09-08-2019, 11:41 AM
मैं- हाँ सही है यार। बताओ प्रिया और तृप्ति, फिर यह मौका कब मिलेगा? कितनी मुश्किल से तो हमारा बाहर आना संभव हुआ है। अगली बार फिर से आना शायद अगले जन्म में ही संभव हो। हमारा काम ही ऐसा है बिजनेस का।
तृप्ति- हाँ यार, यह बात तो है।
विजय- और यार अपनी वाइफ के साथ तो हम अपने घर भी सोएंगे। यहाँ तो कुछ यादगार पल होने चाहिए।
प्रिया- आप सही कह रहे हैं। कल तृप्ति को और हमें भी काफी एक्साइटमेंट हुई थी, यह बात झूठ नहीं है। अपने पतियों को प्यार करने का कल का मजा ही कुछ अलग था। ओके, चलो आज फिर कल जैसा कोई जादू कर दो... कि मुझे आपको और तृप्ति को राजवीर से प्यार करने का मजा आ जाए। (तृप्ति ने आखिरकार हामी भर दी।) हम खुश थे कि दोनों इस गंदे खेल में शामिल तो हो रहीं हैं, भले ही अभी उनके मन में पराए पार्टनर के लिए कुछ गलत नहीं हो।
मैं- आज का गेम है- सच का सामना!
प्रिया- हा हा हा, यह क्या गेम है?
मैं- कोई कार्ड्स नहीं, कोई खेल का जरिया नहीं, बस सवालों के सच सच जवाब देने होंगे।
तृप्ति- कैसे सवाल? और सवालों में कैसा एक्साइटमेंट?
विजय- सवाल ऐसे कि जिनके जवाब अगर ईमानदारी से दो तो एक्साइटमेंट हो जाए।
प्रिया- कैसे?
मैं- वह तो खेल शुरू करेंगे तो पता चल जाएगा, एक एक बार सब का नंबर आएगा, और सब को बस सच बोलना है।
फिर हम चारों हमारे डबल बेड पर बैठ गए। सबको पता था कि कुछ बहुत रोमांचक होने वाला है। हमारी बीवियों ने मॉडर्न होने के बावजूद खानदानी बहू का जिम्मा अच्छे से निभाया था लेकिन कल के खेल ने उनके जज्बातों को जगा दिया था। आधी उत्तेजित तो वे पहले से थीं, आज हमें बस उन्हें सेक्स के लिए जरा और उत्तेजित करना था।
सबसे पहले मैंने अपना सवाल किया तृप्ति से- तृप्ति, कल के गेम में तुम्हें विजय की कौन सी चीज सबसे अच्छी लगी। प्लीज, शर्म को साइड में रख कर खुलकर बताओ ताकि हम खेल का मजा ले सकें। यही खेल का नियम है।
तृप्ति- सच कहूँ तो मैं उसके सिक्स पैक की फैन हूँ। तुम बताओ प्रिया की खास बात?
मैं- प्रिया का शेप... काश प्रिया कल ब्रा-पैंटी में एक बार खड़े होकर मॉडल की तरह वाक करके दिखाती तो लाइफ बन जाती। (सुनकर प्रिया शर्म से मुस्कुराने लगी, उसका चेहरा लाल हो गया।) विजय ने जोर से ठहाका मारा, तृप्ति ने मुझे धीरे से मारा।
मैंने कहा- अब विजय बताएगा तृप्ति के बारे में!
विजय- तृप्ति को देख कर मुझे नागिन की हीरोइन (colors सीरियल वाली, संजना खान) याद आती है। तृप्ति उससे भी ज्यादा अट्रैक्टिव लगती है। लेकिन कल जब मैंने तृप्ति को ब्रा-पैंटी में देखा तो मुझे लगा इस से बेहतर नजारा कोई और हो ही नहीं सकता। इतना गोरा रंग, भरा हुआ शरीर, जिसे मोटापा नहीं कह सकते। जैसे बिल्कुल साँचे में ढला हो। पूरी रात वह नजारा मेरी आंखों में घूमता रहा।
प्रिया ने मेरे बारे में कहा- मुझे फिट लड़के बहुत पसंद हैं, जैसे कि आप, लेकिन पैक वाले बंदों से मुझे फीलिंग नहीं आती। आपकी बॉडी और V शेप की कमर और चेस्ट काफी अट्रैक्टिव है। शरीर पर ऊपर से बाल नहीं हैं, यह मुझे और एक्साइटिंग लगा। गोरे तो आप भी अपनी वाइफ से कम नहीं हैं, आप दोनों भी हमारी तरह परफेक्ट कपल हैं।
(अपनी तारीफ किसे नहीं अच्छी लगती, सबको बातचीत पसंद आई थी, अब थोड़ा मसाला डालने की जरूरत थी।)
तृप्ति- हाँ यार, यह बात तो है।
विजय- और यार अपनी वाइफ के साथ तो हम अपने घर भी सोएंगे। यहाँ तो कुछ यादगार पल होने चाहिए।
प्रिया- आप सही कह रहे हैं। कल तृप्ति को और हमें भी काफी एक्साइटमेंट हुई थी, यह बात झूठ नहीं है। अपने पतियों को प्यार करने का कल का मजा ही कुछ अलग था। ओके, चलो आज फिर कल जैसा कोई जादू कर दो... कि मुझे आपको और तृप्ति को राजवीर से प्यार करने का मजा आ जाए। (तृप्ति ने आखिरकार हामी भर दी।) हम खुश थे कि दोनों इस गंदे खेल में शामिल तो हो रहीं हैं, भले ही अभी उनके मन में पराए पार्टनर के लिए कुछ गलत नहीं हो।
मैं- आज का गेम है- सच का सामना!
प्रिया- हा हा हा, यह क्या गेम है?
मैं- कोई कार्ड्स नहीं, कोई खेल का जरिया नहीं, बस सवालों के सच सच जवाब देने होंगे।
तृप्ति- कैसे सवाल? और सवालों में कैसा एक्साइटमेंट?
विजय- सवाल ऐसे कि जिनके जवाब अगर ईमानदारी से दो तो एक्साइटमेंट हो जाए।
प्रिया- कैसे?
मैं- वह तो खेल शुरू करेंगे तो पता चल जाएगा, एक एक बार सब का नंबर आएगा, और सब को बस सच बोलना है।
फिर हम चारों हमारे डबल बेड पर बैठ गए। सबको पता था कि कुछ बहुत रोमांचक होने वाला है। हमारी बीवियों ने मॉडर्न होने के बावजूद खानदानी बहू का जिम्मा अच्छे से निभाया था लेकिन कल के खेल ने उनके जज्बातों को जगा दिया था। आधी उत्तेजित तो वे पहले से थीं, आज हमें बस उन्हें सेक्स के लिए जरा और उत्तेजित करना था।
सबसे पहले मैंने अपना सवाल किया तृप्ति से- तृप्ति, कल के गेम में तुम्हें विजय की कौन सी चीज सबसे अच्छी लगी। प्लीज, शर्म को साइड में रख कर खुलकर बताओ ताकि हम खेल का मजा ले सकें। यही खेल का नियम है।
तृप्ति- सच कहूँ तो मैं उसके सिक्स पैक की फैन हूँ। तुम बताओ प्रिया की खास बात?
मैं- प्रिया का शेप... काश प्रिया कल ब्रा-पैंटी में एक बार खड़े होकर मॉडल की तरह वाक करके दिखाती तो लाइफ बन जाती। (सुनकर प्रिया शर्म से मुस्कुराने लगी, उसका चेहरा लाल हो गया।) विजय ने जोर से ठहाका मारा, तृप्ति ने मुझे धीरे से मारा।
मैंने कहा- अब विजय बताएगा तृप्ति के बारे में!
विजय- तृप्ति को देख कर मुझे नागिन की हीरोइन (colors सीरियल वाली, संजना खान) याद आती है। तृप्ति उससे भी ज्यादा अट्रैक्टिव लगती है। लेकिन कल जब मैंने तृप्ति को ब्रा-पैंटी में देखा तो मुझे लगा इस से बेहतर नजारा कोई और हो ही नहीं सकता। इतना गोरा रंग, भरा हुआ शरीर, जिसे मोटापा नहीं कह सकते। जैसे बिल्कुल साँचे में ढला हो। पूरी रात वह नजारा मेरी आंखों में घूमता रहा।
प्रिया ने मेरे बारे में कहा- मुझे फिट लड़के बहुत पसंद हैं, जैसे कि आप, लेकिन पैक वाले बंदों से मुझे फीलिंग नहीं आती। आपकी बॉडी और V शेप की कमर और चेस्ट काफी अट्रैक्टिव है। शरीर पर ऊपर से बाल नहीं हैं, यह मुझे और एक्साइटिंग लगा। गोरे तो आप भी अपनी वाइफ से कम नहीं हैं, आप दोनों भी हमारी तरह परफेक्ट कपल हैं।
(अपनी तारीफ किसे नहीं अच्छी लगती, सबको बातचीत पसंद आई थी, अब थोड़ा मसाला डालने की जरूरत थी।)