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रज़ाई में बहन की चूत चुदाई
#63
रा पति जिनका नाम है पंकज, वो मुझे खुश नहीं रख पा रहे है. क्यों की वो मेरे से ज्यादा अपने काम को ही प्रायोरिटी देते है. उनको काम प्यारा है. वो अपने काम से ही ज्यादा बीजी रहते है. वो मेरे ऊपर ध्यान नहीं देते. मुझे चुदवाने का बहूत ही ज्यादा मन करता है. पर वो देर रात आते है और फिर अपना बोतल लेके बैठ जाते है. और फिर सोने चले जाते है. आज तक वो जितनी बार मुझे चोदे है मुझे खुश नहीं कर पाए है. जब मैं उनको कस के पकड़ कर उनका लंड अपने चूत में डलवाने लगती हु, तभी वो झड़ जाते है. यानी की डिस्चार्ज हो जाते है. मैं अभी जोश में ही आती हु और वो निचे उत्तर कर सो जाता है आप भी बताओ दोस्तों मेरी ज़िन्दगी कैसी होगी. जिसकी चूत लंड के लिए तड़प रहा हो और लंड आते ही लंड सो जाए तो उस चूत का क्या हाल होगा. मेरी कहानी यही से शुरू होती है. क्यों की मैं अपना मुह इधर उधर मारने की कोशिश करने लगी.

मेरे फ्लोर पे ही एक भैया रहते है. उनकी भी शादी हो गई है. वो पार्ट टाइम काम मुझे देते है. मैं अपने घर पर आके उनका काम करती हु और दिन में एक से दो घंटे जाके उनसे सहारा काम समझ लेती हु, धीरे धीरे उनकी सेक्सी अदाएं मुझे उनकी और आकर्षित करने लगी. मुझे वो अच्छे लगने लगे. फिर मैंने उनके पास जाती, और उनसे काफी सारे बाते करती, और मैं कोशिश करती की वो मेरी जिस्म को देखे इसलिए मैं हमेशा वैसे टॉप को पहनती जिसका गला बड़ा हो. ताकि चूचियां बड़ी बड़ी साफ़ साफ़ दिखे, मेरा निशाना सही जगह पर लगा. पर हमेशा भी नहीं कर सकती, क्यों की उनकी भी नई नई ही शादी हुई थी. उनकी भी वाइफ साथ रहती थी.

दोस्तों कुछ ही दिन में वो मेरे से काफी ज्यादा खुल गए. वो तो अब मेरे से कभी कभी नॉनवेज डिस्कशन भी करते थे. मुझे भी अच्छा लगता था. उनकी बातों में जादू था. उनकी बात और उनके पास ही बैठ कर मेरी चूचियां टाइट हो जाती थी और चूत हलकी हलकी गीली हो जाती थी. एक दिन की बात है. भैया बोले की आपको भाभी जी, गाँव जा रही है आज उनकी माँ की तबियत ख़राब है. आज शाम को ४ बजे नई दिल्ली से राजधानी ट्रैन है मैं चढ़ा कर आऊंगा. भाभी बोली तब तक आप इधर भी ध्यान देना, मैंने कहा ठीक है भाभी अगर मैं दो की रोटी बनाउंगी तो भैया के लिए भी दो रोटियां सेक दूंगी. और उस दिन भाभी चली गई.

भैया लेट आये, मैंने फ़ोन किया की रोटी बनाया दू तो वो बोले आज मैं अपने दोस्त के यहाँ ही रुकुंगा, आज आ भी नहीं पाउँगा. तभी बेल्ल बजी मेरे पति देव आ गए, आते ही जूता उतारते हुए बोले, की कल सुबह मैं बंगलुरु जा रहा हु, ऑफिस के काम से चार दिन बाद आऊंगा, कंपनी बाले ने हवाई टिकेट भी बना दिया है. जाने आने का, तो वो फिर मुझे पांच हजार रूपये दिए और बोले की ठीक से रहना. दूसरे दिन वो चले गए. अब मेरे घर में मैं अकेली थी और भैया के घर में सिर्फ भैया, पता नहीं मेरा दिल क्यों कह रहा था की आज मैं चुदुंगी, मैं दूसरे दिन संडे था तो मैं उनके घर दिन के ग्यारह बजे ही चली गई. वो नहा कर निकले थे. वो सिर्फ तौलिया में थे. जब मैंने उनके मजबूत बदन को देखा तो मैं दीवानी थी गई. क्या सिक्स पैक था. मुझे तो ऐसा लग रहा था की मैं उनके बदन से लिपट जाऊं और अपनी चूचियां को निकाल कर, उनके सीने से रगड़ दू. मैं अपने आप को संभाल कर, सोफे पे बैठी रही, वो मुझे भाभी कहते है. तो वो बोले और क्या हाल है भाभी तो मैं बोली कैसा रहेगा? पति के वियोग में. भले पति मुझे कुछ नहीं कर पता हो पर ये सब तो आपको पता है बोलना पड़ता है. फिर मैंने भी पूछा और आपका? तो वो बोले की पत्नी के वियोग में क्या होगा? फिर हम दोनों हँसने लगे.

तभी मैं बोल उठी की चलो आज समझ लो मैं आपकी बीवी हु और आप मेरे पति. भैया बोले, सिर्फ बोलने से नहीं होता है भाभी पति पत्नी का रिश्ता तो आपको पता है किससे होता है. मैं बोली कोई बात है. जैसा भी होता हो. लाइफ में चेंजेज तो चाहिए इससे ज़िन्दगी खूबसूरत बन जाती है. दोस्तों आप ये कहानी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. उसके बाद बात आगे बढ़ गई. वो बोले तो ठीक है आज आप मेरे यहाँ ही रहो पत्नी बनकर, मैं भी बिना देर किये बोल दी ठीक है. भैया बोले अभी कहना मंगवाता हु. उन्होंने कहना मंगवाया बाहर से, हम दोनों मिलकर खाये. तभी भैया बोले और अब. मेरे भी वेशर्म होकर बोल दी. अब हनीमून, तभी उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया और मैं सिहर गई. और वो मेरे करीब आ गए वो मेरी आँख में झाँक रहे थे और मैं उनकी आँख में, और फिर दोनों के होठ एक दूसरे के होठ से जा मिले और फिर उन्होंने मेरे बाल को खोल दिया., और मुझे अपने सीने से चिपका लिए. मेरी चूचियां दाबाब के कारण आधी निकल गई थी .. वो पहले मेरे चूचियों को ऊपर से ही किश करने लगे. मैंने भी उनके बाल को सहलाते हुए उनके होठ को चूस रही थी. दोनों की वासना धधक रही थी.

वो मुझे गोदी में उठाकर अपने बैडरूम में ले गए और मेरे सारे कपडे उतार कर, वो मेरी दोनों टांगो को फैला कर, मेरे चूत को चाटने लगे. मैं पानी पानी हो गई. वो बोले गजब! मजा आ गया, क्या खुशबु है अपनी चूत की! ओह्ह्ह्ह आज मैं पहली बार चूत को चाट रहा हु. मेरी बीवी चूत नहीं चटवाती है. और मैं चूत का दीवाना हु. मैंने कहा अब तो जब तक वो दोनों नहीं आते आप मेरी चूत को खूब चाटो, मुझे चूत चटवाना बहूत ही ज्यादा अच्छा लगता है. और मेरी चूत से पानी निकलने लगा. और वो सारे पानी को अपने जीभ से साफ़ कर रहे थे. दोस्तों मुझे पहली बार इतना आनंद आ रहा था. मैं खूब मस्त थी. फिर वो ऊपर जाके, मेरे बूब्स को दाबने लगे और मेरे होठ को चूसने लगे. उन्होंने मेरे गर्दन पर एक लव बाईट दे दी. वो काफी जोश में आ गए. मैंने कहा मुझे अब मत तड़पाओ. आज तक मेरा पति मुझे तड़पाते ही आया है. आज तक मैं कभी भी अपने पति से खुश नहीं हो पाई. आज मुझे खुश कर दो,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: रज़ाई में बहन की चूत चुदाई - by neerathemall - 06-08-2019, 04:47 AM



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