09-08-2019, 11:56 AM
बस फिर क्या था अबकी बार जो हम चुम्बन कर रहे थे और एक दूसरे को सब को एक दूसरे के शरीर को चूस रहे चाट रहे थे हमें यह पता था कि इसका अंत संभोग से ही होना तय है। इस बार तृप्ति को चूसते हुए मैं अपने लिंग का स्पर्श उसकी चुत पर रगड़ करा रहा था, इसका कोई विरोध नहीं कर रही थी। हम उत्तेजना में इतने बह गए थे कि आगे बिना किसी बात करते हुए हमने सिर हिला कर एक दूसरे को सहमति दी और अपना कड़क लिंग मैंने मेरे सपनों की पोर्न नायिका की गीली फांकों में दे दिया, अत्यधिक उत्तेजना के कारण उसकी चूत मेरे लिंग को झट से खा गई और धक्का-मुक्की का खेल शुरू हो गया। अपने दोस्त की बीवी को चोदकर मैंने उसकी चूत को लाल कर दिया था, उसके गाल और स्तन लाल हो चुके थे। उसका उत्तेजना पैदा करने वाला पेट मेरे नाखूनों से कब लाल हो गया था, मुझे पता ही नहीं चला। शीशे में देखने पर यह दृश्य वैसा ही था जैसा कि कोई पोर्न मूवी की नायिका वाइल्ड सेक्स के दौरान बुरी तरह से ठुकी है। मैं और तृप्ति कुछ मिनट के उठापटक वाले सेक्स के बाद झड़ गए और हम एक दूसरे की बांहों में लिपट कर लेट गये। तीसरी बार मेरे लिंग ने तृप्ति के शरीर को देखते हुए सलामी देना शुरु कर दिया था, मैं हैरान था कि ऐसी ठुकाई के बाद भी मेरा लिंग तीसरी बार खड़ा हो गया है। यह सब केवल तृप्ति के आकर्षक संजना खान वाले मॉडल जैसे जिस्म का ही नतीजा था... इस रात को मैं कभी नहीं खोना चाहता था। लेकिन तृप्ति चूत का भोसड़ा बन चुका था इसलिए
तृप्ति ने कहा- मैं बहुत थक गई हूं। मन तो है कि आज सोयें नहीं... पर अब मेरी चूत अब ठुकाई के लिए राजी नहीं होगी। तुमने उसकी हालत बहुत खराब कर दी है शायद मुझे चला भी नहीं जाएगा सुबह। तुम तो पूरे जंगली हो। (और मुस्कुराने लगी।)
मेरा लक्ष्य दोस्त की बीवी तृप्ति की गांड मारना था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे दोस्त राजवीर ने उसकी गांड का उद्घाटन नहीं किया है क्योंकि तृप्ति ने उसे कभी ऐसा नहीं करने दिया। मुझे यह भी पता था कि तृप्ति ने जब अपने पति को ही अपनी गांड नहीं दी तो वह मुझे भी इतनी आसानी से अपनी गांड नहीं देगी।
मैंने तृप्ति से कहा- क्या तुम आज की रात को यादगार रखना चाहोगी? आज की रात तुम्हारे लिए हमेशा यादगार रहेगी?
तृप्ति ने कहा- हां, इस रात को मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी और यह ना भूलने वाला अनुभव है।
इस पर मैंने तृप्ति को कहा- वक्त के साथ शायद तुम भूल जाओ लेकिन जो मैं करना चाहता हूं वह ऐसा है कि तुम इस रात को चाह कर भी कभी नहीं भूल पाओगी और मेरे लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात होगी।
मेरी बात सुन कर तृप्ति चौंक गई और उसने कहा- अब ऐसा क्या करने वाले हो?
मैंने अपनी एक उंगली को अपने थूक में भरा और उस उंगली को सीधा तृप्ति की गांड पर लगाकर उसकी गांड के छेद पर फिराने लगा। इस पर, तृप्ति जो लेटी हुई थी, फट से बैठ गई, उसने कहा- ऐसा सोचना भी मत। (और हंसने लगी)
उसने कहा- नहीं, तुम नहीं कर सकते! और मैं यह करवाऊंगी भी नहीं।
मैंने उसकी काफी मिन्नतें की, कहा- इसमें तुमको बहुत मजा आएगा, तुम्हारी मोटी गांड बनी ही इसलिए है कि वह इसमें बहुत सारे लिंग के धक्के खाए।
मैंने कहा- इस रात को यादगार बनाने के लिए हमें इस काम को करना ही चाहिए।
उसने कहा- यह पहली बार होगा इसलिए मैं नहीं करवाऊंगी।
मैंने कहा- पहली बार होगा इसलिए तो यह रात यादगार होगी, यह बात जिंदगी भर याद रखोगी। जो अभी तक हमने किया है यह एक साधारण चुदाई ही है लेकिन तुम्हारी गांड का उद्घाटन तुम्हें हमेशा याद रहेगा।
तृप्ति अंततः राजी हो गई, उसने कहा- अगर मुझे दर्द होगा तो तुम तुरंत रुक जाओगे?
लेकिन मुझे प्रिया की गांड मारने का इतना अनुभव था कि मुझे पूर्ण विश्वास था कि आज तृप्ति की गांड का उद्घाटन मैं करके ही रहूंगा।
तृप्ति ने कहा- मैं बहुत थक गई हूं। मन तो है कि आज सोयें नहीं... पर अब मेरी चूत अब ठुकाई के लिए राजी नहीं होगी। तुमने उसकी हालत बहुत खराब कर दी है शायद मुझे चला भी नहीं जाएगा सुबह। तुम तो पूरे जंगली हो। (और मुस्कुराने लगी।)
मेरा लक्ष्य दोस्त की बीवी तृप्ति की गांड मारना था क्योंकि मुझे पता था कि मेरे दोस्त राजवीर ने उसकी गांड का उद्घाटन नहीं किया है क्योंकि तृप्ति ने उसे कभी ऐसा नहीं करने दिया। मुझे यह भी पता था कि तृप्ति ने जब अपने पति को ही अपनी गांड नहीं दी तो वह मुझे भी इतनी आसानी से अपनी गांड नहीं देगी।
मैंने तृप्ति से कहा- क्या तुम आज की रात को यादगार रखना चाहोगी? आज की रात तुम्हारे लिए हमेशा यादगार रहेगी?
तृप्ति ने कहा- हां, इस रात को मैं कभी नहीं भूल पाऊँगी और यह ना भूलने वाला अनुभव है।
इस पर मैंने तृप्ति को कहा- वक्त के साथ शायद तुम भूल जाओ लेकिन जो मैं करना चाहता हूं वह ऐसा है कि तुम इस रात को चाह कर भी कभी नहीं भूल पाओगी और मेरे लिए यह सबसे बड़ी खुशी की बात होगी।
मेरी बात सुन कर तृप्ति चौंक गई और उसने कहा- अब ऐसा क्या करने वाले हो?
मैंने अपनी एक उंगली को अपने थूक में भरा और उस उंगली को सीधा तृप्ति की गांड पर लगाकर उसकी गांड के छेद पर फिराने लगा। इस पर, तृप्ति जो लेटी हुई थी, फट से बैठ गई, उसने कहा- ऐसा सोचना भी मत। (और हंसने लगी)
उसने कहा- नहीं, तुम नहीं कर सकते! और मैं यह करवाऊंगी भी नहीं।
मैंने उसकी काफी मिन्नतें की, कहा- इसमें तुमको बहुत मजा आएगा, तुम्हारी मोटी गांड बनी ही इसलिए है कि वह इसमें बहुत सारे लिंग के धक्के खाए।
मैंने कहा- इस रात को यादगार बनाने के लिए हमें इस काम को करना ही चाहिए।
उसने कहा- यह पहली बार होगा इसलिए मैं नहीं करवाऊंगी।
मैंने कहा- पहली बार होगा इसलिए तो यह रात यादगार होगी, यह बात जिंदगी भर याद रखोगी। जो अभी तक हमने किया है यह एक साधारण चुदाई ही है लेकिन तुम्हारी गांड का उद्घाटन तुम्हें हमेशा याद रहेगा।
तृप्ति अंततः राजी हो गई, उसने कहा- अगर मुझे दर्द होगा तो तुम तुरंत रुक जाओगे?
लेकिन मुझे प्रिया की गांड मारने का इतना अनुभव था कि मुझे पूर्ण विश्वास था कि आज तृप्ति की गांड का उद्घाटन मैं करके ही रहूंगा।