06-08-2019, 09:04 AM
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मम्मी ने प्यार से एक हाथ जोर से ,फिर से जड़ दिया और बोलीं ,
" काम ख़तम कर के जल्दी आना ,तुझे कुछ घर के काम सिखाने हैं। "
आधे घंटे से पहले ही वो हाजिर थे।
मम्मी ने तय किया था ,रोज दो घंटे निडल वर्क उनके लिए। मम्मी के लौटने के पहले उन्हें एक टेबल क्लाथ और भी कई चीजें काढ़नी थी।
मम्मी ने जब अपना सामान खोल कर उनके लिए गिफ्ट आइटम निकाले थे ,मम्मी की पहनी हुयी पैंटीज ,घिसी हुयी साड़ियां , तो उसी के साथ इन्हें एक एम्ब्रायडरी की किताब ,नीडल,क्राचेट सब ले आयीं थी।
लेकिन कढ़ाई शुरू करने के पहले एक कॉटन के कपडे पे उन्हें हर तरह की स्टिच सीखनी थी।
कुछ किताब से पढ़ के कुछ मम्मी से समझ के।
चेन स्टिच ,बटनहोल स्टिच तो वो कर ले रहे थे लेकिन फिश बोन स्टिच में अभी भी उन्हें मुश्किल हो रही थी।
जब मॉम के सामनेबैठकर अपनी स्टिच का काम वो दिखा रहे थे तो , मम्मी के चेहरे पर उनके काम के एप्रोवल की हलकी सी झलक से उनके चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ जाती थी ,
और अगर कहीं उन्हें हलकी सी भी मम्मी की भृकुटि टेढ़ी लगी तो वो डर के मारे सिहर उठते थे।
लेकिन उनका सुबह का सब काम चेक करने के बाद मम्मी ने जब एक हलकी सी प्यारी सी मुस्कराहट के साथ उन्हें देखा तो बस उनकी बांछे खिल उठी ,उन्हें लगा सब मेहनत सफल हुयी।
फिर मम्मी ने उन्हें क्रोशेट के लिए नीडल में धागा कैसे डालें ये सिखाया फिर हाफ डबल क्रोशेट ,ट्रिपल क्रोशेट सिखाया।
सीखने में तो वो तेज थे ही फिर मम्मी की सिखाई कोई बात तो वो भूल भी नहीं सकते थे।
बस उन्हें लगता था क्या करने से मम्मी खुश रहेंगी,वो कर डालें।
कुछ देर तक उन्होंने प्रैक्टिस की फिर किचेन में ,मम्मी के लिए लन्च बनाने ,
सारी की सारी मम्मी की फेवरिट डिशेज ,सब नान वेज।
लन्च के बाद फिर , मम्मी के साथ बैठ कर वो नीडल वर्क कर रहे थे।
मम्मी भी कभी मुझसे गप्पे मारतीं तो कभी बीच बीच में उनका नीडल वर्क देख रही थीं।
और वो बिचारे ,एकदम ध्यान से ,बस इतनी सफाई से काम करें की मम्मी एकदम खुश रहे
और ये डर भी लगा हुआ था की अगर ज़रा सी भी गलती हुयी तो बस मम्मी ,...
जुलाई का महीना था।
रात भर पानी बरसा था और अब बारिश तो बंद थी लेकिन उमस बहुत थी।
मम्मी ने एक प्याजी रंग की चिकन की साडी ,जाली के काम वाली और साथ में मैचिंग लो कट स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखा था जो उनके भारी गदराये उरोजों को मुश्किल से ही सम्हाल पा रहा था।
मैंने मुस्कराके मम्मी को इशारा किया की उनका दामाद बिचारा इतने ध्यान से काम कर रहा है कुछ तो इनाम बनता है। उनकी मुस्कराती शरारती आँखों ने हामी भरी.
उधर लाइट चली गयी थी। जुलाई की उमस ,पावर कट लेकिन वो एकदम ध्यान से अपने काम में लगे हुए थे।
मम्मी मेरी ओर देख के मुस्करायीं ,फिर उनका काम देखने के लिए झुकीं।
मम्मी के शरारती आँचल ने उनका साथ छोड़ दिया।
मम्मी के बड़े बड़े भारी कड़े सख्त उरोज ब्लाउज के कपडे को जैसे फाड़ते हुए तने , सब कटाव उभार और ऊपर से लो कट होने से पूरा का पूरा क्लीवेज ,मांसल गोरी गोरी गहराइयाँ ,...
कनखियों से अब वो उधर देख रहे थे और नतीजा ये हुआ की उनका खूँटा एकदम तना,साफ़ साफ़ दिख रहा था। उन्होंने मम्मी की एक पुरानी घिसी हुयी सी साडी लुंगी बना के पहन रखी थी ,जो उनके 'उसे ' रोकने में एकदम नाकमयाब थी।
लेकिन मम्मी ने तो अभी तीर चलाने शुरू किये थे।
मम्मी ने अपनी लंबी गोरी मृणाल बांहे उठायीं और फिर उनकी काँखे ,...
गोरी गोरी काँखों के बीच मांसल मसल फोल्ड्स और उनके बीच हलके हलके बिन बनाये छोटे छोटे काले बाल ,
अब तो उनका खूँटा एकदम पत्थर का हो गया था।
गर्मी का महीना ,जुलाई की उमस ,ऊपर से पावर कट , ... पसीने की कुछ बूंदे उन गोरी काखों में चुहचुहा रही थीं।
' हे कुछ खुजली सी मच रही है " मम्मी ने उनसे कहा।
बहुत मुश्किल से मैंने अपनी मुस्कराहट रोकी ,
मुझे मालुम था असली खुजली तो उस गोरी गोरी कांख को देख के उनको मच रही होगी।
" मैं कुछ ,... " घबड़ाते हकलाते उन्होंने बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें हड़का दिया।
" और क्या ,.. मम्मी तुम्हे लिख कर इंस्ट्रक्शन देंगी , यू आर हियरबाई इंस्ट्रक्टेड ,.. "
और जब मम्मी की काँखों की ओर उन्होंने हाथ बढ़ाया तो एक बार फिर डांट पड़ गयी ,
" अरे उसी हाथ से नीडल वर्क कर रहे हो और उसी हाथ से , ... कपडे पर पसीने का दाग नहीं पड़ जाएगा। "
वो मेरा मतलब समझ रहे थे ,दिल से चाहते भी वही थे लेकिन मम्मी की एक बार उन्होंने देखा बस मम्मी की मुस्कराहट से उन्हें ग्रीन सिग्नल मिल गया।
आँचल अभी भी गिरा हुआ था , हलके प्याजी ब्लाउज से मम्मी के गोरे गदराये भारी भारी जोबन छलक रहे थे।
बस उनके होंठ सीधे मम्मी की दूधिया काँखों के बीच, पहले तो उन्होंने उस चुहचुहाते पसीने की बूँद को हलके से चूम लिया और जब उन्हें मम्मी की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं मिला तो बस , ... वो पागल नहीं हुए।