06-08-2019, 04:16 AM
हुआ भी सब प्लान के अनुसार, घर आठ बजे तक खाली हो गया, मेरी बहन और मैं बचा सिर्फ घर पे, उसके बाद मैंने में दरवाजा खूब अच्छी तरह से लॉक कर दिया, और अंदर आते ही. उसको गोद में उठा लिया और पलंग पर पटक कर, एक एक कपडे उतारने लगे, ओह्ह्ह दोस्तों मैं हिल गया, उसकी चूचियों को देखकर, गजब का सॉलिड था, बिच में पिंक छोटा सा निप्पल, फिर मैंने बाकी के कपडे उतार दिए, और निचे जाकर टांग को थोड़ा अलग अलग कर कर चूत को देखने लगा, मैंने कहा बहन तुम्हारी चूत तो गजब लग रही है अंदर लाल है. तो वो बोली हां भैया, वो ज्यादा चोद नहीं पाते है उनका लंड बहूत छोटा है. इतना सुनते ही मेरा लंड और कडा हो गया. और मैंने फिर उसके चूत को चाटने लगा. वो आह आह आह करने लगी.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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