09-08-2019, 11:48 AM
मैं 'समय कम है' कहते हुए प्रिया पर लपका। कल से ही मैं उसके काली ब्रा-पैंटी में कसे शानदार उभारों को देखकर नशे में था। मैंने लगभग हड़बड़ाते हुए ही उसकी नाइटी उतार दी। जैसे कोई परी अपने पंख उतारकर मेरे बिस्तर पर केवल ब्रा और पेंटी में उतर आई। मैंने उसके उभारों को दबाते हुए उसे धकेलकर बिस्तर पर गिरा दिया और उसके चेहरे पर चुंबनों की बरसात कर दी। वह भी फोरप्ले का फायदा उठाना चाहती थी इसलिए बिना शर्माए मेरे होठों को जोरदार तरीके से चूसने लगी। मैंने अपना एक हाथ उसकी पीठ पर ब्रा के फीते पर बढ़ा दिया तो प्रिया ने मेरी हुक खोलने की कोशिश का विरोध किया। मैंने प्रिया को बाँहों में बंद करते हुए कहा- प्लीज, इस इस कीमती मौके को मेरे हाथ से बिल्कुल मत जाने दो। मैं अपनी मर्यादा में रहूंगा। फोरप्ले का मतलब तो फोरप्ले ही होता है। कृपया मुझे अपना फोरप्ले पूरा करने दो। प्रिया ने मेरे हाथ छोड़ दिए और मैंने अभ्यस्त हाथों से हुक खोल दिया। जी करता था इस अनमोल क्षण का रुक रुककर मजा लूँ, धीरे-धीरे हुक खोलूँ, कंधों से फीता सरकाऊँ, धीरे-धीरे कपों को खींचते हुए स्तनों को नंगा करूँ लेकिन मन बहुत ही अधीर था। मैंने जल्दी से ब्रा खींचकर प्रिया के स्तनों को आजाद कर दिया। देखकर मेरे शरीर के अंदर एक सिहरन दौड़ने लगी, मैंने उन्हें हाथों में भर लिया और सहलाने लगा, भरे भरे और मुलायम स्तन... दिल कर रहा था उन्हें खूब जोर जोर से दबाकर रस निकाल दूँ लेकिन प्रिया का ख्याल करके नियंत्रण में रहा। प्रिया की सिसकारियाँ निकल रही थीं, 'उम्म्ह... अहह... हय... याह...' मैं उसे चूम रहा था, उसके स्तनों की मालिश कर रहा था और इस दौरान अपने कपड़े भी उतार रहा था। वह मस्ती में खोई थी। मैं स्तनों को कभी दबाता था कभी चूचुकों को चुटकी में लेकर निचोड़ता था, कभी नीचे झुककर उन्हें चूसने लगता था। सुख में डूबी प्रिया को इस बात का एहसास नहीं हुआ कि कब मैं अपने वस्त्र उतारकर केवल चड्डी में आ गया हूँ। मैं धीरे-धीरे प्रिया को पलटाता हुआ उसके ऊपर आया। उसके स्तनों और होठों को छेड़ना जारी रखते हुए मैंने अपने चड्ढी ढके लिंग को उसकी पेड़ू पर दबा दिया और हल्के-हल्के घर्षण करने लगा। यह अत्यधिक उत्तेजना वाली स्थिति थी, इसका लाभ उठाते हुए मैंने प्रिया को बिना कुछ कहे उसके कूल्हों से चड्डी खींचनी शुरू कर दी। वह मदहोशी में समझ नहीं पाई। चड्डी जब घुटनों पर जाकर अटकी और नीचे खिसकने में बाधा उत्पन्न करने लगी तब प्रिया को पता चला कि वह नीचे से नंगी हो गई है। मैं कुछ देख पाता उससे पहले प्रिया ने बेड के पास वाले बटन से लाइट बंद कर दी।
उसने मुझे डाँटते हुए कहा कि ऊपर के कपड़े खोलने तक सही था लेकिन नीचे तक के कपड़ों को खोलने की बात नहीं हुई थी। तुम मेरी उत्तेजना का फायदा मत उठाओ।
मैंने कहा- तुमने तो कहा था हम अपनी ब्रा पैंटी नहीं उतारेंगी, लेकिन हम तो तुम्हारी ब्रा-पैंटी उतार चुके हैं, चिंता मत करो। मैं संभोग नहीं करुंगा इसकी बात हुई थी। प्लीज मुझ पर विश्वास रखो और फोरप्ले का पूरा आनंद लो, विजय को कुछ भी मत बताना। ऐसा जाहिर करना कि हमने अपना फोरप्ले पूरी ईमानदारी के साथ किया है। प्रिया ने विरोध करना छोड़ दिया, मैंने उसकी एड़ियों से चड्डी बाहर निकाल दी। उसके होठों को चूमा और कान के पास जाकर बहुत धीरे से बोला- थैंक्यू।
जवाब में मेरी पीठ पर उसकी एक चपत ने मुझमें जोश भर दिया। मैं उसे चूमते हुए नीचे उतरने लगा, ठुड्डी, कंठ, गला, स्तनों का उभार, नशीले चूचुक, चिकनी कोमल पेट, पेड़ू का उभार जहाँ कोई बाल नहीं थे। नीचे भग-होठों की शुरुआत, जिन्हें अंधेरे में मैंने पहले अपने होठों से टटोला और फिर उन पर मुँह दबाकर चुम्बन लिए। पहले बाईं पर, फिर दाईं पर, फिर उनके बीच की खाली जगह में। हालाँकि ऐसा मैं उसको पूरी तरह से उत्तेजित करने के लिए कर रहा था लेकिन प्रिया की चूत का स्वाद भी अच्छा था, उससे चिकनाई रिस रही थी, मैं संकोच छोड़कर उसे पूरे दिल से चाटने लगा।
प्रिया आह आह ओह ओह करती सिसकारियाँ भर रही थी। मैंने उसकी क्लिटोरिस को चूसते हुए उसकी योनि में उंगली घुसा दी। अंदर इतनी गीली थी कि मैंने आसानी से दूसरी उंगली भी उसमें डाल दी। दोनों उंगलियों से योनि की दीवारों को सहलाते हुए मैं उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई, कमर उचकाने लगी और आह-आह करने लगी। अब वह समय आ गया था कि मैं अपना अगला निशाना लगाऊं। मैं वापस से प्रिया के ऊपर आ गया।
उसने मुझे डाँटते हुए कहा कि ऊपर के कपड़े खोलने तक सही था लेकिन नीचे तक के कपड़ों को खोलने की बात नहीं हुई थी। तुम मेरी उत्तेजना का फायदा मत उठाओ।
मैंने कहा- तुमने तो कहा था हम अपनी ब्रा पैंटी नहीं उतारेंगी, लेकिन हम तो तुम्हारी ब्रा-पैंटी उतार चुके हैं, चिंता मत करो। मैं संभोग नहीं करुंगा इसकी बात हुई थी। प्लीज मुझ पर विश्वास रखो और फोरप्ले का पूरा आनंद लो, विजय को कुछ भी मत बताना। ऐसा जाहिर करना कि हमने अपना फोरप्ले पूरी ईमानदारी के साथ किया है। प्रिया ने विरोध करना छोड़ दिया, मैंने उसकी एड़ियों से चड्डी बाहर निकाल दी। उसके होठों को चूमा और कान के पास जाकर बहुत धीरे से बोला- थैंक्यू।
जवाब में मेरी पीठ पर उसकी एक चपत ने मुझमें जोश भर दिया। मैं उसे चूमते हुए नीचे उतरने लगा, ठुड्डी, कंठ, गला, स्तनों का उभार, नशीले चूचुक, चिकनी कोमल पेट, पेड़ू का उभार जहाँ कोई बाल नहीं थे। नीचे भग-होठों की शुरुआत, जिन्हें अंधेरे में मैंने पहले अपने होठों से टटोला और फिर उन पर मुँह दबाकर चुम्बन लिए। पहले बाईं पर, फिर दाईं पर, फिर उनके बीच की खाली जगह में। हालाँकि ऐसा मैं उसको पूरी तरह से उत्तेजित करने के लिए कर रहा था लेकिन प्रिया की चूत का स्वाद भी अच्छा था, उससे चिकनाई रिस रही थी, मैं संकोच छोड़कर उसे पूरे दिल से चाटने लगा।
प्रिया आह आह ओह ओह करती सिसकारियाँ भर रही थी। मैंने उसकी क्लिटोरिस को चूसते हुए उसकी योनि में उंगली घुसा दी। अंदर इतनी गीली थी कि मैंने आसानी से दूसरी उंगली भी उसमें डाल दी। दोनों उंगलियों से योनि की दीवारों को सहलाते हुए मैं उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा। वह बहुत ही उत्तेजित हो गई, कमर उचकाने लगी और आह-आह करने लगी। अब वह समय आ गया था कि मैं अपना अगला निशाना लगाऊं। मैं वापस से प्रिया के ऊपर आ गया।