09-08-2019, 12:25 PM
अगले दिन चाय नाश्ता कर श्लोक और मैं किसी मॉल में शॉपिंग और जरूरी सामानों की खरीदारी करने के लिए गए। वहां मैंने श्लोक से ऐसी बातें शुरू की जिससे कि वह मुझे दोस्त मानने लगे।
मैं- यार श्लोक, सेक्स टेप पिक्चर बड़ी प्यारी थी। सेक्स प्ले, सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेंट और कॉमेडी जोरदार थी। मुझे तो उस फिल्म की हीरोइन कैमरोन डियाज काफी अच्छी लगी। एकदम गोरी प्यारी सी!
श्लोक- हां जीजू, मुझे वह पसंद है, मैंने उसके काफी फिल्में देखी हैं!
मैं- मुझे लगता है कि हमें भी ऐसे सेक्स एक्सपेरिमेंट करना चाहिए!
श्लोक- क्यों जीजू, आपको ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ने लग गई? दीदी आपका ख्याल नहीं रखती क्या?
मैं- तुम्हारी दीदी तो बड़ा ख्याल रखती है लेकिन साला आदमी का मन ही इतना चंचल होता है कि उसे एक ही लड़की का ख्याल काफी नहीं होता!
श्लोक- हां जी, बात तो आपकी सही है!
मैं- यार श्लोक, तुमने तो विदेश में रहकर पढ़ाई की है वहांतो तुमने कैमरोन जैसे गोरी महिलाओं के साथ काफी मजा किया होगा?
श्लोक- क्या जीजू, आप भी सारे राज जान कर रहेंगे?
मैं- अरे यार श्लोक, क्या बताऊं, तुम तो बाहर जाकर पढ़े हुए हो, तुम्हारी दोस्ती तो तुम्हारी पढ़ाई ही रही होगी लेकिन मुझे तो दोस्तों की आदत है। गांव में भी मेरे काफी दोस्त हैं और रोजाना उनके साथ उठना बैठना बातें करना सब बड़ा याद आता है. अभी यहां तो दोस्त भी तुम हो, सालेभी तुम, रिश्तेदार भी तुम! इसलिए दोस्ती वाली बातें कर रहा हूं l चिंता मत करो, तुम्हारी दीदी से तुम्हारी तारीफ नहीं करूंगा l
श्लोक- चलो ठीक है जीजू, वहां सारे दोस्त वीकेंड पर कॉल गर्ल के पास जाते थे वहां पर मैंने काफी सारी अंग्रेजी महिलाओं की चुदाई की है। उसके बाद पढ़ाई के अंतिम साल में मेरे एक अंग्रेज महिला सेट हो गई थी। हमने जमकर सेक्स किया। खूब मजे लिए। और आप अपने बारे में बताइए?
मैं- यार, शादी से पहले तो मैंने भी बहुत मजे लिए। लेकिन किसी अंग्रेज महिला के साथ संबंध नहीं बना पाया, इस बात का मलाल है, इतने गोरे रंग की महिला के साथ सेक्स करना काफी मज़ेदार होता होगा।
श्लोक- गोरी महिला से आपका क्या तात्पर्य है हमारे परिवार में तो किसी का भी रंग सांवला नहीं। दीदी उतनी ही गोरी है जितने कि कोई अंग्रेज महिला, मुझे तो उनके रंग और किसी अंग्रेज महिला के रंग में कोई खास फर्क नजर नहीं आता और रही अंग्रेज महिला के साथ सेक्स संबंध बनाने की बात तो इसका इंतजाम मैं अपने जीजाजी के लिए कर दूंगा। हां, बस दीदी को इसका पता ना चले वरना मैं अपनी बहन का घर बिगाड़ने वाला भाई बन जाऊंगा।
हम दोनों इस बात पर हंसने लगे। चलो अच्छा हुआ, आज मेरा साला मेरा दोस्त बनने लगा था। मुझे विश्वास था कि समय के साथ हमारी दोस्ती बढ़ती जाएगी। लेकिन इससे होने वाला था क्या?
आपको पता है मेरे दिमाग में क्या चल रहा था? चलिए बताता हूं:-
श्लोक और सीमा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। तृप्ति भी मुझे प्यार करती थी। सीमा की सेक्सी लंबी टांगों ने मेरे दिमाग में सेक्स का कीड़ा कर दिया था लेकिन मैं उसके साथ धोखे से जबरदस्ती या उसे पटा कर सेक्स नहीं कर सकता था और इसमें तो मजा भी नहीं आता। मैं श्लोक के साथ या तृप्ति के साथ धोखा नहीं करना चाहता था। मैं तो बराबर का सौदा करना चाहता था और इस प्रकार का सौदा तो मैं कर चुका था। जी हां मैं वाइफ स्वैपिंग की बात कर रहा था। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सीमा का पति और मेरी बीवी आपस में भाई बहन हैं। यह अदला-बदली का खेल शुरू करना इतना आसान नहीं था इसमें काफी रिस्क था। श्लोक से सीमा से बदनामी का तथा तृप्ति से उसकी नजरों में गिर जाने का रिस्क था। लेकिन अगर रिस्क ना होती तो याराना रोमांचक कैसे बनता।
समय बीतता गया सीमा से मेरी भी हंसी मजाक होने लगी थी हम एक दूसरे को दोस्त की तरह ट्रीट करने लगे थे कभी-कभी अश्लील मजाक भी कर लिया करते थे जब चारों एक साथ बैठे रहते थे। लेकिन क्योंकि हम सारे व्यस्क थे इसलिए कोई इतना बड़ा इशू नहीं था। खुलने में बीवियों की भी तारीफ करनी होगी क्योंकि नाश्ता करते हुए और ऑफिस जाते हुए गले लगना किस कर लेना आम बात हो गई थी। लड़कियों का छोटे कपड़े पहनना मुद्दा नहीं था। सीमा और तृप्ति के कपड़े शरीर को छुपाते कम दिखाते ज्यादा थे, उनकी टाइट वाइट शर्ट उनके शरीर के अंगों का अंग प्रदर्शन खुलेआम करते थे। और दोनों देवियों ने अपनी गोरी सेक्सी टांगों को ढकना तो छोड़ ही दिया था। केवल उनके जांघों के ऊपर का हिस्सा ढका हुआ होता था।
रातों में सीमा के श्लोक के साथ मजे के साथ सेक्स में कराहने की आवाज आती रहती थी। कभी-कभी श्लोक की भी जोरदार आवाज आती। उनका इस तरह से सेक्स करना हमारे लिए पहेली था जिसे शायद तृप्ति ने समझना उचित नहीं समझा। लेकिन सीमा की आवाज मुझे बेचैन कर जाती थी।
मैं- यार श्लोक, सेक्स टेप पिक्चर बड़ी प्यारी थी। सेक्स प्ले, सेक्स को लेकर एक्सपेरिमेंट और कॉमेडी जोरदार थी। मुझे तो उस फिल्म की हीरोइन कैमरोन डियाज काफी अच्छी लगी। एकदम गोरी प्यारी सी!
श्लोक- हां जीजू, मुझे वह पसंद है, मैंने उसके काफी फिल्में देखी हैं!
मैं- मुझे लगता है कि हमें भी ऐसे सेक्स एक्सपेरिमेंट करना चाहिए!
श्लोक- क्यों जीजू, आपको ऐसा करने की क्या जरूरत पड़ने लग गई? दीदी आपका ख्याल नहीं रखती क्या?
मैं- तुम्हारी दीदी तो बड़ा ख्याल रखती है लेकिन साला आदमी का मन ही इतना चंचल होता है कि उसे एक ही लड़की का ख्याल काफी नहीं होता!
श्लोक- हां जी, बात तो आपकी सही है!
मैं- यार श्लोक, तुमने तो विदेश में रहकर पढ़ाई की है वहांतो तुमने कैमरोन जैसे गोरी महिलाओं के साथ काफी मजा किया होगा?
श्लोक- क्या जीजू, आप भी सारे राज जान कर रहेंगे?
मैं- अरे यार श्लोक, क्या बताऊं, तुम तो बाहर जाकर पढ़े हुए हो, तुम्हारी दोस्ती तो तुम्हारी पढ़ाई ही रही होगी लेकिन मुझे तो दोस्तों की आदत है। गांव में भी मेरे काफी दोस्त हैं और रोजाना उनके साथ उठना बैठना बातें करना सब बड़ा याद आता है. अभी यहां तो दोस्त भी तुम हो, सालेभी तुम, रिश्तेदार भी तुम! इसलिए दोस्ती वाली बातें कर रहा हूं l चिंता मत करो, तुम्हारी दीदी से तुम्हारी तारीफ नहीं करूंगा l
श्लोक- चलो ठीक है जीजू, वहां सारे दोस्त वीकेंड पर कॉल गर्ल के पास जाते थे वहां पर मैंने काफी सारी अंग्रेजी महिलाओं की चुदाई की है। उसके बाद पढ़ाई के अंतिम साल में मेरे एक अंग्रेज महिला सेट हो गई थी। हमने जमकर सेक्स किया। खूब मजे लिए। और आप अपने बारे में बताइए?
मैं- यार, शादी से पहले तो मैंने भी बहुत मजे लिए। लेकिन किसी अंग्रेज महिला के साथ संबंध नहीं बना पाया, इस बात का मलाल है, इतने गोरे रंग की महिला के साथ सेक्स करना काफी मज़ेदार होता होगा।
श्लोक- गोरी महिला से आपका क्या तात्पर्य है हमारे परिवार में तो किसी का भी रंग सांवला नहीं। दीदी उतनी ही गोरी है जितने कि कोई अंग्रेज महिला, मुझे तो उनके रंग और किसी अंग्रेज महिला के रंग में कोई खास फर्क नजर नहीं आता और रही अंग्रेज महिला के साथ सेक्स संबंध बनाने की बात तो इसका इंतजाम मैं अपने जीजाजी के लिए कर दूंगा। हां, बस दीदी को इसका पता ना चले वरना मैं अपनी बहन का घर बिगाड़ने वाला भाई बन जाऊंगा।
हम दोनों इस बात पर हंसने लगे। चलो अच्छा हुआ, आज मेरा साला मेरा दोस्त बनने लगा था। मुझे विश्वास था कि समय के साथ हमारी दोस्ती बढ़ती जाएगी। लेकिन इससे होने वाला था क्या?
आपको पता है मेरे दिमाग में क्या चल रहा था? चलिए बताता हूं:-
श्लोक और सीमा एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। तृप्ति भी मुझे प्यार करती थी। सीमा की सेक्सी लंबी टांगों ने मेरे दिमाग में सेक्स का कीड़ा कर दिया था लेकिन मैं उसके साथ धोखे से जबरदस्ती या उसे पटा कर सेक्स नहीं कर सकता था और इसमें तो मजा भी नहीं आता। मैं श्लोक के साथ या तृप्ति के साथ धोखा नहीं करना चाहता था। मैं तो बराबर का सौदा करना चाहता था और इस प्रकार का सौदा तो मैं कर चुका था। जी हां मैं वाइफ स्वैपिंग की बात कर रहा था। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी कि सीमा का पति और मेरी बीवी आपस में भाई बहन हैं। यह अदला-बदली का खेल शुरू करना इतना आसान नहीं था इसमें काफी रिस्क था। श्लोक से सीमा से बदनामी का तथा तृप्ति से उसकी नजरों में गिर जाने का रिस्क था। लेकिन अगर रिस्क ना होती तो याराना रोमांचक कैसे बनता।
समय बीतता गया सीमा से मेरी भी हंसी मजाक होने लगी थी हम एक दूसरे को दोस्त की तरह ट्रीट करने लगे थे कभी-कभी अश्लील मजाक भी कर लिया करते थे जब चारों एक साथ बैठे रहते थे। लेकिन क्योंकि हम सारे व्यस्क थे इसलिए कोई इतना बड़ा इशू नहीं था। खुलने में बीवियों की भी तारीफ करनी होगी क्योंकि नाश्ता करते हुए और ऑफिस जाते हुए गले लगना किस कर लेना आम बात हो गई थी। लड़कियों का छोटे कपड़े पहनना मुद्दा नहीं था। सीमा और तृप्ति के कपड़े शरीर को छुपाते कम दिखाते ज्यादा थे, उनकी टाइट वाइट शर्ट उनके शरीर के अंगों का अंग प्रदर्शन खुलेआम करते थे। और दोनों देवियों ने अपनी गोरी सेक्सी टांगों को ढकना तो छोड़ ही दिया था। केवल उनके जांघों के ऊपर का हिस्सा ढका हुआ होता था।
रातों में सीमा के श्लोक के साथ मजे के साथ सेक्स में कराहने की आवाज आती रहती थी। कभी-कभी श्लोक की भी जोरदार आवाज आती। उनका इस तरह से सेक्स करना हमारे लिए पहेली था जिसे शायद तृप्ति ने समझना उचित नहीं समझा। लेकिन सीमा की आवाज मुझे बेचैन कर जाती थी।