06-08-2019, 03:52 AM
निचे से मैं गांड उठा रही थी और ऊपर से वो पेल रहा था और बिच में चपक चपक की आवाज से पूरा कमर गूंज रहा था. मैं उसको अपने बाहों में जकड़ी थी और पैरों से उसको फसाई हुई थी. वो मेरी मोटी गांड को नीच से पकड़ रखा था और जोर जोर से लंड को अंदर बाहर कर रहा था. उसके बाद उसने मुझे ऊपर किया और खुद सो गया और लंड को पोल की तरह खड़ा करके बोला आ बैठ जा इसपर मैं उसके लंड पर बैठ गई. लंड धीरे धीरे कर के मेरे चूत के अंदर समा गया. मैं एक मिनट तक यों ही बैठे रही फिर मैं ऊपर निचे होना शुरू किया, मैं उसके ऊपर थोड़ी झुकी हुई थी. वो मेरी चूचियों को पकड़ रखा था. और मेरे चूत में निचे से धक्के देने लगा. अब मैं भी जोर जोर ऊपर निचे करने लगी. वो मेरी चूतड़ में थप्पड़ मार रहा था. अब वो मुझे गालियां भी देने लगा. वो कह रहा था तू तो बहूत रंडी है. आज तू भाई से चुद रही है, मैं भी कहा कम थी मैंने भी गालियां देने लगी. तू तो बहूत कमीना निकला तू तो अपनी बहन के चूत को भी नहीं छोड़ा, बहन चोद है तू.
जितना हम दोनों एक दूसरे को गालियां दे रहे थे. उतना ही जोश चढ़ रहा था. उसने बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया,
जितना हम दोनों एक दूसरे को गालियां दे रहे थे. उतना ही जोश चढ़ रहा था. उसने बाद उसने मुझे घोड़ी बना दिया,
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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