09-08-2019, 12:31 PM
श्लोक- अगर आप पूछ रहे हैं जीजू, तो मैं आज आपको सब कुछ सच बताता हूं। एक मर्द का लंबे समय तक सेक्स करना उसका सपना होता है लेकिन मैं मेरे अंदर यह गुण भगवान ने काफी दिया है लेकिन बुरी बात तो यह है के यह गुण भगवान ने मुझे ज्यादा ही दे दिया है। मतलब यह है कि जब मैं सेक्स करने लगता हूं तो कितना भी चाहूं स्खलन होता ही नहीं है वीर्य गिरता ही नहीं है। यह कोई ताकत नहीं, एक अजीब सी बीमारी है। सीमा को चोद चोद कर मेरा पूरा शरीर टूट जाता है लेकिन मैं संतुष्टि पर नहीं पहुंच पाता, करीब 45 या 50 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद में मुझे कहीं संतुष्टि मिलती है। इसके लिए मैंने क्या कुछ नहीं कर के देखा। सीमा काफी अच्छा मुखमैथुन करती हैं उसकी चूत को मैंने चोद चोद कर चित्तौड़गढ़ बना दिया है। मेरे लिंग पर एक छोटा सा छेद रगड़ खाएं इसके लिए मैंने सीमा की गांड को गोदाम बना दिया है। तो भी संतुष्टि बड़ी मुश्किल से मिलती है। यह वरदान नहीं अभिशाप है। सीमा मेरे द्वारा किए हुए सेक्स से काफी परेशान भी हो जाती है कभी-कभी का ठीक है लेकिन रोज इतना गहरा सेक्स नहीं ले सकती। मैंने तो विदेश में बड़ी-बड़ी कॉल गर्ल को भी पटकनी दे दी है। यह तो बेचारी एक देसी लड़की है। पर क्या करूं रोज सेक्स किए बिना भी रहा नहीं जाता।
मैं- समझ नहीं आ रहा है यह समस्या है या खुशी की बात! किंतु यह इतना भी बुरा नहीं है क्योंकि सेक्स में तुम मजे तो ले रहे हो। अच्छा यह बताओ सीमा इस पर क्या कहती है?
श्लोक- सीमा अभी तक समझ नहीं पाई है कि वह खुश हो या दुखी। शुरुआत के आधे घंटे तक वह जमकर मजा लेती है और जमकर मजा देती है। मैं उसे पाकर बहुत खुश हूं किंतु उसके स्खलन के बाद मेरे स्खलन तक का समय उस पर बहुत भारी पड़ता है। फिर श्लोक बोला- यार जीजू, यह सब छोड़ो जब से आपने मुझे आपके स्वैपिंग के बारे में बताया है तब से मेरे दिलो दिमाग से यह बात निकल नहीं पाई है। तृप्ति दीदी को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि वे. . इतना कहकर श्लोक रुक गया।
मैंने उससे उसकी बात पूरी करने का आग्रह किया.
इस पर श्लोक ने कहा- तृप्ति दीदी को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि वे सेक्स के लिए अपने पति की अदला बदली कर सकती हैं।
मैं- अच्छा तभी तृप्ति दीदी को आजकल घूर घूर कर देख कर तुम उनके इस क्रियाओं के बारे अंदाजा लगाते होn?
श्लोक- नहीं, मैंने कहां देखा घूर कर? (श्लोक की जुबान लड़खड़ाने लगी)
मैं- प्रिय श्लोक, मैंने तुम्हें देखा है तृप्ति को घूरते हुए, उसकी गोरी टांगों और उसके पिछवाड़े को आते जाते निहारते हुए। माना कि स्वैपिंग की बात बताने से पहले तुम्हारी ऐसी कोई बुरी नजर तृप्ति पर नहीं थी लेकिन उस दिन के बाद से मैंने तुम्हारी नजर का फेर महसूस किया है।
श्लोक- जीजू, मुझे माफ कर दो, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। मैं क्या करूं, यह बात मेरे दिलो-दिमाग से गुजर नहीं पाई है जब भी तृप्ति दीदी को देखता हूं उनके स्वैपिंग करके दूसरे मर्द से चोदने की कल्पना पर मन अजीब सा हो जाता है और पता नहीं किस प्रकार की जलन मुझे होने लग जाती है।
मैं- यार श्लोक, जलन तो अपनी प्रेमिका या पत्नी को किसी और के साथ कल्पना करके होनी चाहिए। वह तो तुम्हारी बहन है, पता नहीं तुम्हें उससे क्या फर्क पड़ता है कि वह किसी के भी साथ सेक्स करें क्योंकि तृप्ति तो मेरी संपत्ति है। कहीं तुम्हारा मन यह तो नहीं सोच रहा था कि मेरे इतने करीब होते हुए भी तृप्ति अपने जीजू के अलावा किसी और से कैसे चुदाई कर सकती है?
श्लोक गुस्सा हो गया और बोला- जीजू, आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं कि मैं अपनी बहन के बारे में ऐसा सोच लूंगा। आपकी इस गंदी बात की वजह से मैं आप को कभी माफ नहीं करूंगा! अगर आप मेरे जीजाजी नहीं होते तो शायद मैं कुछ ऐसा कर बैठता जिससे कि आप किसी के साथ सेक्स करने लायक नहीं रहते।
मैं- समझ नहीं आ रहा है यह समस्या है या खुशी की बात! किंतु यह इतना भी बुरा नहीं है क्योंकि सेक्स में तुम मजे तो ले रहे हो। अच्छा यह बताओ सीमा इस पर क्या कहती है?
श्लोक- सीमा अभी तक समझ नहीं पाई है कि वह खुश हो या दुखी। शुरुआत के आधे घंटे तक वह जमकर मजा लेती है और जमकर मजा देती है। मैं उसे पाकर बहुत खुश हूं किंतु उसके स्खलन के बाद मेरे स्खलन तक का समय उस पर बहुत भारी पड़ता है। फिर श्लोक बोला- यार जीजू, यह सब छोड़ो जब से आपने मुझे आपके स्वैपिंग के बारे में बताया है तब से मेरे दिलो दिमाग से यह बात निकल नहीं पाई है। तृप्ति दीदी को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि वे. . इतना कहकर श्लोक रुक गया।
मैंने उससे उसकी बात पूरी करने का आग्रह किया.
इस पर श्लोक ने कहा- तृप्ति दीदी को देखकर बिल्कुल नहीं लगता कि वे सेक्स के लिए अपने पति की अदला बदली कर सकती हैं।
मैं- अच्छा तभी तृप्ति दीदी को आजकल घूर घूर कर देख कर तुम उनके इस क्रियाओं के बारे अंदाजा लगाते होn?
श्लोक- नहीं, मैंने कहां देखा घूर कर? (श्लोक की जुबान लड़खड़ाने लगी)
मैं- प्रिय श्लोक, मैंने तुम्हें देखा है तृप्ति को घूरते हुए, उसकी गोरी टांगों और उसके पिछवाड़े को आते जाते निहारते हुए। माना कि स्वैपिंग की बात बताने से पहले तुम्हारी ऐसी कोई बुरी नजर तृप्ति पर नहीं थी लेकिन उस दिन के बाद से मैंने तुम्हारी नजर का फेर महसूस किया है।
श्लोक- जीजू, मुझे माफ कर दो, आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। मैं क्या करूं, यह बात मेरे दिलो-दिमाग से गुजर नहीं पाई है जब भी तृप्ति दीदी को देखता हूं उनके स्वैपिंग करके दूसरे मर्द से चोदने की कल्पना पर मन अजीब सा हो जाता है और पता नहीं किस प्रकार की जलन मुझे होने लग जाती है।
मैं- यार श्लोक, जलन तो अपनी प्रेमिका या पत्नी को किसी और के साथ कल्पना करके होनी चाहिए। वह तो तुम्हारी बहन है, पता नहीं तुम्हें उससे क्या फर्क पड़ता है कि वह किसी के भी साथ सेक्स करें क्योंकि तृप्ति तो मेरी संपत्ति है। कहीं तुम्हारा मन यह तो नहीं सोच रहा था कि मेरे इतने करीब होते हुए भी तृप्ति अपने जीजू के अलावा किसी और से कैसे चुदाई कर सकती है?
श्लोक गुस्सा हो गया और बोला- जीजू, आप ऐसा सोच भी कैसे सकते हैं कि मैं अपनी बहन के बारे में ऐसा सोच लूंगा। आपकी इस गंदी बात की वजह से मैं आप को कभी माफ नहीं करूंगा! अगर आप मेरे जीजाजी नहीं होते तो शायद मैं कुछ ऐसा कर बैठता जिससे कि आप किसी के साथ सेक्स करने लायक नहीं रहते।


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