहे थे।
जब मेरी नजर तृप्ति और श्लोक पर पड़ी तो देखा कि मेरी बीवी तृप्ति सोफे पर उल्टी लेटी हुई है और मेरे साले श्लोक ने अपना मुंह अपनी बहन के कूल्हों के बीच में डाल रखा है, उसके दोनों हाथ तृप्ति के गोरे कूल्हों को लाल करते हुए उसके कूल्हों को चौड़ा कर रहे थे जिससे कि श्लोक तृप्ति के कूल्हे के बीच में छेद पर अपनी जीभ से मुखचोदन आराम से कर सके। तृप्ति भी अपने कूल्हों को श्लोक के मुंह के ऊपर दबा रही थी और सिसकारियां भर रही थी। वास्तव में बड़ा उत्तेजक दृश्य था! इससे ज्यादा उत्तेजक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। किसी पोर्न फिल्म को देखकर मुझे इतनी उत्तेजना नहीं हुई थी जितना इन बहन भाई को इस अवस्था में देख कर आई।
इधर मैंने सीमा की टांगों को चौड़ा करके उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से गुदगुदाने लगा।
शायद श्लोक और तृप्ति सोफे पर सहज महसूस नहीं कर रहे थे इसलिए श्लोक ने तृप्ति को सोफे से उठाकर हमारे बेड पर ही पटक दिया, उसने तृप्ति को सीधी लेटा कर उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत में अपना मुंह डाल दिया। अब एक ही बिस्तर पर हम चारों बदले हुए साथियों के साथ मुख चोदन कर और करवा रहे थे। कमरे में ननद तृप्ति और भाभी सीमा की सिसकारियां धीमी गति के संगीत को दबाने लगी थी जो कि होम थिएटर में बज रहा था।
फिर हम चारों 69 की पोजीशन में आ गए। अब एक ही समय पर हम एक दूसरे की चूत और लिंग को चाट कर एक दूसरे को आनंद प्रदान कर रहे थे। मैं सीमा की तथा सीमा मेरा गुप्तांग जीभ से गुदगुदा रही थी ऐसा ही तृप्ति और श्लोक दोनों बहन भाई कर रहे थे। जब पर्याप्त मात्रा में मुख चोदन और फोर प्ले हो गया तब हम चारों एक साथ एक दूसरे के लिपट गये।
तब मैंने कहा- चलो बताओ पहले एक एक साथी से चुदाई पसंद करोगी या एक ही साथ दोनों के साथ?
इस पर सीमा ने कहा- आज तो सामूहिक चुदाई का दिन है, अकेले चुदाई करके ही अगर थक गए तो सामूहिक चुदाई का मजा नहीं ले पाएंगे. मेरे तो मन की कामना यही है कि जितना जल्दी हो सके एक साथ दो दो लिंग मुझे चोदें।
तृप्ति ने कहा- जी, सीमा सही कह रही है!
श्लोक- जीजाजी, आज का दिन तो सामूहिक चुदाई का दिन ही रखा जाएगा। सब इसी के लिए लालायित हैं।
तब मैंने कहा- तुम में से एक औरत को थोड़ी देर के लिए हमारे लिंग से वंचित रहना पड़ेगा। अब बताओ श्लोक और हम दोनों पहले किस की पटरी पर पर अपनी रेल दौड़ायें?
इस पर सीमा ने कहा- आप अपना खेल उसी पिच पर खेलो जो पिच मजबूत है। मेरा मतलब है कि तृप्ति दीदी! क्योंकि आप दोनों की हवस भरे हाथों को संतुष्ट करने के लिए उनके बड़े स्तन, लिंग को संतुष्ट करने के लिए उनकी सुंदर और आकर्षक गुलाबी चूत, तथा अपने लिंगों को निचोड़ने के लिए उनके गोरे कूल्हे हैं।
इधर मैंने भी सीमा को बेड पर धक्का दिया और उसे पेट के बल उल्टा लेटा कर उसकी ब्रा का हुक खोला तथा उसकी गोरी सेक्सी पीठ पर अपनी जीभ घुमाने लगा। सीमा की पूरी पीठ चाट कर जब मैंने उसकी वासना भड़का दी. उसके बाद मैं उसकी कमर के नीचे के उभारों पर अपनी जीभ फिर आने लगा। सीमा अपने कूल्हों को उठाकर उन्हें मेरे मुंह के तरफ दबाने लगी। मैंने उसकी भावनाओं को समझते हुए उसकी पैंटी उतार कर फेंक दी। इस तरह सीमा पूर्ण रूप से नंगी अपने पेट के बल अपनी गोरी सेक्सी पीठ तथा कूल्हों का प्रदर्शन करते हुए लेटी हुई थी। मैंने सीमा के कूल्हों पर पर अपनी जीभ फिराई। सीमा के शरीर के गुदगुदी जब चरम पर पहुंच गई तब उसने अपने आप को सीधा किया और मेरे मुंह को पकड़ कर अपने स्तनों पर लगा दिया। मैंने सीमा के स्तनों को चूसना चाटना शुरू किया, जीरो फिगर वाले सांचे में ढले हुए छोटे आकार के स्तन एक अलग ही उत्तेजना का भाव पैदा कर रहे थे।
जब मेरी नजर तृप्ति और श्लोक पर पड़ी तो देखा कि मेरी बीवी तृप्ति सोफे पर उल्टी लेटी हुई है और मेरे साले श्लोक ने अपना मुंह अपनी बहन के कूल्हों के बीच में डाल रखा है, उसके दोनों हाथ तृप्ति के गोरे कूल्हों को लाल करते हुए उसके कूल्हों को चौड़ा कर रहे थे जिससे कि श्लोक तृप्ति के कूल्हे के बीच में छेद पर अपनी जीभ से मुखचोदन आराम से कर सके। तृप्ति भी अपने कूल्हों को श्लोक के मुंह के ऊपर दबा रही थी और सिसकारियां भर रही थी। वास्तव में बड़ा उत्तेजक दृश्य था! इससे ज्यादा उत्तेजक दृश्य मैंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। किसी पोर्न फिल्म को देखकर मुझे इतनी उत्तेजना नहीं हुई थी जितना इन बहन भाई को इस अवस्था में देख कर आई।
इधर मैंने सीमा की टांगों को चौड़ा करके उसकी चूत में अपनी जीभ घुसा दी और उसकी चूत के दाने को अपनी जीभ से गुदगुदाने लगा।
शायद श्लोक और तृप्ति सोफे पर सहज महसूस नहीं कर रहे थे इसलिए श्लोक ने तृप्ति को सोफे से उठाकर हमारे बेड पर ही पटक दिया, उसने तृप्ति को सीधी लेटा कर उसकी टांगें चौड़ी करके उसकी चूत में अपना मुंह डाल दिया। अब एक ही बिस्तर पर हम चारों बदले हुए साथियों के साथ मुख चोदन कर और करवा रहे थे। कमरे में ननद तृप्ति और भाभी सीमा की सिसकारियां धीमी गति के संगीत को दबाने लगी थी जो कि होम थिएटर में बज रहा था।
फिर हम चारों 69 की पोजीशन में आ गए। अब एक ही समय पर हम एक दूसरे की चूत और लिंग को चाट कर एक दूसरे को आनंद प्रदान कर रहे थे। मैं सीमा की तथा सीमा मेरा गुप्तांग जीभ से गुदगुदा रही थी ऐसा ही तृप्ति और श्लोक दोनों बहन भाई कर रहे थे। जब पर्याप्त मात्रा में मुख चोदन और फोर प्ले हो गया तब हम चारों एक साथ एक दूसरे के लिपट गये।
तब मैंने कहा- चलो बताओ पहले एक एक साथी से चुदाई पसंद करोगी या एक ही साथ दोनों के साथ?
इस पर सीमा ने कहा- आज तो सामूहिक चुदाई का दिन है, अकेले चुदाई करके ही अगर थक गए तो सामूहिक चुदाई का मजा नहीं ले पाएंगे. मेरे तो मन की कामना यही है कि जितना जल्दी हो सके एक साथ दो दो लिंग मुझे चोदें।
तृप्ति ने कहा- जी, सीमा सही कह रही है!
श्लोक- जीजाजी, आज का दिन तो सामूहिक चुदाई का दिन ही रखा जाएगा। सब इसी के लिए लालायित हैं।
तब मैंने कहा- तुम में से एक औरत को थोड़ी देर के लिए हमारे लिंग से वंचित रहना पड़ेगा। अब बताओ श्लोक और हम दोनों पहले किस की पटरी पर पर अपनी रेल दौड़ायें?
इस पर सीमा ने कहा- आप अपना खेल उसी पिच पर खेलो जो पिच मजबूत है। मेरा मतलब है कि तृप्ति दीदी! क्योंकि आप दोनों की हवस भरे हाथों को संतुष्ट करने के लिए उनके बड़े स्तन, लिंग को संतुष्ट करने के लिए उनकी सुंदर और आकर्षक गुलाबी चूत, तथा अपने लिंगों को निचोड़ने के लिए उनके गोरे कूल्हे हैं।