09-08-2019, 02:34 PM
मैं- लेकिन बाबाने कहा था कि हम परिस्थितियां बदल सकते हैं और वो कैसे करेंगे यह आपके ऊपर निर्भर करता है। मैं 2 दिन से ऐसी परिस्थितियों को बदलने के बारे में सोच रहा था और मेरे मन में एक विचार आया है। यह बड़ा अजीब है। शायद आप तीनों को मुझ पर गुस्सा आए किंतु हमारे बिजनेस व पारिवारिक मेलजोल के लिए यह फैसला तो लेना ही होगा। करना ना करना अपने ऊपर निर्भर है। पर कृपया दोनों मुझे गलत ना समझना!
सीमा- आपने अगर कोई उपाय ही सोचा है तो हम आपको गलत क्यों समझेंगे आखिर कर तो आप हम सब के लिए ही रहे हैं!
मैं- तो सुनो, बाबा के अनुसार घर में कलेश सीमा और श्लोक के बच्चे और मेरे और तृप्ति के बच्चे की वजह से होगा। क्योंकि बाबा ने कहा था की परिस्थितियां बदल कर हम इस संकट को टाल सकते हैं तो अगर हम ऐसा करें कि सीमा को मुझसे बच्चा हो और तृप्ति को श्लोक से तो परिस्थितियां अपने आप ही बदल जायेंगी
तृप्ति- यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? श्लोक मेरा भाई है।
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं जीजा जी? यह गलत है।
श्लोक- गलत है लेकिन एक बार जीजाजी की बात तो सुन लीजिए। वे हमें करने को नहीं कह रहे हैं, वे एक समाधान बता रहे हैं।
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? तृप्ति दीदी आपकी बहन है।
तृप्ति- यह कभी नहीं हो सकता, आप अपनी बात भी पूरी मत कीजिए। जो होगा देखा जाएगा लेकिन ऐसा गलत काम में आप हमें सम्मिलित नहीं कर सकती।
मैं- देखो सीमा, अपनी पत्नी को उसके भाई के साथ सुलाने का दुख मुझे भी है और शायद श्लोक को भी दुख होगा। लेकिन यह हमारे भविष्य की बात है। अगर सीमा मेरे साथ बच्चा पैदा करती है तो उस बच्चे से मुझे भी अपनापन होगा, मैं कभी उसका अहित नहीं चाहूंगा। इसी प्रकार श्लोक को भी उसके बच्चे से अपनापन होगा, हम चारों के बच्चे हमारे बच्चे होंगे और कोई भेद नहीं होगा। अगर ऐसा होता है तो तेरा बच्चा मेरा बच्चा की भावना भविष्य में हमारे सामने नहीं आएगी। यह केवल शुरुआती एक बच्चे की बात है, उसके बाद संकट टल जाएगा। फिर हम अपने अपने पतियों से अपनी अपनी पत्नियों से बच्चे पैदा कर लेंगे। श्लोक तुम कुछ कहते क्यों नहीं? तुम्हें क्या लगता है कि मैं गलत हूं?
श्लोक- समाधान तो आपने सही बताया है किंतु तृप्ति दीदी मेरी बहन है, आपका और सीमा का तो फिर भी हो जाएगा क्योंकि साली आधी घरवाली होती है। तो है तो यह आपके साले की ही बीवी, लेकिन मैं तृप्ति दीदी के साथ...
मैं- देखो श्लोक, मैं मानता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इसके विपरीत है किंतु तुम विदेश में जाकर पढ़ाई करके आए हो। भारत में भी अब ऐसा कल्चर है जहां पर लोग अपने मनोरंजन के लिए अपनी बीवियां बदल कर चुदाई करते हैं। हम ऐसा मजबूरी में कर रहे हैं। अदला बदली का खेल कौन सा सही है लेकिन लोग यह कर रहे हैं। तो तुम लोग भूल क्यों नहीं जाते कि तुम लोग भाई बहन हो। अगर आने वाले भविष्य में अपने सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए हम दोनों कपल किसी और के साथ बदला बदली कर लेते हैं तो हम चारों के स्वैपिंग करने में क्या समस्या है? हम साथ रहते हैं एक ही फ्लैट में, यहां कोई डर नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है, इज्जत बिगड़ने व किसी को पता चलने का कोई डर नहीं है। क्या समस्या है? यह बात हम चारों तक है यह हम चारों तक ही रहेगी। बच्चों के पेट में पड़ने के साथ हम अपनी अपनी बीवी अपने अपने पतियों के साथ रह सकते हैं। बच्चों को भी है सच पता नहीं होगा कि वह सीमा और श्लोक का बच्चा नहीं सीमा और मेरा तथा तृप्ति और श्लोक का बच्चा है।
तृप्ति और सीमा ने कहा- हमें सोचने के लिए कुछ वक्त चाहिए।
हम दोनों छत से नीचे चले आए, दोनों को सोचने के लिए समय दे दिया।
श्लोक- यार जीजू, कहां से लाते हो इतना दिमाग? कहां से बना लेते हो ऐसी बातें? मैं तो आश्चर्यचकित हूं।
सीमा- आपने अगर कोई उपाय ही सोचा है तो हम आपको गलत क्यों समझेंगे आखिर कर तो आप हम सब के लिए ही रहे हैं!
मैं- तो सुनो, बाबा के अनुसार घर में कलेश सीमा और श्लोक के बच्चे और मेरे और तृप्ति के बच्चे की वजह से होगा। क्योंकि बाबा ने कहा था की परिस्थितियां बदल कर हम इस संकट को टाल सकते हैं तो अगर हम ऐसा करें कि सीमा को मुझसे बच्चा हो और तृप्ति को श्लोक से तो परिस्थितियां अपने आप ही बदल जायेंगी
तृप्ति- यह क्या बकवास कर रहे हैं आप? श्लोक मेरा भाई है।
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं जीजा जी? यह गलत है।
श्लोक- गलत है लेकिन एक बार जीजाजी की बात तो सुन लीजिए। वे हमें करने को नहीं कह रहे हैं, वे एक समाधान बता रहे हैं।
सीमा- आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं? तृप्ति दीदी आपकी बहन है।
तृप्ति- यह कभी नहीं हो सकता, आप अपनी बात भी पूरी मत कीजिए। जो होगा देखा जाएगा लेकिन ऐसा गलत काम में आप हमें सम्मिलित नहीं कर सकती।
मैं- देखो सीमा, अपनी पत्नी को उसके भाई के साथ सुलाने का दुख मुझे भी है और शायद श्लोक को भी दुख होगा। लेकिन यह हमारे भविष्य की बात है। अगर सीमा मेरे साथ बच्चा पैदा करती है तो उस बच्चे से मुझे भी अपनापन होगा, मैं कभी उसका अहित नहीं चाहूंगा। इसी प्रकार श्लोक को भी उसके बच्चे से अपनापन होगा, हम चारों के बच्चे हमारे बच्चे होंगे और कोई भेद नहीं होगा। अगर ऐसा होता है तो तेरा बच्चा मेरा बच्चा की भावना भविष्य में हमारे सामने नहीं आएगी। यह केवल शुरुआती एक बच्चे की बात है, उसके बाद संकट टल जाएगा। फिर हम अपने अपने पतियों से अपनी अपनी पत्नियों से बच्चे पैदा कर लेंगे। श्लोक तुम कुछ कहते क्यों नहीं? तुम्हें क्या लगता है कि मैं गलत हूं?
श्लोक- समाधान तो आपने सही बताया है किंतु तृप्ति दीदी मेरी बहन है, आपका और सीमा का तो फिर भी हो जाएगा क्योंकि साली आधी घरवाली होती है। तो है तो यह आपके साले की ही बीवी, लेकिन मैं तृप्ति दीदी के साथ...
मैं- देखो श्लोक, मैं मानता हूं कि हमारी सभ्यता और संस्कृति इसके विपरीत है किंतु तुम विदेश में जाकर पढ़ाई करके आए हो। भारत में भी अब ऐसा कल्चर है जहां पर लोग अपने मनोरंजन के लिए अपनी बीवियां बदल कर चुदाई करते हैं। हम ऐसा मजबूरी में कर रहे हैं। अदला बदली का खेल कौन सा सही है लेकिन लोग यह कर रहे हैं। तो तुम लोग भूल क्यों नहीं जाते कि तुम लोग भाई बहन हो। अगर आने वाले भविष्य में अपने सेक्स लाइफ को अच्छा बनाने के लिए हम दोनों कपल किसी और के साथ बदला बदली कर लेते हैं तो हम चारों के स्वैपिंग करने में क्या समस्या है? हम साथ रहते हैं एक ही फ्लैट में, यहां कोई डर नहीं है, कोई देखने वाला नहीं है, इज्जत बिगड़ने व किसी को पता चलने का कोई डर नहीं है। क्या समस्या है? यह बात हम चारों तक है यह हम चारों तक ही रहेगी। बच्चों के पेट में पड़ने के साथ हम अपनी अपनी बीवी अपने अपने पतियों के साथ रह सकते हैं। बच्चों को भी है सच पता नहीं होगा कि वह सीमा और श्लोक का बच्चा नहीं सीमा और मेरा तथा तृप्ति और श्लोक का बच्चा है।
तृप्ति और सीमा ने कहा- हमें सोचने के लिए कुछ वक्त चाहिए।
हम दोनों छत से नीचे चले आए, दोनों को सोचने के लिए समय दे दिया।
श्लोक- यार जीजू, कहां से लाते हो इतना दिमाग? कहां से बना लेते हो ऐसी बातें? मैं तो आश्चर्यचकित हूं।