09-08-2019, 12:48 PM
15 दिन लगे दवा हमारे घर पर आने में!
ये दिन कैसे निकले थे, केवल श्लोक और में ही जानते थे। चुदाई तो हम अपनी बीवियों के करते हैं लेकिन मन में हम एक दूसरे की बीवी को ठोकते रहते थे। इन 15 दिनों में श्लोक और हमने अपनी बीवियों के सारी गंदी बातें सारे पसंदीदा सेक्स पोज स्तनों का आकार गांड का आकार चूत का आकार जैसी बातें करके एक दूसरे की आग को बढ़ाए रखा। बीवी को दवा खिलाने के लिए शनिवार की रात को चुना।
शनिवार से 3 दिन पहले आई हुई दवा को छुपाने के लिए श्लोक में अपना ही कमरा चुना था।
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शनिवार आ ही गया। खाने के बाद की आइसक्रीम में हमने दवा दोनों को खिला दी। एक घंटे तक वे दोनों नॉर्मल रही और घर के बाकी काम निबटाकर बेड रूम पर पहुंच गई हम अभी अपने अपने कमरे में ही अपनी बीवियों के साथ सोए। 5 से 10 मिनट के बाद ही दवाई असर करना शुरू कर दिया और तृप्ति और सीमा को गहरी नींद आ गई। योजना के मुताबिक मैंने और श्लोक ने अपनी अपनी बीवियों को बेहोशी की हालत में नंगी कर दिया, उनके जिस्म पर हमने एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा ताकि अगर उन पर दवा का असर नहीं हुआ हो तो वे जाग जायें और हमें पता चल जाए कि उन पर अभी दवा का पूरा असर नहीं हुआ। लेकिन दवा बेहद कारगर थी, उन पर उनके कपड़े उतारने का कोई भी असर नहीं हुआ।
आज हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होने वाली थी, सीमा को नग्न देख पाने की लालसा में लंड खड़ा होकर सलामी दे रहा था। तृप्ति को जब मैंने नंगी किया तब मेरे मन से निकला 'डार्लिंग, आज अपने भाई को अपना नग्न जिस्म दिखने के लिए तैयार हो जाओ।' तृप्ति के सेक्सी शरीर को देखकर मेरा मन बिगड़ने लगा था और मन किया कि अपने जिस्म को इसके ऊपर एक बार रगड़ ही लूं लेकिन आज मुझे इसे श्लोक के हवाले करना था। बाल खुले हुए, पूर्ण रूप से नंगी तृप्ति के 34″ के गोरे बड़े स्तन और उन पर गुलाबी रंग के निप्पल गजब का नजारा बना रहे थे। नीचे तमन्ना भाटिया जैसा गोरा और शानदार पेट तथा 27 की कमर चूसने चाटने लायक था। शीघ्रपतन वाले आदमी का तो तृप्ति को ऐसे लेटे हुए देख कर ही अपना स्खलन हो जाए। उसके गोरे गोरे 36″ के कूल्हे गोरी गोरी जांघें और गुलाबी रंग की चूत कयामत ढा रही थी। मेरे और रणविजय के बाद इस शरीर को देख पाने वाला श्लोक तीसरा खुशनसीब व्यक्ति था जो कि तृप्ति को ऐसे देख पायेगा। मैं यह सोच ही रहा था कि गेट पर खट खट खट की आवाज आई, दरवाजे पर श्लोक था, उसने कहा- जीजू, आपकी सलहज सीमा गहरी नींद में सो चुकी है और उसे मैंने पूरी नंगी कर दिया है।
तब मैंने कहा- तुम्हारी बहन तृप्ति भी गहरी नींद में सो चुकी है, तुम्हारे दीदार के लिए मैंने भी उसे जन्मजात नंगी कर दिया है।
श्लोक - "तो क्या हम अपने सपना पूरा करने वाले हैं जीजू? रहा ही नहीं जा रहा है। अब तो मेरा लंड जोर से दर्द करने लगा है इतना कड़क हो गया है।"
मैं- श्लोक, वह सब तो ठीक है लेकिन मेरे मन में एक समस्या है, उत्तेजना में आकर ऐसा कोई भी कार्य मत कर देना कि तृप्ति की नींद खुल जाए और लेने के देने पड़ जायें।
इस पर श्लोक विचार करने लगा, उसने कहा- हां यार जीजू, गहरी नींद में मैं तृप्ति दीदी से चुदाई नहीं करूँगा। लेकिन कोई बात नहीं, कम से कम मैं उनके सेक्सी शरीर पर अपनी नजरें डालकर अपनी थोड़ी बहुत मनोकामना तो पूरी कर सकता हूं। यह मेरे लिए बहुत है। चलिए समय निकलता जा रहा है आप भी ज्यादा उत्तेजना में ध्यान रखिएगा कहीं छूने से सीमा की नींद खुल गई तो भी लेने के देने पड़ जाएंगे। हमें अपने पर काबू रखना है और अपने आप को उनका नंगा बदन देख कर ही संतुष्ट करना है.
ये दिन कैसे निकले थे, केवल श्लोक और में ही जानते थे। चुदाई तो हम अपनी बीवियों के करते हैं लेकिन मन में हम एक दूसरे की बीवी को ठोकते रहते थे। इन 15 दिनों में श्लोक और हमने अपनी बीवियों के सारी गंदी बातें सारे पसंदीदा सेक्स पोज स्तनों का आकार गांड का आकार चूत का आकार जैसी बातें करके एक दूसरे की आग को बढ़ाए रखा। बीवी को दवा खिलाने के लिए शनिवार की रात को चुना।
शनिवार से 3 दिन पहले आई हुई दवा को छुपाने के लिए श्लोक में अपना ही कमरा चुना था।
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शनिवार आ ही गया। खाने के बाद की आइसक्रीम में हमने दवा दोनों को खिला दी। एक घंटे तक वे दोनों नॉर्मल रही और घर के बाकी काम निबटाकर बेड रूम पर पहुंच गई हम अभी अपने अपने कमरे में ही अपनी बीवियों के साथ सोए। 5 से 10 मिनट के बाद ही दवाई असर करना शुरू कर दिया और तृप्ति और सीमा को गहरी नींद आ गई। योजना के मुताबिक मैंने और श्लोक ने अपनी अपनी बीवियों को बेहोशी की हालत में नंगी कर दिया, उनके जिस्म पर हमने एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा ताकि अगर उन पर दवा का असर नहीं हुआ हो तो वे जाग जायें और हमें पता चल जाए कि उन पर अभी दवा का पूरा असर नहीं हुआ। लेकिन दवा बेहद कारगर थी, उन पर उनके कपड़े उतारने का कोई भी असर नहीं हुआ।
आज हमारी मनोकामनाएं पूर्ण होने वाली थी, सीमा को नग्न देख पाने की लालसा में लंड खड़ा होकर सलामी दे रहा था। तृप्ति को जब मैंने नंगी किया तब मेरे मन से निकला 'डार्लिंग, आज अपने भाई को अपना नग्न जिस्म दिखने के लिए तैयार हो जाओ।' तृप्ति के सेक्सी शरीर को देखकर मेरा मन बिगड़ने लगा था और मन किया कि अपने जिस्म को इसके ऊपर एक बार रगड़ ही लूं लेकिन आज मुझे इसे श्लोक के हवाले करना था। बाल खुले हुए, पूर्ण रूप से नंगी तृप्ति के 34″ के गोरे बड़े स्तन और उन पर गुलाबी रंग के निप्पल गजब का नजारा बना रहे थे। नीचे तमन्ना भाटिया जैसा गोरा और शानदार पेट तथा 27 की कमर चूसने चाटने लायक था। शीघ्रपतन वाले आदमी का तो तृप्ति को ऐसे लेटे हुए देख कर ही अपना स्खलन हो जाए। उसके गोरे गोरे 36″ के कूल्हे गोरी गोरी जांघें और गुलाबी रंग की चूत कयामत ढा रही थी। मेरे और रणविजय के बाद इस शरीर को देख पाने वाला श्लोक तीसरा खुशनसीब व्यक्ति था जो कि तृप्ति को ऐसे देख पायेगा। मैं यह सोच ही रहा था कि गेट पर खट खट खट की आवाज आई, दरवाजे पर श्लोक था, उसने कहा- जीजू, आपकी सलहज सीमा गहरी नींद में सो चुकी है और उसे मैंने पूरी नंगी कर दिया है।
तब मैंने कहा- तुम्हारी बहन तृप्ति भी गहरी नींद में सो चुकी है, तुम्हारे दीदार के लिए मैंने भी उसे जन्मजात नंगी कर दिया है।
श्लोक - "तो क्या हम अपने सपना पूरा करने वाले हैं जीजू? रहा ही नहीं जा रहा है। अब तो मेरा लंड जोर से दर्द करने लगा है इतना कड़क हो गया है।"
मैं- श्लोक, वह सब तो ठीक है लेकिन मेरे मन में एक समस्या है, उत्तेजना में आकर ऐसा कोई भी कार्य मत कर देना कि तृप्ति की नींद खुल जाए और लेने के देने पड़ जायें।
इस पर श्लोक विचार करने लगा, उसने कहा- हां यार जीजू, गहरी नींद में मैं तृप्ति दीदी से चुदाई नहीं करूँगा। लेकिन कोई बात नहीं, कम से कम मैं उनके सेक्सी शरीर पर अपनी नजरें डालकर अपनी थोड़ी बहुत मनोकामना तो पूरी कर सकता हूं। यह मेरे लिए बहुत है। चलिए समय निकलता जा रहा है आप भी ज्यादा उत्तेजना में ध्यान रखिएगा कहीं छूने से सीमा की नींद खुल गई तो भी लेने के देने पड़ जाएंगे। हमें अपने पर काबू रखना है और अपने आप को उनका नंगा बदन देख कर ही संतुष्ट करना है.