06-08-2019, 10:48 AM
लगभग दो वर्ष पहले मुझे नेहा नाम की लड़की से प्यार हो गया था. उस वक्त उसकी उम्र करीब 18 साल थी. वह 12 वीं क्लास में थी. वो लड़की दिखने में बड़ी स्मार्ट थी. एकदम पतली और छरहरी सी थी, उसका फिगर 28-24-26 का था.. रंग भी ठीक ठाक था. उसके चेहरे की बनावट बहुत ही अच्छी थी, जिसके कारण वह मुझे बहुत पसंद थी. उसके चुचे ज्यादा बड़े नहीं थे.
वह बचपन से ही अपने नाना-नानी के यहां रहती थी. उसके दो मामा थे, जिनमें से एक गुड़गांव रहते थे. जबकि दूसरे गांव में ही थे. नाना व मामा भी अलग अलग रहते थे तो वो नाना नानी के पास रहती थी. नानी के घर में उसके सोने का कमरा अलग था.
यह बात लगभग नवम्बर की है, जब हमारी दोस्ती हुई. हम फोन पर बातें किया करते थे. कुछ रोमाँटिक कुछ सेक्सी कुछ प्यारी सी बातें होती थीं. मेरा दिल पूरी तरह से उस पर आ गया था. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था.
कुछ दिन बीत जाने पर वो दिन भी आ ही गया. काफी मनाने के बाद उसने रात को अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया. वो गांव में थी और मैं करीब एक किलोमीटर दूर खेतों में बने एक मकान में रहता था. मेरे मन में उसको चोदने को लेकर तरह तरह की कामनाएं थीं. मेरा लंड चूत चोदने के नाम से काफी अकड़ जाता
वह बचपन से ही अपने नाना-नानी के यहां रहती थी. उसके दो मामा थे, जिनमें से एक गुड़गांव रहते थे. जबकि दूसरे गांव में ही थे. नाना व मामा भी अलग अलग रहते थे तो वो नाना नानी के पास रहती थी. नानी के घर में उसके सोने का कमरा अलग था.
यह बात लगभग नवम्बर की है, जब हमारी दोस्ती हुई. हम फोन पर बातें किया करते थे. कुछ रोमाँटिक कुछ सेक्सी कुछ प्यारी सी बातें होती थीं. मेरा दिल पूरी तरह से उस पर आ गया था. बस उसे चोदने की इच्छा बाकी रह गई थी. मैं उसे चोदने के तरह तरह के सपने देखता रहता था.
कुछ दिन बीत जाने पर वो दिन भी आ ही गया. काफी मनाने के बाद उसने रात को अपने घर पर मिलने के लिए बुलाया. वो गांव में थी और मैं करीब एक किलोमीटर दूर खेतों में बने एक मकान में रहता था. मेरे मन में उसको चोदने को लेकर तरह तरह की कामनाएं थीं. मेरा लंड चूत चोदने के नाम से काफी अकड़ जाता
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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