09-08-2019, 11:40 AM
कुछ देर तक भी विजय और प्रिया नहीं आए तो मेरा दिल टूटने लगा। मैं तृप्ति के साथ सेक्स की तैयारी करने लगा। सोचा कि मन में ही प्रिया को रखकर तृप्ति से सेक्स कर लूंगा। मैं तृप्ति को देर तक जोरसे चूमते हुए उसे गर्म करने लगा। इतने में घंटी बजी, तृप्ति को यह घंटी अच्छी नहीं लगी मगर मेरे फड़फड़ाते लिंग की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। किसी तरह अपने खड़े लिंग को सम्हालते हुए दरवाजा खोला। तृप्ति ने भी खुद को इतना सामान्य कर लिया जैसे हम कुछ कर ही नहीं रहे थे। पता नहीं, विजय ने कैसे प्रिया को रात में हमारे कमरे में आने के लिए मनाया लेकिन वे दोनों हमारे कमरे में थे। अब तो रात जोरदार होनी ही थी।
आते ही प्रिया बोली- सॉरी यार, हमने डिस्टर्ब तो नहीं किया?
तृप्ति- नहीं यार, हम लोग थोड़ी देर पहले तुम लोगों के बारे में ही बात कर रहे थे।
प्रिया- देखो ना यार, विजय ने कल के गेम के मजे को याद दिला दिलाकर मुझे यहाँ आने को मजबूर कर दिया। वह मान ही नहीं रहा था।
विजय- तो क्या हुआ यार प्रिया? देखो ना तृप्ति ने भी तो कहा कि वह लोग हमारे बारे में बातें कर रहे थे। इतना पास हैं तो दूर दूर रहकर याद क्या करना। इसलिए साथ में याद करना और यादों में जो बातें हो रही थीं वो शेयर करना बेहतर है।
मैंने सही मौका देखकर दाँव चल दिया- हम तो कुछ नहीं यार, क्या डिस्कस कर रहे थे कि प्रिया का कितना सेक्सी फिगर है, विजय को कितना मजा आता होगा। और तृप्ति कह रही थी कि कितना मजा होता होगा जब सिक्स पैक वाला विजय प्रिया की बाहों में होता होगा और प्रिया के साथ...
तृप्ति मेरी बात काट कर चिल्लाई- शटअप यार, मैंने ऐसा कब कहा? (सुनकर हम तीनों जोर जोर हँसने लगे, तृप्ति गुस्सा हो गई।)
प्रिया- ओके यार तृप्ति, मुँह मत फुलाओ, हम दोस्त हैं और कल की बदमाशी के बाद माइंड में ऐसी स्टुपिड बातें आना नॉर्मल है।
तृप्ति- जी नहीं प्रिया, मेरे माइंड में ऐसा कुछ नहीं आया, इन राजवीर जी के बच्चे को मैं देख लूंगी।
विजय- बच्चा करने की प्लानिंग हनीमून पर।
(सब जोर से हँसने लगे।)
तृप्ति भी मजाक को समझते हुए मुस्कुराने लगी, बोली- ये कभी नहीं सुधर सकते।
(चलो, दोस्ती का माहौल बन चुका था।)
तृप्ति- आज क्या करना है? आज भी वही खेल?
प्रिया- नहीं यार, हम दोनों ने नाइटी पहनी हुई है इसलिए हम हार गए तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इसलिए आज वह खेल नहीं। आज नॉर्मल बातें ही करने आए थे। जरा सा मस्ती और मजाक करने... अब चलते हैं।
मैं- नॉर्मल बातें तो कभी भी होती रहेंगी। हमें इस हनीमून को तो नॉर्मल नहीं बनाना था ना?
विजय- हाँ यार, ठीक है जैसी आप दोनों की इच्छा। आज कल वाला गेम नहीं खेलेंगे, आज कुछ और करते हैं।
तृप्ति- जो भी करना है करो। बस हम कपड़े नहीं उतारेंगी।
विजय- ठीक है, कल वाले गेम को ही आगे बढ़ाते हैं। लेकिन यार कुछ तो डर्टी बनना पड़ेगा। हम सब एडल्ट हैं, वरना क्या मजा आएगा?
आते ही प्रिया बोली- सॉरी यार, हमने डिस्टर्ब तो नहीं किया?
तृप्ति- नहीं यार, हम लोग थोड़ी देर पहले तुम लोगों के बारे में ही बात कर रहे थे।
प्रिया- देखो ना यार, विजय ने कल के गेम के मजे को याद दिला दिलाकर मुझे यहाँ आने को मजबूर कर दिया। वह मान ही नहीं रहा था।
विजय- तो क्या हुआ यार प्रिया? देखो ना तृप्ति ने भी तो कहा कि वह लोग हमारे बारे में बातें कर रहे थे। इतना पास हैं तो दूर दूर रहकर याद क्या करना। इसलिए साथ में याद करना और यादों में जो बातें हो रही थीं वो शेयर करना बेहतर है।
मैंने सही मौका देखकर दाँव चल दिया- हम तो कुछ नहीं यार, क्या डिस्कस कर रहे थे कि प्रिया का कितना सेक्सी फिगर है, विजय को कितना मजा आता होगा। और तृप्ति कह रही थी कि कितना मजा होता होगा जब सिक्स पैक वाला विजय प्रिया की बाहों में होता होगा और प्रिया के साथ...
तृप्ति मेरी बात काट कर चिल्लाई- शटअप यार, मैंने ऐसा कब कहा? (सुनकर हम तीनों जोर जोर हँसने लगे, तृप्ति गुस्सा हो गई।)
प्रिया- ओके यार तृप्ति, मुँह मत फुलाओ, हम दोस्त हैं और कल की बदमाशी के बाद माइंड में ऐसी स्टुपिड बातें आना नॉर्मल है।
तृप्ति- जी नहीं प्रिया, मेरे माइंड में ऐसा कुछ नहीं आया, इन राजवीर जी के बच्चे को मैं देख लूंगी।
विजय- बच्चा करने की प्लानिंग हनीमून पर।
(सब जोर से हँसने लगे।)
तृप्ति भी मजाक को समझते हुए मुस्कुराने लगी, बोली- ये कभी नहीं सुधर सकते।
(चलो, दोस्ती का माहौल बन चुका था।)
तृप्ति- आज क्या करना है? आज भी वही खेल?
प्रिया- नहीं यार, हम दोनों ने नाइटी पहनी हुई है इसलिए हम हार गए तो लेने के देने पड़ जाएंगे। इसलिए आज वह खेल नहीं। आज नॉर्मल बातें ही करने आए थे। जरा सा मस्ती और मजाक करने... अब चलते हैं।
मैं- नॉर्मल बातें तो कभी भी होती रहेंगी। हमें इस हनीमून को तो नॉर्मल नहीं बनाना था ना?
विजय- हाँ यार, ठीक है जैसी आप दोनों की इच्छा। आज कल वाला गेम नहीं खेलेंगे, आज कुछ और करते हैं।
तृप्ति- जो भी करना है करो। बस हम कपड़े नहीं उतारेंगी।
विजय- ठीक है, कल वाले गेम को ही आगे बढ़ाते हैं। लेकिन यार कुछ तो डर्टी बनना पड़ेगा। हम सब एडल्ट हैं, वरना क्या मजा आएगा?