06-08-2019, 03:47 AM
उसके बाद दोनों दोस्त मेरी एक एक चूची को हाथ लगाने लगा। सहला सहलाकर दबा रहे थे। दोस्तों मेरे दूध बहुत सेक्सी और मलाई जैसे मुलायम थे। खूब मजा आया रहा था। दोनों जब जब हाथ से मेरे बूब्स प्रेस करते थे तो कितना आनन्द आता था। फिर दोनों गांडू मेरी एक एक चूची मुंह में लेकर एक साथ चूसने लगे तो बड़ा आनन्द मिला। आज मुझे हर तरह का मजा डबल डबल मिल रहा था। दो दो मर्द आज मेरी नर्म नर्म चूची को मुंह में लेकर चूस रहे थे। मेरी चूत अपना पानी छोड़ रही थी। मैं खुद भी अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी।
बड़े देर तक विक्रम और विहान मेरे सेक्सी जिस्म से खेलते रहे। मुझे फॉरप्ले करते रहे और पूरी तरह से चुदासी बना डाला। उसके बाद विक्रम नीचे लेट गया और मुझे अपने उपर ले लिया। मैं उलटी होकर विक्रम के उपर बैठ गयी। उसने होले होले मेरी गांड में 8” लंड घुसा दिया। फिर विहान उपर से आ गया और मेरी चूत में लंड डालने लगा। मुझे दर्द होने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मुझे काफी दर्द हो रहा था। पर फिर दोनों मर्दों के लंड मेरी गांड और चूत में घुस गये। फिर दोनों मुझे चोदने लगे “अई. .अई..अई…..मर गयी!! मर गयी मैं … उ उ उ उ उ…” मैं ऐसा कहने लगी। दोनों लड़के मुझे चोदने लगे। मुझे बड़ा अलग तरह का अहसास हो रहा था। मेरे दोनों छेदों में मोटे मोटे लंड दौड़ लगा रहे थे जिसकी वजह से मुझे काफी उत्त्जेना और चुदास वाला नशा मिल रहा था। दोनों बारी बारी से लंड मेरे छेदों में डालकर फाड़ रहे थे।
मैं तो मरी जा रही थी। “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” मैं चिल्लाने लगी तो मेरे चचेरे भाई ने मेरे मुंह पर अपना हाथ रखकर दबा दिया वरना फेमिली के लोग सुन लेते। दोनों मस्ती से मेरी चूत और गांड को फाड़ रहे थे। मैं तो मरी जा रही थी। मेरी आँखों से गर्म गर्म आंसू निकलने लगे। दर्द भी हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था। मुझे मीठा दर्द दोनों छेद में हो रहा था।
“चोदो!! आज मुझे चोद चोदकर रंडी बना दो!! किसी रांड की तरह फाड़ दो मेरे भोसड़े को!!” मैं उत्तेजना में बकने लगी
मेरी नशीली कामोत्तेजक आवाज सुनकर दोनों दरिन्दे बन गये और जल्दी जल्दी अपने पाने अपने लौड़े मेरे सेक्सी चोदनीय छेदों में दौड़ाने लगे। मेरी पीठ विक्रम की तरह थी। मैं उलटा मुंह करके उसके उपर लेटी थी और विहान सबसे उपर था और मेरी चूत फाड़ रहा था। इस तरह से दोनों ने 20 मिनट मेरे छेद को फाड़ा और फिर झड़ गये। “सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” बोलकर विहान कापते हुए मेरी चूत में झड़ गया। फिर मेरा चचेरा भाई विक्रम भी मेरी गांड में झर गया। अब मैं नीचे उतर आई और बेड पर लेटकर आराम करने लगी। मेरी बुरी हालत थी और दोनों छेदों में काफी दर्द हो रहा था।
“बेबी! आई लव यू!! बहुत मजा दिया तूने!!” विहान बोला
उसके बाद विहान ने मेरी टाँगे खोल दी और चूत में जीभ लगाकर चाटने लगा। मुझे फिर से वो मजा देने लगा।
“कुछ देर रुक जाओ!! अभी तो मेरी चूत में दर्द हो रहा है” मैंने विहान से कहा
पर वो गांडू माना ही नही। अपना मुंह लगा लगाकर मेरी गुलाबी चूत को किसी चोकलेट की तरह चाट रहा था। दोस्तों लड़को ने मुझे फाड़ मेरी चूत को फाड़ फाड़कर उसका भरता बना दिया था। मेरा छेद तो अब और भी बड़ा हो गया था। विहान मेरी टांगो और खूबसूरत चिकनी जांघो को बार बार किस कर रहा था। “तुम बहुत हॉट माल हो इशिका बेबी!!” वो बार बार कहे जा रहा था। उसके मुंह में मेरी चूत का सफ़ेद माल लगा हुआ था। मेरी चूत की एक एक पंखुड़ी को वो मजे लेकर चूस रहा था। बड़ा आनन्द मुजको भी देख रहा था। मैं फिर से अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी।
बड़े देर तक विक्रम और विहान मेरे सेक्सी जिस्म से खेलते रहे। मुझे फॉरप्ले करते रहे और पूरी तरह से चुदासी बना डाला। उसके बाद विक्रम नीचे लेट गया और मुझे अपने उपर ले लिया। मैं उलटी होकर विक्रम के उपर बैठ गयी। उसने होले होले मेरी गांड में 8” लंड घुसा दिया। फिर विहान उपर से आ गया और मेरी चूत में लंड डालने लगा। मुझे दर्द होने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। मुझे काफी दर्द हो रहा था। पर फिर दोनों मर्दों के लंड मेरी गांड और चूत में घुस गये। फिर दोनों मुझे चोदने लगे “अई. .अई..अई…..मर गयी!! मर गयी मैं … उ उ उ उ उ…” मैं ऐसा कहने लगी। दोनों लड़के मुझे चोदने लगे। मुझे बड़ा अलग तरह का अहसास हो रहा था। मेरे दोनों छेदों में मोटे मोटे लंड दौड़ लगा रहे थे जिसकी वजह से मुझे काफी उत्त्जेना और चुदास वाला नशा मिल रहा था। दोनों बारी बारी से लंड मेरे छेदों में डालकर फाड़ रहे थे।
मैं तो मरी जा रही थी। “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” मैं चिल्लाने लगी तो मेरे चचेरे भाई ने मेरे मुंह पर अपना हाथ रखकर दबा दिया वरना फेमिली के लोग सुन लेते। दोनों मस्ती से मेरी चूत और गांड को फाड़ रहे थे। मैं तो मरी जा रही थी। मेरी आँखों से गर्म गर्म आंसू निकलने लगे। दर्द भी हो रहा था पर मजा भी बहुत आ रहा था। मुझे मीठा दर्द दोनों छेद में हो रहा था।
“चोदो!! आज मुझे चोद चोदकर रंडी बना दो!! किसी रांड की तरह फाड़ दो मेरे भोसड़े को!!” मैं उत्तेजना में बकने लगी
मेरी नशीली कामोत्तेजक आवाज सुनकर दोनों दरिन्दे बन गये और जल्दी जल्दी अपने पाने अपने लौड़े मेरे सेक्सी चोदनीय छेदों में दौड़ाने लगे। मेरी पीठ विक्रम की तरह थी। मैं उलटा मुंह करके उसके उपर लेटी थी और विहान सबसे उपर था और मेरी चूत फाड़ रहा था। इस तरह से दोनों ने 20 मिनट मेरे छेद को फाड़ा और फिर झड़ गये। “सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” बोलकर विहान कापते हुए मेरी चूत में झड़ गया। फिर मेरा चचेरा भाई विक्रम भी मेरी गांड में झर गया। अब मैं नीचे उतर आई और बेड पर लेटकर आराम करने लगी। मेरी बुरी हालत थी और दोनों छेदों में काफी दर्द हो रहा था।
“बेबी! आई लव यू!! बहुत मजा दिया तूने!!” विहान बोला
उसके बाद विहान ने मेरी टाँगे खोल दी और चूत में जीभ लगाकर चाटने लगा। मुझे फिर से वो मजा देने लगा।
“कुछ देर रुक जाओ!! अभी तो मेरी चूत में दर्द हो रहा है” मैंने विहान से कहा
पर वो गांडू माना ही नही। अपना मुंह लगा लगाकर मेरी गुलाबी चूत को किसी चोकलेट की तरह चाट रहा था। दोस्तों लड़को ने मुझे फाड़ मेरी चूत को फाड़ फाड़कर उसका भरता बना दिया था। मेरा छेद तो अब और भी बड़ा हो गया था। विहान मेरी टांगो और खूबसूरत चिकनी जांघो को बार बार किस कर रहा था। “तुम बहुत हॉट माल हो इशिका बेबी!!” वो बार बार कहे जा रहा था। उसके मुंह में मेरी चूत का सफ़ेद माल लगा हुआ था। मेरी चूत की एक एक पंखुड़ी को वो मजे लेकर चूस रहा था। बड़ा आनन्द मुजको भी देख रहा था। मैं फिर से अब “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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