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Misc. Erotica द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}
(03-08-2019, 09:17 AM)Rocksanna999 Wrote: अपडेट -23

राज ऊपर जाकर एक निकर और टी-शर्ट पहन कर अपने बिस्तर पर लेट जाता है। राज बार बार चंचल को सबक सिखाने के बारे में सोचता है। तभी राज को कुछ याद आता है। राज बहुत सोच कर आईने से किसी के बारे में पूछता है। आईना उसकी शक्ल दिखाता है । राज उसे देख कर मन ही मन बहुत खुश होता है। और मन ही मन सोचता है " चंचल बहुत जल्द तुम्हे ऐसा सबक सिखाऊंगा की तुम्हे पता चल जाएगा कोठे की बाई क्या होती है। 


वही दूसरी तरफ कोमल भी जल्दी जल्दी तैयार होकर किसी के घर के लिए निकल रही थी।





अब आगे....





रानी और सोनिया दोनों बैठे बैठे मूवी देख रही थी साथ ही कोमल के बारे में बात कर रही थी। 


अभी कुछ 15 - 20 मिनट ही गुजरे थे की घर की डोर बेल बजती है। सोनिया उठ कर दरवाजा खोलने जाती है। सोनिया जब दरवाजा खोलती है तो सामने एक लड़की खड़ी होती है। जिसे देखते ही सोनिया के मुह से जोर से निकल जाता है" तुम"।


वो लड़की कोई और नही कोमल थी। कोमल तुरंत अंदर आकर रानी और सोनिया से बोलाती है " मुझे तुम लोगों से बहुत ज़रूरी बात करनी है" कोमल ने अभी इतना ही कहा था कि किचन से राज भी बाहर आकर कोमल को देखता है। 



राज खुश होने के साथ साथ चोंक भी गया था कि यूँ अचानक से कोमल यहां क्या कर रही है। रानी कोमल को अपने कमरे में ले जाती है। जहां पर कोमल काल राज के घर आने की सारी बात बता देती है। 


रानी: देखो कोमल ये तो सच है की चंचल राज की गर्लफ्रैंड नही है। उसने ज़रूर मजबूरी में उसे अपनी....


कोमल: तुम लोगों की वजह से उसका बॉयफ्रेंड बना है।


रानी और सोनिया तुरंत अपने जगह खड़ी होकर चिल्लाती है " क्याsssssss"


फिर कोमल रानी और सोनिया को वो सब बताती है कि कैसे चंचल ने राज को ब्लैकमेल किया और राज के साथ उसदिन क्या हुआ था कॉलेज में।



रानी  कोमल से पूछा) तुम्हे ये सब कैसे पता?


कोमल: प्रिया....... उसी ने सब बक दिया। प्रिय से सच उगलवाने का तरीका मैंने अपनी कजन बहन से सिख कर उसे प्रिया पर आजमा लिया।



रानी और सोनिया को सब समझ आ जाता है। तभी सोनिया अपना फ़ोन निकाल कर वो चलचित्र कोमल को दिखाती है जो चंचल में उन दोनों को देकर एक लड़के को सिड्यूस करने को कहा था।



सोनिया: क्या ये राज है?


कोमल और रानी दोनों शर्म से लाल पड़ जाती है। कोमल के मुह से कोई बोल नही फूटते लेकिन उसकी नज़र का चलचित्र में राज के लन्ड पर अटकी थी। उसे हाँ में गर्दन हिला कर उसकी पुष्टि कर दी।


अब रानी और सोनिया को भी पता लग गया था कि चंचल कितना घिनोना खेल खेल रही थी। अंत मे कोमल ने रानी और सोनिया को ये बजी कह दिया की मैं राज को पसंद करती हूँ। उसने कल मुझे प्रोपोज़ किया था लेकिन मुझे उसपर यकीन नहीं था। अब तुम लोगो से बात करके मुझे उसपर यकीन हुआ है। तो अगर तुम लोग कहो तो....


रानी: एक शर्त पर! तुम्हे राज की मदद करनी होगी चंचल से बदला लेने की।


कोमल: वो तो तुम मुझ पर छोड़ दो। चंचल को तो ऐसा सबक मिलेगा की 7 जन्म तक राज और मेरा नाम याद रखेगी।

आज राज बहुत खुश था इसके दो कारण थे। एक तो आज राज को सुबह सुबह अपनी प्रेयसी कोमल के दर्शन हो गए। दूसरा खुशी का कारण ये भी है कि कोमल ने राज की मदद करने की हाँ बोल दी।




राज अभी तक कि सारी बातें आईने में देख पा रहा था। लेकिन एक चीज पर उसका ध्यान अभी तक नही गया था। जो तस्वीर सोनिया ने अपने मोबाइल से कोमल को दिखाई थी उसे राज ने अभी तक गौर से नहीं देखा। उसने सिर्फ कोमल पर अपना ध्यान बनाये रखा।


मैन डोर की बेल बजती है। रानी दरवाजा खोलती है तो देखती है कि कोई कोरियर वाला खड़ा था। जब रानी ने उससे पैकेट लिया तो उसपर नाम " गिरधारी" + घर का पता लिखा था। रानी ने तुरंत अपने पापा को कॉल किया ओर कोरियर के बारे में बताया।


गिरधारी: हाँ बेटा इस मे एक मोबाइल है वो मेरी तरफ से राज के जन्मदिन का तोहफा है। बाकी के दो कोरियर में तुम्हारी मम्मी के क्लिनिक की दवाएं ओर कुछ मेडिकल इक्विपमेंट है।


रानी : ओके पाप, पापाsssss


गिरधारी: हम्म है बोलो रानी!


रानी: थैंक यू पापा,


गिरधारी: (मुस्कुराते हुए) यू वेलकम डिअर


रानी तुरंत फ़ोन रख कर सोनिया और राज के पास जा कर उस कोरियर को खोलती है। कोरियर के खुलते ही रानी एक पकट निकाल कर राज को दे देती है। राज चोंकते हुए इशारों से पूछता है कि क्या ये मेरा है?


रानी भी हाँ में मुस्कुराते हुए गर्दन हिलाती है। 


राज जब वो बॉक्स खोलता है तो उसमें लेटेस्ट एंड्राइड टच स्क्रीन फ़ोन था। अपने पास अपना पहला मोबाइल पा कर राज बहुत खुश था। राज तुरंत आगे बढ़ कर रानी के गले लग जाता है। जब सोनिया रानी और राज को गले लगे देखते है तो थोड़ी सी जल जाती है। वो तुरंत सोफे से उठ कर रानी और राज को अलग करती है। और खुद राज पर चढ़ कर राज के गले लग जाती है। सोनिया जब राज की गौद मैं बैठती है तो राज का जंगबहादुर सीधे सोनिया की गांड में फंस जाता है। सोनिया एक बार तो चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल शर्म से लाल हो जाती है। साथ ही उसे गर्व भी हो रहा था कि उसके भाई के पास वो चीज है जो कईयों के पास दुआओं से भी नहीं होती।।





वहीं दूरी तरफ कोमल मारकेट में कुछ शॉपिंग करने गयी हुई थी। दोपहर के 1.30 बजे तक जहां रानी राज और सोनिया आपस मे हंसते खेलते दिन गुजार रहे थे। वहीं सरिता अपने क्लिनिक के काम से जल्दी घर आ रही थी। सरिता ने जब राज और बाकी दोनों बहनो को खुश देखा तो उसका कारण पूछा। 


सरिता: क्यों भाई किस बात की इतनी खुशी मनाई जा रही है।




राज: ही मम्मी ये देखो पापा ने मुझे बर्थडे गिफ्ट दिया है। लेटेस्ट एंड्राइड मोबाइल फ़ोन।


सरिता भी राज को खुश देख कर मुस्कुरा पड़ती है। तभी सोनिया मम्मी पापा ने तो अपना गिफ्ट दे दिया लेकिन आपने अभी तक कुछ नहीं दिया। 


सरिता : वो मैं सिर्फ राज को दूंगी तुम्हे क्यों बताऊ।


सरिता की इस बात पर रानी और सोनिया दोनों चहकते हुए मम्मी बताओ न मम्मी बताओ ना करने लगी। राज भी उन सब को यूं देख कर मुस्कुराने लगता है। 


राज को अब एहसास हो रहा था कि उसकी जिंदगी तो ये है। कहाँ हो सारी दुनिया की आफत लेकर घूम रहा है। 


करीब 2 बजे तक सभी घर वाले मिलकर लंच करते है। लंच के बाद रानि सोनिया और राज तीनों रानी के कमरे में आ जाते है। थोड़ी देर नया मोबाइल चला कर तीनो सो जाते है।


वहीं दूसरी और सरिता अपने कमरे आंखे बंद किये अपने बिस्तर पर राज के बारे में सोच रही थी। सरिता के लिए अब बर्दाश्त करने बहुत मुश्किल था। सरिता अपनी शारीरिक प्यास के आगे झुक चुकी थी। जब एक औरत को उसके पति का बिस्तर और समाज मे बराबर साथ नहीं मिलता तो उसके कदम आखिर लड़खड़ा जाते है। सरिता अब बेहिचक ये सोच रही थी कि काश गिरधारी आज आ कर अभी मुझे संतुष्ट कर दे।





वहीं राज नींद में सपना देखता है कि राज सरिता के बिस्तर पर लेटा हुआ है। दरअसल राज का मुह सरिता की दोनों टांगों के बीच मे है। राज को जब ये एहसास होता है कि वो अपनी माँ के साथ.... राज तुरंत नींद से जाग जाता है। 




अभी शाम के 4 बजे थे। जब राज अपनी साइड में देखता है तो वहां पर सोनिया सो रही थी। रानी वहां नहीं थी। राज अपने बिस्तर से उठता है तो उसे अपने लन्ड में दर्द हो रहा था। वो एक दम अकड़ा पड़ा था दूसरी और राज को इस वक़्त पेशाब भी जा ना था। राज तुरंत रानी के बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।




राज जैसे ही अंदर आता है तो स्तब्ध खड़ा रह जाता है। राज के सामने रानी खड़ी थी। एक टॉवल लपेटे हुए। रानी की दोनो टांगों के बीच रानी की पेंटी थी। 





शायद रानी नहा रही थी। और अभी वो कपड़े बदल रही थी। राज बहुत डर गया था राज तुरंत पीछे मुड़ कर जाने लगता है लेकिन हड़बड़ाहट में राज ये भूल गया था कि उसने अभी अभी दरवाजा खोलते ही पीछे जी तरफ बन्द कर दिया था , हालांकि कुंडी नहीं लगाई थी।



लेकिन जैसे ही राज पीछे मुड़ कर जाने लगता है तुरंत दरवाजे के टकराकर पीछे आता है। राज के सर में जबरदस्त चोट लगी थी। राज अपना सर पकड़े आंखें बंद किये दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था कि रानी को राज ये हरकत पर हंसी आ जाती हूं। राज आंखें बंद किये ही एक कदम पीछे होता है लेकिन बाथरूम के गीले फर्श पर साबुन की चिकनाई से फिसल जाता है।


राज को फिरसे गिरता देख रानी आगे बढ़कर राज को संभालती है। लेकिन राज को संभालने के चक्कर मे रानी भी ये भूल जाती है कि उसने अपनी टांगों से अभी तक अपनी पेंटी नहीं निकाली। रानी जैसे ही जल्द बाजी मैं आगे बढ़ती है रानी भी गिर जाती है।


लेकिन ये घटना हुई कुछ ऐसे की राज गिरते हुए दरवाजे का सहारा लेकर सम्भल गया था लेकिन रानी जब गिरी तो सीधे राज की तरफ। रानी ने जब राज को पकड़ कर खुद को बचाने की कोशिश की तो रानी के हाथ मे राज का शर्ट आता है। जिससे राज के शर्ट के बटन टूटते हुए फट जाता है।


राज तुरंत रानी को संभालने के लिए आगे बढ़ता है और संभाल लेता है। रानी को जैसे ही राज खड़ा करता है तो राज की आंखें खुली की खुली रह जाती है। रानी का टॉवल नीचे गिर चुका था। रानी की चुंचिया राज की आंखों के सामने थी। 




कितनी खूबसूरत चुंचिया थी रानी की। आधा इंच से भी बड़े निप्पल, गोल गोल संतरों के जैसी गोलाई, और कसावट ऐसी की बिना ब्रा के सपोर्ट के भी एक दम जमे हुए। बिल्कुल भी नीचे नहीं लटके। दूध की तरह सफेद लेकिन जैसे किसी ने रूहअफजा का ग़ुलाब का रंग डाल कर उसे हल्का गुलाबी कर दिया हो। और निप्पल के आस पास गेरुआ रंग चढ़ा हुआ। बहुत ही खूबसूरत उरोज थे।


राज जब रानी को इस हालत में देखता है तो राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ जाता है। और रानी की नज़र राज के लन्ड पर थी जो कि राज के पायजामे से ही बता रहा था कि मैं हूँ यहां का जंगबहादुर।




लेकिन जल्द ही रानी को अपनी हालात का एहसास हो जाता है। रानी तुरंत अपना टॉवल उठा कर लपेट लेती है। राज भी तुरंत वहां से निकल जाता है। राज अपने कमरे में अपने बाथरूम में चला जाता है और रानी अपने कमरे में तैयार होते हुए बार बार राज के साथ हुई घटना को याद कर कर के शर्मा रही थी। घटना से ज्यादा रानी को राज के हथियार का आभास रोमांचित कर रहा था। अजीब सी ललक रानी के मन में उठ रही थी।


वहीं सोनिया भी जाग गयी थी। सोनिया को उठे अभी 30-40 मिनट से ऊपर हो गया था । सोनिया राNई को बार बार मुस्कुराते शर्माते तैयार होते देख रही थी। सोनिया ने कई बार रानी से उसके बार बार शर्मा ने और मुस्कुराने का कारण पूछा लेकिन रानी हर बार बात को टालती गयी। 



अचानक से राज को कुछ याद आया। राज ने तुरंत आईना निकाला। राज ने सोच ही रह था आईने को कुछ देने के लिए लेकिन उसे फिर याद आया कि उसने आईने को अपनी ज़िंदगी एक एक दिन देकर आईने के तीन दिन कमा लिए है। 


राज ने तुरंत आईने से किसी के बारे में पूछा और आईने ने तुरंत उस शख्स का चेहरा राज के सामने ला दिया। राज गौर से उस शख्स को देख रहा था। 


आईने को देखते देखते ही अचानक से आईने में एक लड़की उभर कर आती है। उस लड़की के आते ही एक लाल रोशनी निकल कर राज पर पड़ती है और वो रोशनी पूरी तरह से राज के शरीर मे लुप्त हो जाती है। साथ ही जब वो लड़की अचानक से उस आईने में आती है तो आईने का रंग बिल्कुल काला पड़ जाता है।




राज तुरंत आईने को रख देता है। उस रोशनी के गिरने से कुछ भी ऐसा नही हुआ था जिस से राज को डरना चाहिए था। लेकिन कुछ तो हुआ था। जिसका भान राज को नहीं था।



राज अपने कमरे से बाहर निकल कर आता है और चंचल को सबक सिखाने की सोचता है। लेकिन अचानक से राज का ध्यान चंचल के बदन की और जाता है। राज को चंचल के उस चंचक चेहरे के अलावा चंचल का वो मादक जवान बदन और उसकी खुशबू याद आती है। 





ना जाने क्यों लेकिन आज राज चंचल की तरफ बहुत आकर्षित हो उठा था। तभी राज का मोबाइल बजता है। राज चोंक जाता है क्योंकि आज दोपहर को ही मोबाइल आया था। और राज ने तो अभी तक किसी को अपने नम्बर भी नही दिए थे। राज फ़ोन उठाता है। राज के फ़ोन उठाते ही दूसरी तरफ से कोंग्रेचुलेशन की एक मधुर आवाज आती है ये फ़ोन किसी ओर का नहीं बल्कि कोमल का था। कोमल ने राज के नम्बर रानी से ले लिया था। रानी से ही कोमल को पता चला कि राज को आज उसका पहला मोबाइल मिला है।


फ़ोन पर कुछ देर बात करने के बाद कोमल राज का प्रपोजल एक्सेप्ट कर लेती है। मतलब कोमल ने भी इजहार- ए - इश्क़ कर दिया था। करीब 30 मिनट तक दोनों बात करते रहे फिर फ़ोन डिसकनेक्ट हो गया। 



राज कोमल के बारे में सोच ही रह था कि अचानक से सरिता अपने कमरे से बाहर आती है। सरिता को देखते ही राज गुम सा हो जाता है। राज सरिता को ऊपर से नीचे तक देखता है। 




राज सरिता के बड़े बड़े चुंचियों को कैसे हुए ब्लाऊज में देख सकता था। उनकी आज़ादी के लिए बेचैनी उसे कैसे हुए ब्लाउज की कसावट से पता चल सकती थी। साथ ही राज की नज़र जब सरिता की गेंद पर पड़ता है जो कि साड़ी में भी 4 से 5 इंच तक उभर कर नज़र आ रही थी। राज खुद ब खुद सरिता को देखते हुए गर्म होने लगता है।



वहीं सरिता भी राज को ऐसे देख कर पहले तो चोंक जाती है लेकिन अगले ही पल शर्मा जाती है।आज पहली बार राज के मन मे सरिता एक माँ की नज़र से नज़र नही आई थी आज राज को सरिता एक खूबसूरत मादक औरत नज़र आ रही थी
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आज पहली बार इतने सालों में राज को सरिता में एक मादक औरत का आभास हुआ। राज सरिता को देख कर गर्म हो यह था। वही सरिता का दिल भी राज को देख कर धक धक करके ट्रैन की स्पीड से धड़क रहा था। 




सरिता शर्माते हुए किचन में चली जाती है। सरिता सोच रही थी कि आज राज उसे बड़ी अजीब नज़रों से घूर रहा था। सरिता को ये भी एहसास था कि राज की उस अजीब नज़र में भरपूर हवस भरी थी। सरिता बार बार राज के बारे में सोच ही रही थी कि अचानक से सरिता को एहसास होता है कि कोई उसके पीछे है। 



ये कोई और नहीं बल्कि राज था। राज सरिता को देखते हुए इतना गर्म और सरिता मैं गुम हो गया था कि उसे खुद को पता नही चला कि वो कब सोफे से उठ कर सरिता के पीछे चला गया। 



राज ने अपने कांपते हुए हाथ सरिता कर कंधों पर रखे। सरिता राज के हाथ अपने कंधे पर पड़ते ही एक झटका सा खाती है। सरिता को यकीन नहीं हो रहा था कि राज उसके पास उसके पीछे खड़ा है।


राज सरिता के दोनों कंधों पर हाथ रख कर बिल्कुल सरिता से सट जाता है। इसबार दोनों अपनी अपनी जगह पर खड़े खड़े कांपने लगते है। दरअसल जब राज सरिता से सटा तब राज का लन्ड पूरी तरह से खड़ा था। जैसे ही राज सरिता से सटा राज का लन्ड सीधा सरिता की गांड में फंस गया। सरिता को जब अपनी गांड मैं राज के कड़क मोटे लन्ड का एहसास हुआ तो सरिता रोमांच और एक्साइटमैंट मैं कांपने लगी। वहीं राज को भी अपना लन्ड सरिता की गांड में ऐसे महसुस हो रहा था जैसे सरिता की गांड ने राज के लन्ड को मुट्ठी में जकड़ लिया हो। एकदम टाइट। और सरिता के जिस्म की प्यास ने सरिता को और भी गर्म कर दिया जिस से एक्साइटमेंट में सरिता के निप्पल एक दजम फूल कर तन गए जो अपने होने का सबूत कपड़े के बाहर झलक कर दिखा रहे थे।




दोनों माँ बेटे दुनिया से बेखबर एक दूसरे के जिस्म को पाने के लिए तरस रहे थे। जहां एक तरफ सरिता की आंखें अपने बेटे के मादक स्पर्श से बंद हो चुकी थी वही राज की आंखें अपनी ही माँ की खुशबू और जिस्म को पाने की हवस की ललक में खुद बा खुद मूंद गयी थी।


ना जाने कैसे और क्यों लेकिन राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है। जिससे राज का चेहरा सीधा सरिता की गर्दन पर आ जाता है। 


राज बड़े ही मादक तरीके से सरिता की जिस्म की खुशबू को खुद में सामने का प्रयास कर रही था। इसी प्रयास में राज के हाथ धीरे धीरे फिसलते हुए सरिता की कमर से सरिता के पेट की और बढ़ गए। साथ ही साथ सरिता के हाथ भी राज के हाथ पर थे। राज का एक हाथ जहां सरिता के पेट पर था वहीं दूसरा हाथ सरिता की कमर के उस स्थान पर था जहां से कमर के कटाव (कर्व) शुरू होता है। सरिता के के जहां दोनो हाथ राज के उस हाथ पर व्यस्त थे जो सरिता के पेट पर था वही राज अपनी मदहोशी में सरिता की कमर को अपने दूसरे हाथ से दबा बड़े ही रोमांचक और मादक तरीके से दबा देता है।


राज के कमर को अपने हाथ से मसलते ही सरिता की एड़ियां ऊपर की और उठ जाती है और सरिता अपने पंजों पर खड़ी हो जाती है और साथ कि सरिता के मुह से एक मादक आहsssss निकल पड़ती है। राज का दूसरा हाथ धीरे धीरे सरोता के पेट से सीधा सरिता के उरोजों की और बढ़ने लगता है। राज के हाथों का अपने उरोजों तक पहुंचने का सरिता बड़ी बेक़रारी से इंतज़ार कर रही थी।

"राज के हाथ धीरे धीरे सरिता कर कंधों से फिसलते हुए उसकी बाजुओं से होते हुए सरिता की कमर पर आ गये। राज अपनी गर्दन सरिता की गर्दन के करीब करके होल से सांस अंदर खींचता है। जिसका एहसास सरिता को भी हो जाता है। सरिता राज के चेहरे को अपनी गर्दन के करीब पाकर अपबी गर्दन एक दम मदहोशी के हाल में पीछे की तरफ राज के कंधे पर गिरा देती है।"
आह !!! बहुत ही सुंदर और मनभावन विस्तृत विवरण किया है आपने श्रीमान \ देखकर और पड़कर दिल अत्यंत संतुष्ट और कामुक हो गया \ आपके द्वारा किया हुआ विस्तृत विवरण अत्यंत ही मोहक होता है \ आप एक एक बारीकी को पकड़ कर उसको शकल देने में माहिर हैं \ इश्वर आपको सलामत रखे  और आप ऐसे ही लिखतें रहें और स्वस्थ रहें \
yourock Smile
// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} - by suneeellpandit - 08-08-2019, 11:03 AM



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