09-08-2019, 12:46 PM
मैं- जब तुम्हारी शादी हुई थी, तब मेरा मन इतना गंदा नहीं था। फिर जब हम इस घर में इकट्ठा हुए उससे पहले मैं और तृप्ति किसी के साथ अदला बदली कर चुके थे। चार एक ही उम्र के लोगों को देखकर मुझे पहला वाला याराना याद आ गया, मैं तुम तीनों से किसी प्रकार का धोखा नहीं करना चाहता था इसलिए बीवी की अदला बदली ही मैंने इसका समाधान सोचा और बीवी की अदला बदली में जो मजा है वह किसी प्रकार के सेक्स में नहीं है श्लोक। उसके बाद घर में सीमा के लंबी सेक्सी टांगों पतली कमर सेक्सी चेहरा लंबे सुनहरे बाल देखकर मेरा लिंग हमेशा फड़फड़ाए रहता जो सीमा के शरीर में नहीं देख पाया वह कृति सेनन के वीडियो डाउनलोड करके देखने की कोशिश करता हूँ, उस वक्त उत्तेजना में मैं अपना आपा खो बैठता हूँ और मन ही मन बोलता हूँ कि कब सीमा कहेगी 'आओ कभी हवेली पर!' इस तरह मैं और श्लोक दोनों हंसने लगे।
जब तृप्ति और सीमा पूल से बाहर आकर हमारे शरीर पर लिपट गई तब हमारी इस बातचीत का अंत हुआ रात में मैंने तृप्ति की गहरी चुदाई की अपने प्लान के सफल हो जाने तथा आने वाली शानदार चुदाई के याद के साथ मैंने तृप्ति को जमकर ठोका। उधर श्लोक के कमरे से भी वैसी ही आवाजें आती रही जिसका जिक्र मैं इस कहानी में पहले ही कर चुका हूं। हालांकि आज की आवाज में काफी ज्यादा मज़ा और दर्द था और श्लोक की भी आवाज मजे के साथ आ रही थी।
अगले दिन हमारे ऑफिस में:
मैं- श्लोक, केवल ख्याली पुलाव पकाओगे और अपनी बहन को सपने में ही चोदोगे या फिर हमें तृप्ति और सीमा से इस बारे में बात करनी चाहिए?
श्लोक- यार जीजू, मुझे तो दीदी से डर लगता है और सीमा का भी डर है कि मैं उसकी नजरों में गिर ना जाऊं... क्योंकि स्वैपिंग के लिए तो वह मान सकती है लेकिन मेरे और तृप्ति दीदी के बारे में उसका क्या विचार होगा मुझे पता नहीं है।
मैं- कुछ तो करना पड़ेगा, वरना हम अपने बीवियों को बदल-बदल कर लिंग का स्वाद कैसे चखाएंगे?
श्लोक- मेरे पास एक आईडिया है जीजू, जिससे कि हमें हमारी बीवियों को यह भी बताना नहीं पड़ेगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि हमने उनके साथ चुदाई कर ली है और हमारा भी शौक पूरा हो जाएगा।
मैं- वह कैसे?
श्लोक- मेरा एक दोस्त बैंकॉक में बैंकर है। और बैंकॉक में एक ऐसी दवा मिलती है जोकि बेहोशी तथा उत्तेजना का मिश्रण है वह एक ऐसी नशीली है दवा है जिससे कि व्यक्ति को नींद आ जाती है किंतु वहां नींद में उस व्यक्ति के साथ सेक्स करता है जिसके साथ में सेक्स करना पसंद करता है लेकिन यह तभी होता है जब उस व्यक्ति के साथ सच में सेक्स किया जा रहा हो इस तरह हम अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर लेंगे और हमारे बीवियों को लगेगा कि उन्होंने अपने पतियों के साथ ही सेक्स किया है
मैं- ऐसी भी कोई ड्रग होती है?
श्लोक- हां जीजू होती है, और मैंने इसका इस्तेमाल भी किया है विदेश में अपने मकान मालकिन के साथ। लेकिन यह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा आप कहे तो मैं दवा अपने दोस्त से मंगाऊँ क्योंकि भारत में यह दवा नहीं मिलती!
मैं- अरे वाह मेरे होशियार साले साहब, तुमने तो मुझे भी पीछा छोड़ दिया। शुभ काम में देरी कैसी जल्दी मंगवाओ और कर दो शुभारंभ! लेकिन सुनो श्लोक... जो मजा रजामंदी के साथ सेक्स करने में है वह किसी को बेहोश करके करने में नहीं। बीवी की अदला बदली अगर अपनी चारों की मर्जी से हो तो उस का आनंद ही कुछ और है अतः हम दवा मंगा कर उससे दोनों को बेहोश करके उनके नंगे जिस्म का दीदार कर लेंगे और उन्हें मन भर कर देख लेंगे किंतु चुदाई उनकी रजामंदी से ही करेंगे।
श्लोक- ठीक है जीजू आप जो कहते हैं सही। इस बहाने एक मनोकामना तो पूरी होगी तृप्ति दीदी को नंगी देखने की!
जब तृप्ति और सीमा पूल से बाहर आकर हमारे शरीर पर लिपट गई तब हमारी इस बातचीत का अंत हुआ रात में मैंने तृप्ति की गहरी चुदाई की अपने प्लान के सफल हो जाने तथा आने वाली शानदार चुदाई के याद के साथ मैंने तृप्ति को जमकर ठोका। उधर श्लोक के कमरे से भी वैसी ही आवाजें आती रही जिसका जिक्र मैं इस कहानी में पहले ही कर चुका हूं। हालांकि आज की आवाज में काफी ज्यादा मज़ा और दर्द था और श्लोक की भी आवाज मजे के साथ आ रही थी।
अगले दिन हमारे ऑफिस में:
मैं- श्लोक, केवल ख्याली पुलाव पकाओगे और अपनी बहन को सपने में ही चोदोगे या फिर हमें तृप्ति और सीमा से इस बारे में बात करनी चाहिए?
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मैं- कुछ तो करना पड़ेगा, वरना हम अपने बीवियों को बदल-बदल कर लिंग का स्वाद कैसे चखाएंगे?
श्लोक- मेरे पास एक आईडिया है जीजू, जिससे कि हमें हमारी बीवियों को यह भी बताना नहीं पड़ेगा और उन्हें पता भी नहीं चलेगा कि हमने उनके साथ चुदाई कर ली है और हमारा भी शौक पूरा हो जाएगा।
मैं- वह कैसे?
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मैं- ऐसी भी कोई ड्रग होती है?
श्लोक- हां जीजू होती है, और मैंने इसका इस्तेमाल भी किया है विदेश में अपने मकान मालकिन के साथ। लेकिन यह कहानी मैं आपको बाद में बताऊंगा आप कहे तो मैं दवा अपने दोस्त से मंगाऊँ क्योंकि भारत में यह दवा नहीं मिलती!
मैं- अरे वाह मेरे होशियार साले साहब, तुमने तो मुझे भी पीछा छोड़ दिया। शुभ काम में देरी कैसी जल्दी मंगवाओ और कर दो शुभारंभ! लेकिन सुनो श्लोक... जो मजा रजामंदी के साथ सेक्स करने में है वह किसी को बेहोश करके करने में नहीं। बीवी की अदला बदली अगर अपनी चारों की मर्जी से हो तो उस का आनंद ही कुछ और है अतः हम दवा मंगा कर उससे दोनों को बेहोश करके उनके नंगे जिस्म का दीदार कर लेंगे और उन्हें मन भर कर देख लेंगे किंतु चुदाई उनकी रजामंदी से ही करेंगे।
श्लोक- ठीक है जीजू आप जो कहते हैं सही। इस बहाने एक मनोकामना तो पूरी होगी तृप्ति दीदी को नंगी देखने की!