09-08-2019, 02:48 PM
यह दृश्य थोड़ी देर बाद यहीं से शुरू होगा किंतु बीच में मैं आपको तृप्ति और श्लोक के बहनचोद बनने का किस्सा सुनाता हूं जैसा कि मुझे श्लोक ने कुछ दिनों बाद में बताया था।
आगे की कहानी श्लोक के शब्दों में:
जब मैं दीदी और जीजू के कमरे में प्रविष्ट हुआ तो मैंने देखा कि तृप्ति दीदी अपने गोरी चिकनी जांघों पर अपनी नाइटी को ऊंची करते हुए गुलाब जल का पानी लगा रही थी। शायद यह दृश्य मेरे लिए ही उत्पन्न किया गया था।
मैं दीदी की तरफ मुस्कुराया, वह भी मेरी तरफ मुस्कुराई और हंसती हुई बोली- सच का सामना में जो तुमने कहा था क्या वह सही था? तुम कब से बहनचोद बनने के सपने देख रहे हो मेरे प्यारे भाई?
श्लोक- माफ करना दीदी, मुझे आपको यह बताना नहीं चाहिए किंतु जीजाजी ने मुझे जब आपके और किसी अन्य कपल के स्वैपिंग के बारे में बताया तबसे मेरा आपके ऊपर नजरिया बदल गया था, मैं सोचता था कि आप सीधी सादी केवल जीजाजी के लंड पर ही नाचती होंगी लेकिन आपने तो जिंदगी के मजे लेने के लिए किसी और का लंड भी ले लिया। जीजाजी ने मुझे यह तो नहीं बताया कि वह स्वैपिंग किसके साथ हुई थी किंतु मैं उस व्यक्ति को खुशनसीब मानने लगा जो आपके ऊपर चढ़ा था। बस तब से मैं उस व्यक्ति की जगह खुद को रख कर अपनी दीदी को चोदने के बारे में सोचने लगा। छोटे कपड़ों में आपके अंग प्रदर्शन में मेरा हाल बेहाल कर दिया। सीमा की जीरो फिगर वाली गांड और स्तनों से मैं बोरियत महसूस करने लगा था और आपकी मोटी गांड और बड़े स्तनों के लिए मैं आकर्षित होने लगा था। मुझे आपके ही शरीर जैसी औरत से अपनी प्यास बुझानी थी। कभी-कभी तो मुझे जीजा जी से बहुत जलन होने लगती कि आपके इतने करीब होने के बावजूद भी मैं आपको उस तरह से छू भी नहीं सकता किंतु जीजाजी आपकी रोज चुदाई करते हैं। जीजाजी कितने खुशनसीब हैं। किंतु आज तो मैं अपने अरमान पूरे कर ही लूंगा। आप बताइए आप कब से मेरे बारे में इस प्रकार का सोचने लगी?
तृप्ति- तो राजवीर ने तुम्हें हमारे स्वैपिंग के बारे में बता दिया! मैं उन्हें देख लूंगी। अच्छा चलो ठीक है, तुम्हारी बात का जवाब देती हूं।
प्रिय भाई, मैंने तुम्हारे लिए कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन जब हम इस फ्लैट में शिफ्ट हुए और रात में सीमा और तुम्हारी चुदाई की इतनी भयंकर आवाज मैंने सुनी तब मेरे गले से पानी तक नहीं उतरता था, सीमा की इतनी भयंकर आवाजों के कारण मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे, मैं सोचती थी कि मेरा भाई श्लोक मेरी भाभी की यह किस प्रकार की चुदाई करता है। जब लगातार इस प्रकार की आवाजें आती रही तो तुम्हारे ऑफिस में जाने के बाद एक बार मैंने सीमा से इसके बारे में पूछ ही लिया। सीमा ने मुझे तुम्हारी इस समस्या के बारे में बताया लेकिन सच बताऊं तो मुझे यह समस्या नहीं लगी, मैं तो इस समस्या से रोमांचित हो उठी। अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को 45 मिनट तक बिना रुके चुदाई करे तो वह चुदाई कितनी घमासान होती होगी। सीमा कितनी खुशनसीब थी कि उसे इस प्रकार की चुदाई मिल रही थी जैसा कि हम अंग्रेजी ब्लू फिल्मों में देखा करते हैं।
ऐसा नहीं कि राजवीर मुझे खुश नहीं कर पाते हैं, किंतु इस लंबी चुदाई के अनुभव को पाने की लालसा से मेरा मन इस अन्तर्वासना में ही डूबा रहने लगा। तभी एक दिन मेरे मन में ख्याल आया कि काश मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेकर करीब आधे घंटे से ज्यादा उस पर कूद सकूं। अनंत बाबा ने और राजवीर ने तो मेरी मनोकामनाएं पूर्ण कर दी। आओ श्लोक भाई, मुझे उसी तरह चोदो जिस तरह तुम मेरी भाभी सीमा को चोदते हो। हमारी चुदाई इतनी जबरदस्त होनी चाहिए कि मेरी आवाज राजवीर और सीमा के कानों में पड़े। मैं आज तुम्हारे लिंग पर बैठकर नाचना चाहती हूं। उचकना चाहती हूं, कूदना चाहती हूं। आओ मेरी चूत का भोसड़ा बना दो और मेरी गांड को गोदाम।
हम दोनों भाई बहन की इतनी उत्तेजना भरी बातों से हमें किसी फोरप्ले की आवश्यकता नहीं थी। हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और फिर धीरे-धीरे एक दूसरे के वस्त्रों को हरण कर एक दूसरे को नंगा किया। मैं तृप्ति दीदी के सीने को देख पाता, उससे पहले ही उन्होंने झुक कर मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और पागलों की तरह उसे जड़ तक चूसने लगी। मैं सीधा बैठे केवल उनकी गोरी पीठ को देख सकता था तथा उनकी गांड के बीच की वह लाइन जो मुझे शुरुआती की ही दिख रही थी।
आगे की कहानी श्लोक के शब्दों में:
जब मैं दीदी और जीजू के कमरे में प्रविष्ट हुआ तो मैंने देखा कि तृप्ति दीदी अपने गोरी चिकनी जांघों पर अपनी नाइटी को ऊंची करते हुए गुलाब जल का पानी लगा रही थी। शायद यह दृश्य मेरे लिए ही उत्पन्न किया गया था।
मैं दीदी की तरफ मुस्कुराया, वह भी मेरी तरफ मुस्कुराई और हंसती हुई बोली- सच का सामना में जो तुमने कहा था क्या वह सही था? तुम कब से बहनचोद बनने के सपने देख रहे हो मेरे प्यारे भाई?
श्लोक- माफ करना दीदी, मुझे आपको यह बताना नहीं चाहिए किंतु जीजाजी ने मुझे जब आपके और किसी अन्य कपल के स्वैपिंग के बारे में बताया तबसे मेरा आपके ऊपर नजरिया बदल गया था, मैं सोचता था कि आप सीधी सादी केवल जीजाजी के लंड पर ही नाचती होंगी लेकिन आपने तो जिंदगी के मजे लेने के लिए किसी और का लंड भी ले लिया। जीजाजी ने मुझे यह तो नहीं बताया कि वह स्वैपिंग किसके साथ हुई थी किंतु मैं उस व्यक्ति को खुशनसीब मानने लगा जो आपके ऊपर चढ़ा था। बस तब से मैं उस व्यक्ति की जगह खुद को रख कर अपनी दीदी को चोदने के बारे में सोचने लगा। छोटे कपड़ों में आपके अंग प्रदर्शन में मेरा हाल बेहाल कर दिया। सीमा की जीरो फिगर वाली गांड और स्तनों से मैं बोरियत महसूस करने लगा था और आपकी मोटी गांड और बड़े स्तनों के लिए मैं आकर्षित होने लगा था। मुझे आपके ही शरीर जैसी औरत से अपनी प्यास बुझानी थी। कभी-कभी तो मुझे जीजा जी से बहुत जलन होने लगती कि आपके इतने करीब होने के बावजूद भी मैं आपको उस तरह से छू भी नहीं सकता किंतु जीजाजी आपकी रोज चुदाई करते हैं। जीजाजी कितने खुशनसीब हैं। किंतु आज तो मैं अपने अरमान पूरे कर ही लूंगा। आप बताइए आप कब से मेरे बारे में इस प्रकार का सोचने लगी?
तृप्ति- तो राजवीर ने तुम्हें हमारे स्वैपिंग के बारे में बता दिया! मैं उन्हें देख लूंगी। अच्छा चलो ठीक है, तुम्हारी बात का जवाब देती हूं।
प्रिय भाई, मैंने तुम्हारे लिए कभी ऐसा नहीं सोचा था लेकिन जब हम इस फ्लैट में शिफ्ट हुए और रात में सीमा और तुम्हारी चुदाई की इतनी भयंकर आवाज मैंने सुनी तब मेरे गले से पानी तक नहीं उतरता था, सीमा की इतनी भयंकर आवाजों के कारण मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे, मैं सोचती थी कि मेरा भाई श्लोक मेरी भाभी की यह किस प्रकार की चुदाई करता है। जब लगातार इस प्रकार की आवाजें आती रही तो तुम्हारे ऑफिस में जाने के बाद एक बार मैंने सीमा से इसके बारे में पूछ ही लिया। सीमा ने मुझे तुम्हारी इस समस्या के बारे में बताया लेकिन सच बताऊं तो मुझे यह समस्या नहीं लगी, मैं तो इस समस्या से रोमांचित हो उठी। अगर कोई व्यक्ति किसी महिला को 45 मिनट तक बिना रुके चुदाई करे तो वह चुदाई कितनी घमासान होती होगी। सीमा कितनी खुशनसीब थी कि उसे इस प्रकार की चुदाई मिल रही थी जैसा कि हम अंग्रेजी ब्लू फिल्मों में देखा करते हैं।
ऐसा नहीं कि राजवीर मुझे खुश नहीं कर पाते हैं, किंतु इस लंबी चुदाई के अनुभव को पाने की लालसा से मेरा मन इस अन्तर्वासना में ही डूबा रहने लगा। तभी एक दिन मेरे मन में ख्याल आया कि काश मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेकर करीब आधे घंटे से ज्यादा उस पर कूद सकूं। अनंत बाबा ने और राजवीर ने तो मेरी मनोकामनाएं पूर्ण कर दी। आओ श्लोक भाई, मुझे उसी तरह चोदो जिस तरह तुम मेरी भाभी सीमा को चोदते हो। हमारी चुदाई इतनी जबरदस्त होनी चाहिए कि मेरी आवाज राजवीर और सीमा के कानों में पड़े। मैं आज तुम्हारे लिंग पर बैठकर नाचना चाहती हूं। उचकना चाहती हूं, कूदना चाहती हूं। आओ मेरी चूत का भोसड़ा बना दो और मेरी गांड को गोदाम।
हम दोनों भाई बहन की इतनी उत्तेजना भरी बातों से हमें किसी फोरप्ले की आवश्यकता नहीं थी। हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और फिर धीरे-धीरे एक दूसरे के वस्त्रों को हरण कर एक दूसरे को नंगा किया। मैं तृप्ति दीदी के सीने को देख पाता, उससे पहले ही उन्होंने झुक कर मेरे लिंग को अपने मुंह में ले लिया और पागलों की तरह उसे जड़ तक चूसने लगी। मैं सीधा बैठे केवल उनकी गोरी पीठ को देख सकता था तथा उनकी गांड के बीच की वह लाइन जो मुझे शुरुआती की ही दिख रही थी।