09-08-2019, 03:03 PM
मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।
इस पर श्लोक ने पूछा- क्यों? आप ऐसा क्यों कह रही हो दीदी?
तृप्ति- अरे मेरे प्यारे भाई श्लोक, तुम तुम्हारे जीजा जी के साथ अभी रहने लगे हो। उनके साथ कुछ ही समय बिताया है। लेकिन मैं उनकी पत्नी हूं, उनके साथ मैंने बहुत समय बिताया है। मुझे लगता है मैं उनकी रग रग से वाकिफ हूं।
इस बात पर मैं समझ गया था कि तृप्ति को शायद मेरे किए हुए का अंदाजा हो गया था।
तृप्ति- डियर राजवीर! एक बार अदला बदली क्या कर ली, आपको तो इसका चस्का ही लग गया। इस चक्कर में आपने एक भाई और बहन की चुदाई करवा दी। वाह राजवीर वाह!
इतना सुनते ही श्लोक के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया शायद वह डर गया था।
मैं- इसका मतलब तुम्हें पता है। लेकिन अगर तुम्हें पता है तो तुम इस अदलाबदली में शामिल क्यों हुई?
तृप्ति- क्यों? यह चस्का क्या तुम्हें ही लग सकता है? पतियों की अदला बदली का चस्का हमें नहीं लग सकता?
(इस बार फिर सीमा और तृप्ति दोनों हंसने लगी।)
सीमा- हां, लेकिन इस अदला-बदली में एक बुराई थी। भाई और बहन का साथ में सोना। लेकिन भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
सीमा की इस बात पर मैं हैरान हो गया कि सीमा और तृप्ति को इस बारे में भी पता है कि हमने उन्हें नशीली दवा देकर उनके नग्न शरीर के दीदार किए थे। अब मैं समझ गया था बाजी मेरे हाथ में बिल्कुल नहीं है। अपना एटीट्यूड मुझे साइड में रखकर उन्हीं से पूछना होगा।
तब मैं बोला- ओ! तो तुम लोगों को सब पता है। मतलब खेल में रहा था लेकिन खिला तुम दोनों रही थी? लेकिन यह सब तुम्हें कैसे पता चला और कब पता चला और मालूम होते हुए भी इस खेल में तुम दोनों शामिल हुई तो कैसे हुई? कृपया मुझे शुरु से समझाइए।
सीमा- जीजू! आपने क्या वह कहावत सुनी है शेर को कभी ना कभी सवा शेर मिल ही जाता है। आपको सवा शेरनियां मिल गई हैं। आपको क्या लगता है याराना आप दोनों का ही हो सकता है? क्या ननद और भाभियां कभी यार नहीं बन सकती? यहां आने के बाद जैसे आपकी दोस्ती रंग ला रही थी वैसे हमारी दोस्ती भी मजबूत होती जा रही थी। जब आप दोनों ऑफिस में चले जाएंगे तो हम दोनों क्या करेंगी? केवल बातें ही तो करेंगी!
तृप्ति- यहां शिफ्ट होने के बाद मैंने जब सीमा और श्लोक के सेक्स में तेज चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके अगले दिन आपके ऑफिस जाने के बाद मैंने सीमा से इसके बारे में बात की। यह बोलकर कि मैं तुम्हारी ननद हूं। अगर कोई समस्या हो तो मुझे इसके बारे में बताओ। सीमा ने मुझे श्लोक के सेक्स के बारे में बताया। अतः इस बात से हम एक दूसरे से इस प्रकार की बातें करने लगे थे। राजवीर, जब तुमने मुझे श्लोक और सीमा के सेक्स के बारे में पहली बार पूछा था तब मुझे श्लोक के बारे में पता था। लेकिन मैं तुम्हें बता नहीं पाई क्योंकि तुम्हें नहीं बताना चाहती थी कि हम ननद-भाभी इस तरह के बातें भी करती हैं।
फिर धीरे धीरे हम अपने बेडरूम की बातें एक दूसरे से शेयर करने लगी। राजवीर के बारे में ... श्लोक के बारे में ... और अपने बारे में ... हमने एक दूसरी से सब बांटा। हां श्लोक का इस तरह से स्खलित होना मेरे लिए एक पहेली था। लेकिन मैंने उसके बारे में कभी गलत विचार अपने मन में नहीं आने दिया। हालांकि सीमा ने मुझसे कह दिया था कि काश मेरे साथ भी जीजू जैसा प्यार से प्यार करने वाला हमसफर होता। लेकिन हमने इस बात को हमेशा मजाक में ही लिया। हम दोनों ननद भाभी अब यार थी।
इस पर श्लोक ने पूछा- क्यों? आप ऐसा क्यों कह रही हो दीदी?
तृप्ति- अरे मेरे प्यारे भाई श्लोक, तुम तुम्हारे जीजा जी के साथ अभी रहने लगे हो। उनके साथ कुछ ही समय बिताया है। लेकिन मैं उनकी पत्नी हूं, उनके साथ मैंने बहुत समय बिताया है। मुझे लगता है मैं उनकी रग रग से वाकिफ हूं।
इस बात पर मैं समझ गया था कि तृप्ति को शायद मेरे किए हुए का अंदाजा हो गया था।
तृप्ति- डियर राजवीर! एक बार अदला बदली क्या कर ली, आपको तो इसका चस्का ही लग गया। इस चक्कर में आपने एक भाई और बहन की चुदाई करवा दी। वाह राजवीर वाह!
इतना सुनते ही श्लोक के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने मेरा हाथ पकड़ लिया शायद वह डर गया था।
मैं- इसका मतलब तुम्हें पता है। लेकिन अगर तुम्हें पता है तो तुम इस अदलाबदली में शामिल क्यों हुई?
तृप्ति- क्यों? यह चस्का क्या तुम्हें ही लग सकता है? पतियों की अदला बदली का चस्का हमें नहीं लग सकता?
(इस बार फिर सीमा और तृप्ति दोनों हंसने लगी।)
सीमा- हां, लेकिन इस अदला-बदली में एक बुराई थी। भाई और बहन का साथ में सोना। लेकिन भाई अगर अपनी बहन को नंगी देख कर अपने हाथ से अपने आप को संतुष्ट कर सकता है तो उस लिंग को अपनी बहन की चूत में डाल कर संतुष्ट करने में क्या बुराई है।
सीमा की इस बात पर मैं हैरान हो गया कि सीमा और तृप्ति को इस बारे में भी पता है कि हमने उन्हें नशीली दवा देकर उनके नग्न शरीर के दीदार किए थे। अब मैं समझ गया था बाजी मेरे हाथ में बिल्कुल नहीं है। अपना एटीट्यूड मुझे साइड में रखकर उन्हीं से पूछना होगा।
तब मैं बोला- ओ! तो तुम लोगों को सब पता है। मतलब खेल में रहा था लेकिन खिला तुम दोनों रही थी? लेकिन यह सब तुम्हें कैसे पता चला और कब पता चला और मालूम होते हुए भी इस खेल में तुम दोनों शामिल हुई तो कैसे हुई? कृपया मुझे शुरु से समझाइए।
सीमा- जीजू! आपने क्या वह कहावत सुनी है शेर को कभी ना कभी सवा शेर मिल ही जाता है। आपको सवा शेरनियां मिल गई हैं। आपको क्या लगता है याराना आप दोनों का ही हो सकता है? क्या ननद और भाभियां कभी यार नहीं बन सकती? यहां आने के बाद जैसे आपकी दोस्ती रंग ला रही थी वैसे हमारी दोस्ती भी मजबूत होती जा रही थी। जब आप दोनों ऑफिस में चले जाएंगे तो हम दोनों क्या करेंगी? केवल बातें ही तो करेंगी!
तृप्ति- यहां शिफ्ट होने के बाद मैंने जब सीमा और श्लोक के सेक्स में तेज चिल्लाने की आवाज सुनी तो उसके अगले दिन आपके ऑफिस जाने के बाद मैंने सीमा से इसके बारे में बात की। यह बोलकर कि मैं तुम्हारी ननद हूं। अगर कोई समस्या हो तो मुझे इसके बारे में बताओ। सीमा ने मुझे श्लोक के सेक्स के बारे में बताया। अतः इस बात से हम एक दूसरे से इस प्रकार की बातें करने लगे थे। राजवीर, जब तुमने मुझे श्लोक और सीमा के सेक्स के बारे में पहली बार पूछा था तब मुझे श्लोक के बारे में पता था। लेकिन मैं तुम्हें बता नहीं पाई क्योंकि तुम्हें नहीं बताना चाहती थी कि हम ननद-भाभी इस तरह के बातें भी करती हैं।
फिर धीरे धीरे हम अपने बेडरूम की बातें एक दूसरे से शेयर करने लगी। राजवीर के बारे में ... श्लोक के बारे में ... और अपने बारे में ... हमने एक दूसरी से सब बांटा। हां श्लोक का इस तरह से स्खलित होना मेरे लिए एक पहेली था। लेकिन मैंने उसके बारे में कभी गलत विचार अपने मन में नहीं आने दिया। हालांकि सीमा ने मुझसे कह दिया था कि काश मेरे साथ भी जीजू जैसा प्यार से प्यार करने वाला हमसफर होता। लेकिन हमने इस बात को हमेशा मजाक में ही लिया। हम दोनों ननद भाभी अब यार थी।