09-08-2019, 11:57 AM
मैंने तृप्ति को किस करना शुरू किया, उसके पूरे शरीर पर, गोरे मांसल स्तनों से लेकर उसकी चूत तक मैंने चाट चाट कर उसको गर्म कर दिया। इतनी आकर्षक शरीर वाली औरत को चूसना ही एक प्रकार की सेक्स क्रिया थी, ऐसा करने से तृप्ति फिर उत्तेजना में बह गई।
अब वो उचक उचक कर मेरा साथ देने लगी थी, मैंने उसको उल्टी लेटाते हुए उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और उसके गांड के दोनों तरबूजों को अलग करते हुए उसकी गांड के छेद के चारों ओर अपनी जीभ फिरानी शुरू की। मैंने अपने दोस्त की बीवी की गांड को अपनी जीभ से पूरा गीला कर दिया। तृप्ति उत्तेजना में मेरा साथ देने लगी थी और अपनी गांड के छेद को मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी। अब मुझे लगा कि तृप्ति गांड चुदाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार है तो मैंने उठ कर अपना लिंग उसके मुंह में दे दिया। तृप्ति के मुंह के थूक से मेरा लिंग चिकना हो गया था। वह तृप्ति की गांड में जाने के लिए बेताब था किंतु मैं जानता था कि तृप्ति की छोटे से गांड के छेद के लिए यह चिकनाई पर्याप्त नहीं है, मैंने फटाफट से प्रिया के मेकअप बॉक्स में से क्रीम निकाल ली और अपने लिंग पर उसे चारों तरफ लगा कर उसे भर दिया। तृप्ति उत्तेजना में पागल हो गई थी अब लग रहा था कि वह मजबूर नहीं है और यह देखना चाहती है कि गांड मराने में कितना मजा आता है।
मैंने अपने लिंग मुंड को बहुत अधिक क्रीम से भर रखा था। मैंने तृप्ति के गांड को चौड़ा करते हुए अपने लिंगको उसकी गांड के छेद पर टिका दिया, तृप्ति के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली। मैंने अपने लिंग को तृप्ति की गांड के छेद में दबाया।
उसने कहा- यार, बहुत दर्द हुआ। (उसकी आंखों से आंसू आने लगे)
मैंने प्यार से कहा- हम एक बार और कोशिश करेंगे नहीं हुआ तो रहने देंगे। लेकिन तुम यह समझ लो कि जैसे तुम्हें पहली बार चूत चुदवाने में दर्द हुआ होगा, उतना दर्द तो तुम्हें पहली बार गांड मरवाने में भी सहना ही होगा।
अपनी उंगलियों को क्रीम में भरकर मैंने उसकी गांड में एक-एक करके डालना शुरू किया। दर्द के साथ थोड़ी देर में मैंने तृप्ति की गांड में तीन उंगलियां डाल दी थी जो मेरे लिंग के लिए पर्याप्त जगह बना चुकी थी। मैंने फिर से तृप्ति को घोड़ी बनाया और अपना लिंग फिर से उसकी गांड के छेद पर दबाया। मेरे लिंग मुंड तृप्ति की गांड में चला गया उसने दर्द से तकिए को पकड़ लिया और छटपटाकर मेरे लिंग को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने आगे से उसकी कमर पकड़ कर एक हाथ से उसकी गर्दन को अपनी ओर खींचा जिससे वह आगे की तरफ नहीं जा पाई। इससे वह छटपटाई लेकिन इतने में मैंने जोर लगा कर अपना लिंग उसकी गांड में पेल दिया। तभी मेरी मनोकामना तृप्ति को पूरा लाल करते हुए पूरी हुई। तृप्ति का गोरा चिट्टा बदन पूरी तरह से लाल हो चुका था जैसे कि किसी इंग्लिश ब्लू xxx फिल्म की हीरोइन वाइल्ड सेक्स करवाते हुए लाल हो जाती है।
जब मेरे दोस्त की बीवी, मेरी जानम का दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने पहले हल्के झटके देने शुरू किए। तृप्ति जो शुरू में असहज महसूस कर रही थी, दर्द की जगह अब मजे ने ले ली थी तो मेरी प्यारी तृप्ति अपनी गांड आगे पीछे करके गांड मरवाने का मजा लेने लगी थी। फिर मैंने अंत में धक्कों की गति बढ़ा कर उसको बेहाल कर दिया और मैं उसकी संकरी सी गांड में स्खलित हो गया। तृप्ति उल्टी ही लेट गयी और मैं भी उसकी गांड में अपना लिंग रख कर उसके नंगे चिकने जिस्म पर लेट गया। आज मेरी सब इच्छाएं पूरी हो गई थी। ऐसी मनो-कामना पूर्ण करने वाली रात जीवन में कभी कभार ही मिल पाती है। जितना मजा तृप्ति को चोदकर मिला इतना मजा अभी तक तो नहीं मिला था। अब भविष्य में मैं तृप्ति को दोबारा चोद पाऊंगा या नहीं... मुझे पता नहीं था. लेकिन मुझे अपने दोस्त के भागे पर रश्क होने लगा था, राजवीर बड़े नसीब वाला था जो उसके पास तृप्ति थी।
और राजवीर भी शायद मेरे लिए ऐसा ही सोचता होगा क्योंकि प्रिया जैसी वाइफ मुझे मिली। क्योंकि प्रिया की बॉडी बहुत प्यार आकर्षक शरीर वाली थी जैसे किसी सांचे में डाली हुई हो।
तृप्ति थक कर गहरी नींद में सो चुकी थी और यह सब सोचते हुए मुझे भी नींद आ गई, जब मैंने आखिरी बार टाइम देखा तो सुबह के 5:00 बज चुके थे।
एक सवाल मेरे मन में तब भी था कि क्या राजवीर और प्रिया सो गए होंगे? या मेरा दोस्त राज अभी भी मेरी पत्नी प्रिया की चूत या गांड को ठोक रहा होगा?
अब वो उचक उचक कर मेरा साथ देने लगी थी, मैंने उसको उल्टी लेटाते हुए उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया और उसके गांड के दोनों तरबूजों को अलग करते हुए उसकी गांड के छेद के चारों ओर अपनी जीभ फिरानी शुरू की। मैंने अपने दोस्त की बीवी की गांड को अपनी जीभ से पूरा गीला कर दिया। तृप्ति उत्तेजना में मेरा साथ देने लगी थी और अपनी गांड के छेद को मेरे मुंह की तरफ धकेलने लगी। अब मुझे लगा कि तृप्ति गांड चुदाई के लिए पूर्ण रूप से तैयार है तो मैंने उठ कर अपना लिंग उसके मुंह में दे दिया। तृप्ति के मुंह के थूक से मेरा लिंग चिकना हो गया था। वह तृप्ति की गांड में जाने के लिए बेताब था किंतु मैं जानता था कि तृप्ति की छोटे से गांड के छेद के लिए यह चिकनाई पर्याप्त नहीं है, मैंने फटाफट से प्रिया के मेकअप बॉक्स में से क्रीम निकाल ली और अपने लिंग पर उसे चारों तरफ लगा कर उसे भर दिया। तृप्ति उत्तेजना में पागल हो गई थी अब लग रहा था कि वह मजबूर नहीं है और यह देखना चाहती है कि गांड मराने में कितना मजा आता है।
मैंने अपने लिंग मुंड को बहुत अधिक क्रीम से भर रखा था। मैंने तृप्ति के गांड को चौड़ा करते हुए अपने लिंगको उसकी गांड के छेद पर टिका दिया, तृप्ति के मुंह से हल्की सी सिसकारी निकली। मैंने अपने लिंग को तृप्ति की गांड के छेद में दबाया।
उसने कहा- यार, बहुत दर्द हुआ। (उसकी आंखों से आंसू आने लगे)
मैंने प्यार से कहा- हम एक बार और कोशिश करेंगे नहीं हुआ तो रहने देंगे। लेकिन तुम यह समझ लो कि जैसे तुम्हें पहली बार चूत चुदवाने में दर्द हुआ होगा, उतना दर्द तो तुम्हें पहली बार गांड मरवाने में भी सहना ही होगा।
अपनी उंगलियों को क्रीम में भरकर मैंने उसकी गांड में एक-एक करके डालना शुरू किया। दर्द के साथ थोड़ी देर में मैंने तृप्ति की गांड में तीन उंगलियां डाल दी थी जो मेरे लिंग के लिए पर्याप्त जगह बना चुकी थी। मैंने फिर से तृप्ति को घोड़ी बनाया और अपना लिंग फिर से उसकी गांड के छेद पर दबाया। मेरे लिंग मुंड तृप्ति की गांड में चला गया उसने दर्द से तकिए को पकड़ लिया और छटपटाकर मेरे लिंग को बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। लेकिन मैंने आगे से उसकी कमर पकड़ कर एक हाथ से उसकी गर्दन को अपनी ओर खींचा जिससे वह आगे की तरफ नहीं जा पाई। इससे वह छटपटाई लेकिन इतने में मैंने जोर लगा कर अपना लिंग उसकी गांड में पेल दिया। तभी मेरी मनोकामना तृप्ति को पूरा लाल करते हुए पूरी हुई। तृप्ति का गोरा चिट्टा बदन पूरी तरह से लाल हो चुका था जैसे कि किसी इंग्लिश ब्लू xxx फिल्म की हीरोइन वाइल्ड सेक्स करवाते हुए लाल हो जाती है।
जब मेरे दोस्त की बीवी, मेरी जानम का दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैंने पहले हल्के झटके देने शुरू किए। तृप्ति जो शुरू में असहज महसूस कर रही थी, दर्द की जगह अब मजे ने ले ली थी तो मेरी प्यारी तृप्ति अपनी गांड आगे पीछे करके गांड मरवाने का मजा लेने लगी थी। फिर मैंने अंत में धक्कों की गति बढ़ा कर उसको बेहाल कर दिया और मैं उसकी संकरी सी गांड में स्खलित हो गया। तृप्ति उल्टी ही लेट गयी और मैं भी उसकी गांड में अपना लिंग रख कर उसके नंगे चिकने जिस्म पर लेट गया। आज मेरी सब इच्छाएं पूरी हो गई थी। ऐसी मनो-कामना पूर्ण करने वाली रात जीवन में कभी कभार ही मिल पाती है। जितना मजा तृप्ति को चोदकर मिला इतना मजा अभी तक तो नहीं मिला था। अब भविष्य में मैं तृप्ति को दोबारा चोद पाऊंगा या नहीं... मुझे पता नहीं था. लेकिन मुझे अपने दोस्त के भागे पर रश्क होने लगा था, राजवीर बड़े नसीब वाला था जो उसके पास तृप्ति थी।
और राजवीर भी शायद मेरे लिए ऐसा ही सोचता होगा क्योंकि प्रिया जैसी वाइफ मुझे मिली। क्योंकि प्रिया की बॉडी बहुत प्यार आकर्षक शरीर वाली थी जैसे किसी सांचे में डाली हुई हो।
तृप्ति थक कर गहरी नींद में सो चुकी थी और यह सब सोचते हुए मुझे भी नींद आ गई, जब मैंने आखिरी बार टाइम देखा तो सुबह के 5:00 बज चुके थे।
एक सवाल मेरे मन में तब भी था कि क्या राजवीर और प्रिया सो गए होंगे? या मेरा दोस्त राज अभी भी मेरी पत्नी प्रिया की चूत या गांड को ठोक रहा होगा?