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Adultery रीमा की दबी वासना
इतना कह कर के रोहिणी ने  जीभ रीमा की चिकनी दरार पर फिसला दी | 
रीमा - ऊऊऊफ़्नेफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् |
रीमा के मुहँ की सीकरी सुनकर रोहिणी का उत्साह बढ़ गया | रोहिणी - मै जानती थी तेरे अन्दर बहुत आग भरी है | देख कैसे धधकने लगी | अबी तो बस अपनी जुबान touch करायी है और इसके मुहँ भाप छोड़ने लगा है | आज मेरी रानी आज मै रात भर तेरी प्यास बुझौंगी | तेरी बरसो की प्यास, बरसो से तेरे बदन में बर्फ बन चुकी हवस की आग आज बुझा कर ही दम लूंगी |
रीमा सिसकारी भरते हुए - दीदी आप बहुत अच्छी हो, सोने नहीं डॉगी क्या रात भर |
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रोहिणी ने फिर से उसकी चूत को चाटा |
रोहिणी- जब जिस्म आग की भट्ठी बना हुआ हो तो भला किसी को नीद कैसे आ सकती है | अभी तो आधी रात भी नहीं हुई |
रीमा - फिर भी रात भर तो नहीं जग सकते |
 रीमा के चूत दाने की अपने ओंठो की गिरफ्त में लेटे हुए रोहिणी - आज सोने का तू भूल जा, तू आज रात भर जागेगी क्योंकि तू खुद अपनी प्यास बुझाना चाहती है | 
रीमा - नहीं दीदी मुझे तो नीद लगने ही लगी थी, आप नहीं होती तो कब का सो गयी होती |
रोहिणी - मुझे बुद्धू मत बना, मै उस रोहित की दीदी हूँ, जिसने तेरे जिस्म की आग बुझाई है | और तेरे अन्दर बने कोपभवन से तुझे बाहर निकाला है मुझसे चालाकी नहीं |
रीमा शिकायत करती हुई - दीदी मैंने कहाँ कुछ बोला है |
रोहिणी के ओंठ रीमा की गुलाबी चूत पर जमे थे - यही तो तेरा ऐब है तू बोलती नहीं लेकिन तेरे मन में बहुत कुछ चल रहा होता है | तू नहीं बोलती तेरा जिस्म बोलता है तेरे हाथ पाँव गर्दन ओंठ  चूतड़ चूत जांघे पिंडलिया सब बोलती है, बस तू नहीं बोलती |
रीमा चुप हो गयी | रोहिणी को लगा कही ये फिर से अपने कोपभवन में न घुस जाये |
रोहिणी - ज्यादा सोच मत, मै तुझसे तेरे बारे में ज्यादा जानती हूँ |
रीमा - जी दीदी |
रोहिणी - जी की बच्ची, मै तेरी नौकरानी हूँ क्या, उल्टा लिटाया क्यों है तुझे | चल चाट मेरी चूत | 
रीमा तो अपनी सिसकारियो में भूल ही गयी थी, उसने झट से अपना सर रोहिणी की जांघो के बीच की चूत घाटी में घुसेड दिया | रीमा रोहिणी की गीली चूत चाटने लगी और रोहिणी उत्तेजना की तरंगो में अपने कमरी हिलाने लगी | रोहिणी ने अपने ओंठो को 
 रीमा की चूत से सटा दिया उसकी चूत चूमने लगी चाटने लगी चूसने लगी,  रीमा की सिसकारियां भरने लगी | रोहिणी का अंदाज ही कुछ अलग था और ऐसा अंदाज रीमा ने इससे पहले कभी महसूस नहीं किया था हालांकि ऐसा नहीं था कि उसकी चूत पहली बार कोई चाट रहा था चूम रहा था लेकिन कोई औरत पहली बार उसकी उसकी चूत पर अपनी गीली जीभ फिर रही थी | औरत की बात अलग होती है जिस नजाकत से रोहिणी ने रीमा के स्तनों को चूसा चुम्मा था उसी नजाकत से रोहिणी रीमा  की चूत और चाट रही थी | रीमा की जीभ भी रोहिणी की चूत पर तेजी से फिसल रही थी | दोनों एक दुसरे की बांहों में जकड़े अपने अपने जिस्एमो की आग बुझाने में लगी थी | दोनों के पसीने से नहाये बदन एक दुसरे में गुथमगुथा थे और दोनों ही एक दुसरे के वर्जित सवेदनशील कामुक अंगो से खेल रही थी  |  दो औरते, दो के पूरी तरह से नंगे  गोरे गुलाबी   पसीने से नहाये, एक दुसरे से चिपके बदन और वासना का नंगा नाच | बस एक ही अरमान था अपने जिस्मो में धधकते हवस के जुवालामुखी को शांत करना | 



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रोहिणी  रीमा की गुलाबी चिकनी चिकनी गीली चूत से खेल रही थी वह अपनी उंगलियों को रीमा के पतले गुलाबी होठों पर सहला रही थी और उसके चूत दाने को भी बार-बार रगड़ रही थी रीमा बस रोहिणी के चूत दाने पर अपनी जीभ सरपट दौडाए जा रही थी | रीमा के मुहँ से कामुक कराहे और मादकता की सिसकारियां लगातार फुट रही थी और यही हाल रोहिणी का भी था | रोहिणी ने भी अपनी उंगलियों को रीमा की चूत से निकले रस में भिगोना शुर कर दिया  |  उसने हल्के से जोर डालकर अपनी उंगली को आइस्ते से रीमा की  गुलाबी चूत की मखमली सुरंग में घुसआनी शुरू कर दी थी रीमा तो जैसे उत्तेजना से मदहोश होने लगी थी रीमा को मदहोश होते देख उसने तेजी से अपनी बीच वाली उंगली  पूरी की पूरी रीमा की चूत में घुसा दी और अपनी जीभ उसके गुलाबी चूत दाने पर रख कर के उसको चाटने लगी रीमा के मुंह से सिसकारियां फूटने लगी और रोहिणी रीमा की गुलाबी चूत के दाने को अपनी जीभ से चूस कर गर्म करने लगी थी उसकी एक उंगली रीमा की चूत में  धसी हुई थी औररोहिणी  बहुत हल्के हल्के हाथों से अपनी उंगली को अंदर बाहर कर रही थी रीमा की सांसे तेज हो गई थी और उसके बदन में गर्मी बढ़ गई थी | रोहिणी रीमा की चूत को अपनी उंगली से चोदने लगी थी | अपनी चूत में अन्दर बाहर होती चूत रस से सनी उंगली से भी रीमा के शरीर में काम वासना की आग और भड़क गई थी और रीमा तेजी से हांफने लगी थी और इधर रोहिणी की जीभ उसके चूत के दाने पर लगातार फिसल रही थी |  उसकी चूत का पूरा इलाका ही रोहिणी की गीली जीभ के लार से गीला हो गया था उसकी उंगली रीमा की चूत में अन्दर बाहर हो रही थी |  फिर धीरे से रोहिणी ने दूसरी उंगली भी उसकी चूत में घुसा दी | 
रीमा के मुहँ से सिसकारी फुट गयी - ओओओओओओओओओओओओओओह्ह्ह्हह्हह्ह्ह | 
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रोहिणी तेजी से दोनी उंगलियों से रीमा की चूत चोदने लगी |  रीमा भी इस चुदाई और चुसाई से मदहोश होने लगी | रोहिणी ने खुद को रीमा के नीचे से हटाया  | रीमा पीठ के बल लेट गयी और उसके दाहिने हाथ पर रोहिणी उसके ऊपर से आकर उसे चूमने लगी और बिना किसी देरी के उसकी चूत में दो उंगलिया घुसा दी | चूत गीली थी और उंगलियाँ भी इसलिए बिना किसी परेशानई के आराम से रीमा की मखमली गीली चूत में समाती चली गयी | रीमा ने अपने ओठो को रोहिणी के ओंठो से सटा दिया और आंखे बंद कर ली | रोहिणी ने अपने अंगूठे को रीमा के चूत दाने पर सताया और फिर उसकी चूत में उंगलिया अंदर बाहर करने लगी | दो उंगलियों और अंगूठे की लय इतनी जबदस्अत थी की जब उंगलिया चूत में घुसती तभी अंगूठे का जोर चूत दाने पर पड़ता और रीमा के जिस्म में वासना की एक और तरंग दौड़ जाती | दो औरते, जवान कमसिन गोरे गुलाबी नंगे बदन और जवानी की भूख | हवस का खुला खेल बंद कमरे में चल रहा था | उधर अनिल गहरी नीद में थे इसलिए किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं थी कमरे के बाहर से कोई ताका झांकी करे | ऊपर से रोहिणी ने कमरे की सारी खिड़कियाँ बंद कर रखी थी | बस रीमा थी रोहिणी थी दोनों नंगे थे एक दुसरे से चिपके हुए थे और रोहिणी रीमा की न केवल चूत को अउंगलियो से चोद रही थी बल्कि अंगूठे से उसके चूत दाने को भी मसल रही थी | 




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दोनों की गरम गरम सांसें एक दूसरे से टकरा रही थी रोहिणी तेजी से रीमा के चूत में अपनी दोनों उंगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी कि रीमा अपनी वासना के चरम की तरफ बढ़ रही थी और मुंह से उसके तेजी से कामुक कराहे निकल रही थी लेकिन रोहिणी ने उसके होठों पर अपने होठ कस के जमा रखे थे और उसके होंठों का रसपान कर रही थी | रीमा की मादक कराहे उसके मुंह में ही घुट के रह जा रही थी रीमा तेजी से अपने हाथ को रोहिणी की पीठ पर फिसलाते हुए उसके चूतड़ों पर ले गई और उसके चूतड़ों को कसकर के मसलने लगी थी | उसके चूतड़ों को मसलने के बाद रीमा का हाथ रोहिणी के चुताड़ो की दरार में घुसता हुआ नीचे सरकने लगा | उसकी उंगलिया जैसे ही रोहिणी के गाड़ के कसे छेद पर से गुजरी, रोहिणी के मुहँ से एक आह निकल गयी | रीमा समझ गयी दीदी का इससे कुछ न कुछ तो नाता है | वो पूरी तरह से वासना के नशे में डूबी हुई थी इसलिए उसे कुछ होश नहीं था की वो क्या कर रही है, उसने अपनी बीच वाली उंगली रोहिणी के गांड के छेद पर घुमानी शुरू कर दी | रोहिणी भी मदहोश होने लगी | उसने कुछ देर तक उंगली गांड के छेद पर घुमाने के बाद उसे अन्दर घुसेड दिया | जब रोहिणी को रीमा की इस हरकत का अहसास हुआ तो रोहिणी चिहुंक उठी | रीमा की शैतानी पर रोहिणी के कान खड़े हो गयी | 
उसने रीमा के ओंठो पर अपने दांत गडा दिए | रीमा समझ गयी ये रोहिणी का उसको उसकी शैतानी का जवाब है | उसने झट से रोहिणी की गांड की कसे छल्ले में अटकी अपनी उंगली निकाली और नीचे बढ़ गयी और सीधे अपनी उंगली उसकी चूत पर फिराने लगी |   रीमा कुछ देर तक उसकी चूत को ऐसे ही सहलाती रही उसकी चूत  पर अपनी उंगलियां फिराती रही फिर उसने एक उंगली रोहिणी की चूत में घुसा दी और अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी थी | अब दोनों ही एक दूसरे की चूत को अपनी उंगलियों से चोद रही थी दोनों की ही हालत बुरी हो रही थी दोनों ही तेजी से हांफ रही थी और दोनों ही एक दूसरे से लिपटी हुई थी अब दोनों की उत्तेजना उनके बस में नहीं थी और दोनों के बदन बेकाबू हो रहे थे दोनों तेजी से बिस्तर पर पीठ के बल लेट गई और अपनी जांघे  हवा में फैला दी |  दोनों के हाथ बिना किसी देरी के एक दूसरे की चूत पर पहुंच गए और एक दूसरे की चूत को ऊपर से ही मसलने लगे थे | 
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दोनों एक दुसरे का चूत और चूत दाना तेजी से मसल रही थी | एक दुसरे की जांघो के बीच चूत घाटी में वह तेजी से चारों तरफ अपने हाथ को दौड़ा रही थी दोनों के मुंह से तेज तेज कराहे निकल रही थी और उतनी ही तेजी से  दोनों एक दूसरे के चूत दाने को रगड़ रही थी रीमा की हालत को ज्यादा ही खराब थी उसकी उत्तेजन उसके  बस में नहीं थी | रोहिणी भी बस पाने चरम को पंहुचने वाली थी लेकिन वो अपने आप को काबू में किए हुए थी  | और अपने अपने ही हाथों से अपनी एक स्तन को मसलने लगी और रीमा की तरफ देखने लगी जो की उत्तेजना में पूरी तरह से सारोबार थी और दोनों के हाथ उनकी जांघों के बीच में तेजी से फिसल रहे थे कुछ देर तक दोनों एक दूसरे की चूत को रगड़ की रहे उसके बाद रोहिणी तेजी से रीमा के ऊपर आ गई और अपनी चूत को उसके मुंह की तरफ कर दिया और खुद उसकी जांघों के बीच में अपने मुंह को रख दिया तेजी से उसने अपनी जीभ को रीमा के चूत रख कर उसको कस के चूसने लगी थी उसको चाटने लगी थी  रीमा की गुलाबी चूत पर उसकी गीली जीभ का स्पर्श पढ़ते ही रीमा की वासना और बढ़ गयी |  रीमा की चूत चोदे जाने के कारन वो पहले से ही उत्तेजना से भरी हुई थी |  अपने तपते बदन पर रोहिणी की जीभ का गीला स्पर्श पाते ही रीमा आनंद के सागर में डूब गयी | रोहिणी ने उसकी चूत में फिर से अपनी उंगली घुसेड दी | इधर रिमा भी अपनी जीभ को रोहिणी के चूत दाने पर  चिपकाए हुए थी और उसने रोहिणी के चूत साने को चूसने चाटने और रगड़ने में कोई कोर कसर  बाकी  नहीं रख  थी | वो भी तेजी से रोहिणी के चूत में उंगली घुसा उसे चोदने लगी |

दोनों के जिस्म की उत्तेजना अब उनके काबू से बाहर हो रही थी | दोनों के जिस्म अब अपनी वासना के उफान पर थे और उनकी सांसे बहुत तेज चल रही थी | धड़कने बेकाबी थी और  दोनों 69 के पोजीशन में एक दुसरे को कसकर जकड़े उंगलियों से चोद रही थी |  तेजी से अपने बदन को एक दूसरे पर हिला हिला के रगड़ रही थी दोनों की जीभ एक दूसरे के चूत जाने पर तेजी से फिसल रही थी | उनकी उंगलियाँ तेजी से एक दुसरे की चूत में अन्दर बाहर हो रही थी |



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जैसे-जैसे वो उत्तेजना के चरम की ओर बढ़ रही थी वैसे वैसे उनकी उंगलियाँ  और उनकी जीभ की हरकते बढ़ रही थी उनका जिस्म तेजी से हिल रहा था वह तो उन्हें बुरी तरह हांफ रही थी | उनके शरीर में दौड़ रही तरंगे अब अपने पुरे उफान पर थी  आखिरकार उन दोनों की उत्तेजना का बांध टूट ही गया | दोनों की चूतों से जैसे  पानी का झरना सा फूट पड़ा, जो उनके जिस्मो की आग बुझा रहा हो | उस वासना के चरम पर टूटे इस सैलाब के तूफ़ान में वो दोनों खुद को उड़ते मामूली तिनके की तरह महसूस कर रही थी | जो उन दोनों को अपने साथ बहा ले जाने को आतुर था | दोनों कसकर एक दुसरे को थामे हुए थी, ताकि वासना के निकलते इस सैलाब के साथ कही वो भी न बह जाये | वासना के बांध के टूटते ही बदन की गरमी फुर्र हो गयी |  दोनों जमकर के झड़ने लगी थी  उनका शरीर कांपने लगा, उनके शरीर अपने आप उठने गिरने लगे | और कुछ देर तक दोनों के सरीर अपने आप ही कम्पन करते रहे |  फिर दोनों शांत हो गयी | उत्तेजना के चरम पर टूटे इस वासना के सैलाब में 
 दोनों खुद को बहा देना चाहती थी खुद  के अस्तित्व को बहा देना चाहती थी उन्हें नहीं पता कि इस वक्त कहां है क्या कर रही हैं उनके आसपास कौन है वह दोनों एक दूसरे से चिपकी हुई एक दूसरे की  काम आनंद में सवार हो कर के खुद को एक दूसरे में ही समेट लेना चाहती थी कुछ देर तक दोनों के बदन हिलते रहे और दोनों की चूत  झरने की तरह बहती रही उसके बाद में शांत हो गई | सब शांत हो गया | रोहिणी सीधी होकर रीमा की बांहों में आ गयी | 
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RE: रीमा की दबी वासना - by vijayveg - 04-08-2019, 03:32 AM



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