09-08-2019, 12:38 PM
मैं- माफ करना श्लोक, यह बात तो मैंने तुम्हारी नजर देखने के बाद कहीं है। तुम तो मेरे दोस्त हो। अगर तृप्ति और मैं किसी और के साथ अदला बदली करके एक दूसरे से चुदाई कर सकते हैं तो क्या बुरा है कि वह दूसरा जोड़ा तुम ही बन जाओ। वैसे भी अदला बदली का खेल कोई सही बात तो नहीं है। तो इस गलत बात को गलत कहने तथा करने में सही गलत सोचने का क्या काम। वैसे भी तुम्हारी मन की इच्छा है क्या तुम किसी ऐसी भारतीय देसी महिला के साथ सेक्स करना चाहते हो जो नई नवेली भाभी हो, जिसका जीरो फिगर ना हो, भरा पूरा शरीर हो अनुष्का शेट्टी, तमन्ना भाटिया और तृप्ति, क्या इन तीनों से बेहतर तुम्हें कोई अपनी मनोकामना पूर्ण करवाने वाली लगती है? अनुष्का और तमन्ना तो तुम्हारी मनोकामना पूर्ण करने नहीं आएगी तो क्या तृप्ति के अलावा तुम्हें कोई और उससे बेहतर उससे सुंदर उससे अधिक सेक्सी शरीर वाली महिला तुम्हारे ध्यान में आती है? नहीं ना? तो अदला-बदली का यह खेल अगर हम दोनों किसी और के साथ खेलें और आने वाले समय में तुम्हारी मॉडर्न पत्नी सीमा और तुम किसी और के साथ खेलो, उससे बेहतर है कि हम आज ही यह खेल खेल कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर लें।
श्लोक- जीजाजी, आप क्या बोल रहे हैं, मेरी समझ से बाहर है, मैं ऐसा सोचभी नहीं सकता। मुझे माफ कर दीजिए और अब इस विषय में या किसी भी विषय में मुझसे ऐसी बात मत कीजिएगा। (श्लोक फनफनाते हुए केबिन छोड़कर चला गया)
सच बताऊं तो एक पल के लिए मैं काफी डर गया था कि वह तृप्ति को यह बातें बता ना दे क्योंकि मैंने तृप्ति को इन बातों के लिए तैयार नहीं किया था इसलिए भाई बहन वाली बात पर पूरी बात बिगड़ सकती थी। जब मैं घर गया तब पता चला श्लोक ने मुझसे बात करना छोड़ दिया था, दो दिन तक हमारी बिल्कुल बातचीत नहीं हुई।
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तीसरे दिन रविवार था यानी छुट्टी का दिन सीमा और तृप्ति ने हम लोगों को बिना बताए वाटर पार्क जाने, मस्ती करने का फैसला हमें सुनाया। बीवियों की खुशी के लिए हम वाटर पार्क चले गए। वहां पर हम चारों ने बहुत मस्ती की लेकिन श्लोक और मेरी बातचीत बंद थी। इस बात का पता अभी हमारी दोनों बीवियों को नहीं पता चला था।
वाटर पार्क के पानी में भीग कर तृप्ति, सीमा के कपड़े उनके शरीरों से चिपक गए थे। तृप्ति और सीमा दोनों के स्तनों तथा कूल्हों के उभारों को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता था। सीमा को देख कर मेरा लिंग तन तन आए हुए था और बैठने का नाम तक नहीं ले रहा था। लेकिन सीमा से ज्यादा तृप्ति का शरीर उन भीगे हुए कपड़ों में प्रदर्शित हो रहा था। क्योंकि सीमा तो जीरो फिगर पतली कमर वाली महिला थी लेकिन तृप्ति बड़े स्तनों के उभार उत्तेजना पैदा करने वाले चौड़े पेट और आकर्षक शरीर चौड़े कूल्हे वाली महिला थी। तृप्ति बेशक मेरे पास रोज सोती थी तब भी उसका शरीर मुझे इतना आकर्षित कर रहा था। तो मुझे पूरा विश्वास था कि तृप्ति के शरीर ने श्लोक के लिंग में भी खलबली मचा दी होगी।
थोड़ी देर बाद मैं पूल के बाहर जाकर बैठ गया और उन तीनों को मस्ती करते हुए देख रहा था। कुछ देर बाद श्लोक मेरे पास आकर बैठ गया और बोला- जीजू, उस दिन के गुस्से के लिए सॉरी। मैंने कभी पहले दीदी को इस नजर से नहीं देखा था इसलिए मुझे उस दिन गुस्सा आ गया था। लेकिन आपकी बातों ने मेरा नजरिया बदल दिया। जब दीदी खुद अपने मजे के लिए अपने पति के अलावा किसी और के साथ सो सकती है, जब वह गलत काम खुद कर सकती है तो मैं क्यों नहीं कर सकता। (श्लोक की यह बात सुनकर मुझे अपने प्लान पर घमंड हुआ आखिर मैंने यह कर ही दिखाया।)
मैं- प्रिय श्लोक, हम चारों नई उम्र के वैवाहिक जोड़े घर में अकेले रहते हैं, चारों को एक दूसरे से प्रेम है, एक दूसरे से दोस्ती है और एक दूसरे को पसंद करते हैं। तो क्यों ना इस संबंध का पूरा फायदा उठाया जाए। संबंधों को सेक्स संबंध तथा यारी को याराना बनाया जाए। ऐसा मौका सबको नहीं मिलता। वैसे तुम्हारा मन एकदम से बदल कैसे गया?
श्लोक- क्या बताऊं जीजू, मैं अपने मन को दीदी से हटा नहीं पाया। अदला बदली की बात पता चलने के बाद मैंने दीदी को आपके साथ किसी और के साथ और अपने साथ सेक्स करते हुए कल्पना की। इन 3 दिनों में हालांकि हमने बात नहीं की लेकिन मेरा लिंग एक मिनट भी बैठा नहीं। वाटर पार्क में दीदी के शरीर पर चिपके हुए कपड़ों मैं उनके इस शानदार शरीर को देखा तो ऐसा लगा कि आज अति उत्तेजना की वजह से मेरा लिंग दर्द से मेरा शरीर छोड़ देगा। आज से पहले मैंने इतनी उत्तेजना कभी किसी के लिए महसूस नहीं की। अच्छा एक बात बताइए जीजू यह सब आप केवल मेरे लिए ही तो नहीं कर सकते, सीमा पर आपकी नजर कब से है?
श्लोक- जीजाजी, आप क्या बोल रहे हैं, मेरी समझ से बाहर है, मैं ऐसा सोचभी नहीं सकता। मुझे माफ कर दीजिए और अब इस विषय में या किसी भी विषय में मुझसे ऐसी बात मत कीजिएगा। (श्लोक फनफनाते हुए केबिन छोड़कर चला गया)
सच बताऊं तो एक पल के लिए मैं काफी डर गया था कि वह तृप्ति को यह बातें बता ना दे क्योंकि मैंने तृप्ति को इन बातों के लिए तैयार नहीं किया था इसलिए भाई बहन वाली बात पर पूरी बात बिगड़ सकती थी। जब मैं घर गया तब पता चला श्लोक ने मुझसे बात करना छोड़ दिया था, दो दिन तक हमारी बिल्कुल बातचीत नहीं हुई।
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तीसरे दिन रविवार था यानी छुट्टी का दिन सीमा और तृप्ति ने हम लोगों को बिना बताए वाटर पार्क जाने, मस्ती करने का फैसला हमें सुनाया। बीवियों की खुशी के लिए हम वाटर पार्क चले गए। वहां पर हम चारों ने बहुत मस्ती की लेकिन श्लोक और मेरी बातचीत बंद थी। इस बात का पता अभी हमारी दोनों बीवियों को नहीं पता चला था।
वाटर पार्क के पानी में भीग कर तृप्ति, सीमा के कपड़े उनके शरीरों से चिपक गए थे। तृप्ति और सीमा दोनों के स्तनों तथा कूल्हों के उभारों को साफ तौर पर महसूस किया जा सकता था। सीमा को देख कर मेरा लिंग तन तन आए हुए था और बैठने का नाम तक नहीं ले रहा था। लेकिन सीमा से ज्यादा तृप्ति का शरीर उन भीगे हुए कपड़ों में प्रदर्शित हो रहा था। क्योंकि सीमा तो जीरो फिगर पतली कमर वाली महिला थी लेकिन तृप्ति बड़े स्तनों के उभार उत्तेजना पैदा करने वाले चौड़े पेट और आकर्षक शरीर चौड़े कूल्हे वाली महिला थी। तृप्ति बेशक मेरे पास रोज सोती थी तब भी उसका शरीर मुझे इतना आकर्षित कर रहा था। तो मुझे पूरा विश्वास था कि तृप्ति के शरीर ने श्लोक के लिंग में भी खलबली मचा दी होगी।
थोड़ी देर बाद मैं पूल के बाहर जाकर बैठ गया और उन तीनों को मस्ती करते हुए देख रहा था। कुछ देर बाद श्लोक मेरे पास आकर बैठ गया और बोला- जीजू, उस दिन के गुस्से के लिए सॉरी। मैंने कभी पहले दीदी को इस नजर से नहीं देखा था इसलिए मुझे उस दिन गुस्सा आ गया था। लेकिन आपकी बातों ने मेरा नजरिया बदल दिया। जब दीदी खुद अपने मजे के लिए अपने पति के अलावा किसी और के साथ सो सकती है, जब वह गलत काम खुद कर सकती है तो मैं क्यों नहीं कर सकता। (श्लोक की यह बात सुनकर मुझे अपने प्लान पर घमंड हुआ आखिर मैंने यह कर ही दिखाया।)
मैं- प्रिय श्लोक, हम चारों नई उम्र के वैवाहिक जोड़े घर में अकेले रहते हैं, चारों को एक दूसरे से प्रेम है, एक दूसरे से दोस्ती है और एक दूसरे को पसंद करते हैं। तो क्यों ना इस संबंध का पूरा फायदा उठाया जाए। संबंधों को सेक्स संबंध तथा यारी को याराना बनाया जाए। ऐसा मौका सबको नहीं मिलता। वैसे तुम्हारा मन एकदम से बदल कैसे गया?
श्लोक- क्या बताऊं जीजू, मैं अपने मन को दीदी से हटा नहीं पाया। अदला बदली की बात पता चलने के बाद मैंने दीदी को आपके साथ किसी और के साथ और अपने साथ सेक्स करते हुए कल्पना की। इन 3 दिनों में हालांकि हमने बात नहीं की लेकिन मेरा लिंग एक मिनट भी बैठा नहीं। वाटर पार्क में दीदी के शरीर पर चिपके हुए कपड़ों मैं उनके इस शानदार शरीर को देखा तो ऐसा लगा कि आज अति उत्तेजना की वजह से मेरा लिंग दर्द से मेरा शरीर छोड़ देगा। आज से पहले मैंने इतनी उत्तेजना कभी किसी के लिए महसूस नहीं की। अच्छा एक बात बताइए जीजू यह सब आप केवल मेरे लिए ही तो नहीं कर सकते, सीमा पर आपकी नजर कब से है?