Thread Rating:
  • 0 Vote(s) - 0 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
रज़ाई में बहन की चूत चुदाई
#45
मैंने दीदी के छूट को चाटने लगा वो कामुक होने लगी और उनके कांख का डिओड्रेंट की खुसबू मुझे मदहोश कर ताहि थी, मैंने फिर उनके चूच को दबाने लगा और फिर निप्पल दो दांत से दबाने लगा वो बोलने लगी फाड़ दे मेरे बूर को, मुझे कुंवारी से औरत बना दो, तुम ही मेरा रात रंगीन कर दो, आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पे पढ़ रहे है. फिर मैंने अपना लंड निकाल के दीदी के चुत के ऊपर रख कर दीदी कहने लगी चोद मुझे, मेरा लंड उनके चुत को सलाम कर रहा था मैंने अपने लंड पे थोड़ा थूक लगाया और कस के धक्का मारा तो मेरा लंड का सुपारा ही अंदर गया मेरी दीदी चीख उठी और कहने लगी निकालो निकालो मैंने बिना देर किया दुसरा धक्का लगाया वो छटपटा गयी और सिसकिया लेने लगी और आँख में आंसू आ गयी मेरा लंड करीब ४ इंच अंदर चला गया था, वो कहने लगी निकालो मैं मर जाऊँगी मेरे से दर्द बर्दास्त नहीं हो रहा है, तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है, मैं सह नहीं पाऊँगी, फिर मैंने हल्का हल्का अंदर बाहर करने लगा, तब उनका थोड़ा दर्द काम हुआ और वो भी सहयोग करने लगी और करीब ५ मिनट के बाद वो काफी गरम और वाइल्ड हो गयी, वो अपना कमर उठा उठा के चुदवाने लगी, और कह रही थी डाल कस के डाल, और गांड उठा उठा के पूरा का पूरा लंड अपने बूर में समा रही थी, आखिर कार मेरा वीर्य उनकी बूर में समा गया और वो भी शांत हो गयी सिर्फ उनके मुह से उह्ह्न उह्ह्ह्न उह्ह्ह्ह्न की आवाज़ आ रही थी और मैं भी अचेत होकर लेट गया, फिर करीब १० मिनट बाद वो उठी और कपडे पहनते हुए बोली कमल बिछावन पे खून लगा हुआ है, सुबह ही मैं इसे धो दूंगी, मैं डर गया खून!!! वो बोली पगला डरने की बात नहीं है मेरा सील टूटा है ना इस्सवजह से खून निकला है. तब मैं खुश हो गया और उस रात को मैंने ३ बार चोदा और एक बार गांड मारा, दूसरे दिन सुबह माँ पापा आ गए और फिर वो अपने ससुराल चली गयी, मैं १० दिन बाद उनके यहाँ जाने बाला हु फिर मैं वह की चुदाई की कहानी आपके साथ शेयर करूंगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
RE: रज़ाई में बहन की चूत चुदाई - by neerathemall - 06-08-2019, 04:24 AM



Users browsing this thread: 21 Guest(s)