09-08-2019, 11:53 AM
तृप्ति ने कहा- हां रणविजय, मैं भी तुम्हारे साथ इस समय को जीना चाहती हूं, और वो भी अच्छे तरीके से, इसलिए मैंने बिना किसी विरोध के उनके खिलाफ जाकर अपनी ब्रा पेंटी भी उतार दी हैं क्योंकि मुझे पूरा विश्वास है राजवीर और प्रिया ने भी इतना तो किया ही होगा। आधे घंटे तक कोई केवल चुम्बन के साथ नहीं रह सकता इसलिए उन्होंने भी अपने कपड़े उतारे ही होंगे लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि वे दोनों फोरप्ले ही करेंगे। हमें भी फोरप्ले करना चाहिए और इसे ज्यादासे ज्यादा सुखद बनाना चाहिए।
इतना कहते हुए तृप्ति ने मुझे कस के अपनी बांहों में भींच लिया और अपने होठों को मेरे होठों से लगाकर जोरदार चुम्बन देने लगी।
जब उसने मुझे अपनी ओर खींचा तो उसका नंगा जिस्म और उसके बड़े गद्दीदार तने हुए स्तन मेरे सीने पर दब गए, मैं एक अजीब सी सिरहन से पागल हो गया, इससे बड़ा सुख मैंने अपने जीवन में कभी नहीं पाया था। 2 से 3 मिनट के लंबे चुम्बन के बाद मैंने अपने हाथ तृप्ति के वक्ष पर रख दिए और दोनों स्तनों को जोर जोर से दबाने लगा। इससे उसका गोरा शरीर पूरा लाल हो गया उसके स्तनों को दबाकर जो आनन्द मुझे महसूस हो रहा था वह शब्दों में ब्यान नहीं हो सकता। मैंने उसके स्तनों को जोर जोर से चूसना चालू किया, वह भी जितना कर सकती थी, मुझे चूमने लगी। उसके स्तनों, चूचुकों के बाद मैंने उसके पेट पर अपनी जीभ फिरानी शुरू की लेकिन मेरा मन कर रहा था कि मैं उसकी गोरी चमड़ी को अपने मुंह में लेकर खा जाऊं... जहां-जहां मेरा मुंह और दांत उसकी गोरी चमड़ी को स्पर्श कर रहे थे, वहां वहां वह पूरी लाल होती जा रही थी। मैं मन ही मन रोमांचित हो रहा था कि जब मैं इसकी गांड मारूंगा गांड पर जोर जोर से थप्पड़ दूंगा तब इसकी गांड का जो हाल और वह जो दृश्य होगा मैं कितना रोमांचित करने वाला होगा।
ऐसा सोचते करते हुए मैं उसकी योनि तक पहुंच गया, उसकी गोरी टांगों को चाटते हुए मैंने उसकी योनि में अपनी जीभ डाल दी और उसे जीभ से चोदने लगा। ऐसा करते हुए मैंने तृप्ति को धन्यवाद कहा और
कहा- अच्छा हुआ तुम पहले से नंगी हो गई... वरना यह सब करने के लिए मुझे कितना तड़पना पड़ता।
इस पर तृप्ति ने मुझसे कहा- मुझे पता है कि तुम मेरे शरीर को देखना चाहते थे... अगर हम केवल किस करते और फोरप्ले कर लेते तो तुम्हारी मन की इच्छा पूरी नहीं होती और ना ही मेरी, इसलिए मैंने कोई विरोध नहीं किया। मैं अपने परम मित्र की धर्मपत्नी की चूत फिर चाटने लगा, वो सिसकारियां भरती हुई पागल हुए जा रही थी. करीब 20 मिनट हमें इस क्रियाकलाप में गुजर गए थे। तृप्ति को जैसे एकदम से होश आया और
वह बोली- रणविजय, केवल अपनी इच्छा पूरी करोगे या मेरी भी इच्छा भी पूरी करोगे?
इस पर मैं उठ कर सीधा उसके पास जाकर लेट गया, तृप्ति मेरे ऊपर आई, अपने होठों को मेरे होठों पर दबा कर मेरे लिंग को अपने हाथ में रखकर धीरे-धीरे मेरे होठों से लेकर गले सीने पर अपनी जुबान फिर आती हुई किस करने लगी। उसने हाथों ने मेरे सिक्स पैक को महसूस किया और वहां पर चुम्बनों की बारिश कर दी। वह इस सिक्स पैक्स बॉडी वाली की दीवानी थी, उसने चुम्बनों की ऐसे बारिश की थी जो कि मुझे कभी प्रिया से नहीं मिली थी, इतनी मेहनत से बनाए हुए सिक्स पैक का प्रिया को कोई शौक नहीं था। लेकिन आज मुझे महसूस हुआ कि इस मेहनत का नतीजा मुझे तृप्ति के चुम्बनों के इनाम में मिल गया।
तृप्ति ने कहा- अरे यार, हमारे पास समय की बहुत कमी है, तुमने जो तुम्हारी इच्छा का जिक्र किया था, पूरा करना नहीं चाहोगे? तुम्हारे इस शरीर के साथ तो मेरी भी इच्छा हो रही है कि मैं भी वह करूं। मैं 69 की बात कर रही हूं।
तृप्ति ने मेरे मन की बात छीन ली थी लेकिन मैं डर रहा था कि शायद वह लिंग को मुंह में लेकर चूसना पसंद नहीं करे। पर लग रहा था कि आज मेरे सारे अरमान पूरे होने जा रहे हैं।
हम 69 की पोजीशन में आ गए। क्या खुशबू थी उसकी जांघों के बीच बसी ज़न्नत की।
क्या गोरी जांघें थी... जिनके बीच में मैंने अपने मुंह को दबाया उसके इस गहरे भाग को देखकर मेरा लिंग करंट मारने लगा था। कोई भी ऐसे गोरे शरीर को जो एकदम स्वच्छ निर्मल और बालों से रहित हो, बिना किसी झिझक के चूमना चाटना और खाना भी पसंद करेगा। इतने में मुझे अपने लिंग पर तृप्ति के लब महसूस हुए, उसके मुंह की लार ने मेरे लिंग को गीला कर दिया और वह मुझे उत्तेजना में पागल करने के लिए जोर जोर से अपने होठों को मेरे लिंग पर रगड़ने लगी और गंदे तरीके से उसे चूसने चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि किसी ब्लू फिल्म की हीरोइन आज मेरे लिंग पर सवार है। मैंने उत्तेजित होते हुए उसकी चूत को चूसना चाटना शुरू कर दिया और जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। उसके गदराये हुए शरीर को देखकर मैं पागल हुए जा रहा था। उसकी गोरी गांड मेरी आंखों के सामने थी जो कि इतनी आकर्षक थी कि कब मेरा मुंह उसके गांड के छेद पर चला गया मुझे पता ही नहीं चला।
इतना कहते हुए तृप्ति ने मुझे कस के अपनी बांहों में भींच लिया और अपने होठों को मेरे होठों से लगाकर जोरदार चुम्बन देने लगी।
जब उसने मुझे अपनी ओर खींचा तो उसका नंगा जिस्म और उसके बड़े गद्दीदार तने हुए स्तन मेरे सीने पर दब गए, मैं एक अजीब सी सिरहन से पागल हो गया, इससे बड़ा सुख मैंने अपने जीवन में कभी नहीं पाया था। 2 से 3 मिनट के लंबे चुम्बन के बाद मैंने अपने हाथ तृप्ति के वक्ष पर रख दिए और दोनों स्तनों को जोर जोर से दबाने लगा। इससे उसका गोरा शरीर पूरा लाल हो गया उसके स्तनों को दबाकर जो आनन्द मुझे महसूस हो रहा था वह शब्दों में ब्यान नहीं हो सकता। मैंने उसके स्तनों को जोर जोर से चूसना चालू किया, वह भी जितना कर सकती थी, मुझे चूमने लगी। उसके स्तनों, चूचुकों के बाद मैंने उसके पेट पर अपनी जीभ फिरानी शुरू की लेकिन मेरा मन कर रहा था कि मैं उसकी गोरी चमड़ी को अपने मुंह में लेकर खा जाऊं... जहां-जहां मेरा मुंह और दांत उसकी गोरी चमड़ी को स्पर्श कर रहे थे, वहां वहां वह पूरी लाल होती जा रही थी। मैं मन ही मन रोमांचित हो रहा था कि जब मैं इसकी गांड मारूंगा गांड पर जोर जोर से थप्पड़ दूंगा तब इसकी गांड का जो हाल और वह जो दृश्य होगा मैं कितना रोमांचित करने वाला होगा।
ऐसा सोचते करते हुए मैं उसकी योनि तक पहुंच गया, उसकी गोरी टांगों को चाटते हुए मैंने उसकी योनि में अपनी जीभ डाल दी और उसे जीभ से चोदने लगा। ऐसा करते हुए मैंने तृप्ति को धन्यवाद कहा और
कहा- अच्छा हुआ तुम पहले से नंगी हो गई... वरना यह सब करने के लिए मुझे कितना तड़पना पड़ता।
इस पर तृप्ति ने मुझसे कहा- मुझे पता है कि तुम मेरे शरीर को देखना चाहते थे... अगर हम केवल किस करते और फोरप्ले कर लेते तो तुम्हारी मन की इच्छा पूरी नहीं होती और ना ही मेरी, इसलिए मैंने कोई विरोध नहीं किया। मैं अपने परम मित्र की धर्मपत्नी की चूत फिर चाटने लगा, वो सिसकारियां भरती हुई पागल हुए जा रही थी. करीब 20 मिनट हमें इस क्रियाकलाप में गुजर गए थे। तृप्ति को जैसे एकदम से होश आया और
वह बोली- रणविजय, केवल अपनी इच्छा पूरी करोगे या मेरी भी इच्छा भी पूरी करोगे?
इस पर मैं उठ कर सीधा उसके पास जाकर लेट गया, तृप्ति मेरे ऊपर आई, अपने होठों को मेरे होठों पर दबा कर मेरे लिंग को अपने हाथ में रखकर धीरे-धीरे मेरे होठों से लेकर गले सीने पर अपनी जुबान फिर आती हुई किस करने लगी। उसने हाथों ने मेरे सिक्स पैक को महसूस किया और वहां पर चुम्बनों की बारिश कर दी। वह इस सिक्स पैक्स बॉडी वाली की दीवानी थी, उसने चुम्बनों की ऐसे बारिश की थी जो कि मुझे कभी प्रिया से नहीं मिली थी, इतनी मेहनत से बनाए हुए सिक्स पैक का प्रिया को कोई शौक नहीं था। लेकिन आज मुझे महसूस हुआ कि इस मेहनत का नतीजा मुझे तृप्ति के चुम्बनों के इनाम में मिल गया।
तृप्ति ने कहा- अरे यार, हमारे पास समय की बहुत कमी है, तुमने जो तुम्हारी इच्छा का जिक्र किया था, पूरा करना नहीं चाहोगे? तुम्हारे इस शरीर के साथ तो मेरी भी इच्छा हो रही है कि मैं भी वह करूं। मैं 69 की बात कर रही हूं।
तृप्ति ने मेरे मन की बात छीन ली थी लेकिन मैं डर रहा था कि शायद वह लिंग को मुंह में लेकर चूसना पसंद नहीं करे। पर लग रहा था कि आज मेरे सारे अरमान पूरे होने जा रहे हैं।
हम 69 की पोजीशन में आ गए। क्या खुशबू थी उसकी जांघों के बीच बसी ज़न्नत की।
क्या गोरी जांघें थी... जिनके बीच में मैंने अपने मुंह को दबाया उसके इस गहरे भाग को देखकर मेरा लिंग करंट मारने लगा था। कोई भी ऐसे गोरे शरीर को जो एकदम स्वच्छ निर्मल और बालों से रहित हो, बिना किसी झिझक के चूमना चाटना और खाना भी पसंद करेगा। इतने में मुझे अपने लिंग पर तृप्ति के लब महसूस हुए, उसके मुंह की लार ने मेरे लिंग को गीला कर दिया और वह मुझे उत्तेजना में पागल करने के लिए जोर जोर से अपने होठों को मेरे लिंग पर रगड़ने लगी और गंदे तरीके से उसे चूसने चाटने लगी। ऐसा लग रहा था कि किसी ब्लू फिल्म की हीरोइन आज मेरे लिंग पर सवार है। मैंने उत्तेजित होते हुए उसकी चूत को चूसना चाटना शुरू कर दिया और जीभ से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया। उसके गदराये हुए शरीर को देखकर मैं पागल हुए जा रहा था। उसकी गोरी गांड मेरी आंखों के सामने थी जो कि इतनी आकर्षक थी कि कब मेरा मुंह उसके गांड के छेद पर चला गया मुझे पता ही नहीं चला।