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Misc. Erotica रेशमा - मेरी पड़ोसन
Update 33

अब कहानी रेशमा की ज़ुबानी

मैं दिन भर अवी के बारे में सोचती रही
वो बुरा है या अच्छा है
वो क्या चाहता है ये मुझे पता चल गया
पर मुझे क्या करना चाहिए ये समझ नही आ रहा है
क्या मुझे उसकी दोस्ती बनाए रखनी चाहिए
दोस्ती , अब दोस्ती का सवाल ही पैदा नही होता
एक तो प्यार होगा या नफ़रत होगी
मैं प्यार करूँगी तो ये ग़लत होगा ,
पर मैं नफ़रत कर भी नही पाउन्गी अवी के साथ
उसका हसाना उसका बात करना उसका ख़याल रखना उसकी दोस्ती किसिको भुला नही पाउन्गी
उसके साथ बिताए कुछ पलों मे ही वो अपना सा लगता है
पर मैं करूँ क्या कुछ समझ नही आ रहा है
क्या ज़रूरत थी सच बताने की , सच बताने के बाद ये बताने की मैं उसके बारे में क्या सोचूँगी ,
उसके सच बताने से लगा कि कितना शरीफ है
मुझे ये हो क्या रहा है मैं उसी के बारे में सोच रही हूँ
वो है कौन जो मैं उसके लिए इतना सोच रही है
उसको मेरी फिकर होती तो मुझे जॉगिंग को बुलाने क्यूँ नही आया
एक बार सॉरी बोल कर दोस्त बना कर जॉगिंग को बुलाने आता तो मैं क्या मना करती
ज़रूर मना करती , उसके इरादे कैसे थे
मुझे हो क्या रहा है
कैसे मुझे देख कर अपना रास्ता बदल दिया
उसके दिल मे खोट है तभी वो मुझसे नज़रें नही मिला ला रहा था
पर क्या वो मुझे ज़्यादा परेशान नही करना चाहता हो इस लिए सीडियो से जा रहा हो
काय्न के दो साइड ने मेरा दिमाग़ खराब कर दिया है
पूरा दिन ऑफीस मे ध्यान नही दे पाई
जब बॉस ने मेरा नाम लिया तो लगा कि अवी ने आवाज़ दी हो
क्या मुझे प्यार हुआ है अवी से
क्या करना चाहिए मुझे
ज़्यादा सोच मत रेशमा वो देख लिफ्ट का डोर बंद हो रहा है जल्दी भाग वरना रुकना पड़ेगा ,
रुक गयी और अवी आ गया तो
पर अवी से सामना ना हो इस लिए भाग कर लिफ्ट का डोर बंद होने से रोका पर सामने तो अवी है
लिफ्ट मे अवी को देखते ही मैं सोच मे पड़ गयी
अवी से नज़रें मिल ही गयी , मेरी धड़कने तो बढ़ गयी थी
मैं लिफ्ट मे जाने से रोक रही थी खुद को पर आंटी ने अपने साथ मुझे भी अंदर ले लिया
अच्छा हुआ लिफ्ट मे वो आगे खड़ा है डोर के पास और मैं पीछे
पर आंटी के जाते ही हम दोनो लिफ्ट मे अकेले ये सोच कर तो हाथ पैर काप रहे है
अवी ने कुछ पूछा तो मैं क्या जवाब दूँगी
अवी ने कुछ किया तो मैं उसको रोक पाउन्गी कि नही
आंटी के जाते ही मेरी नज़र लिफ्ट के डोर पर गयी
लिफ्ट के डोर मे हम दोनो की तस्वीर दिख रही थी , मिरर की तरह था डोर
भले हम आगे पीछे खड़े हो पर लिफ्ट के डोर मे हम दोनो साथ खड़े है ऐसा लग रहा था
अवी के साथ मेरी जोड़ी
एक पल के लिए तो मैं खो गयी
लेकिन अवी कर क्या रहा है
उसकी भी हालत मेरी तरह थी
पर अचानक अवी ने वो किया जिसकी मैं कल्पना भी नही कर सकती थी
अवी ने मुझे किस किया
मैं इस पे क्या रियेक्शन दूं समझ नही आ रहा था
मैं तो शॉक्ड हो गयी थी
लगा नही था कि अवी ऐसा भी करेगा
मैं अवी को रोकने लगी
पर ये क्या मेरे होंठो के पास तो उसके होंठ है ही नही
अवी मुझे नही मेरी परछाई को किस कर रहा था
लिफ्ट के डोर मे जो मेरी तस्वीर थी उसको किस कर रहा था
मैं तो एक पल के लिए खुश हो गयी थी और दूसरे पल गुस्सा भी हो गयी थी
लेकिन अवी तो मेरी तस्वीर को किस कर रहा है
चहिईीईईईई कैसा है अवी
कैसी सोच है अवी की
कंट्रोल नही रख पा रहा है अवी तो
पर अच्छा हैना कि उसने मुझे नही मेरी तस्वीर को किस किया
मुझे करता तो ये सोचते ही काप रही थी मैं
पर अवी ऐसा कर क्यूँ रहा है
क्या वो मुझे देख कर खो गया
या मुझे दिखा रहा है कि जल्दी तस्वीर नही मुझे रियल मे किस करेगा
अवी करना क्या चाहता है
कैसे पागलो की तरह किस कर रहा है
कही वो मुझे तो फ्रेल नही कर रहा है
क्या अवी इतना प्यार करता है मुझे
अवी की इस हरकत पे गुस्सा भी आ रहा था और प्यार भी आ रहा था
मुझे नही मेरी छवि को किस कर रहा था
अवी ने कल रात को मुझे बताया कि किसी भी सिचुशन के पीछे का कारण पता करना
अवी इस हरकत से साबित क्या करना चाहता है
ये अवी होश मे नही है
और जैसा सोचा वैसा ही पाया
लिफ्ट का डोर खोलते अवी नीचे गिर गया
सच मे अवी होश मे नही था
अवी के गिरते ही मुझे हसी आने वाली थी पर मैं ने खुद को रोक दिया
और अवी को देखती रह गयी
अवी की हालत देख कर लग रहा था कि ये अचानक हो क्या गया है
अबी तो किस कर रहा था फिर वो गिर कैसे गया
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RE: रेशमा - मेरी पड़ोसन - by Vikram@ - 06-08-2019, 07:00 AM



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