Part - 21
मैं भी उनकी चुदाई देख कर अपने कमरे में आ गया और रश्मि का नाम ले के जबरदस्त तरीके से मुठ मारने लगा, और पता नहीं कब नींद आ आ गयी
जब आँख खुली, तब सुबह हो चुकी थी. मै सीधे नहाने चली गया, फिर से रश्मि को याद करके मुठ मारी, नहाकर ऑफिस जाते वक़्त मेरी बहन अनीता ने मुझे नाश्ता दिया और मैं वो खाके चला गया,
आज ऑफिस में कुछ फंक्शन था, और नए ज्वाइन किये स्टाफ के लिए बड़ा दिन था. क्यूंकि उसी दिन हमारी MD स्टाफ से मिलती है क्यूंकि वो लन्दन में रहती है,
रश्मि आज जल्दी ही ऑफिस पहुँच गयी थी क्यूंकि उसे किसी ने कल ही ये जानकारी दे दी थी, और सब की तरह यहाँ रश्मि भी अपने बॉस, कंपनी के एमडी को इम्प्रेस करना चाहती थी.
रश्मि आज पंजाबी सूट पहन कर आयी थी, उसमे वो बहुत सुन्दर लग रही थी,
गोरा चिट्टा रंग, साढ़े पांच फुट की हाइट और ऊपर से उसका 36-28-34 का फिगर. आज भी रश्मि 21 साल से ज्यादा नहीं लगती थी.
रश्मि खुले विचारों वाली मॉडर्न औरत थी. एक ही दिन में ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करने लगे थे और और जिस तरह से रश्मि उनका जवाब दे रही थी लग रहा था कि इससे उसको कोई परहेज़ नहीं था.
मैंने गौर किया कई जब रश्मि के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगों का लंड खड़ा हो जाता था, रश्मि को बहुत मज़ा आता था.
शायद उसे लगता था कि वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है.
पंकज उसका पहला प्यार था और शादी के बाद रश्मि पंकज के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये रश्मि को किसी से चुदने की जरूरत नहीं पड़ी.
पंकज उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में 3-4 बार सेक्स कर ही लेते थे. पर आजकल रश्मि को किसी और लंड की दरकार भी हो चली थी और इसका कारण उसकी बढ़ती कामवासना थी.
और आज रश्मि पंजाबी सूट में कहर ढा रही थी . वो जानती थी कि आज बहुत से लोग उसे देख कर उसके नाम की मुठ मारेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से रश्मि के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मों का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था.
अपनी बलखाती हुई कमर पे रश्मि ने हाथ फिराया और एक चुन्नी को इस हिसाब से लहरा के डाली की मुझे लगा कि कइयों का तो पेंट में ही निकला गया होगा,
हमारी MD आ चुकी थी, चूँकि रश्मि सबसे नयी थी, इसलिए रश्मि ने ही MD वेलकम किया और रश्मि ने ही MD को सभी से मिलवाया.
रश्मि लोगों की नज़रों में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ राम सिंह, जो कि उसे 40 के आस पास लगा, वो लगातार रश्मि को ही घूरे जा रहा था.
ये सोचते हुए रश्मि ने मन ही मन मुस्कराते हुए उससे हाथ मिलाया “बहनचोद आज तो आँखों से ही चोद देगा ये हरामी..”.
सबसे मिलवाने के बाद हमारे बॉस मिस्टर रॉय ने रश्मि को मुझे से मिलवाते हुवे कहा “ “रश्मि, यह है मिस्टर सन्नी .. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है.” ये कहते हुए एमडी ने रश्मि को मुझसे मिलवाया.
रश्मि ने मुस्कुराते हुए मुझ से हाथ मिलाया और शायद सोचने लगी कि पहला प्रोजेक्ट इनके साथ है तो आराम से हो जायेगा और जाने अनजाने में मेरे लंड को निहार रही थी की इसका लंड न जाने कैसा होगा.
रश्मि को ऑफिस ज्वाइन किये हुए दो दिन हो चुके थे और मेरे बारे में जिस भी लड़की या स्टाफ मेम्बर से पूछा, रश्मि को खुद की किस्मत पर नाज होता गया,
वही पर वो राम सिंह जिसकी नजर रश्मि पर थी दरअसल को एमडी के परिवार से था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिस पर राम सिंह ने लाइन न मारी हो.
रश्मि भी राम सिंह के बारे में मन में सोचने लगी कि “साले का लंड मतलब का हुआ तो ही इसको घास डालूंगी वरना इसने मुझसे पंगा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी कि साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देख पाएगा.”
यही सब सोचते हुए रश्मि अपने केबिन में एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया कि वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है.
आज रश्मि ने साड़ी पहनी थी और जैसे ही रश्मि ने फाइल उतारने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. रश्मि फ़ौरन पलटी उसके सामने राम सिंह खड़ा था.
रश्मि ने सोचा भी नहीं था कि राम सिंह की इतना हिम्मत हो सकती है. राम सिंह के चेहरे की मुस्कराहट को रश्मि ने देखा और मुस्कुरा दी.
तभी राम सिंह का मोबाइल बज उठा और वो रश्मि को आँख मार कर चला गया,
मैं उस वक़्त किसी काम से बाहर था, जब वापस आया तो रश्मि ने मुझे बताया तो मैंने कहा की उस से बच कर रहिएगा
अगले 4-5 मेरी और रश्मि में बस उतनी ही बात हुई, जितनी जरूरी थी. लेकिन उधर दूसरी तरफ रश्मि को देखते ही राम सिंह अपनी आँख मार देता. रश्मि को लगने लगा था कि राम सिंह को उसका जिस्म पसंद आ गया है और राम सिंह उसको अपने लंड के नीचे लेटाना चाहता है.
रश्मि ये सब सोच ही रही थी कि तभी मैंने रश्मि को आवाज लगाई “रश्मि, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आप में एनर्जी भर देगी...”
रश्मि ने मेरे तरफ देखा, मैं बोला “कहा खो गयी, कॉफ़ी पी लो”
आज रश्मि की एक बहुत ही बड़े क्लाइंट कि साथ मीटिंग थी जिसमें खुद एमडी होने वाले थे. ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में रश्मि का भविष्य बना और बिगाड़ सकती थी. रश्मि ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी रश्मि की साड़ी पर गिर गई.
मैं बोला “रश्मि कहा खोयी हो, कॉफ़ी भी गिराली. जल्दी से इससे साफ़ कर लो.” ये कहते हुए मैंने रश्मि को साड़ी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया.
रश्मि तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी. गरम कॉफी गिरने की वजह से रश्मि जो पेट पे जलन हो रही थी.
रश्मि ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमीट्रांसपेरेंट साड़ी पर से कॉफी साफ़ की और साड़ी ठीक करने लगी.
लेकिन पेट पे जलन की वजह से रश्मि साड़ी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. रश्मि ने साड़ी अपनी नाभि से दो इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा. ठन्डे पानी की वजह से जलन तो कम हो गई थी,
लेकिन रश्मि को ये पता था कि वो साड़ी ऊपर नहीं बांध पाएगी. रश्मि ने खुद को शीशे में देखा. साड़ी नीचे बाँधने की वजह से रश्मि और भी सेक्सी लग रही थी.
“ये ट्रांसपेरेंट साड़ी भी आज ही पहननी थी मुझे..” बड़बड़ाते हुए रश्मि बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई,
रश्मि ने घड़ी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. वो सोच रही थी “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है रश्मि. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई.”
मैं “रश्मि, क्या ढूंढ रही हो?”
रश्मि “अगर वो फाइल मुझे नहीं मिली तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी यार, तेरे पास हो तो दे ना! इन 5-6 दिनों में हम आप से तुम या तू पर आ गए थे, मतलब अच्छी दोस्ती हो चुकी थी हमारी.
मैं अपनी चेयर पे बैठ गया, और अनजाने में उस फाइल के उपर जो की मेरे आने से पहले रश्मि ने मेरी कुर्सी पर रखी थी
रश्मि जानती थी. कि मैं फाइल के उपर बैठा हु,
रश्मि मुझ से लगभग लिपटते हुए बोली “सन्नी प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, बदले में तुमको क्या चाहिए मैं दे दूंगी.
मैं एक अजीब स्थिति में था और नहीं समझ पा रहा था की ये ऐसा क्यों बोल रही थी,
मैंने थोडा सोच कर बोला ““सच में रश्मि मुझे तुम सब कुछ देने को तैयार हो?”
मैं बोला “तो बताओ क्या कर सकता हु”
वैसे तो हर कोई रश्मि को चोदने के चक्कर में था और उसमे मैं भी था, लेकिन ये ऐसा क्यों हो रहा है समझ नहीं पा रहा था,
और रश्मि भी जानती थी की मैं भी उसे चोदने के चक्कर में हु, लेकिन इस वक्त उसे वो फाइल चाहिए थी जो कि कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी.
रश्मि ने अपना पल्लू गिरा कर मम्मों की झलक दिखाई और कहा- हां यार.. जल्दी करो मीटिंग में देर हो रही है.और मुझ से लिपटते हुवे फिर बोली “एक बार खड़े हो जाओ”
मैं बोला “ ठीक है” और मैं कुर्सी से खड़ा हो गया, खड़ा तो मेरा लंड भी हो गया था रश्मि की बातो से और उसके मुम्मो की झलक से,
उसी समय रश्मि ने वो फाइल मेरे निचे से निकाल ली और जाते जाते मुझे अपनी ब्रा निकाल कर दे गयी और बोली , अभी के लिए यही दे सकती बाकि बाद में”
मैं भी उनकी चुदाई देख कर अपने कमरे में आ गया और रश्मि का नाम ले के जबरदस्त तरीके से मुठ मारने लगा, और पता नहीं कब नींद आ आ गयी
जब आँख खुली, तब सुबह हो चुकी थी. मै सीधे नहाने चली गया, फिर से रश्मि को याद करके मुठ मारी, नहाकर ऑफिस जाते वक़्त मेरी बहन अनीता ने मुझे नाश्ता दिया और मैं वो खाके चला गया,
आज ऑफिस में कुछ फंक्शन था, और नए ज्वाइन किये स्टाफ के लिए बड़ा दिन था. क्यूंकि उसी दिन हमारी MD स्टाफ से मिलती है क्यूंकि वो लन्दन में रहती है,
रश्मि आज जल्दी ही ऑफिस पहुँच गयी थी क्यूंकि उसे किसी ने कल ही ये जानकारी दे दी थी, और सब की तरह यहाँ रश्मि भी अपने बॉस, कंपनी के एमडी को इम्प्रेस करना चाहती थी.
रश्मि आज पंजाबी सूट पहन कर आयी थी, उसमे वो बहुत सुन्दर लग रही थी,
गोरा चिट्टा रंग, साढ़े पांच फुट की हाइट और ऊपर से उसका 36-28-34 का फिगर. आज भी रश्मि 21 साल से ज्यादा नहीं लगती थी.
रश्मि खुले विचारों वाली मॉडर्न औरत थी. एक ही दिन में ऑफिस में कई लोग उससे फ़्लर्ट करने लगे थे और और जिस तरह से रश्मि उनका जवाब दे रही थी लग रहा था कि इससे उसको कोई परहेज़ नहीं था.
मैंने गौर किया कई जब रश्मि के फ़्लर्ट करने की वजह से लोगों का लंड खड़ा हो जाता था, रश्मि को बहुत मज़ा आता था.
शायद उसे लगता था कि वो किसी को भी अपने वश में कर सकती है.
पंकज उसका पहला प्यार था और शादी के बाद रश्मि पंकज के अलावा किसी भी मर्द से नहीं चुदी थी. या कहिये रश्मि को किसी से चुदने की जरूरत नहीं पड़ी.
पंकज उसे हर तरह से खुश रखता था और दोनों हफ्ते में 3-4 बार सेक्स कर ही लेते थे. पर आजकल रश्मि को किसी और लंड की दरकार भी हो चली थी और इसका कारण उसकी बढ़ती कामवासना थी.
और आज रश्मि पंजाबी सूट में कहर ढा रही थी . वो जानती थी कि आज बहुत से लोग उसे देख कर उसके नाम की मुठ मारेंगे. टाइट फिटिंग की वजह से रश्मि के मम्मे और भी बड़े लग रहे थे. मम्मों का ऊपर का हिस्सा सूट से बाहर झांक रहा था.
अपनी बलखाती हुई कमर पे रश्मि ने हाथ फिराया और एक चुन्नी को इस हिसाब से लहरा के डाली की मुझे लगा कि कइयों का तो पेंट में ही निकला गया होगा,
हमारी MD आ चुकी थी, चूँकि रश्मि सबसे नयी थी, इसलिए रश्मि ने ही MD वेलकम किया और रश्मि ने ही MD को सभी से मिलवाया.
रश्मि लोगों की नज़रों में अपने लिए हवस देख सकती थी. खासकर कोने में खड़ा हुआ राम सिंह, जो कि उसे 40 के आस पास लगा, वो लगातार रश्मि को ही घूरे जा रहा था.
ये सोचते हुए रश्मि ने मन ही मन मुस्कराते हुए उससे हाथ मिलाया “बहनचोद आज तो आँखों से ही चोद देगा ये हरामी..”.
सबसे मिलवाने के बाद हमारे बॉस मिस्टर रॉय ने रश्मि को मुझे से मिलवाते हुवे कहा “ “रश्मि, यह है मिस्टर सन्नी .. आपके पहले प्रोजेक्ट पे ये आपके साथी होंगे और इसलिए आप दोनों का केबिन एक ही है.” ये कहते हुए एमडी ने रश्मि को मुझसे मिलवाया.
रश्मि ने मुस्कुराते हुए मुझ से हाथ मिलाया और शायद सोचने लगी कि पहला प्रोजेक्ट इनके साथ है तो आराम से हो जायेगा और जाने अनजाने में मेरे लंड को निहार रही थी की इसका लंड न जाने कैसा होगा.
रश्मि को ऑफिस ज्वाइन किये हुए दो दिन हो चुके थे और मेरे बारे में जिस भी लड़की या स्टाफ मेम्बर से पूछा, रश्मि को खुद की किस्मत पर नाज होता गया,
वही पर वो राम सिंह जिसकी नजर रश्मि पर थी दरअसल को एमडी के परिवार से था और एक नंबर का ठरकी था. ऑफिस में कोई भी लड़की ऐसी नहीं थी जिस पर राम सिंह ने लाइन न मारी हो.
रश्मि भी राम सिंह के बारे में मन में सोचने लगी कि “साले का लंड मतलब का हुआ तो ही इसको घास डालूंगी वरना इसने मुझसे पंगा लिया तो इस हरामी को ऐसा सबक सिखाऊंगी कि साला अपनी बीवी को भी आँख उठा के नहीं देख पाएगा.”
यही सब सोचते हुए रश्मि अपने केबिन में एक फाइल ढूंढ रही थी. उसे याद आया कि वो फाइल ऊपर वाले शेल्फ में रखी है.
आज रश्मि ने साड़ी पहनी थी और जैसे ही रश्मि ने फाइल उतारने के लिए अपना हाथ बढ़ाया, उसे अपने पेट पे एक हाथ महसूस हुआ. रश्मि फ़ौरन पलटी उसके सामने राम सिंह खड़ा था.
रश्मि ने सोचा भी नहीं था कि राम सिंह की इतना हिम्मत हो सकती है. राम सिंह के चेहरे की मुस्कराहट को रश्मि ने देखा और मुस्कुरा दी.
तभी राम सिंह का मोबाइल बज उठा और वो रश्मि को आँख मार कर चला गया,
मैं उस वक़्त किसी काम से बाहर था, जब वापस आया तो रश्मि ने मुझे बताया तो मैंने कहा की उस से बच कर रहिएगा
अगले 4-5 मेरी और रश्मि में बस उतनी ही बात हुई, जितनी जरूरी थी. लेकिन उधर दूसरी तरफ रश्मि को देखते ही राम सिंह अपनी आँख मार देता. रश्मि को लगने लगा था कि राम सिंह को उसका जिस्म पसंद आ गया है और राम सिंह उसको अपने लंड के नीचे लेटाना चाहता है.
रश्मि ये सब सोच ही रही थी कि तभी मैंने रश्मि को आवाज लगाई “रश्मि, आपके लिए कॉफी लाया हूँ. आपकी मीटिंग से पहले ये आप में एनर्जी भर देगी...”
रश्मि ने मेरे तरफ देखा, मैं बोला “कहा खो गयी, कॉफ़ी पी लो”
आज रश्मि की एक बहुत ही बड़े क्लाइंट कि साथ मीटिंग थी जिसमें खुद एमडी होने वाले थे. ये प्रेजेंटेशन इस कंपनी में रश्मि का भविष्य बना और बिगाड़ सकती थी. रश्मि ने जैसे ही कॉफी लेने के लिए हाथ बढ़ाया, कॉफी रश्मि की साड़ी पर गिर गई.
मैं बोला “रश्मि कहा खोयी हो, कॉफ़ी भी गिराली. जल्दी से इससे साफ़ कर लो.” ये कहते हुए मैंने रश्मि को साड़ी साफ़ करने के लिए टिश्यू पकड़ाया.
रश्मि तुरंत लेडीज वाशरूम की तरफ भागी. गरम कॉफी गिरने की वजह से रश्मि जो पेट पे जलन हो रही थी.
रश्मि ने पहले अपने पेट पर से, फिर अपनी सेमीट्रांसपेरेंट साड़ी पर से कॉफी साफ़ की और साड़ी ठीक करने लगी.
लेकिन पेट पे जलन की वजह से रश्मि साड़ी ठीक से नहीं पहन पा रही थी. रश्मि ने साड़ी अपनी नाभि से दो इंच नीचे की, तब जाके उसे अच्छा लगा. ठन्डे पानी की वजह से जलन तो कम हो गई थी,
लेकिन रश्मि को ये पता था कि वो साड़ी ऊपर नहीं बांध पाएगी. रश्मि ने खुद को शीशे में देखा. साड़ी नीचे बाँधने की वजह से रश्मि और भी सेक्सी लग रही थी.
“ये ट्रांसपेरेंट साड़ी भी आज ही पहननी थी मुझे..” बड़बड़ाते हुए रश्मि बाहर निकली और सीधे अपने केबिन में घुस गई,
रश्मि ने घड़ी की तरफ देखा और अपनी फाइल ढूंढ़ने लगी. वो सोच रही थी “यार तू इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है रश्मि. इतनी महत्वपूर्ण फाइल और तू रख के भूल गई.”
मैं “रश्मि, क्या ढूंढ रही हो?”
रश्मि “अगर वो फाइल मुझे नहीं मिली तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी यार, तेरे पास हो तो दे ना! इन 5-6 दिनों में हम आप से तुम या तू पर आ गए थे, मतलब अच्छी दोस्ती हो चुकी थी हमारी.
मैं अपनी चेयर पे बैठ गया, और अनजाने में उस फाइल के उपर जो की मेरे आने से पहले रश्मि ने मेरी कुर्सी पर रखी थी
रश्मि जानती थी. कि मैं फाइल के उपर बैठा हु,
रश्मि मुझ से लगभग लिपटते हुए बोली “सन्नी प्लीज वो फाइल मुझे दे दो, बदले में तुमको क्या चाहिए मैं दे दूंगी.
मैं एक अजीब स्थिति में था और नहीं समझ पा रहा था की ये ऐसा क्यों बोल रही थी,
मैंने थोडा सोच कर बोला ““सच में रश्मि मुझे तुम सब कुछ देने को तैयार हो?”
मैं बोला “तो बताओ क्या कर सकता हु”
वैसे तो हर कोई रश्मि को चोदने के चक्कर में था और उसमे मैं भी था, लेकिन ये ऐसा क्यों हो रहा है समझ नहीं पा रहा था,
और रश्मि भी जानती थी की मैं भी उसे चोदने के चक्कर में हु, लेकिन इस वक्त उसे वो फाइल चाहिए थी जो कि कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी.
रश्मि ने अपना पल्लू गिरा कर मम्मों की झलक दिखाई और कहा- हां यार.. जल्दी करो मीटिंग में देर हो रही है.और मुझ से लिपटते हुवे फिर बोली “एक बार खड़े हो जाओ”
मैं बोला “ ठीक है” और मैं कुर्सी से खड़ा हो गया, खड़ा तो मेरा लंड भी हो गया था रश्मि की बातो से और उसके मुम्मो की झलक से,
उसी समय रश्मि ने वो फाइल मेरे निचे से निकाल ली और जाते जाते मुझे अपनी ब्रा निकाल कर दे गयी और बोली , अभी के लिए यही दे सकती बाकि बाद में”