07-08-2019, 02:19 AM
(This post was last modified: 10-08-2019, 12:09 PM by babasandy. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
असलम की बात सुनकर सुरेश बिना किसी आनाकानी के मेरी दीदी की टांगों के बीच से उठ गया.... उसके होठों पर मेरे दीदी की योनि का रस लगा हुआ था.... जिसे वह अपनी जुबान से चाट रहा था...
असलम ने मेरी दीदी की एक हाथ पकड़ कर उनको खड़ा किया.... दीदी बिल्कुल नग्न अवस्था में थी... असलम भी... उसने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में उठा लिया... उसका लंड मेरी दीदी की योनि के मुहाने पर टिका हुआ था.... कुछ ही देर में उसका मुसर जैसा पूरा का पूरा लंड मेरी दीदी की योनि में समाया हुआ था..... उसने मेरी दीदी की कमर को थाम रखा हुआ था और दीदी ने उसकी गर्दन को...
ओई...मेन्न्न्न...उउउइईईईई........माअ.....अनन्न्न्न्न...न्न्न्न...ना...शियीयियी " मेरी रूपाली दीदी असलम के मजबूत गर्दन को थाम के ऊपर नीचे हो रही थी... सिसक रही थी.... उनके मुंह से ऐसी आवाज निकल रही थी...
चल तू भी आजा जुनैद.. इस बहन की लोड़ी कि हम दोनों मिलकर ठुकाई करते हैं... जैसे सुरेश की बहन पायल की ठुकाई की थी.... मजा आएगा एक साथ चोदने मे इस रांड को....... असलम में जुनैद को पुकारा..... जुनैद का लोड़ा एक बार फिर खड़ा हो गया था......
मेरी रूपाली दीदी की जवानी टॉनिक का काम कर रही थी उस के लोड़े के लिए.... हाथ में लौड़ा पकड़कर वह मेरी दीदी के ऊपर टूट पड़ा.. जुनैद पीछे से आया और मेरी दीदी से चिपक गया.. उसने मेरी दीदी की गांड दबोच ली... और अपना मोटा खड़ा लण्ड मेरी दीदी की गांड के छेद पर सटा दिया.... उसने दो-तीन जोरदार झटके दिए और पूरा का पूरा मेरी दीदी की गांड के छेद में उतार दिया.. असलम और जुनैद ने आगे पीछे से अपना मोटा मुसल हथियार मेरी दीदी के दोनो छिद्रों में पेल दिया.... मेरी दीदी चीखने लगी पर उनकी सुनने वाला वहां पर कोई भी नहीं था मेरे अलावा और मैं भी बिल्कुल लाचार था... दोनों काले कल्लू सांड के तगड़े बदन के बीच फूलों से भी नाजुक गोरी चिट्टी मेरी संस्कारी रूपाली दीदी का नाजुक बदन चक्की के आटे की तरफ रगड़ खाने लगा....... मेरी रूपाली दीदी की चूत और गांड में दोनों गुंडों ने अपना मोटा मोटा लौड़ा ठोक रखा था... और बिना किसी चेतावनी के दोनों ने मेरी दीदी को हचकाचक के चोदना चालू कर दिया....
हाय मैं मर गई... आह आह आह.. मां..... मेरी रूपाली दीदी सीसकने के साथ-साथ रोने भी लगी....
तेरी मां को चोदूं ... साली रंडी... आह.... क्या मस्त गांड का छेद है तेरा... साली तेरी गांड बहुत टाइट है... मादरजात.... जुनैद बड़बड़ा रहा था...
आगे की तरफ से असलम मेरी दीदी की चूत को भोसड़ा बना देने पर उतारू था...
मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां असलम के सीने में गड़ी हुई थी... असलम ने अपना एक हाथ मेरी दीदी की कमर से हटाया और उनकी चूची पकड मसलने लगा... दीदी के गुलाबी होठों को उसने अपने होठों की गिरफ्त में ले लिया और चूसने लगा... मेरी दीदी की सारी सिसकियां उसके चुंबन में डूब गई...... और जब उसने चुंबन तोड़ा मेरी दीदी फिर से...."आ...आहह......हा...ईईईईईई......रा....आमम्म्ममम.... करने लगी.. उन दोनों के 10 इंच लंबे और बेहद मोटे मुसल के जबरदस्त झटके पाकर मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल खो गई थी..... उन्हें अब बिल्कुल परवाह नहीं थी शायद कि मैं भी उन्हें देख रहा हूं.... मेरी दीदी आंखें बंद किए हुए सातवें आसमान पर पहुंच गई थी.
"हा.....आई....से....हीईीईई.....ज़ो...र्र.... से ...कर....ते...रहो!""आ..हह...एयेए...हह!"
ऊऊऊओ.....एयेए....हह.... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से ऐसी ही कुछ अजीबो-गरीब आवाजें निकल रही थी.... दोनों गुंडे मेरी दीदी को उछाल उछाल के चोदने में लगे थे.... बगल में खड़ा हो सुरेश अपना लौड़ा हिला रहा था, बिल्कुल नंगा था वह... ऐसा लग रहा था जैसे कोई ब्लू फिल्म चल रही हो और मेरी दीदी उसकी हीरोइन हो.... उस वक्त तो ब्लू फिल्मों में भी मैंने ऐसा दृश्य नहीं देखा था.
“ऊऊऊहह हाय… क्या मम्में हैं इस औरत के… जी करता है कि रात भर यूँ ही दबाता रहूँ… हाय क्या चूचियाँ हैं इसकी! अपने गाँव में ऐसे लाल निप्पल किसी के भी नहीं होंगे! हाय मेरे दोस्त! तू क्या माल लाया है चुन कर… आज तो मज़ा आ जायेगा… सच में इसकी चूत और गाँड को तो मज़े से रौंद-रौंद कर चोद कर ही मज़ा आयेगा!” असलम ने सुरेश की तरफ देखते हुए कहा....
मालिक इसका मुझे भी कुछ तो इनाम दो.... सुरेश रूपाली दीदी को देखते हुए हिलाते हुए बोल रहा था....
मादरजात तेरे लिए इतना बहुत है.... तू मेरी रूपाली रंडी को देख कर ही हिला ले बस... तेरी औकात इतनी है साले..."अया.. क्या माल है तू भी लौंडिया!.. चूतड़ तो देखो! कितने मस्त और टाइट हैं.. एक दम गोल गोल... पके हुए खरबूजे की तरह...," हाए.. बिल्कुल एक नंबर. का माल है...कितनी चिकनी चूत है तेरी... मैने तो सपने में भी नही सोचा था कि इंडिया में भी ऐसी चूते मिल जाएँगी... क्या इंपोर्टेड पीस है यार..." असलम मेरी रूपाली दीदी की चूची दबाते हुए बोल रहा था... उसने एक निगाह मेरी तरफ डाली और कुटिल मुस्कान जो उसके चेहरे पर थी देखकर मेरी निगाहें शर्म के मारे एक बार फिर झुक गई...
दीदी के दोनों क्षेत्रों में दोनों गुंडों ने अपने मोटे मुसल से कहर ढा दिया था....
“ऊऊऊययययययीीईईईईई माआआआआ मर गयी”..दीदी के मुँह से एक कामुक आहह निकल गई.. इतनी कामुक कराह थी कि मैं तो झड़ने वाला था…
दोनों के मुँह से कामुक आवाज़ें आ रही थी.. आहह म्म… ओह्ह…
ा दीदी की दोनों चूचियाँ..दूध सी गोरी चूचियाँ.. मसली जाने की वजह से लाल हो गई थी.. उनकी की घुंडियाँ एकदम भूरी और कड़क हो गई थी.. फिर उसने ज़ोर ज़ोर से चूचियो को मसलना शुरू कर दिया..
अब दीदी के मचलने की बारी थी..
वो बस कसमसा रही थी.. बेचैन हो रही थी.. आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई…
और कामुक आवाज़ में कुछ कुछ बोल रही थी… अम्म आह.. और.. आउच हह.. आराम से… एम्म्म....
खड़े-खड़े दोनों गुंडे मेरी सुहागन रूपाली दीदी की चूत गांड दोनों का बाजा बजा रहे थे... मेरी दीदी भी उन्हें सहयोग कर रही थी....
मैं अब नीचे लेटा रहा हूं... इस रंडी को नीचे से चोदूंगा... तू गांड मार इसकी ऊपर से.... असलम ने जुनैद को कहा...
असलम नीचे लेट गया और उसने मेरी दीदी को अपने ऊपर चढ़ा लिया... उसका खूंटे जैसे लौड़ा इस बार बहुत आसानी से मेरी दीदी की योनि में पूरा का पूरा समा गया... मेरी दीदी असलम के ऊपर लेट गई.. असलम है मेरी दीदी की एक चूची अपने मुंह में लगा ली... दूध पीने के लिए.. असलम का लौड़ा मेरी दीदी की योनि से फिसल के बाहर निकल गया....सच कहूँ दोस्तो, आज तक इतना कामुक हसीन नज़ारा किसी ने नहीं देखा होगा जो आज मैं देख रहा था।
सिर्फ़ कुछ इंच की दूरी पर मेरी दीदी की पावरोटी जैसे फूली हुई चूत थी.. दोनों फांकों पर हल्के बाल थे.. चूत बहुत पनियाई हुई थी.. और लबलबा रही थी… मानो चीख चीख कर लंड माँग रही हो।
चूत का मुँह बार बार अपने आप खुल रहा था और बंद हो रहा था…
एक बार फिर असलम ने अपने हैवानी लौड़ा मेरी पतिव्रता सुहागन रूपाली दीदी की गुलाबी चूत पर सेट किया..अब तो दीदी की पनियाई चूत और जोर से बहने लगी और उनका चूतरस उनकी चूत से बहता हुआ उनकी गाण्ड के छेद तक चला गया..
चूत और गाण्ड पर चूतरस लगे होने की वजह से बहुत चमक रही थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे आगे जन्नत की सबसे सुंदर चूत और गांड है…
तभी उसने अपना लंड हाथ में पकड़ा और दीदी की चूत के मुहाने पर रख कर चूत और चूत का दाना रगड़ने लगा..
एक ही रगड़ ने दीदी के मुँह से चीख निकलवा दी.. ओइं आह्ह्हह्ह ! आअहह प्लीज़ और मत ! अह.. इस…म्मम…
साँसें बहुत ज़ोर से चल रही थी दीदी की !
इधर उनकी गाण्ड और जोर से मचल मचल कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी… और तभी उसने लंड को चूत पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया.. और आधा लंड दीदी की पनियाई चूत के अंदर उतार दिया..
“आह ह्ह्ह्ह…” असलम मेरी रूपाली दीदी की कमसिन गुलाबी चूत की गर्मी का एहसास पाते ही कराह उठा..
उधर दीदी भी दर्द और काम से मचल कर चीख उठी.. …उई माँ …आई ईई ई…
फिर तो असलम ने 2-3 झटके और मारे और पूरा लंड मेरी दीदी की नाज़ुक चूत के अंदर उतार दिया। उस वक़्त तो ऐसा लग रहा था मानो किसी ने ज़बरदस्ती यह लंड चूत में फंसा दिया और अब यह निकलेगा नहीं।
तभी उसने धीरे से अपने लंड बाहर खींचना शुरू किया।
उसका लंड चूत में इतना कस कर फंसा था कि लंड वापिस खिंचते वक़्त ऐसा लगा रहा था मानो चूत भी ऊपर खींची जा रही है..
तभी दीदी का शरीर अकड़ने लगा और उनके पैर कांपने लगे।
मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ..और दीदी झड़ गई ! उस हैवानी लंड के बस एक वार ने एक संस्कारी औरत की चूत का पानी निकाल दिया..
उसके बाद उसने फिर से झटके से चूत में लंड घुसा दिया और अब वो चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा- आह… आह… आह… आह उहह… आ… उहह आ…
एक ही मिनट बाद दीदी फिर से अकड़ने लगी.. और तभी फिर से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ज़ोर से चीखी- अह ह्हह ..आ… आ..अया…आ गई मैं फिर से…
इधर उसके लंड पर दीदी के चूत का गाड़ा सफेद पानी तेल की तरह लिपट कर चमक रहा था और अब उसका लंड की मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था.. वह मेरी रूपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था.... दूसरी तरफ अपना लौड़ा मेरी दीदी की गांड पर तान के खड़ा था जुनैद और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था...
असलम ने मेरी दीदी की एक हाथ पकड़ कर उनको खड़ा किया.... दीदी बिल्कुल नग्न अवस्था में थी... असलम भी... उसने मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में उठा लिया... उसका लंड मेरी दीदी की योनि के मुहाने पर टिका हुआ था.... कुछ ही देर में उसका मुसर जैसा पूरा का पूरा लंड मेरी दीदी की योनि में समाया हुआ था..... उसने मेरी दीदी की कमर को थाम रखा हुआ था और दीदी ने उसकी गर्दन को...
ओई...मेन्न्न्न...उउउइईईईई........माअ.....अनन्न्न्न्न...न्न्न्न...ना...शियीयियी " मेरी रूपाली दीदी असलम के मजबूत गर्दन को थाम के ऊपर नीचे हो रही थी... सिसक रही थी.... उनके मुंह से ऐसी आवाज निकल रही थी...
चल तू भी आजा जुनैद.. इस बहन की लोड़ी कि हम दोनों मिलकर ठुकाई करते हैं... जैसे सुरेश की बहन पायल की ठुकाई की थी.... मजा आएगा एक साथ चोदने मे इस रांड को....... असलम में जुनैद को पुकारा..... जुनैद का लोड़ा एक बार फिर खड़ा हो गया था......
मेरी रूपाली दीदी की जवानी टॉनिक का काम कर रही थी उस के लोड़े के लिए.... हाथ में लौड़ा पकड़कर वह मेरी दीदी के ऊपर टूट पड़ा.. जुनैद पीछे से आया और मेरी दीदी से चिपक गया.. उसने मेरी दीदी की गांड दबोच ली... और अपना मोटा खड़ा लण्ड मेरी दीदी की गांड के छेद पर सटा दिया.... उसने दो-तीन जोरदार झटके दिए और पूरा का पूरा मेरी दीदी की गांड के छेद में उतार दिया.. असलम और जुनैद ने आगे पीछे से अपना मोटा मुसल हथियार मेरी दीदी के दोनो छिद्रों में पेल दिया.... मेरी दीदी चीखने लगी पर उनकी सुनने वाला वहां पर कोई भी नहीं था मेरे अलावा और मैं भी बिल्कुल लाचार था... दोनों काले कल्लू सांड के तगड़े बदन के बीच फूलों से भी नाजुक गोरी चिट्टी मेरी संस्कारी रूपाली दीदी का नाजुक बदन चक्की के आटे की तरफ रगड़ खाने लगा....... मेरी रूपाली दीदी की चूत और गांड में दोनों गुंडों ने अपना मोटा मोटा लौड़ा ठोक रखा था... और बिना किसी चेतावनी के दोनों ने मेरी दीदी को हचकाचक के चोदना चालू कर दिया....
हाय मैं मर गई... आह आह आह.. मां..... मेरी रूपाली दीदी सीसकने के साथ-साथ रोने भी लगी....
तेरी मां को चोदूं ... साली रंडी... आह.... क्या मस्त गांड का छेद है तेरा... साली तेरी गांड बहुत टाइट है... मादरजात.... जुनैद बड़बड़ा रहा था...
आगे की तरफ से असलम मेरी दीदी की चूत को भोसड़ा बना देने पर उतारू था...
मेरी रूपाली दीदी की दोनों बड़ी-बड़ी दुधारू चूचियां असलम के सीने में गड़ी हुई थी... असलम ने अपना एक हाथ मेरी दीदी की कमर से हटाया और उनकी चूची पकड मसलने लगा... दीदी के गुलाबी होठों को उसने अपने होठों की गिरफ्त में ले लिया और चूसने लगा... मेरी दीदी की सारी सिसकियां उसके चुंबन में डूब गई...... और जब उसने चुंबन तोड़ा मेरी दीदी फिर से...."आ...आहह......हा...ईईईईईई......रा....आमम्म्ममम.... करने लगी.. उन दोनों के 10 इंच लंबे और बेहद मोटे मुसल के जबरदस्त झटके पाकर मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल खो गई थी..... उन्हें अब बिल्कुल परवाह नहीं थी शायद कि मैं भी उन्हें देख रहा हूं.... मेरी दीदी आंखें बंद किए हुए सातवें आसमान पर पहुंच गई थी.
"हा.....आई....से....हीईीईई.....ज़ो...र्र.... से ...कर....ते...रहो!""आ..हह...एयेए...हह!"
ऊऊऊओ.....एयेए....हह.... मेरी रूपाली दीदी के मुंह से ऐसी ही कुछ अजीबो-गरीब आवाजें निकल रही थी.... दोनों गुंडे मेरी दीदी को उछाल उछाल के चोदने में लगे थे.... बगल में खड़ा हो सुरेश अपना लौड़ा हिला रहा था, बिल्कुल नंगा था वह... ऐसा लग रहा था जैसे कोई ब्लू फिल्म चल रही हो और मेरी दीदी उसकी हीरोइन हो.... उस वक्त तो ब्लू फिल्मों में भी मैंने ऐसा दृश्य नहीं देखा था.
“ऊऊऊहह हाय… क्या मम्में हैं इस औरत के… जी करता है कि रात भर यूँ ही दबाता रहूँ… हाय क्या चूचियाँ हैं इसकी! अपने गाँव में ऐसे लाल निप्पल किसी के भी नहीं होंगे! हाय मेरे दोस्त! तू क्या माल लाया है चुन कर… आज तो मज़ा आ जायेगा… सच में इसकी चूत और गाँड को तो मज़े से रौंद-रौंद कर चोद कर ही मज़ा आयेगा!” असलम ने सुरेश की तरफ देखते हुए कहा....
मालिक इसका मुझे भी कुछ तो इनाम दो.... सुरेश रूपाली दीदी को देखते हुए हिलाते हुए बोल रहा था....
मादरजात तेरे लिए इतना बहुत है.... तू मेरी रूपाली रंडी को देख कर ही हिला ले बस... तेरी औकात इतनी है साले..."अया.. क्या माल है तू भी लौंडिया!.. चूतड़ तो देखो! कितने मस्त और टाइट हैं.. एक दम गोल गोल... पके हुए खरबूजे की तरह...," हाए.. बिल्कुल एक नंबर. का माल है...कितनी चिकनी चूत है तेरी... मैने तो सपने में भी नही सोचा था कि इंडिया में भी ऐसी चूते मिल जाएँगी... क्या इंपोर्टेड पीस है यार..." असलम मेरी रूपाली दीदी की चूची दबाते हुए बोल रहा था... उसने एक निगाह मेरी तरफ डाली और कुटिल मुस्कान जो उसके चेहरे पर थी देखकर मेरी निगाहें शर्म के मारे एक बार फिर झुक गई...
दीदी के दोनों क्षेत्रों में दोनों गुंडों ने अपने मोटे मुसल से कहर ढा दिया था....
“ऊऊऊययययययीीईईईईई माआआआआ मर गयी”..दीदी के मुँह से एक कामुक आहह निकल गई.. इतनी कामुक कराह थी कि मैं तो झड़ने वाला था…
दोनों के मुँह से कामुक आवाज़ें आ रही थी.. आहह म्म… ओह्ह…
ा दीदी की दोनों चूचियाँ..दूध सी गोरी चूचियाँ.. मसली जाने की वजह से लाल हो गई थी.. उनकी की घुंडियाँ एकदम भूरी और कड़क हो गई थी.. फिर उसने ज़ोर ज़ोर से चूचियो को मसलना शुरू कर दिया..
अब दीदी के मचलने की बारी थी..
वो बस कसमसा रही थी.. बेचैन हो रही थी.. आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई…
और कामुक आवाज़ में कुछ कुछ बोल रही थी… अम्म आह.. और.. आउच हह.. आराम से… एम्म्म....
खड़े-खड़े दोनों गुंडे मेरी सुहागन रूपाली दीदी की चूत गांड दोनों का बाजा बजा रहे थे... मेरी दीदी भी उन्हें सहयोग कर रही थी....
मैं अब नीचे लेटा रहा हूं... इस रंडी को नीचे से चोदूंगा... तू गांड मार इसकी ऊपर से.... असलम ने जुनैद को कहा...
असलम नीचे लेट गया और उसने मेरी दीदी को अपने ऊपर चढ़ा लिया... उसका खूंटे जैसे लौड़ा इस बार बहुत आसानी से मेरी दीदी की योनि में पूरा का पूरा समा गया... मेरी दीदी असलम के ऊपर लेट गई.. असलम है मेरी दीदी की एक चूची अपने मुंह में लगा ली... दूध पीने के लिए.. असलम का लौड़ा मेरी दीदी की योनि से फिसल के बाहर निकल गया....सच कहूँ दोस्तो, आज तक इतना कामुक हसीन नज़ारा किसी ने नहीं देखा होगा जो आज मैं देख रहा था।
सिर्फ़ कुछ इंच की दूरी पर मेरी दीदी की पावरोटी जैसे फूली हुई चूत थी.. दोनों फांकों पर हल्के बाल थे.. चूत बहुत पनियाई हुई थी.. और लबलबा रही थी… मानो चीख चीख कर लंड माँग रही हो।
चूत का मुँह बार बार अपने आप खुल रहा था और बंद हो रहा था…
एक बार फिर असलम ने अपने हैवानी लौड़ा मेरी पतिव्रता सुहागन रूपाली दीदी की गुलाबी चूत पर सेट किया..अब तो दीदी की पनियाई चूत और जोर से बहने लगी और उनका चूतरस उनकी चूत से बहता हुआ उनकी गाण्ड के छेद तक चला गया..
चूत और गाण्ड पर चूतरस लगे होने की वजह से बहुत चमक रही थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे आगे जन्नत की सबसे सुंदर चूत और गांड है…
तभी उसने अपना लंड हाथ में पकड़ा और दीदी की चूत के मुहाने पर रख कर चूत और चूत का दाना रगड़ने लगा..
एक ही रगड़ ने दीदी के मुँह से चीख निकलवा दी.. ओइं आह्ह्हह्ह ! आअहह प्लीज़ और मत ! अह.. इस…म्मम…
साँसें बहुत ज़ोर से चल रही थी दीदी की !
इधर उनकी गाण्ड और जोर से मचल मचल कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी… और तभी उसने लंड को चूत पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया.. और आधा लंड दीदी की पनियाई चूत के अंदर उतार दिया..
“आह ह्ह्ह्ह…” असलम मेरी रूपाली दीदी की कमसिन गुलाबी चूत की गर्मी का एहसास पाते ही कराह उठा..
उधर दीदी भी दर्द और काम से मचल कर चीख उठी.. …उई माँ …आई ईई ई…
फिर तो असलम ने 2-3 झटके और मारे और पूरा लंड मेरी दीदी की नाज़ुक चूत के अंदर उतार दिया। उस वक़्त तो ऐसा लग रहा था मानो किसी ने ज़बरदस्ती यह लंड चूत में फंसा दिया और अब यह निकलेगा नहीं।
तभी उसने धीरे से अपने लंड बाहर खींचना शुरू किया।
उसका लंड चूत में इतना कस कर फंसा था कि लंड वापिस खिंचते वक़्त ऐसा लगा रहा था मानो चूत भी ऊपर खींची जा रही है..
तभी दीदी का शरीर अकड़ने लगा और उनके पैर कांपने लगे।
मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ..और दीदी झड़ गई ! उस हैवानी लंड के बस एक वार ने एक संस्कारी औरत की चूत का पानी निकाल दिया..
उसके बाद उसने फिर से झटके से चूत में लंड घुसा दिया और अब वो चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा- आह… आह… आह… आह उहह… आ… उहह आ…
एक ही मिनट बाद दीदी फिर से अकड़ने लगी.. और तभी फिर से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ज़ोर से चीखी- अह ह्हह ..आ… आ..अया…आ गई मैं फिर से…
इधर उसके लंड पर दीदी के चूत का गाड़ा सफेद पानी तेल की तरह लिपट कर चमक रहा था और अब उसका लंड की मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था.. वह मेरी रूपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था.... दूसरी तरफ अपना लौड़ा मेरी दीदी की गांड पर तान के खड़ा था जुनैद और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहा था...