06-08-2019, 02:31 PM
जब मुझे मोबाइल मिला, तब नंगी लड़कियों के फोटोज ओर वीडियो देख देख कर अपनी आग मिटाने लगा. मैं शुरू से लड़कों वाले कॉलेज में पढ़ा था, तो मेरी किसी भी लड़की से दोस्ती तक नहीं थी और मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म भी आती थी.
कॉलेज की पढ़ाई के बाद मैंने दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले लिया था, जिसमें लड़कियां थीं. मेरी क्लास में 10-15 लड़कियां थीं, लेकिन मैं किसी से बात नहीं करता था, क्योंकि लड़कियों से बात करने में मेरी गांड फटती थी.
अब मैं हैंडसम तो था ही, तो मुझे मेरी क्लास की लड़कियां मुझे खुद ही लाइन देती थीं, पर मैं किसी को भाव नहीं देता था. फिर मुझे कई लड़कियां फेसबुक पर रिक्वेस्ट और मैसेज सेंड करने लगीं, जिससे मेरी बात उनसे मैसेज में होने लगी.
इस तरह एक लड़की से मेरी दोस्ती धीरे धीरे बढ़ गयी. उससे बात होने पर मैंने और लड़कियों से बात करना बंद कर दिया. हमारी दोस्ती आगे बढ़ती गयी और मैंने उसे प्रोपोज़ कर दिया, वो भी झट से मान गयी. वो मुझे पहले से ही पसन्द करती थी.
कॉलेज की पढ़ाई के बाद मैंने दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले लिया था, जिसमें लड़कियां थीं. मेरी क्लास में 10-15 लड़कियां थीं, लेकिन मैं किसी से बात नहीं करता था, क्योंकि लड़कियों से बात करने में मेरी गांड फटती थी.
अब मैं हैंडसम तो था ही, तो मुझे मेरी क्लास की लड़कियां मुझे खुद ही लाइन देती थीं, पर मैं किसी को भाव नहीं देता था. फिर मुझे कई लड़कियां फेसबुक पर रिक्वेस्ट और मैसेज सेंड करने लगीं, जिससे मेरी बात उनसे मैसेज में होने लगी.
इस तरह एक लड़की से मेरी दोस्ती धीरे धीरे बढ़ गयी. उससे बात होने पर मैंने और लड़कियों से बात करना बंद कर दिया. हमारी दोस्ती आगे बढ़ती गयी और मैंने उसे प्रोपोज़ कर दिया, वो भी झट से मान गयी. वो मुझे पहले से ही पसन्द करती थी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
