09-08-2019, 02:40 PM
श्लोक के तृप्ति के लिए विचार तो मैं जानता ही था फिर भी तृप्ति और श्लोक कंफर्ट फील करें इसलिए मैंने श्लोक से यह सवाल पूछ ही लिया।
श्लोक- मैं जीजाजी को बहुत ही खुशनसीब इंसान समझता था, दीदी का शरीर बहुत आकर्षक है जो जीजा जी को मिला। माना कि आप मेरी बहन हैं इसलिए मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए लेकिन कभी कभी मुझे जीजू से जलन हुई। पता नहीं क्यों गलत विचार आया कि आप मेरे इतने करीब होते हुए भी किसी और के साथ। यह विचार गलत था लेकिन आपके जैसा शरीर ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया।
मैं- होता है। चलो कोई बात नहीं, हम चारों जवान हैं तो इस प्रकार के विचार आना लाजमी है क्योंकि हमारे शरीर हैं इस प्रकार के कि कोई भी अपनी वासना की सोच में डूब जाए।
मैंने अब सीमा और तृप्ति से उनके मासिक धर्म की तारीखें पूछी। संयोग से दोनों की तारीखें एक जैसी थी और अभी चार पांच दिन पूर्व ही उनके पीरियड खत्म हुए थे। मैंने सबको बताया कि पीरियड्स खत्म होने के बारह दिन बाद से गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। तो एक सप्ताह बाद का समय संतान उत्पत्ति के लिए उपयुक्त समय रहेगा तो हम यह अदला-बदली का खेल के लिए अगले सप्ताह तक छोड़ते हैं।
हमने आठ दिन बाद 31 मार्च की रात तय की। अतः इस दिन के लिए हमें पूरे 8 दिन का इंतजार करना था, इन 8 दिनों में हमने एक दूसरे से बेहद करीबी वाली दोस्ती कर ली। रिश्तेदार से हम यार बन गए यार से हमें याराना बनाना था। एक दूसरे से अश्लील मज़ाक एक दूसरे को छेड़ना अंगों को छू लेना, किस कर लेना यानी कोई बाहर का आदमी देखे तो समझ ना पाए कि कौन पति पत्नी है। हम एक दूसरे से इतना खुल गए थे कि अगर एक एक बात बताने बैठूं तो कहानी की लंबाई और ज्यादा बढ़ जाएगी।
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आखिर 31 तारीख की आ ही गई थी जिस दिन हमें अदला बदली कर चुदाई करनी थी। क्योंकि यह अदला-बदली में हमारा पहला सेक्स था इसलिए हमने एक दूसरे को कंफर्ट फील कराने के लिए और किसी प्रकार की लाज शर्म के लिए और इस सेक्स को मजेदार बनाने के लिए अलग-अलग कमरों में चुदाई करना उपयुक्त समझा।
रात के 10:00 बज रहे थे, खाना-वाना खाकर हम नहा धोकर फ्रेश होकर एक दूसरे के कमरे में प्रविष्ट हुए जहां हमारी बीवियां आकर्षक खुशबू उत्तेजक कपड़े पहन कर हमारा इंतजार कर रही थी।
मैं सीमा के कमरे में गया और अंदर से दरवाजे को लॉक किया। सीमा ने नाइटी पहनी हुई थी। हमारी दोस्ती हो चुकी थी इसलिए सीमा ने मुझे पीछे से ही कसकर पकड़ लिया और उसके स्तनों को मेरी पीठ पर दबाने लगी जिससे मुझे अहसास हुआ कि इसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना हुआ है। (मेरे मन में एक शंका थी कि सीमा को तो श्लोक के साथ लंबे समय तक सेक्स करने की आदत हो चुकी है, क्या उसको मैं संतुष्ट कर पाऊंगा, खुश कर पाऊँगा।)
सीमा बोली- आइए जीजू... मुझे केवल आनंद और पूर्ण आनंद देने वाला सेक्स प्रदान कीजिए!
मैं बोला- मैं कुछ समझा नहीं सीमा?
सीमा- जीजू, श्लोक सेक्स तो बहुत अच्छा करता है लेकिन मेरी संतुष्टि के बाद भी वह काफी समय तक मेरे साथ सेक्स करता रहता है जिससे कि मेरी चूत में जलन होने लग जाती है अतः मेरे लिए सेक्स मजे के साथ दर्द का भी समावेश है। मैं अपने पति के साथ साथ में स्खलित होना चाहती थी। स्खलन के समय पर हम एक दूसरे को कसकर पकड़ना चाहते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है, मेरे स्खलित होने के बावजूद भी श्लोक मेरी चूत में जोरदार धक्के देता है। आज हम दोनों साथ स्खलित होंगे और मेरी मनोकामना पूर्ण होगी। दर्द का नामोनिशान नहीं होगा और सेक्स में केवल मजा होगा। आपके बारे में बहुत ख्याली पुलाव पकाया है मैंने। आपके सच का सामना गेम में शर्म के मारे बता नहीं पाई लेकिन आपके बारे में मेरी वासना हमेशा मुझ पर हावी रही। जितना प्यारा आपका व्यवहार है उतना ही पाया प्यारा आपका सेक्स होता होगा यह सोच-सोचकर मैंने आपके बारे में कहीं कल्पना कि और तृप्ति दीदी से मुझे जलन थी।
श्लोक- मैं जीजाजी को बहुत ही खुशनसीब इंसान समझता था, दीदी का शरीर बहुत आकर्षक है जो जीजा जी को मिला। माना कि आप मेरी बहन हैं इसलिए मुझे ऐसा नहीं सोचना चाहिए लेकिन कभी कभी मुझे जीजू से जलन हुई। पता नहीं क्यों गलत विचार आया कि आप मेरे इतने करीब होते हुए भी किसी और के साथ। यह विचार गलत था लेकिन आपके जैसा शरीर ने मुझे यह सोचने पर मजबूर कर दिया।
मैं- होता है। चलो कोई बात नहीं, हम चारों जवान हैं तो इस प्रकार के विचार आना लाजमी है क्योंकि हमारे शरीर हैं इस प्रकार के कि कोई भी अपनी वासना की सोच में डूब जाए।
मैंने अब सीमा और तृप्ति से उनके मासिक धर्म की तारीखें पूछी। संयोग से दोनों की तारीखें एक जैसी थी और अभी चार पांच दिन पूर्व ही उनके पीरियड खत्म हुए थे। मैंने सबको बताया कि पीरियड्स खत्म होने के बारह दिन बाद से गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। तो एक सप्ताह बाद का समय संतान उत्पत्ति के लिए उपयुक्त समय रहेगा तो हम यह अदला-बदली का खेल के लिए अगले सप्ताह तक छोड़ते हैं।
हमने आठ दिन बाद 31 मार्च की रात तय की। अतः इस दिन के लिए हमें पूरे 8 दिन का इंतजार करना था, इन 8 दिनों में हमने एक दूसरे से बेहद करीबी वाली दोस्ती कर ली। रिश्तेदार से हम यार बन गए यार से हमें याराना बनाना था। एक दूसरे से अश्लील मज़ाक एक दूसरे को छेड़ना अंगों को छू लेना, किस कर लेना यानी कोई बाहर का आदमी देखे तो समझ ना पाए कि कौन पति पत्नी है। हम एक दूसरे से इतना खुल गए थे कि अगर एक एक बात बताने बैठूं तो कहानी की लंबाई और ज्यादा बढ़ जाएगी।
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आखिर 31 तारीख की आ ही गई थी जिस दिन हमें अदला बदली कर चुदाई करनी थी। क्योंकि यह अदला-बदली में हमारा पहला सेक्स था इसलिए हमने एक दूसरे को कंफर्ट फील कराने के लिए और किसी प्रकार की लाज शर्म के लिए और इस सेक्स को मजेदार बनाने के लिए अलग-अलग कमरों में चुदाई करना उपयुक्त समझा।
रात के 10:00 बज रहे थे, खाना-वाना खाकर हम नहा धोकर फ्रेश होकर एक दूसरे के कमरे में प्रविष्ट हुए जहां हमारी बीवियां आकर्षक खुशबू उत्तेजक कपड़े पहन कर हमारा इंतजार कर रही थी।
मैं सीमा के कमरे में गया और अंदर से दरवाजे को लॉक किया। सीमा ने नाइटी पहनी हुई थी। हमारी दोस्ती हो चुकी थी इसलिए सीमा ने मुझे पीछे से ही कसकर पकड़ लिया और उसके स्तनों को मेरी पीठ पर दबाने लगी जिससे मुझे अहसास हुआ कि इसके अंदर उसने कुछ नहीं पहना हुआ है। (मेरे मन में एक शंका थी कि सीमा को तो श्लोक के साथ लंबे समय तक सेक्स करने की आदत हो चुकी है, क्या उसको मैं संतुष्ट कर पाऊंगा, खुश कर पाऊँगा।)
सीमा बोली- आइए जीजू... मुझे केवल आनंद और पूर्ण आनंद देने वाला सेक्स प्रदान कीजिए!
मैं बोला- मैं कुछ समझा नहीं सीमा?
सीमा- जीजू, श्लोक सेक्स तो बहुत अच्छा करता है लेकिन मेरी संतुष्टि के बाद भी वह काफी समय तक मेरे साथ सेक्स करता रहता है जिससे कि मेरी चूत में जलन होने लग जाती है अतः मेरे लिए सेक्स मजे के साथ दर्द का भी समावेश है। मैं अपने पति के साथ साथ में स्खलित होना चाहती थी। स्खलन के समय पर हम एक दूसरे को कसकर पकड़ना चाहते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है, मेरे स्खलित होने के बावजूद भी श्लोक मेरी चूत में जोरदार धक्के देता है। आज हम दोनों साथ स्खलित होंगे और मेरी मनोकामना पूर्ण होगी। दर्द का नामोनिशान नहीं होगा और सेक्स में केवल मजा होगा। आपके बारे में बहुत ख्याली पुलाव पकाया है मैंने। आपके सच का सामना गेम में शर्म के मारे बता नहीं पाई लेकिन आपके बारे में मेरी वासना हमेशा मुझ पर हावी रही। जितना प्यारा आपका व्यवहार है उतना ही पाया प्यारा आपका सेक्स होता होगा यह सोच-सोचकर मैंने आपके बारे में कहीं कल्पना कि और तृप्ति दीदी से मुझे जलन थी।