09-08-2019, 11:52 AM
कहानी अब रणविजय के शब्दों में:
वाह क्या नजारा था... दूध जैसी गोरी, लंबाई में थोड़ी सी छोटी लेकिन भरे हुए शरीर की मालकिन तृप्ति, मेरे दोस्त की बीवी, मेरे सामने खड़ी थी l उसके बड़े-बड़े बूबे जो कि बिल्कुल तने हुए थे आगे की तरफ लाल रंग के चूचुक... मैं समझ नहीं पा रहा था कि इतने बड़े होते हुए भी ये स्तन बिल्कुल भी लटके हुए नहीं हैं l उसके बाद पेट... क्या पेट था उसका... गोरा और सपाट जिसे देखकर बाहुबली की तमन्ना भाटिया की याद आ गई, वह भी इसके आगे कुछ नहीं थी, साड़ी में से किसी को तृप्ति का पेट भी नजर आ जाए तो उसका लिंग सलामी देने लगे। तृप्ति की गोरी मोटी जांघें कतृप्ति कपूर की याद दिलाने लगी थी, क्या सेक्सी टांगें थी उसकी बाल रहित... गोरी चूत जिसके दर्शन अच्छे से नहीं हो रहे थे क्योंकि वह अपनी टांगों को पीछे हुए खड़ी थी। सामने से मैं तृप्ति की गांड नहीं देख पा रहा था लेकिन उसके शरीर का आकार महसूस कर सकता था कि जितनी सेक्सी आगे से है पीछे से उतने ही लंड फाड़ सेक्सी होगी। मेरे लंगोटिया यार की पत्नी तृप्ति की नजरें शर्म से झुकी हुई थी। मैंने अपनी टी-शर्ट उतार कर तृप्ति के गले लगाया और
कहा- तृप्ति... आई लव यू!
तृप्ति का हाथ मेरे पेट पर चला गया, उसने मेरे सिक्स पैक पर हाथ फिराया, उसकी आंखों में अचानक से चमक आ गई, उसने मेरी नजरों में देखा और
कहा- आई लव दिस बॉडी... आई लव यू रणविजय।
मैंने तृप्ति को अपनी गोद में उठाया और बेड पर गिरा दिया। हम उत्तेजना से पागल हो गए थे क्योंकि दोनों के शरीर ही इतने आकर्षक थे। निर्णय मात्र आधे घंटे तक फॉर प्ले करने का हुआ था और अपने अंदर के वस्त्र ना उतारने की बात हुई थी लेकिन समझदार तृप्ति ने फालतू के नखरों में समय बर्बाद नहीं किया इससे मेरा काम बहुत आसान हो गया था।
मैं सोच रहा था कि अब सब कुछ बहुत आसानी से हो जाएगा लेकिन यह सोचना मेरी गलती थी तृप्ति पूरी नंगी बेड पर लेटी हुई थी। मैंने भी अपने आप को पूरा नंगा कर दिया था, मैं ऊपर लेटने लगा और उसके होठों के ऊपर अपने होंठ लगाने लगा। तभी तृप्ति ने मेरा लिंग पकड़ लिया और जोर से दबाया और
कहने लगी- रणविजय, मेरे कपड़े उतारते वक्त जो तुमने मुझसे कहा कि चुदाई होनी ही है। यह तुम्हारी गलतफहमी है, तुम्हें ऐसा नहीं सोचना चाहिए और मैं भी ऐसा नहीं सोच सकती हूं और हम दोनों को यह सब करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पति और तुम्हारी पत्नी का विश्वास न टूटे।
यह सुनकर मुझे आगे के क्रिया-कलापों पर अनिश्चितता हुई कि मैं पूरी चुदाई कर पाऊंगा भी या नहीं। तृप्ति को लेकर जो मेरा सपना था... मैं अर्श से फर्श पर गिर गया था,
मैंने बात को संभालते हुए कहा- मैं तुम्हें केवल उत्तेजित करना चाहता था इसलिए मैंने ऐसा कह दिया, तुम चिंता ना करो, हम अपनी सीमा में ही रहेंगे।
मैंने घड़ी की तरफ इशारा करते हुए कहा- यार 10 मिनट समाप्त हो गए हैं और अभी तक मैं इस हुस्न की परी का चुम्बन भी नहीं ले पाया हूं। क्या इस आधे घंटे में मैं अपनी मनोकामनाएं पूरी करुंगा जिसके सपने में देखे थे। तृप्ति, मैं इस सपने को जीना चाहता हूं और अपने मन की वे सारी इच्छाएं पूरी करना चाहता हूं जो मैंने कमरे में अंदर आते हुए सोची थी। मैं तुम्हारे साथ फोर प्ले कर वे सारे क्रिया-कलाप करना चाहता हूं जिसे मैं जीवन भर याद रख सकूं और इस फोरप्ले के क्रिया-कलाप को याद करके मैं प्रिया को यह समझ कर चोद सकूं कि मैं तुम्हें ही चोद रहा हूं।
वाह क्या नजारा था... दूध जैसी गोरी, लंबाई में थोड़ी सी छोटी लेकिन भरे हुए शरीर की मालकिन तृप्ति, मेरे दोस्त की बीवी, मेरे सामने खड़ी थी l उसके बड़े-बड़े बूबे जो कि बिल्कुल तने हुए थे आगे की तरफ लाल रंग के चूचुक... मैं समझ नहीं पा रहा था कि इतने बड़े होते हुए भी ये स्तन बिल्कुल भी लटके हुए नहीं हैं l उसके बाद पेट... क्या पेट था उसका... गोरा और सपाट जिसे देखकर बाहुबली की तमन्ना भाटिया की याद आ गई, वह भी इसके आगे कुछ नहीं थी, साड़ी में से किसी को तृप्ति का पेट भी नजर आ जाए तो उसका लिंग सलामी देने लगे। तृप्ति की गोरी मोटी जांघें कतृप्ति कपूर की याद दिलाने लगी थी, क्या सेक्सी टांगें थी उसकी बाल रहित... गोरी चूत जिसके दर्शन अच्छे से नहीं हो रहे थे क्योंकि वह अपनी टांगों को पीछे हुए खड़ी थी। सामने से मैं तृप्ति की गांड नहीं देख पा रहा था लेकिन उसके शरीर का आकार महसूस कर सकता था कि जितनी सेक्सी आगे से है पीछे से उतने ही लंड फाड़ सेक्सी होगी। मेरे लंगोटिया यार की पत्नी तृप्ति की नजरें शर्म से झुकी हुई थी। मैंने अपनी टी-शर्ट उतार कर तृप्ति के गले लगाया और
कहा- तृप्ति... आई लव यू!
तृप्ति का हाथ मेरे पेट पर चला गया, उसने मेरे सिक्स पैक पर हाथ फिराया, उसकी आंखों में अचानक से चमक आ गई, उसने मेरी नजरों में देखा और
कहा- आई लव दिस बॉडी... आई लव यू रणविजय।
मैंने तृप्ति को अपनी गोद में उठाया और बेड पर गिरा दिया। हम उत्तेजना से पागल हो गए थे क्योंकि दोनों के शरीर ही इतने आकर्षक थे। निर्णय मात्र आधे घंटे तक फॉर प्ले करने का हुआ था और अपने अंदर के वस्त्र ना उतारने की बात हुई थी लेकिन समझदार तृप्ति ने फालतू के नखरों में समय बर्बाद नहीं किया इससे मेरा काम बहुत आसान हो गया था।
मैं सोच रहा था कि अब सब कुछ बहुत आसानी से हो जाएगा लेकिन यह सोचना मेरी गलती थी तृप्ति पूरी नंगी बेड पर लेटी हुई थी। मैंने भी अपने आप को पूरा नंगा कर दिया था, मैं ऊपर लेटने लगा और उसके होठों के ऊपर अपने होंठ लगाने लगा। तभी तृप्ति ने मेरा लिंग पकड़ लिया और जोर से दबाया और
कहने लगी- रणविजय, मेरे कपड़े उतारते वक्त जो तुमने मुझसे कहा कि चुदाई होनी ही है। यह तुम्हारी गलतफहमी है, तुम्हें ऐसा नहीं सोचना चाहिए और मैं भी ऐसा नहीं सोच सकती हूं और हम दोनों को यह सब करते हुए यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारे पति और तुम्हारी पत्नी का विश्वास न टूटे।
यह सुनकर मुझे आगे के क्रिया-कलापों पर अनिश्चितता हुई कि मैं पूरी चुदाई कर पाऊंगा भी या नहीं। तृप्ति को लेकर जो मेरा सपना था... मैं अर्श से फर्श पर गिर गया था,
मैंने बात को संभालते हुए कहा- मैं तुम्हें केवल उत्तेजित करना चाहता था इसलिए मैंने ऐसा कह दिया, तुम चिंता ना करो, हम अपनी सीमा में ही रहेंगे।
मैंने घड़ी की तरफ इशारा करते हुए कहा- यार 10 मिनट समाप्त हो गए हैं और अभी तक मैं इस हुस्न की परी का चुम्बन भी नहीं ले पाया हूं। क्या इस आधे घंटे में मैं अपनी मनोकामनाएं पूरी करुंगा जिसके सपने में देखे थे। तृप्ति, मैं इस सपने को जीना चाहता हूं और अपने मन की वे सारी इच्छाएं पूरी करना चाहता हूं जो मैंने कमरे में अंदर आते हुए सोची थी। मैं तुम्हारे साथ फोर प्ले कर वे सारे क्रिया-कलाप करना चाहता हूं जिसे मैं जीवन भर याद रख सकूं और इस फोरप्ले के क्रिया-कलाप को याद करके मैं प्रिया को यह समझ कर चोद सकूं कि मैं तुम्हें ही चोद रहा हूं।