06-08-2019, 03:42 AM
(This post was last modified: 06-08-2019, 03:44 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
“क्यों भाई!! आज क्या ख्याल है!!” वो मेरे पास नंगी होकर आ गयी और बोली “रंडी!! लगता है तेरी चूत में बहुत गर्मी है!! मम्मी के सामने ही मेरा लौड़ा पकड़ रही थी। आज साली तेरी गांड कसके चोदूंगा तो सब रंडीपना भूल जाएगी” मैंने गुस्से में कहा और अपनी चुदासी बहन का गला पकड़ लिया और दबाने लगा। मुझे गुस्सा भी आ रहा है। फिर मैंने भी खड़े खड़े ही उसकी चूत में ऊँगली घुसा दी और अंदर बाहर करने लगा। अब मेरी रंडी बहन “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….”करने लगी।
“साली! बहुत गर्मी ही तेरे जिस्म में!! आज सब निकाल देता हूँ” मैंने गुस्से से आँख दिखाकर कहा और खड़े खड़े उसकी चूत में ऊँगली चलने लगा। वसुंधरा सी सी ई ई आ करने लगी। खूब जल्दी जल्दी बेरहमी से ऊँगली की मैंने और काफी बदतमीजी ने पेश आ रहा था। 10 मिनट तक मैंने खड़े खड़े उसकी में ऊँगली कर दी जिससे उसका पानी चूत गया और मेरा हाथ उसके रस से भीग गया। मैंने एक चांटा उसके गाल पर जड दिया और नीचे बैठ गया और उसकी सांवली बुर को चाटने लगा।
“भाई!! आज मुझे किसी रंडी की तरह चोद डालो!!” वसुंधरा बोली
“साली रांड!! आज तेरी ख्वाहिश जरुर पूरी करूंगा” मैंने कहा “चल छिनाल!! घोड़ी बन!! ” मैंने गुस्से से कहा फिर उनकी बुर में मैंने ऊँगली डालकर उसका सफ़ेद पानी लिया और अपने लंड के मोटे सुपारे पर अच्छे से मल दिया। अब झुक गया और अपनी सेक्सी जवान और आवारा बहन की चूत जीभ लगाकर चाटने लगा।
“भाई!! तू तो बड़ा चोदू मर्द है रे!!” बहन बोली
वसुंधरा अजीब अजीब तरह का मुंह दर्द से कराहकर बनाये जा रही थी। मैं उसको घोड़ी बनाये था उसके दोनों हाथो और घुटनों पर। मैं उसकी चूत को अभी तो आराम आराम से चोद रहा था। उफ्फ्फ्फ़!! कितनी कसी चूतथी दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। मैंने काफी देर अपनी सगी बहन की चूत चोदी और उसी में झड़ गया। जब लौड़ा बाहर निकाला तो वसुंधरा भीगी बिल्ली बन गयी थी। उसके आँशु निकल रहे थे। उसकी सब हेकड़ी निकल गयी थी।
अब तो रोज की बहन के साथ सुहागरात मन जाती है।
“साली! बहुत गर्मी ही तेरे जिस्म में!! आज सब निकाल देता हूँ” मैंने गुस्से से आँख दिखाकर कहा और खड़े खड़े उसकी चूत में ऊँगली चलने लगा। वसुंधरा सी सी ई ई आ करने लगी। खूब जल्दी जल्दी बेरहमी से ऊँगली की मैंने और काफी बदतमीजी ने पेश आ रहा था। 10 मिनट तक मैंने खड़े खड़े उसकी में ऊँगली कर दी जिससे उसका पानी चूत गया और मेरा हाथ उसके रस से भीग गया। मैंने एक चांटा उसके गाल पर जड दिया और नीचे बैठ गया और उसकी सांवली बुर को चाटने लगा।
“भाई!! आज मुझे किसी रंडी की तरह चोद डालो!!” वसुंधरा बोली
“साली रांड!! आज तेरी ख्वाहिश जरुर पूरी करूंगा” मैंने कहा “चल छिनाल!! घोड़ी बन!! ” मैंने गुस्से से कहा फिर उनकी बुर में मैंने ऊँगली डालकर उसका सफ़ेद पानी लिया और अपने लंड के मोटे सुपारे पर अच्छे से मल दिया। अब झुक गया और अपनी सेक्सी जवान और आवारा बहन की चूत जीभ लगाकर चाटने लगा।
“भाई!! तू तो बड़ा चोदू मर्द है रे!!” बहन बोली
वसुंधरा अजीब अजीब तरह का मुंह दर्द से कराहकर बनाये जा रही थी। मैं उसको घोड़ी बनाये था उसके दोनों हाथो और घुटनों पर। मैं उसकी चूत को अभी तो आराम आराम से चोद रहा था। उफ्फ्फ्फ़!! कितनी कसी चूतथी दोस्तों। मजा आ गया था मुझे। मैंने काफी देर अपनी सगी बहन की चूत चोदी और उसी में झड़ गया। जब लौड़ा बाहर निकाला तो वसुंधरा भीगी बिल्ली बन गयी थी। उसके आँशु निकल रहे थे। उसकी सब हेकड़ी निकल गयी थी।
अब तो रोज की बहन के साथ सुहागरात मन जाती है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
![thanks thanks](https://xossipy.com/images/smilies/thanks.gif)