09-08-2019, 11:47 AM
मै- और वैसे भी यह पहली बार और आखिरी बार होगा। यहाँ हम चारो दोस्त हैं और चारों की इज्जत इसमें इन्वॉल्व है तो बात बाहर जाने का सवाल ही नहीं उठता।
विजय- हे पुराने बॉयफ्रेंड वाली लेकिन अब पतिव्रता नारियो, अब बताओ कि तुम्हें क्या परेशानी है? क्या इससे उत्तेजित करने वाला कोई और आइडिया है आपके दिमाग में?
मैं- और वैसे भी सोचने की बात है कि यह जो उत्तेजना हम पैदा करेंगे वह काम तो अपने पतियों और अपनी बीवियों को ही करनी है।
मैंने उन्हें सोचने का मौका न देते हुए पूछ लिया- तो क्या ये रूप की रानियाँ तैयार हैं?
पहाड़ जैसे दो सेकंड गुजरे, दोनों सोच में डूबी औरतों को हम बेपनाह लालच से देख रहे थे।
तृप्ति- मैं तैयार हूँ, लेकिन वायदा कीजिए कि उत्तेजना पैदा करने के बाद आप दोनों किसी प्रकार की ओर कोई कोशिश नहीं करेंगे।
विजय और मैं फौरन बोले कि हम तैयार हैं।
प्रिया- और फोरप्ले का कार्य हम एक-दूसरे के सामने नहीं कर सकते। अलग-अलग कमरों में जाएंगे। उत्तेजना होने पर सब अपने अपने साथी के पास आ जाएंगे।
विजय और मैं तुरंत मान गए।
तृप्ति और प्रिया- लेकिन हम अपने ब्रा और पैंटी नहीं उतारेंगे केवल kisses होगा।
विजय और हम फिर बोले कि हम तैयार हैं।
सबकी रजामंदी हो गई, थोड़ी औपचारिकता के बाद विजय तृप्ति को लेकर चला गया और मैं और प्रिया हमारे कमरे में ही रह गए। जाने से पहले हमने आधे घंटे का समय वापस लौटने के लिए निश्चित किया अपनी बीवियों के सामने। लेकिन विजय और मेरा पहले ही इशारा हो गया था कि अब वापस अपने कमरे में लौट कर नहीं आना है और आगे की बात को अलग-अलग अपने ही तरीके से सुलझाना है। विजय और तृप्ति के जाते ही मैंने अपने कमरे को अंदर से लॉक कर लिया।
प्रिया मुझे हल्की मुस्कान के साथ देख रही थी। वह शरारती अंदाज में बोली- इस आधे घंटे को यादगार बना दो, खुद जियो और मुझे जी भर के जीने दो।
आधा घंटा फोरप्ले का नाटक करना था।
विजय- हे पुराने बॉयफ्रेंड वाली लेकिन अब पतिव्रता नारियो, अब बताओ कि तुम्हें क्या परेशानी है? क्या इससे उत्तेजित करने वाला कोई और आइडिया है आपके दिमाग में?
मैं- और वैसे भी सोचने की बात है कि यह जो उत्तेजना हम पैदा करेंगे वह काम तो अपने पतियों और अपनी बीवियों को ही करनी है।
मैंने उन्हें सोचने का मौका न देते हुए पूछ लिया- तो क्या ये रूप की रानियाँ तैयार हैं?
पहाड़ जैसे दो सेकंड गुजरे, दोनों सोच में डूबी औरतों को हम बेपनाह लालच से देख रहे थे।
तृप्ति- मैं तैयार हूँ, लेकिन वायदा कीजिए कि उत्तेजना पैदा करने के बाद आप दोनों किसी प्रकार की ओर कोई कोशिश नहीं करेंगे।
विजय और मैं फौरन बोले कि हम तैयार हैं।
प्रिया- और फोरप्ले का कार्य हम एक-दूसरे के सामने नहीं कर सकते। अलग-अलग कमरों में जाएंगे। उत्तेजना होने पर सब अपने अपने साथी के पास आ जाएंगे।
विजय और मैं तुरंत मान गए।
तृप्ति और प्रिया- लेकिन हम अपने ब्रा और पैंटी नहीं उतारेंगे केवल kisses होगा।
विजय और हम फिर बोले कि हम तैयार हैं।
सबकी रजामंदी हो गई, थोड़ी औपचारिकता के बाद विजय तृप्ति को लेकर चला गया और मैं और प्रिया हमारे कमरे में ही रह गए। जाने से पहले हमने आधे घंटे का समय वापस लौटने के लिए निश्चित किया अपनी बीवियों के सामने। लेकिन विजय और मेरा पहले ही इशारा हो गया था कि अब वापस अपने कमरे में लौट कर नहीं आना है और आगे की बात को अलग-अलग अपने ही तरीके से सुलझाना है। विजय और तृप्ति के जाते ही मैंने अपने कमरे को अंदर से लॉक कर लिया।
प्रिया मुझे हल्की मुस्कान के साथ देख रही थी। वह शरारती अंदाज में बोली- इस आधे घंटे को यादगार बना दो, खुद जियो और मुझे जी भर के जीने दो।
आधा घंटा फोरप्ले का नाटक करना था।